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गठिया रोग और इसके उपचार

गठिया रोग और इसके उपचार

2022-05-25 17:54:55

गठिया रोग (arthritis disease) ज्यादातर बुजुर्गो में देखा जाता है। लेकिन बदलते परिवेश के कारण यह बीमारी आज बच्चों और युवाओं को भी अपने चपेट में ले रही है। इस बीमारी का प्रभाव पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलता है। खासतौर पर उनमें जिनका वजन अधिक होता है।

 

क्या होती है अर्थराइटिस?

लोग अर्थराइटिस (arthritis disease) को आमतौर पर गठिया के नाम से जानते हैं। इसे संधिशोथ भी कहा जाता है। यह एक प्रकार की सूजन एवं जोड़ों का दर्द होता है। जो शरीर के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित करता है। अर्थराइटिस की स्थिति हर व्यक्ति के लिए काफी तकलीफदेह होती है। क्योंकि इस दौरान उसे असहनीय दर्द से गुजरना पड़ता है। पर समय रहते इसका इलाज कराने से जल्द ही इससे निजात भी पाया जा सकता है। गठिया रोग मूलत: प्यूरीन नामक प्रोटीन के मेटाबॉलिज्म की विकृति (Deformation) से होता है। जिससे रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। इस स्थिति में व्यक्ति जब कुछ देर के लिए आराम करता है तो यूरिक एसिड जोड़ों में इकठ्ठा हो जाता है। जो कुछ समय बाद गठिया का रूप ले लेता है। जिससे चलने और उठने में बहुत तकलीफ होती है।

 

गठिया रोग के प्रकार:

 

गठिया रोग निम्नलिखित दो प्रकार के होते हैं-

 
अस्थि सन्धिशोथ (Osteoarthritis):-

इस स्थिति में जोड़ों की छोर को कवर करने वाला लचीला पदार्थ, जिसे उपास्थि (Cartilage) कहते हैं। वह अपनी जगह से खिसक या टूट जाते हैं। इससे जोड़ों को हिलाने में अत्यधिक दर्द, सूजन और कठिनाई होती है। इसका सबसे अधिक प्रभाव घुटनों, कूल्हों, पीठ के निचले हिस्से और गर्दन में होता है।

 
रुमेटी संधिशोध (Rheumatoid arthritis):-

इस रोग से ज्यादातर बुजुर्ग लोग प्रभावित होते हैं। क्योंकि इस स्थिति में व्यक्ति की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। जिसके कारण उसके जोड़ों में असहनीय दर्द होता है। साथ ही शरीर के अन्य अंगों में सूजन आने लगती है। जिसके लिए व्यक्ति को दवाई और सिकाई का सहारा लेना पड़ता है।

 

क्या हैं गठिया रोग के लक्षण ?

 

जोड़ों में अत्यधिक दर्द, जकड़न, चलने-फिरने में तकलीफ, सूजन आदि गठिया रोग के प्रमुख लक्षण हैं। कभी-कभी गठिया रोग (arthritis disease) के दौरान जोड़ों की त्वचा लाल पड़ने लगती है। इससे कारण चलने की गति कम हो जाती है। कुछ व्यक्तियों में गठिया के लक्षण ज्यादातर सुबह के समय प्रभावित होते हैं। रुमेटी गठिया से पीड़ित व्यक्ति को कम समय में अधिक थकान महसूस होती है। जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली की गतिविधि धीमी पड़ने लगती है। साथ ही व्यक्ति की भूख भी कम हो जाती है।

 
क्यों होती है गठिया रोग ?
 
जोड़ों की चोट-

गठिया (arthritis disease) होने की संभावना उन लोगों में अधिक रहती है। जिनके घुटनों या जोड़ो पर कभी चोट लगी हो। इसलिए घुटने की चोट को नजरअंदाज न करते हुए उसका तुरंत उपचार करना चाहिए।

 
आनुवंशिकी कारण का होना-

कुछ बीमारी आनुवंशिकी होती है। जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी परिवार के सदस्यों में फैलती रहती है। इनमें गठिया रोग भी शामिल है। जिनके परिवार में कोई व्यक्ति इससे पीड़ित रह चुका होता है, उन लोगों में इसकी संभावना अधिक रहती है।

 
शरीर में कैल्शियम की कमी का होना-

शरीर को सभी तरह के पौष्टिक पदार्थों की आवश्यकता होती है। क्योंकि ये पदार्थ शरीर को सेहतमंद बनाते हैं। इन पौष्टिक पदार्थों में कैल्शियम भी शामिल है। जिसका मुख्य काम हड्डियों को मजबूत बनाना होता है। इसलिए जिन व्यक्तियों में कैल्शियम की कमी रहती है। उन्हें गठिया समेत अनेक बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।

 
रोग-प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना-

कमजोर रोग-प्रतिरोधक क्षमता (Immune System) भी गठिया रोग का मुख्य कारणहो सकता है। इसलिए लोगों को पौष्टिक आहार का सेवन और नियमित व्यायाम करना चाहिए ताकि उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो सके।

 
किसी दवाई का दुष्प्रभाव-

कुछ लोगों को दवाईयों के दुष्प्रभाव से भी गठिया रोग हो जाता हें।

 

कैसे करें गठिया रोग की रोकथाम ?

 

वर्तमान समय में गठिया से पीड़ित मरीजों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। पर यदि लोग कुछ सावधानियों बरतें तो गठिया रोग को रोका जा सकता है।

 
  • लोगों को पौष्टिक भोजन का सेवन करना चाहिए। जिसमें कैल्शियम, प्रोटीन भरपूर मात्रा में हो। इसके लिए अंकुरित चना, सोयाबीन, दाल, हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध, इत्यादि पदार्थों को सेवन करना सबसे अच्छा विकल्प है।
  • लोगों को अपना वजन नियंत्रित रखना चाहिए। इसके लिए उन्हें नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। क्योंकि शरीर में कैल्शियम, प्रोटीन और अन्य पदार्थों के साथ पानी भी पर्याप्त मात्रा में होना चाहिए।
  • समय-समय पर अपने स्वास्थ की जांच कराते रहना चाहिए।

गठिया रोग के घरेलू उपचार :

 

आयुर्वेद के अनुसार कई ऐसे घरेलू उपाय है। जिनका प्रयोग गठिया रोग में लाभप्रद होता है-

 
  • मेथी को अंकुरित करके प्रतिदिन सेवन करने से गठिया एवं जोड़ो के दर्द में लाभ मिलता है।
  • अरंडी तेल को हल्का गुनगुना करके, गठिया रोग से प्रभावित हिस्से पर लगाकर हल्के हाथों से मालिश करने से दर्द में आराम मिलता है। साथ ही त्वचा की सूजन और लालिमा भी कम होती है।
  • धनिया के बीज को पीस कर एक गिलास गुनगुने पानी में मिला कर पीने से गठिया में फायदा होता है। क्योंकि धनिया के बीज में भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सिडेंट होते हैं। जो पाचन तंत्र को बेहतर करके यूरिक एसिड के स्तर को कम करते हैं।
  • एक कप दूध में एक चुटकी हल्दी मिलाकर सेवन करने से गठिया दर्द में राहत मिलती है। क्योंकि हल्दी में सूजन पैदा करने वाली प्रक्रियाओं को रोकने की क्षमता होती है।
  • गठिया रोग होने पर रोज सुबह तीन-चार लहसुन की कच्ची कलियों का सेवन करने से लाभ होता है।
  • इस रोग का इलाज करने के लिए अश्वगंधा को भी उपयोग में लाया जा सकता है। अश्वगंधा के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। साथ ही यह सूजन और दर्द में भी राहत पहुंचाता है।
  • गठिया रोग में बथुऐ को उबालकर इसके रस का सेवन करना फायदेमंद होता है।

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