बरगद के पोषक तत्व एवं फायदे
2022-03-17 13:14:00
सड़क किनारे हम रोजाना कई पेड़ देखते हैं। जो हमें छांव और ऑक्सीजन देते हैं। इन्हीं में से एक पेड़ है बरगद का पेड़। जिसे भारत में पूज्यनीय माना जाता है। सामान्य-सा दिखने वाले इस पेड़ के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। अपने औषधीय गुणों के चलते यह तमाम शारीरिक परेशानियों को दूर करने में भी मददगार साबित होता है। इसलिए इसका इस्तेमाल सालों से आयुर्वेद में दवा के रूप में किया जाता रहा है।
बरगद के पेड़ का वैज्ञानिक नाम फाइकस वेनगैलेंसिस (Ficus bengalensis) और अंग्रेजी का नाम ‘बनियन ट्री’ है। आमतौर पर बरगद का इस्तेमाल पेचिश, दस्त और बवासीर जैसे रोगों के इलाज के लिए होता है। यह महिला बांझपन और कान के दर्द को दूर करने में प्रभावी रूप से मदद करता है। इसके अलावा दांतों और मसूड़ों के उपचार के लिए भी बरगद एक अच्छा विकल्प है।
बरगद पेड़ के बारे में-
बरगद का पेड़ सदाबहार वृक्षों (Evergreen tree) की श्रेणी में आता है। इस पेड़ की ऊंचाई लगभग 21 मीटर और इसकी पत्तियों की लंबाई 10-20 सेंटीमीटर होती है। इसके तनों से बहुत सी जड़ें निकली होती हैं। बरगद के पत्तों को तोड़ने पर उससे गाढ़ा दूध निकलता है। बरगद का पेड़ सैकड़ों वर्षों तक जीवित रहने की विशेषता रखता है। आयुर्वेदिक लाभ प्राप्त करने के रूप में इसकी जड़, छाल, पत्ते, फूल और फलों का प्रयोग किया जाता है। अन्य और सरल शब्दों में कहें तो इस पेड़ के सभी हिस्से औषधीय गुण से प्रचुर होते हैं। जिनका इस्तेमाल आयुर्वेद में किया जाता है।
बरगद पेड़ के पोषक तत्व-
बरगद के पेड़ में तमाम पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें ग्लाइकोसाइड्स, बी सीटोस्टर (B Sitoster), ल्यूकोसाइनिडिन, एस्टर, स्टेरोल, फ्राइडेलिन (Friedelin) और क्वार्सेटिन अच्छी मात्रा में मौजूद होते हैं। इनके अलावा इसमें फ्लेवोनॉयड, बर्गप्टन, इनोजिटोल, गैलेक्टोज, रूटीन, ल्यूकोप्लेयर, टैनिन, केटोन, पॉलिसाक्राइड सिटोस्टेरॉल और टॉग्लिक एसिड भी मौजूद रहते हैं।
बरगद पेड़ के फायदे-
दांत और मसूड़ों के लिए-
बरगद में एंटीऑक्सीडेंट (सूजन घटाने वाला) और एंटी-माइक्रोबियल (बैक्टीरिया को नष्ट करने वाला) प्रभाव मौजूद होते हैं। जो दांतों की सड़न और मसूड़ों की सूजन को कम करने में मदद करते हैं। बरगद की जड़ को चबाकर नरम करने के बाद उसे मंजन की तरह इस्तेमाल करना दांत और मसूड़ों के लिए अच्छा होता है। ऐसा करने से दांतों से संबंधित कई दिक्कतों को दूर किया जा सकता है।
प्रतिरोधक क्षमता के लिए-
आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार बरगद की पत्तियों में ब्यूटेनॉल, हेक्सेन, क्लोरोफॉर्म और पानी मौजूद होता है। यह सभी तत्व संयुक्त रूप से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करते हैं। इसलिए बरगद पेड़ की पत्तियों का सेवन करना प्रतिरोधक क्षमता के लिए अच्छा होता है।
डायरिया के लिए-
बरगद के पेड़ से निकलने वाले दूध में सेरिन, शुगर, एल्ब्यूमिन, रेजिन और मैलिक एसिड जैसे तत्व मौजूद होते हैं। जो डायरिया, डिसेंट्री (दस्त के साथ खून आना) और बवासीर जैसी परेशानियों को ठीक करने का काम करते हैं। इसलिए बरगद पेड़ के दूध को डायरिया के लिए अच्छा माना जाता है।
जोड़ों के दर्द के लिए-
कई बार प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना भी जोड़ों के दर्द (अर्थराइटिस) का कारण बनता है। लेकिन आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार बरगद की पत्तियों में ब्यूटेनॉल, हेक्सेन, क्लोरोफॉर्म और पानी मौजूद होता है। यह सभी तत्व संयुक्त रूप से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करते हैं। इसके अलावा बरगद में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं। जो जोड़ों की सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसलिए बरगद को जोड़ों के दर्द (अर्थराइटिस) के लिए भी उपयोगी माना गया है।
डायबिटीज के लिए-
बरगद पेड़ की जड़ में हाइपोग्लाइसेमिक (ब्लड शुगर को कम करने वाला) गुण मौजूद होता है। जो मधुमेह की समस्या को दूर करने में मदद करता है। इसके लिए बरगद पेड़ की जड़ का अर्क पीने की सलाह दी जाती है।
डिप्रेशन के लिए-
बरगद पर की गई रिसर्च के अनुसार बरगद के संपूर्ण पेड़ में ऐसे तत्व होते हैं, जो मानसिक क्षमता को बढ़ाने के साथ चिंता और तनाव को कम करने की क्षमता रखते हैं। इसलिए बरगद के फायदों में डिप्रेशन को दूर करना भी शामिल है।
बांझपन और नपुंसकता के लिए-
बरगद के पेड़ से निकलने वाले दूध का सेवन करना पुरुषों में शुक्राणुओं को बढ़ाने और महिलाओं में कई यौन संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। इसलिए बरगद पेड़ के दूध को बांझपन और नपुंसकता का अच्छा विकल्प माना जाता है।
बवासीर के लिए-
बरगद के पेड़ से निकलने वाले दूध में सेरिन, शुगर, एल्ब्यूमिन, रेजिन और मैलिक एसिड जैसे तत्व मौजूद होते हैं। जो संयुक्त रूप से दस्त, डिसेंट्री (दस्त के साथ खून आना) और बवासीर जैसी परेशानियों को ठीक करने का काम करते हैं। इसलिए बरगद के पेड़ को बवासीर के लिए अच्छा कहा जाता है।
बालों के लिए-
बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण भी कई बार बालों का झड़ना या गिरना शुरू हो जाता है। चूंकि बरगद में एंटी-माइक्रोबियल गुण मौजूद होता है। जो बैक्टीरियल इन्फेक्शन को दूर करके बालों का झड़ना कम करता है। इसके लिए बरगद पेड़ की छाल और पत्तियों का लेप बनाकर बालों पर लगाना होता है। ऐसा करने से बालों को लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है।
त्वचा के लिए-
बरगद पेड़ के विभिन्न भागों में एंटी-माइक्रोबियल और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव होते हैं। जो त्वचा संबधी कई विकारों को दूर करने में मददगार साबित होते हैं।
बरगद के पेड़ के उपयोग-
- बरगद के फल का सीधा सेवन किया जा सकता है।
- कुछ विशेष स्थितियों में बरगद के दूध का सेवन भी किया जाता है।
- बरगद पेड़ की जड़, छाल और पत्तियों से बने लेप को त्वचा और बालों पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
- बरगद के दूध एवं पेस्ट को मरहम के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
- बरगद की छाल, जड़ और पत्तियों के अर्क को निकालकर पिया जा सकता है।
बरगद के इस्तेमाल हेतु सावधानियां-
- किसी दवा का नियमित सेवन करने पर बरगद का इस्तेमाल डॉक्टर से संपर्क करने के बाद ही करें।
- जिन लोगों को बरगद की छाल, जड़, पत्तियों और इसके दूध से एलर्जी हो, उन्हें भी इसका इस्तेमाल डॉक्टर से संपर्क करने के बाद ही करना चाहिए।