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Vedobi Thayoreen Syrup
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Ayush vedobi
Brand: Vedobi
  • यह T4 से T3 के रूपांतरण को बढ़ाकर थायराइड फंक्शन की कार्यप्रणाली को बढ़ाता है।
  • गर्दन (गॉइटर) में इंफ्लामेशन और सूजन को कम करता है।
  • हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म में कारगर है।
  • पीसीओएस (पीसीओडी) के इलाज में सहायक।
  • रोग-प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) को बढ़ाता है।
  • चयापचय में सहायक है।
  • शरीर में उत्पन्न पित्त और कफ दोषों को संतुलित करता है।
  • याददाश्त को तेज करता है।
  • शरीर से अतिरिक्त वसा को हटाने में सहायक।
  • रक्त प्रवाह में सुधार करता है।
  • यह सिरप 100% प्राकृतिक और आयुर्वेदिक है।

Know Your Product

वेदोबी थायोरीन सिरप थायराइड के लिए एक प्रभावी आयुर्वेदिक उपचार है। इस सिरप को बनाने में प्राकृतिक अवयवों का उपयोग किया गया है। यह शरीर को इष्टतम पोषण प्रदान करता है। जो शरीर में प्राकृतिक रूप से ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3), थायरोक्सिन (T4) और थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन (TSH) स्तरों की सही मात्रा का उत्पादन करने में मदद करता है और यह T4 से T3 के रूपांतरण को बढ़ाकर थायरॉयड फ़ंक्शन से लड़ने में मदद करता है, जो थायराइड हार्मोन का अधिक शक्तिशाली रूप है।

इस प्रकार यह सिरप थायराइड स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और ऊर्जा स्तर में सुधार करने में सहायक है। इसमें किसी भी प्रकार का रासायनिक तत्व मौजूद नहीं है। इसलिए इसके सेवन से शरीर को कोई नुकसान नहीं होता है।

वेदोबी थायोरीन सिरप गर्दन में तीव्र सूजन(गलगण्ड/गण्डमाला) से राहत दिलाने में मदद करता है। यह शरीर में पित्त और कफ दोषों को संतुलित करता है। वेदोबी थायोरीन सिरप रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह शरीर में मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और शरीर में अतिरिक्त जमा चर्बी को जलाने में कारगर है। इसके अलावा, यह रक्त प्रवाह को नियंत्रित करता है।

These are some noted benefits! There’s more Ayurveda has to offer

थायराइड फंक्शन को बढ़ाता है

वेदोबी थायोरीन सिरप थायरॉइड फंक्शन के कार्यप्रणाली में सुधार करने का काम करता है। दरअसल, विटामिनबी हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित लोगों के लिए बहुत जरुरी है, क्योंकि यह थायराइड फंक्शन को नियंत्रित करता है। इस सिरप में मौजूद कांचनार और अश्वगंधा में विटामिन बी होता है जो थायरॉइड ग्रंथि की कार्यक्षमता में सुधार करने में मदद करता है।

हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म में सहायक

इस सिरप में अश्वगंधा, दालचीनी और मुलेठी जैसे आयुर्वेदिक अवयव हैं। जो विटामिन ए, ई और बी 12 से भरपूर होते हैं। जिसकी वजह से यह हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म के जोखिमों को कम करता है।

T3 और T4 स्तरों का प्रबंधन करता है

वेदोबी थायोरीन सिरप में ब्राह्मी और गुग्गुल पाए जाते हैं, जो एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। यह ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) और थायरोक्सिन (T4) के स्तर को बढ़ाते हैं, जो हाइपोथायरायडिज्म के इलाज में मदद करते हैं।

गंडमाला (गॉइटर) की समस्या को कम करता है

इस सिरप में पाए जाने वाला त्रिफला में फ्लेवोनोइड्स, पॉलीफेनोल्स, सैपोनिन और विटामिन सी एवं अन्य कई एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं, जो गर्दन के सूजन और इंफ्लामेशन को कम करते हैं।

रक्त प्रवाह में सुधार

वेदोबी थायोरीन सिरप रक्त वाहिकाओं के साथ-साथ हार्मोनल बैलेंस को बनाए रखता है। इसमें मौजूद वरुण और गोखरू रक्त प्रवाह में सुधार करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि थायराइड प्रभावी ढंग से काम कर रहा है।

मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है

वेदोबी थायोरीन सिरप का सेवन मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है। क्योंकि इसमें गेहूं होता है, जो मेटाबॉलिक गुणों से भरपूर है।

पित्त एवं कफ दोषों को संतुलित करता है

वेदोबी थायोरीन सिरप में मौजूद आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां तनाव को खत्म करने में मदद करती हैं। जो शरीर में अतिरिक्त पित्त और कफ दोषों को संतुलित करने के लिए फायदेमंद है।

वजन घटाने में कारगर

वेदोबी थायोरीन सिरप में त्रिफला, पुनर्नवा, अमलतास और गुग्गुल होते हैं, जो एंटी ऑक्सीडेंट के गुणों को प्रदर्शित करते हैं। यह सूजन को कम करते हैं। साथ ही यह शरीर से अतिरिक्त फैट को बर्न करने में सहायक होते हैं।

रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार

अमलतास, पुनर्नवा और गोखरू में एंटी-इंफ्लेमेंटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर यह सिरप कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए उपयोगी है। यह रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।

याददाश्त तेज करता है

वेदोबी थायोरीन सिरप में मौजूद अश्वगंधा, अखरोट और ब्राह्मी याददाश्त को प्रभावी ढंग से तेज करने का काम करते है।

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जलजमनी (Cocculus hirsutus)

इसमें साइटोटोक्सिक प्रभाव होते हैं। जो थायराइड विकार में राहत प्रदान करते हैं और इसके कार्यप्रणाली में सुधार करते हैं।

त्रिफला (Ayurvedic compound formulation)

त्रिफला में प्राकृतिक एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। जो शरीर में पित्त और कफ दोषों को संतुलित करने और शरीर में अतिरिक्त वसा को कम करने में सहायक होते हैं।

कटेरी (Solanum surattense)

कटेरी एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। जिसमें सूजन-रोधी गुण होते हैं जो गर्दन में इंफ्लामेशन और सूजन को कम करने में मदद करते हैं।

बृहती (Solanum indicum)

आयुर्वेद के अनुसार बृहती एक तरह का रक्त डिटॉक्सिफायर के रूप में काम करता है। क्योंकि बृहती में शुद्धि और विषहरण गुण मौजूद हैं। यह रक्त के प्रवाह में सुधार करता है।

कंचनार (Bauhinia variegata)

कंचनार हाइपोथायरायडिज्म के इलाज के लिए एक प्रसिद्ध और प्रभावी आयुर्वेदिक औषध है। यह थायरॉयड ग्रंथि के कार्य को सामान्य करने का काम करता है। इसके साथ साथ यह लेखन कर्म (स्क्रैपिंग) करने के कारण मेद धातु (एडीपोस टिश्यू) को कम करता है।

पुनर्नवा (Boerhavia diffusa)

पुनर्नवा एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट, एंटी इंफ्लामेंटरी गुण होते हैं,जो शरीर से अतिरिक्त फैट को बर्न करने और रक्त में मौजूद खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं।

वरुण (Crataeva nurvala)

आयुर्वेद में वरुण का उपयोग रक्त शोधक के रूप में किया जाता है। यह रक्त प्रवाह को नियंत्रित करता है। इसके अलावा वरुण स्मृति को तेज करता है और प्रतिरक्षा को बढ़ाता है। अश्मरी (किडनी स्टोन), मूत्र की रूकावट और मूत्र मार्ग संक्रमण मे इसकी छाल का प्रयोग करते है।

दशमूल (Classical compound)

इसमें एंटी इंफ्लेमेंटरी, एंटी ऑक्सीडेंट और एनाल्जेसिक गुण पाए जाते हैं, जो थायरॉयड और प्रतिरक्षा प्रणाली की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं।

अश्वगंधा (Withania somnifera)

इसमें एंटीस्ट्रेस और एंटीआर्थराइटिक गुण होते हैं जो थायराइड के स्तर को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। साथ ही यह शरीर में तनाव और चिंता को कम करते हैं।

अखरोट(Juglans regia)

अखरोट सेलेनियम का एक समृद्ध स्रोत है जो थायराइड कार्यों को बढ़ावा देने में मदद करता है।

मकोय (Solanum nigrum)

मकोय एनाल्जेसिक, एक्सपेक्टोरेंट, लैक्सटिव, एंटी-एलर्जी आदि के रूप में काम करता है। यह दर्द को कम करता है और गॉइटर रोग को दूर करने में सहायक होता है।

गेहूं (Triticum sativum)

गेहूं में मौजूद फाइबर मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है।

दालचीनी(Cinnamomum zeylanicum)

दालचीनी हाइपोथायरायडिज्म और वजन घटाने में सहायक है। क्योंकि यह एंटी-ओबेसोजेनिक गुणों और पॉलीफेनोलिक यौगिकों से भरपूर है।

मुलेठी(Glycyrrhiza glabra)

हाइपोथायरायडिज्म के इलाज के लिए मुलेठी एक प्राकृतिक उपचारक है। मुलेठी में एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इम्युनिटी इफेक्ट पाया जाता है। जो प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्युनिटी सिस्टम) पर सकरात्मक प्रभाव डालता है। साथ ही वजन कम करने में मदद करता है।

गुग्गुल(Balsamodendron mukul)

गुग्गुल अपने एंटी इंफ्लेमेंटरी गुणों के कारण जाना जाता है। इसका उपयोग हाइपोथायरायडिज्म के इलाज, वजन घटाने और कोलेस्ट्रॉल के प्रबंधन के लिए किया जाता है।

गोरखमुंडी(Sphaeranthus indicus)

गोरखमुंडी एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। जो सूजन को कम करने और थायरॉयड ग्रंथि की बीमारी को ठीक करने में मदद करती है।

गुलाब की पंखुड़ियां(Rosa centifolia)

गुलाब की पंखुड़ियों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर की कोशिकाओं को होने वाले नुकसान से बचाते हैं। यह थायराइड के खतरे को कम करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

लहसुन(Allium sativum)

लहसुन में एंटी बैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं। इसके यह गुण किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाने का काम करते हैं। इसके अलावा यह हाइपोथायरायडिज्म के उपचार में सहायक हैं।

तेज पत्ता(Cinnamomum tamala)

तेज पत्ता में एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन और दर्द से राहत दिलाने में सहायता करते हैं।

छोटी इलायची(Elettaria cardamomum)

इलायची एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। इसमें मौजूद प्राकृतिक रसायन बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद करते हैं। इसके अलावा छोटी इलायची सूजन को कम करती है और रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढाती है।

गोखरू (Tribulus terrestris)

गोखरु या गोक्षुर एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है। जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने का कार्य करता है। साथ ही यह ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करके थायरॉयड फंक्शन को उत्तेजित करता है। इसके अलावा गोखरू मूत्र मार्ग के संक्रमण की रोकथाम में सहायक होता है।

ब्राह्मी (Bacopa monnieri)

ब्राह्मी परंपरागत रूप से मस्तिष्क के लिए एक सामयिक टॉनिक के रूप में काम करता है। जिसका असर पूरे तंत्रिका तंत्र पर पड़ता है। इसका उपयोग बुद्धि को तेज करने, मानसिक दोषों को कम करने और याददाश्त को बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसके अतिरिक्त यह जड़ी-बूटी थायरोक्सिन (T4) के स्तर को बढ़ाता है, जो हाइपोथायरायडिज्म के इलाज में मदद करते हैं।

How To Use

  • वेदोबी थायोरीन सिरप 2.5 से 5 मिली (लगभग 1 चम्मच) सादे पानी के साथ दिन में दो या तीन बार लें।
  • इसे नियमित रूप से या चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करें।

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