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जानें, घुटने और जोड़ों के दर्द का कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

जानें, घुटने और जोड़ों के दर्द का कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

2022-05-24 16:23:56

बढ़ती उम्र के साथ जोड़ों और घुटनों में दर्द होना एक आम समस्या है। यह दर्द तेज, कम एवं जलनशील या कम-ज्यादा दोनों तरह का होता है। आमतौर पर घुटनों का दर्द गठिया या आर्थराइटिस बीमारी के कारण होता है। शरीर के जोड़ शरीर के वह भाग होते हैं जहां दो या दो से अधिक हड्डियां एक-दूसरे से मिलती हैं जैसे कि घुटने, हाथ या कूल्हे। उपास्थि (मानव शरीर में पाया जाने वाला लचीला संयोजी उत्तक) जोड़ों में गद्दे की तरह होती है। जो जोड़ों की दबाव से रक्षा करती है और क्रियाकलाप को सहज बनाती है। जब किसी जोड़ में उपास्थि भंग हो जाती है तो हड्डियां एक-दूसरे के साथ रगड़ खाती हैं। जिससे दर्द, सूजन और ऐंठन उत्पन्न होती है और यही घुटनों में दर्द का कारण बनता है। जोड़ों में दर्द के निदान के लिए सावधानीपूर्वक परीक्षण की आवश्यकता होती है जैसे- रक्त परीक्षण, एंटी-साय्क्लिक सिट्रुलिनटेड पेप्टाइ एंटीबॉडी परीक्षण (Anti-cyclic citrullinated peptide), रुमेटीड फैक्टर (आरएफ लेटेक्स) परीक्षण (Rheumatoid factor test), परीक्षण के लिए जोड़ों के तरल पदार्थ का परीक्षण, बैक्टीरिया कल्चर (Bacterial culture), क्रिस्टल विश्लेषण (Crystal analysis), प्रभावित जोड़ों के ऊतक की बायोप्सी आदि।

घुटनों और जोड़ों में दर्द का उपचार प्रभावित जोड़ों, दर्द की गंभीरता और अंतर्निहित कारणों के आधार पर अलग-अलग होता है। उपचार इसके मूलभूत कारणों को ठीक करता है और लक्षणों को कम या खत्म करता है। जोड़ों में शुरूआती हलके दर्द का इलाज उन दवाओं द्वारा किया जाता है। जो दर्द और सूजन को कम करती हैं। इसके आलावा घर में बर्फ लगाकर, गर्म पानी से स्नान करके या कुछ व्यायाम करके भी दर्द को कम किया जाता है।

 
घुटनों और जोड़ों में दर्द होने के कारण

वात एवं कफ दोष जब अपने चरम स्थिति में होते हैं तब घुटनों एवं जोड़ों में दर्द होता है। निम्न रोग घुटनों और जोड़ो में दर्द होने के कारण होते हैं-

  • जोड़ों का दर्द
  • गाउट (संधिवात)
  • रूमेटाइड अर्थराइटिस
  • बर्साइटिस
  • घुटने का अर्थराइटिस
  • ऑस्टियोआर्थराइटिस
  • ऑस्टियोमायइलिटिस
  • टेन्डीनिस
  • बेकर्स सिस्ट
  • घिसा हुआ कार्टिलेज (उपास्थि) (मेनिस्कस टियर)
  • घिसा हुआ लिगमेंट (ए.सी.एल. टियर)
  • झटका लगना या मोच आना
  • घुटने की चोट
  • श्रोणि विकार (pelvic inflammatory disease)
घुटनों और जोड़ों में दर्द के लक्षण

घुटनों या जोड़ों में दर्द होने की समस्या को निम्न लक्षणों से पहचाना जाता है-

  • चलने, खड़े होने, हिलने-डुलने और यहां तक कि आराम करते समय भी दर्द।
  • सूजन और क्रेपिटस।
  • चलते समय जोड़ों का लॉक हो जाना।
  • जोड़ों का कड़ापन, खासकर सुबह में या यह पूरे दिन भी रह सकता है।
  • मरोड़।
  • वेस्टिंग और फेसिकुलेशन
  • शरीर में अकड़न।
  • घुटनों और जोड़ों में दर्द होना।
  • पैर चलाने, हाथों को हिलाने और ज्वाइंट्स हिलाने में काफी तकलीफ और दर्द का सामना करना।
  • बाल, चेहरे आदि में रूखापन ।
  • सुबह-सुबह जोड़ों में अकड़न व चलने, चौकड़ी मार कर बैठने में परेशानी।
  • शौचालय में बैठने में परेशानी।
घुटनों और जोड़ों में दर्द से बचाव

घर पर कुछ सरल तकनीकों से अल्पकालिक घुटनों और जोड़ों के दर्द को दूर कर सकते हैं। जैसे-

  • किसी कपड़े से जोड़ों को ढक लें या लपेट लें।
  • जोड़ को आराम दें तथा ऐसी किसी भी गतिविधि से बचें जिससे दर्द हो।
  • लगभग 15 मिनट के लिए प्रत्येक दिन में कई बार जोड़ों पर बर्फ लगाएं।
  • कुछ लपेट कर जोड़ को दबाएं।
  • जोड़ को दिल के स्तर से ऊपर उठाएं।
  • जोड़ों के आसपास मांसपेशियों की ऐंठन के लिए, एक हीटिंग पैड का उपयोग करें या उसे ढक कर रखें।
घुटनों और जोड़ों में दर्द का इलाज

घुटनों और जोड़ों में दर्द का उपचार उसके कारण के आधार पर होता है। घुटनों और जोड़ों में दर्द के मुख्य उपचार हैं -

 
दर्द निवारक दवाएं

कुछ दर्दनाशक या दर्द निवारक दवाएं गैर-स्टेरायडल, सूजन निवारक दवाओं या एनएसएआईडीएस (NSAIDs) की श्रेणी में आती हैं। जो एनएसएआईडीएस में दर्द से राहत लाने के साथ-साथ सूजन में कमी लाने की क्षमता भी होती है। हालांकि, इन दवाओं का दीर्घकालिक उपयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह गैस्ट्रिक अल्सर, गुर्दे की क्षति और हृदय रोग आदि सहित गंभीर दुष्प्रभावों का जोखिम पैदा कर सकती हैं।

 
दर्द निवारक क्रीम

मलहम और स्प्रे के रूप में कुछ दर्द निवारक क्रीम जोड़ों और घुटनों पर लगाईं जाती हैं।

 
व्यायाम

मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने और जोड़ों की गतिशीलता को बनाए रखने वाले व्यायाम जोड़ों के लिए लाभकारी होते हैं। इससे दर्द की वजह से जोड़ों की कठोरता और स्थिरता कम होती है।

 
एंटीबायोटिक्स (Antibiotics)

एंटीबायोटिक्स को जोड़ों के संक्रमण के कारण होने वाले जोड़ों के दर्द में लिया जाता है।

 
कॉर्टिकोस्टेरॉइड (Corticosteroids)

कॉर्टिकोस्टेरॉइड कई गठिया रोग संबंधित और स्व-प्रतिरक्षित स्थितियों में उपयोग किए जाते हैं। क्योंकि यह सूजन को कम करते हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली को अवरोधित या धीमा करते हैं।

 
जीवनशैली परिवर्तन

एक स्वस्थ आहार लेने, वज़न कम करने और सामान्य वजन बनाए रखने जैसी जीवन शैली आदतों में बदलाव जोड़ों के दर्द में मदद करते हैं।

 
सप्लीमेंट्स

कैल्शियम और विटामिन डी की खुराक का उपयोग हड्डियों के नुकसान को रोकने के लिए किया जाता है और एलोप्यूरिनॉल (Allopurinol) एक एंजाइम अवरोधक होता है। जो गाउट में प्रयोग किया जाता है।

 
थेरेपी

जल थेरेपी और गर्म व ठंडी फोमेंटेशन थेरेपी जोड़ों और घुटनों के दर्द में लाभकारी होती हैं।

 
चिकित्सा उपकरण

गतिशीलता में सुधार के लिए चिकित्सा उपकरणों जैसे कि स्प्लिंट्स, ब्रेसेस, बैसाखी, व्हीलचेयर आदि का उपयोग किया जाता है।

 
सर्जिकल थेरेपी-

सर्जिकल थेरेपी में दर्द को दूर करने और बेहतर गतिशीलता के लिए कृत्रिम जोड़ों का प्रतिस्थापन किया जाता है।

 
घुटनों और जोड़ों के दर्द का घरेलू इलाज-
घुटनों और जोड़ों के दर्द में फायदेमंद होता है हल्दी दूध का सेवन

एक ग्लास दूध में एक चम्मच हल्दी के पाउडर को मिलाकर सुबह-शाम कम से कम दो बार पीने से घुटनों के दर्द में लाभ मिलता है। यह घुटने व जोड़ों का दर्द दूर करने का सबसे कारगर घरेलू इलाज है। जिससे जोड़े मजबूत भी होते हैं।

 
घुटनों और जोड़ों के दर्द का घरेलू उपचार है एलोवेरा

जोड़ों के दर्द, चोट लगने, सूजन, घाव एवं त्वचा संबंधी समस्याओं से होने वाले दर्द में ऐलोवेरा का गूदा, हल्दी के साथ हल्का गर्म करके बांधने पर लाभ होता है। घुटनों में दर्द होने पर भी यह उपाय कारगर है।

 
घुटनों और जोड़ों के दर्द से आराम दिलाती है सरसों तेल की मालिश

सरसों का तेल शारीरिक दर्द, घुटनों के दर्द, सर्दी जनित दर्द में बेहद लाभकारी होता है। नियमित रूप से सरसों के तेल से घुटनों की मालिश करने पर घुटनों का दर्द जल्दी दूर हो जाता है।

 
घुटनों और जोड़ों का दर्द दूर करती है लौंग

दांत व मसूड़ों के दर्द, घुटनों के दर्द और सूजन आदि में लौंग काफी लाभकारी है। दर्द वाली जगह पर लौंग का पाउडर या लौंग के तेल में भीगा रूई का फोहा रखना बेहद असरकारक होता है।

 
घुटनों और जोड़ों का दर्द दूर करने के लिए करें मेथी का उपयोग

मेथी दाना का घुटनों और जोड़ों पर असरदार होता है। यह दर्द की गोली की तरह ऐनलजेसिक एवं एंटी-इंफ्लामेट्री होता है। इसके लिये दाना मेथी का पाउडर आधा से एक चम्मच सुबह शाम खाने के बाद गर्म पानी से लें। इससे घुटनों के दर्द से आराम मिलता है।

 
कब जाएं डॉक्टर के पास?

विशेषज्ञों के अनुसार घुटनों और जोड़ों के दर्द होने पर घरेलू उपचार अपनाएं। अगर इनसे उचित लाभ न हो तब जाकर डॉक्टर से घुटनों के दर्द का इलाज करवाएं। इसके अलावा अगर दर्द फ्रेक्चर की वजह से है, दर्द के साथ सूजन है, लालिमा है, गर्माहट है, दर्द के साथ बुखार है, वजन कम हो रहा है या रात में तेज दर्द होता है तो फ़ौरन ऑर्थोपीडिक डॉक्टर को दिखाएं।

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