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ग्रीन कॉफी के अद्भुत फायदे

ग्रीन कॉफी के अद्भुत फायदे

2022-03-17 11:32:22

आज चाय और कॉफी हमारी दिनचर्या का अहम हिस्सा बन गए हैं। जिसके बिना कई लोग खुद को फ्रेश तक फील नहीं कर पाते। इसलिए तमाम लोग खुद को फ्रेश महसूस करने के लिए अपने दिन की शुरुआत चाय और कॉफी के साथ करते हैं। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इन पेय पदार्थों के सेवन से शरीर में ताजगी और स्फूर्ति का संचार होता है।

लेकिन जहां लोग पहले इन्हें शरीर में ताजगी लाने और स्वाद के लिए पीते थे। वहीं आज ज्यादातर लोग इनका सेवन स्वास्थ्य के लिहाज से भी करते हैं। जिसके लिए हर्बल और ग्रीन-टी के रूप में कई विकल्प बाजार में उपलब्ध हैं। जिसमें एक नाम ग्रीन कॉफी (Green Coffee) का भी जुड़ गया है। क्योंकि ग्रीन कॉफी एक ऐसा उत्‍पाद है, जिसका सेवन करना अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बढ़िया रहता है। क्योंकि इसमें मौजूद पोषक तत्‍व और एंटीऑक्‍सीडेंट शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए लाभकारी होते हैं। इसलिए तमाम लोग वजन घटाने और अन्य स्‍वास्‍थ्‍य उद्देश्‍यों की पूर्ति के लिए इसका सेवन करते हैं।

 
क्या है ग्रीन कॉफी?

ग्रीन कॉफी वास्तविक रूप में कॉफी का नेचुरल रूप है। क्योंकि कॉफी के बीजों का प्राकृतिक रूप हरा ही होता है। जिसे अलग-अलग तापमान पर भूनकर और फिर पीसकर सामान्य कॉफी बनाई जाती है। इस प्रक्रिया में कॉफी के बीजों से ऑयल बाहर निकल जाता है। परिणामस्वरूप कॉफी का रंग हरे से बदलकर हल्का या गहरा भूरा हो जाता है और थोड़ा स्वाद भी बढ़ जाता है। लेकिन इस प्रक्रिया से कॉफी के एंटी-ऑक्सिडेंट और प्राकृतिक औषधीय गुण खत्म हो जाते हैं। वहीं, जब कॉफी के बीजों को बिना भुने ही पीसकर पाउडर तैयार किया जाता है, तो इसे ग्रीन कॉफी कहते हैं।

 
ग्रीन कॉफी के फायदे:
ऊर्जा का स्तर बढ़ाने के लिए-

एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की साइट पर पब्लिश रिपोर्ट के अनुसार, ग्रीन कॉफी पीने से सतर्कता (अलर्टनेस) और दैनिक गतिविधियों के प्रदर्शन में सुधार होता है। इसके अलावा कैफीन युक्त पेय पदार्थों का सेवन करने से मस्तिष्क संबंधी (कॉगनेटिव) गतिविधियों में भी सकारात्मक परिवर्तन होता है। इसलिए ग्रीन कॉफी को ऊर्जा बढ़ाने वाला पेय पदार्थ माना जाता है।

 
हृदय के लिए-

हृदय स्वास्थ्य के लिए ग्रीन कॉफी का सेवन करना अच्छा होता है। ग्रीन कॉफी से संबंधित एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार ग्रीन कॉफी में एक क्लोरोजेनिक एसिड पाया है। जिसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। दरअसल यह एंटीऑक्सीडेंट गुण हृदय रोगों को दूर करने का काम करते है। इसके अलावा भी ग्रीन कॉफी में कुछ ऐसे घटक पाए जाते हैं। जो सेहत के लिए कई तरह से लाभदायक होते हैं।

 
डायबिटीज के लिए-

विशेषज्ञों के अनुसार ग्रीन कॉफी में क्विनिक एसिड, क्लोरोजेनिक एसिड, ट्राइगोनलाइन और लिग्नन सेकियोसोलेराइकिनसोल जैसे तत्व मौजूद होते हैं। जो शरीर में ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म में सुधार करके ब्लड शुगर को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा ग्रीन कॉफी का नियमित सेवन शरीर में इंसुलिन की सक्रियता को बढ़ाकर, टाइप 2 डायबिटीज के जोखिमों को कम करने में भी मदद करता है। इस तथ्य के आधार पर मधुमेह को कम करने के लिए ग्रीन कॉफी का सेवन करना एक अच्छा विकल्प है।

 
रक्तचाप के लिए-

ग्रीन कॉफी रक्तचाप की समस्या को कम करने में मददगार साबित होती है। एनसीबीआई की साइट पर प्रकाशित रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, ग्रीन कॉफी में पाए जाने वाले उच्च पॉलीफोनिक पदार्थों में क्लोरोजेनिक एसिड का अहम स्थान है। क्योंकि एंटीऑक्सीडेंट गुणों से प्रचुर क्लोरोजेनिक एसिड, रक्तचाप की समस्या को कम करने में मददगार साबित होता है।

 
वजन कम करने के लिए-

ग्रीन कॉफी में कैफीन पाया जाता है। जो शरीर में भोजन से ऊर्जा बनने की क्रिया (मेटाबॉलिज्म) को बढ़ाता है। यह मेटाबॉलिज्म वजन को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा इन मेटाबॉलिज्म से पैदा होने वाली गर्मी भी मोटापे को नियंत्रित करने का काम करती है। इसलिए ग्रीन कॉफी को वजन कम करने के लिए एक अच्छा उपाय माना गया है।

 
तनाव के लिए-

विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रीन कॉफी में मौजूद कैफीन तनाव को कम करने में सकारात्मक भूमिका निभाता है। क्योंकि इसके सेवन से शरीर में अल्फा-एमिलेज नामक एंजाइम्स में बढ़ोत्तरी होती है। जो तनाव को दूर करने में सहायता करता है। इसके अलावा महिलाओं के लिए भी अवसाद में जाने का डर ग्रीन कॉफी के गुण से कम हो जाता है।

 
शरीर में एनर्जी लाने के लिए-

ग्रीन कॉफी में क्रोनॉलोजीकल एसिड पाया जाता है। जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को सही रखने का काम करता है। मेटाबॉलिज्म रेट सही मात्रा में होने से शरीर की सकरात्मक ऊर्जा लंबे समय तक बनी रहती है। परिणामस्वरूप व्यक्ति का मन अच्छा रहता है।

 
त्वचा के लिए-

चूंकि ग्रीन कॉफी में मौजूद कैफीन स्किन में अच्छी तरह समाकर कोशिका स्तर पर काम करने में सक्षम होता है। जिससे इसका मुख्य घटक त्वचा को अल्ट्रावायलेट रेडिएशन के दुष्प्रभाव से बचाने का काम करता है। इसके अलावा कैफीन त्वचा कोशिकाओं में फैट जमने से रोकने में भी मदद करता है। इस आधार पर ग्रीन कॉफी त्वचा के लिए फायदेमंद साबित होती है। इसलिए कई कॉस्मेटिक प्रोडक्ट में भी इसका उपयोग किया जाता है।

 
अल्जाइमर और डिमेंशिया के लिए-

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) की साइट पर प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार अल्जाइमर एक आम मानसिक बीमारी है। इसके अंतर्गत याद रखने और सोचने की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। जिसके कारण डिमेंशिया नामक मनोविकार भी पैदा होने लगता है। चूंकि ग्रीन कॉफी में मौजूद कैफीन, नर्वस सिस्टम (तन्त्रिका तन्त्र) को उत्तेजित कर, कॉगनेटिव (मानसिक) स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का काम करता है। यही वजह है कि अल्जाइमर और डिमेंशिया से सुरक्षा में ग्रीन कॉफी एक कारगर पेय पदार्थ है।

 
पार्किंसंस के लिए-                                     

पार्किंसंस एक प्रकार का दिमागी रोग है। जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। जिससे मस्तिष्क में मौजूद तंत्रिका कोशिकाएं डोपामाइन नामक तत्व का पर्याप्त मात्रा में निर्माण नहीं कर पातीं। परिणामस्वरूप व्यक्ति को चलने-फिरने और संतुलन बनाने में बेहद कठिनाई होती है। इस अवस्था को ही पार्किंसंस रोग कहा जाता है।

एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की साइट पर पब्लिश रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रीन कॉफी में तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करने वाले न्यूरोस्टिमुलेंट और इसको सुरक्षा देने वाले न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण मौजूद होते हैं। वहीं, कैफीन केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर भी सकारात्मक असर डालता है। इसी कारण ग्रीन कॉफी को पार्किंसंस रोग के उपचार के लिए अच्छा माना जाता है।

 
ग्रीन कॉफी के नुकसान-
  • चूंकि ग्रीन कॉफी में कैफीन की प्रचुर मात्रा होती है। इसलिए इसका अधिक सेवन अनिद्रा, बेचैनी, पेट खराब, मतली, उल्टी, हृदय रोग जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है।
  • ग्रीन कॉफी में मौजूद कैफीन की मात्रा शरीर में बढ़ने पर तनाव, रक्तस्राव विकार, दस्त और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
  • चूंकि ग्रीन कॉफी में अच्छी मात्रा में क्लोरोजेनिक एसिड पाया जाता है। इसलिए इसका अधिक सेवन हृदय रोग का कारण बन भी सकता है।
  • ग्रीन कॉफी का जरूरत से ज्यादा सेवन करने से धड़कन का तेज होना और सिरदर्द जैसी परेशानियां भी शुरू हो सकती हैं।

Disclaimer

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