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जानें, आयुर्वेद में तरबूज के महत्व और फायदे

जानें, आयुर्वेद में तरबूज के महत्व और फायदे

2022-05-24 12:01:57

हर कोई तरबूज के सीजन का इंतजार बेसब्री से करता है। तरबूज एक मौसमी फल है ,जो गर्मियों के दिनों में बाजारों, गलियों और मोहल्लों में सबसे ज्यादा देखने को मिलता हैं। बच्चे हो या बड़े हर कोई तरबूज खाने के लिए हमेशा तैयार रहता है। तरबूज गर्मियों के  सबसे खास फलों में से एक है, जो न सिर्फ प्यास को बुझाता है बल्कि व्यक्ति की भूख को भी शांत करता है। इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। इसलिए तरबूज खाने से शरीर स्वस्थ रहता है। तरबूज के साथ इसके बीज, पत्ते और छिलके भी फायदेमंद होते हैं। जिसका उपयोग कई प्रकार की दवाइयां एवं कॉस्मेटिक प्रोडक्ट बनाने में भी किया जाता है।

आयुर्वेद में तरबूज के महत्व-

आयुर्वेद के अनुसार तरबूज की तासीर ठंडी होती है। यह फल खनिज और विटामिन का उच्च स्रोत है। इसलिए यह शरीर से जुड़ी कई तरह की बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। तरबूज में मुख्य रूप से फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, पोटैशियम, मैंगनीज, मैग्नीशियम, जस्ता, फास्फोरस, तांबा और आयरन पाए जाते हैं। लेकिन यह लाइकोपीन का एक बेहतरीन स्त्रोत है। यह तत्व एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है और यह तरबूज के लाल होने का कारण भी बनता है। इन शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट में फ्री रेडिकल्स को निष्क्रिय करने की क्षमता होती है। दरअसल यह फ्री रेडिकल्स कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त करते हैं, जिससे हृदय संबंधी बीमारियां, समय से पहले बुढ़ापा, कैंसर और डिजनरेटिव बीमारियां जन्म लेतीं हैं।

आयुर्वेदिक चिकित्सक के अनुसार तरबूज में मौजूद विटामिन बी प्रतिरक्षा स्वास्थ्य, स्वस्थ रक्त प्रवाह और अच्छे चयापचय के लिए उपयोगी है। साथ ही खनिज और मैग्नीशियम प्रतिरक्षा बढ़ाने और मजबूत हड्डियों को बनाए रखने के लिए सहायक होता है। यह फल रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य करने और रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए भी जरुरी है। इन्ही गुणों से भरपूर होने के कारण तरबूज आयुर्वेद में अपना अहम स्थान रखता है।

तरबूज के फायदे- 

ह्रदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद-

तरबूज हृदय को स्वस्थ रखने में बेहद फायदेमंद होता है। इसमें कई प्रकार के फायटोन्यूट्रियन्ट्स पाए जाते हैं। जिनमें से पोटैशियम और विटामिन-सी ह्रदय प्रणाली की रक्षा करने में सक्षम होते हैं। यह हृदय पर ऑक्सीडेशन से होने वाली क्षति पर रोक लगा कर हृदय रोगों को बढ़ने से रोकते हैं। इसके अलावा तरबूज में मौजूद साइट्रलाइन नामक पदार्थ खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करता है। जो एक स्वथ्य हृदय के लिए बहुत जरूरी होता है। 

पानी की कमी को दूर करने में सहायक-

गर्मियों के मौसम में अक्सर शरीर में पानी की कमी हो जाती है। जिसके कारण शरीर में कमजोरी, चक्कर, सिर दर्द, मुंह सूखना और निम्न रक्तचाप जैसी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। ऐसे में तरबूज के जूस का सेवन करना एक अच्छा उपाय है। क्योंकि इस फल में पानी की मात्रा 90% तक होती है। जो शरीर में पानी की कमी को दूर करने में सहायक होता है।

वजन कम करने में मददगार-

तरबूज का सेवन वजन कम करने के लिए बेहद लाभदायक होता हैं। दरअसल तरबूज में कैलोरी की मात्रा कम और फाइबर अधिक पाया जाता है। जो वजन  कम करने में मदद करते हैं। ऐसे में जो लोग अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं, उन लोगों को अपने दैनिक आहार में तरबूज को स्नैक्स या किसी अन्य रूप में शामिल जरूर करना चाहिए। इसके अलावा एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार तरबूज का सेवन बढ़ते वजन की समस्या में लाभकारी होता है। क्योंकि यह पेट को अधिक समय तक भरा रखता है। जिसके कारण लोगों को भूख कम लगती है। परिणामस्वरूप वजन घटता है।

रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर-

तरबूज का सेवन शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर साबित होता है। क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी और ई पाए जाते हैं। जो एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि के रूप में काम करते हैं। इसके अलावा तरबूज में मौजूद पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड शरीर को ऑक्सीकरण और संक्रमण से भी बचाता है।

उच्च रक्तचाप के लिए- 

तरबूज में उच्च मात्रा में पोटैशियम, मैग्नीशियम और एमिनो एसिड पाए जाते हैं जो उच्च रक्तचाप के लिए सबसे जरूरी होते हैं। जिसका मुख्य काम नसों को आराम पहुंचाने का होता है। इसके साथ ही यह शरीर में रक्त के प्रवाह को भी सामान्य बनाए रखने में सहायता करता है। जिससे शरीर में रक्तचाप सामान्य बना रहता है। ऐसे में तरबूज को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। इसके अलावा तरबूज में मौजूद कैरेटोनॉइड धमनी के दीवारों एवं नसों को सख्त या कठोर होने से रोकता हैं। जिससे रक्तचाप, दिल के दौरे, स्ट्रोक और  एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों में प्लाक जमने की समस्या) की संभावनाएं कम होती हैं। 

पाचन स्वास्थ्य के लिए-

पाचन क्रिया को दुरुश्त करने एवं इसे सुचारू रूप से चलाने के लिए तरबूज का सेवन बेहद फायदेमंद है। दरअसल तरबूज में पानी की अधिकता होती है और पानी भोजन को पचाने में प्राथमिक तत्व माना जाता है। इसके अतिरिक्त तरबूज में मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने का काम करता है। साथ ही यह कब्ज, डायरिया एवं गैस जैसी समस्याओं से निजात दिलाता है। इसलिए पेट की इन समस्याओं से बचने के लिए अपने डाइट में तरबूज को अवश्य शामिल करें।

गुर्दे की कार्यप्रणाली को सुधारने में कारगर-

प्रकृति से मूत्रवर्धक होने के कारण तरबूज गुर्दे की बीमारी, बार-बार पेशाब आना, मूत्राशय की उच्च गतिविधि आदि जैसे किडनी से संबंधित समस्याओं को ठीक करने और रोकने में मदद करते हैं। जिससे किडनी की सही कार्यप्रणाली सुनिश्चित होती है। इस प्रकार तरबूज के जूस का सेवन किडनी की समस्या से बचाव में सहायक होता है।

कैंसर से बचाव में असरदार- 

तरबूज एंटीऑक्सीडेंट एवं विटामिन सी से भरपूर है। इसलिए यह शरीर में ट्यूमर के विकास को रोकता है। साथ ही कैंसर की कोशिकाओं (cancer cells) को नष्ट भी करता है। एक अध्ययन के मुताबिक तरबूज में पाए जाने वाला लाइकोपीन नामक तत्व कीमो प्रिवेंटिव गुणों को प्रदर्शित करता है। जो प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को कम करता है। इस प्रकार यह शरीर में कैंसर को बढ़ने से रोकने में मदद करता है।

गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद-

गर्भवती महिलाओं के लिए तरबूज का जूस पीना लाभदायक होता है। क्योंकि इसमें फोलिक एसिड, विटामिन-ए, कैल्शियम और आयरन प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं। जिसकी जरुरत गर्भावस्था के दौरान अधिक होती हैं। इस पर किए गए एक शोध के मुताबिक, तरबूज में मौजूद लाइकोपीन गर्भावस्था के दौरान इंट्रा यूटराइन ग्रोथ रेस्ट्रिक्शन को कम करता है। यह एक ऐसी स्थिति होती हैं, जिसमें गर्भावस्था के दौरान बच्चा सामान्य वजन तक नहीं बढ़ पाता है। इसके अतिरिक्त तरबूज के जूस का नियमित सेवन से प्रसव के वक्त होने वाली प्रसव पीड़ा कम होती है। साथ ही बच्चे स्वस्थ पैदा होता है।

चिंता, तनाव और अवसाद को दूर करने में सहायक-

वैज्ञानिक मतानुसार, चिंता, तनाव और अवसाद का मुख्य कारण शरीर में विटामिन बी 6 के स्तर में कमी। इसके अलावा विटामिन बी 6 शरीर में सेरोटिन का उत्पादन करके न्यूरो ट्रांसमीटर का काम करता है। तरबूज विटामिन बी 6 का एक समृद्ध स्त्रोत है। इसके लिए एक गिलास रोजाना तरबूज का जूस तन और मन को शीतलता प्रदान करता है। इसके अलावा तरबूज में मौजूद विटामिन सी सेंट्रल नर्वस सिस्टम (Central Nervous System) पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। साथ ही व्यक्ति की मानसिक संतुष्टि और खुशी की भावना को बढ़ाता है। जिससे व्यक्ति अच्छा फील करता है। परिणामस्वरूप चिंता, तनाव, थकान, सिरदर्द आदि में आराम मिलता है।  

आंखों के लिए फायदेमंद-  

तरबूज का सेवन आंखों के स्वास्थ्य के लिए एक बेहतरीन उपाय है । यह विटामिन-ए से भरपूर है जो आंख के रेटिना में पिगमेंट का उत्पादन करने में सहायक होता है। जिससे बढ़ती उम्र के लोगो की नजर के धुंधलेपन को दूर करने में मदद मिलती है। इसके अतिरिक्त विटामिन-ए को रेटिनॉल भी कहा जाता है, जो आंखों का संपूर्ण देखभाल करता है। साथ ही आंख आँखों से संबन्धित कई समस्याओं से बचाता है।

हड्डियों एवं मांसपेशियों के दर्द में असरदार- 

तरबूज में एंटीऑक्सीडेंट एवं तमाम मिनरल्स पाए जाते हैं। जो हड्डियों एवं मांसपेशियों में  होने वाले दर्द से राहत दिलाने में असरदार होते हैं। इसके अलावा तरबूज गठिया की बीमारी को भी दूर करने में कारगर होता है। इसके लिए प्रतिदिन एक गिलास तरबूज का जूस पीना फायदेमंद होता है।

ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में कारगर-

तरबूज का नियमित रूप से सेवन शरीर में ऊर्जा ताकत और स्फूर्ति का संचार करता हैं। क्योंकि यह विटामिन-बी, बी 6 का समृद्ध स्रोत है, जो शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाने का काम करता है। इसके अतिरिक्त तरबूज में मौजूद पानी की अधिकता शारीरिक थकावट एवं प्यास को दूर कर नई ऊर्जा का संचार करता है।

त्वचा के लिए लाभप्रद-

तरबूज का सेवन त्वचा के लिए बेहद लाभप्रद होता है। इसमें पानी की अधिकता होने के कारण यह त्वचा के सूखेपन को दूर करके त्वचा को मॉइस्चराइज करता है  और नमी प्रदान करता है। इसके अलावा तरबूज में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट विटामिन सी त्वचा से जुड़ी कई परेशानियों को दूर करता है।

तरबूज के नुकसान-

●लाइकोपीन से भरपूर होने के कारण तरबूज का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। इससे पेट में ऐंठन, दर्द, उल्टी और मतली जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। 

●इसमें पोटैशियम की मात्रा उच्च होती है। जिसके कारण इसका अधिक सेवन करने से हाइपरकलेमिया (पोटैशियम की मात्रा सामान्य से अधिक हो जाना) हो सकती है। जिससे हृदय संबंधी समस्याएं जैसी अनियमित दिल की धड़कन, नाड़ी का कमजोर होना आदि का सामना करना पड़ सकता है। 

●इसके अधिक सेवन से कुछ लोगों मे चेहरे की सूजन, हल्के चकत्तें जैसी एलर्जी की समस्या उत्पन्न हो सकती है। 

●दमा यानी अस्थमा के मरीजों को इसके सेवन से बचना चाहिए। 

●गर्भावस्था के दौरान इसका अधिक सेवन गर्भावधि मधुमेह का कारण बन सकता हैं।

 

Disclaimer

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