
औषधीय पौधों का अस्तिव
- News
- 11 Mar, 2021
औषधीय पौधों का अस्तिव मनुष्य जन्म से काफी पहले का रहा है। पुरातनकाल से ही मनुष्य रोग से छुटकारा पाने के लिए तरह-तरह के पौधों का उपयोग करता आया है। जिन पौधों से औषधि मिलती है, उनमें से अधिकतम पौधे जंगली होते हैं। इसलिए इन्हें हर कोई नहीं उगा सकता। इन पौधों की जड़, तना, पत्तियाँ, फूल, फल, बीज और यहाँ तक कि छाल का उपयोग भी उपचार के लिए होता है।
हमारे जीवन में औषधीय पौधों का महत्त्व-
औषधीय पौधों का अस्तिव -इसका महत्व उसमें पाए जाने वाले रसायन (Chemicals) और उनकी गुणवत्ता पर निर्भर करता है। औषधीय पौधों का उपयोग ज्यादातर दिमागी बीमारियों जैसे- मिर्गी, पागलपन तथा मन्द-बुद्घि के उपचार में किया जाता है। औषधीय पौधे कफ, पीलिया, हैज़ा, पेट की जलन एवं वायु रोग आदि का शमन करते हैं। शरीर की पाचन शक्ति, रक्त शोधक क्षमता (खून को शुद्ध करना) को बढ़ाने और बुद्घि का विकास करने में भी मदद करते हैं। साथ ही मधुमेह (Diabetes), मलेरिया, त्वचा रोगों एवं ज्वर आदि में लाभकारी होते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ औषधीय पौधों का उपयोग भोजन में खुशबू, स्वाद एवं रंजक (सब्ज़ी का कलर) बढ़ाने में किया जाता है।
नीम-
नीम एक उच्च दर्जे की औषधि है। इसको औषधियों में एंटीबायोटिक माना जाता है। इस रूप में इसको घर का डॉक्टर कहना गलत नहीं होगा। यह स्वाद (Taste) में भले ही कड़वा हो पर इससे होने वाले लाभ जरूर मिठास का अनुभव कराते हैं। नीम का पौधा भारी मात्रा में ऑक्सीजन प्रदान करता है। इसी वजह से आस-पास की हवा स्वच्छ रह पाती है। वैसे तो नीम वो ऑलराउंडर है जिसके पास हर बीमारी का इलाज है पर अभी नजर डालते हैं इसकी कुछ महत्वपूर्ण बातों पर-
- एक कप पानी में नीम की 4-5 पत्तियों को उबालकर पीना, गले के लिए काफी फायदेमंद होता है।
- शरीर के जले हुए भाग पर नीम की पत्तियों को पीसकर लगा लेने से वो जल्दी ठीक होता है।
- बुखार में भी इसकी पत्तियां काम आती हैं।
- इसका पेस्ट दांतों के लिए भी अच्छा होता है।
- कान के दर्द के लिए नीमका तेल फायदेमंद होता है।
- ये तेल बालों के लिए भी अच्छा होता है।
- नीम का पेस्ट फुंसी-फोड़े और दूसरे जख्मों पर भी लगाया जा सकता है।
- बिच्छू, ततैया जैसे जहरीले कीटों के काट लेने पर नीम का पेस्ट लगाने से राहत मिलती है और ऐसा करने से उस कीड़े का जहर भी शरीर में नहीं फैलता।
तुलसी-
तुलसी के पौधे को हर कोई अपने घर में लगाना पसंद करता है। क्योंकि प्राचीन समय से ही घर के आंगन में तुलसी का पौधा रखना पूजनीय और शुभ माना गया है। इसके अलावा आयुर्वेदिक दवाओं में भी तुलसी को सबसे महत्वपूर्ण औषधि माना गया है। दवा के रूप में तुलसी का उपयोग बहुत पहले से किया जाता रहा है। क्योंकि ये कई बीमारियों का रामबाण इलाज है। इसलिए आयुर्वेदिक औषधियों में तुलसी को विशेष महत्व दिया जाता है। पुराने समय में दादी-नानी के नुस्खों में भी तुलसी का उपयोग जरूर होता था। वैज्ञानिक तौर पर तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो बदलते मौसम में शरीर को होने वाली दिक्कतों से बचाने का काम करते हैं। आईये जानते हैं तुलसी के कुछ जरूरी उपचारों को-
- खांसी, जुकाम या दस्त होने पर तुलसी का उपयोग घरेलू उपचार के रूप में किया जाता है।
- यह चोट को जल्दी ठीक करने की क्षमता रखती है।
- तुलसी चेहरे की चमक बढ़ाने में भी फायदेमंद होती है।
- यह मुंह से आने वाली दुर्गंध को दूर करने में सहायता करती है।
- तुलसी रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity Power) को बढ़ाती है।
- तुलसी सर्दी-जुकाम के साथ बुखार में भी फायदा पहुंचाती है।
- जुकाम होने पर तुलसी को पानी में उबाल कर भाप लेने से भी फायदा होता है।
- तुलसी महिलाओं को होने वाली अनियमित पीरियड्स की समस्या को कम करने में उपयोगी होती है
- यौन रोगों के इलाज में पुरुषों में शारीरिक कमजोरी होने पर तुलसी के बीज का इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है।