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सिर में जूं होने के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय

सिर में जूं होने के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय

2022-05-24 15:09:51

जूं छोटे व बिना पंखों वाले परजीवी कीट होते हैं। यह बालों के बीच रहते हुए, सिर की त्वचा से खून चूसते हैं। सिर में जूं होना एक आम समस्या है। यह दिक्कत विशेषकर 4-11 वर्ष के स्कूली बच्चों में ज्यादा पाई जाती हैं। यह नुकसानदेह नहीं होती किन्तु लंबे समय तक बालों में रह सकती है। इनका अगर इलाज न किया जाए तो इनसे निपटने में काफी परेशानी होती है। जूं संक्रामक होती हैं और एक से दूसरे में तेजी से फैलती हैं। कभी-कभी इनसे छुटकारा पाना बेहद ही मुश्किल होता है। लेकिन जूं खतरनाक नहीं होती हैं। बच्चों के सिर की त्वचा पर इनके काटने या खून चूसने से खुजली व संक्रमण हो सकता है। लेकिन यह किसी बीमारी का कारण नहीं बनती।

जूं परजीवी, मनुष्य के शरीर में पैदा होती हैं। आमतौर पर यह बालों में ही पाए जाती हैं। इनका शरीर लंबा और पंखहीन होता है। इनके एंटीना के चार भाग होते हैं। सिर छोटा और मुंह भेदक होता है। यह अपने मुंह से त्वचा में छेद करके खून पीती हैं। जब यह खून पीती हैं तो उस जगह पर खुजली होने लगती है। यह शरीर में छेद करते समय चेतनाशून्य पदार्थ (संवेदना शून्य) छोड़ती हैं। जिसके कारण जब यह काटती हैं तब दर्द महसूस नहीं होता है। यह ज्यादातर लम्बे बालों वाले लोगों में साफ-सफाई की कमी की वजह से हो जाती हैं। एक व्यस्क जूं का आयुकाल पोषक त्वचा के ऊपर 30 दिनों का होता है। इस समय मादा जूं करीब 90 अण्डे देती हैं तथा 7-10 दिन के अन्दर इन अण्डों में से और जूं निकल आती हैं। और अगले 10 दिनों में यह व्यस्क जूं के रूप में परिवर्तित हो जाती हैं। इसी तरह यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहती हैं।

 
सिर में जूं होने के लक्षण:
सिर में खुजली होना -

सिर की त्वचा में खुजली होना, जूं होने का आम लक्षण माना जाता है। हालांकि केवल सिर में खुजली होने को इस समस्या से जोड़कर नहीं देखा जाता। इसके अलावा गर्दन और कान में होने वाली खुजली भी इसके आम लक्षण है। जुओं की लार से सिर की त्वचा पर होने वाली प्रतिक्रिया से एलर्जी व खुजली की समस्या होती है। जब किसी व्यक्ति को पहली बार संक्रमण होता है तो हो सकता है कि उन्हें शुरू के दो से छह सप्ताह तक खुजली हो ही न। कई बार जुओं को सर की त्वचा तक उतरने और खुजली पैदा करने में कुछ सप्ताह तक लग जाते हैं।

 
बालों में जूं के अंडे होना-

चिपचिपे बालों में जूं के अंडे चिपक जाते हैं। जूं के नए अंडों को देख पाना बेहद ही मुश्किल होता है। क्योंकि यह बहुत छोटे हैं। कान के आस-पास और गर्दन की हेयरलाइन में यह अंडें पाए जाते हैं। वहीं, जुओं के खाली अंडे को देख पाना आसन होता है। क्योंकि वह रंग में हल्के होते हैं और सिर की त्वचा में आसानी से दिख जाते हैं।

 
जुओं के चलने से होने वाली परेशानी-

लोग अक्सर बालों या सिर पर इनके चलने या रेंगने से काफी परेशानी महसूस करते हैं।

 
बालों में जूं होने के कारण

किसी व्यक्ति के बालों में कई तरह से जूं फैलती हैं। बालों में जूं होने के निम्न कारण होते हैं -

  • पहले से ही जूं वाले व्यक्ति के साथ संपर्क में आना (जैसे- स्कूल या खेल गतिविधियों में, घर या शिविर के दौरान व्यक्तिगत संपर्क होना सामान्य है)।
  • जुओं से पीड़ित व्यक्ति के कपड़े पहनना जैसे-टोपी, स्कार्फ, कोट, खेल की यूनिफॉर्म या हेयर रिबन।
  • पीड़ित व्यक्ति की कंघी, ब्रश या तौलिए का प्रयोग करना।
  • एक ही बिस्तर, सोफा, तकिया, कालीन का इस्तेमाल करना या जुओं वाले जानवरों के संपर्क में आना।
  • छोटे बच्चों में स्कूल के उनके साथियों से (3-11 वर्ष की आयु वाले) या परिवार के किसी सदस्य के संपर्क में आने से भी यह समस्या हो जाती है।
  • लड़कों के मुकाबले लड़कियों में व पुरूषों की तुलना में महिलाओं में जुओं की समस्या अधिक देखी जाती है।
  • सीधे संपर्क के माध्यम से जुएं फैलती हैं। यह एक से दूसरे के सिर में कूदकर या उड़ कर नहीं आती हैं। जुओं की समस्या से पीड़ित व्यक्ति के सिर के संपर्क में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में आने से यह सिर में हो जाती हैं। जुएं कपड़ों, टोपी और हेयरब्रश में कम अवधि के लिए जीवित रहती हैं। लेकिन वस्तुओं से संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है।
  • जिन वयस्कों के घर में बच्चों को जुओं की समस्या होती है। ऐसे में घर के बड़ों को भी जूं होने का खतरा बना रहता है।
सिर की जुओं को दूर करने के घरेलू उपचार-
 
गीले बालों में जूं कंघी करना -

गीले बालों पर कम चौड़े दांतों वाली कंघी से बालों को ऊपर से नीचे की ओर लाकर जुओं को आसानी से दूर कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में बाल पूरी तरह से गीले होने चाहिए। इस प्रक्रिया में पूरे बालों को कम से कम दो बार कंघी जरूर करें। इस तरीके को हर दो या तीन दिन में दोहराते रहें। ऐसा करने से करीब दो सप्ताह के अंदर सिर से सारी जूं दूर हो जाएंगी।

 
जूं निकालने में फायदेमंद है टीट्री ऑयल और सौंफ तेल-

प्राकृतिक पौधों से बने तेलों के इस्तेमाल से भी जुओं को नष्ट किया जाता है। जैसे- टीट्री ऑयल या सौंफ का तेल । इन्हें बालों पर लगाकर 7-8 घण्टे के लिए रहने दें। फिर बालों को धोकर कंघी करें।

 
जूं निकालने में लाभदायक है नीम-

नीम की पत्तियों का पेस्ट बनाकर बालों पर लगाएं और सूख जाने पर धो दें। इससे जुएं मर जाती हैं।

 
जूं निकालने में असरदार है नींबू और अदरक का पेस्ट-

दो चम्मच नींबू के रस में एक चम्मच अदरक का पेस्ट मिलाएं और इसको अपने सिर में 20 मिनट के लिए लगा रहने दें। सूख जाने पर ठण्डे पानी से धो लें। यह प्रक्रिया को हफ्ते में दो बार करने से बेहतर परिणाम मिलता है।

 
जूं निकालने में कारगर है नारियल का तेल और सेब का सिरका-

नारियल का तेल और सेब का सिरका इनको आपस में मिलाकर बालों में लगाएं। कुछ घंटे बाद बालों को धोकर कंघी करें। नारियल का तेल बालों के लिए अच्छा होता है। लेकिन जूं मारने के उपाय के रूप में इस तेल में सेब का सिरका मिलाकर बालों में लगाने से जूं आसानी से निकल जाती हैं।

 
जूं निकालने में फायदेमंद लहसुन और नींबू का पेस्ट-

लहसुन के पेस्ट में नींबू का रस मिलाकर बालों पर लगाएं और एक घण्टे बाद बालों को धोने लें। ऐसा करने से जूं आसानी से मरकर निकल जाती हैं। यानी लहसुन को जूं की दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है।

 
सिर में जूं का इलाज-
  • सिर की जुओं को दूर करने या इनका सफाया करने के लिए सिर की त्वचा पर लगाने वाली दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। जुओं का इलाज करने के सबसे आम तरीकों में औषधीय क्रीम, लोशन या शैंपू का प्रयोग किया जाता है। जिससे जूं आसानी से मर जाती हैं।
  • ज्यादातर जुओं के अंडे आपके कपड़ों में रहते हैं। इसलिए इनको दूर करने के लिए पहने हुए कपड़ों को गर्म पानी में 5 से 10 मिनट तक भिगोकर साफ करना चाहिए। यह तरीका बड़ी जुओं को मार देता है और उनके अंडों को भी खत्म कर देता है। शरीर में जूं केवल उस जगह पर रह पाती हैं जहां पर इनको पोषण मिलता है। वहीं, यह शरीर की साफ-सफाई और कपड़ों को नियमित रूप से धोने से यह दूर हो जाती हैं।
  • स्कूल या डे केयर सेंटर जाने वाले बच्चों को यह समझाया जाना चाहिए कि आपस में एक दूसरे के साथ सर से सर न जोड़े (हेड टू हेड कॉन्टेक्ट) ताकि जुएं एक से दूसरे में न फैले।
  • सिर से सभी जूएं खत्म हो जाने के बाद भी खुजली रह सकती है। यह उनके काटने से हुई एलर्जी की प्रतिक्रिया होती है। इसको दूर करने के लिए कॉर्टिसोन (Corticosteroid) क्रीम या कैलामाइन (Calamine) लोशन को इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
कब जाएं डॉक्टर के पास?

जूं होने पर डॉक्टर से मिलने की आवश्यकता नहीं होती अपितु व्यक्तिगत साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ घरेलू उपचारों, औषधीय तेल, शैम्पू और जीवनशैली में बदलाव लाकर जुओं से छुटकारा पाया जा सकता है।

Disclaimer

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