अमलतास के फायदें और नुकसान
2022-05-25 17:55:00
अमलतास-प्राचीनकाल से ही कई ऐसे पेड़-पौधों का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। इसमें अमलतास भी एक ऐसा पौधा है, जिसकी शाखा, छाल, पत्तियां और फलों को औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसलिए इसको आयुर्वेद में विशेष दर्जा दिया गया है।
अमलतास क्या है और यह कहां पाया जाता है?
अमलतास मध्यम आकार का पेड़ है। जो मैदानी भागों, निचले हिमालय श्रृंखला, विंध्य पर्वत तथा पूर्वोत्तर राज्यों के जंगलो में पाया जाता है। यह पेड़ दिखने में बहुत सुन्दर होता है। इसके हरे रंग के पत्ते और गहरे पीले रंग के फूल होते हैं। इसका फल लंबा, गोल और नुकीला होता है। इसका वानस्पतिक नाम कैसिया फिस्टूला है। पर भारत में यह अमलतास के नाम से ही प्रचलित है। देश-विदेश में इसे कैसिया, गोल्डन शावर, आदि नामों से जाना जाता है।
आयुर्वेद में अमलतास का महत्व–
आयुर्वेद में इसके फूल, पत्ते, फल और इसकी छाल का उपयोग रोगो को ठीक करने में किया जाता है। अमलतास (Amalatas) का उपयोग कब्ज, सर्दी, जुकाम, खासी, बुखार, घाव, त्वचा रोग आदि को ठीक करने में किया जाता है। इसके फल के गूदे का आमाशय के ऊपर मृदु प्रभाव पड़ता है। इसलिए कमजोर लोगों तथा गर्भवती स्त्रियों को विरेचक औषधि के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही अफारा (पेट फूलना), मुंह में पानी आना आदि लक्षणों में भी इसका उपयोग किया जाता है।
अमलतास के फायदें;
- अमलतास शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायता करता है। इसलिए इसके छाल या फल को उबालकर छान लें। उसके बाद इसके रस का सेवन करें।
- इसके गूदे का उपयोग मुंह के छालों को ठीक करने के लिए किया जाता है। इसके गूदे को मुंह में रख कर चूसने से छाले जल्दी ठीक होते हैं।
- यह घावों को भरने के लिए बहुत ही फायदेमंद औषधि है। इसके पत्ते को पीसकर दूध के साथ घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाते हैं।
- इसकी जड़ का काढ़ा बनाकर सेवन करने से बुखार में राहत मिलती है।
- यह त्वचा संबंधित रोगों के लिए बहुत ही उपयोगी जड़ी-बूटी है। इसके पत्ते को पीसकर प्रभावित जगह पर लगाने से दाद, खाज, खुजली से छुटकारा मिलता है।
- अमलतास के पत्ते को काली मिर्च और नमक के साथ मिलाकर सेवन करने से कब्ज ठीक होती है। साथ ही पाचन क्रिया में भी सुधार होता है।
- इसका प्रयोग छोटे बच्चों के पेट दर्द और अफारे की समस्या के लिए फायदेमंद होता है। हींग और अमलतास के गूदे का लेप बनाकर शिशु के नाभि पर लगाने से पेट दर्द, आफरे और कब्ज की समस्या में आराम मिलता है।
- यह जोड़ों के दर्द और गठिया की समस्या को दूर करने में फायदेमंद होता है। इसके जड़ के चूर्ण को दूध में उबाल कर पीने से गठिया और जॉइंट पेन में आराम मिलता है।
- अमलतास के फल के गूदे का काढ़ा बनाकर पीने से खांसी कम होती है।
अमलतास के नुकसान;
- डायरिया से पीड़ित व्यक्ति को इसका सेवन नहीं करना चाहिए ।
- अमलतास का अधिक सेवन करने से दस्त की समस्या हो सकती है ।
- किसी भी प्रकार के एलर्जी की समस्या इसका सेवन न करें।
- गर्भवती महिलाएं इसका सेवन चिकित्सक के परामर्शानुसार करें।