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मोशन सिकनेस के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

मोशन सिकनेस के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

2023-07-24 00:00:00

यात्रा के दौरान अक्सर लोगों को मतली और बेचैनी जैसी समस्याओं से गुजरना पड़ता है। इसी परेशानी को मेडिकल भाषा में मोशन सिकनेस के नाम से जाना जाता है। इसमें उल्टी और बेचैनी के साथ-साथ पसीना आना, चक्कर आना और असहजता महसूस होती है। आमतौर पर इसका मुख्य कारण कार, ट्रेन, हवाई जहाज और विशेष रूप से नावों से यात्रा करना होता है। ऐसे में इससे जुड़ी जानकारी का होना बहुत जरूरी है। क्योंकि इससे यात्रा के दौरान होने वाली समस्याओं को कुछ हद तक कम करने में मदद मिलती है। ज्यादातर यह समस्या 5-12 वर्ष के बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों में अधिक देखने को मिलती है। इसी उद्देश्य से इस लेख के माध्यम से मोशन सिकनेस के बारे में विस्तार पूर्वक अध्ययन करते हैं।

 

क्या होता है मोशन सिकनेस?

जैसा की नाम से ही स्पष्ट है कि मोशन सिकनेस अर्थात गति की स्थिति में होने वाली शारीरिक असहजता (मुख्य रूप से उल्टी) होती है। सामान्यतः यह किसी दीर्घकालिक समस्या का कारण नहीं होती है। लेकिन इसके लक्षण व्यक्ति को परेशानी में डाल सकते हैं। खासकर जब आप लंबी यात्रा कर रहें होते हो। अधिकांश मामलों में शरीर उन स्थितियों के अनुरूप स्वयं को ढालने लगता है। जिससे यह समस्या उत्पन्न हो रही है। परिणामस्वरूप मोशन सिकनेस के लक्षणों में सुधार होने लगता है।

 

मोशन सिकनेस के लक्षण-

यूं तो मोशन सिकनेस का सबसे आम लक्षण मतली और बेचैनी होता है। इसके अतिरिक्त अन्य लक्षण भी देखने को मिलते हैं। जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  • किसी भी प्रकार की असहजता महसूस करना।
  • भोजन करने में रुचि न होना।
  • बार-बार जम्हाई आना।
  • मुंह में अधिक लार का स्राव होना।
  • खट्टी डकार आना।
  • तेज सिरदर्द होना।
  • धुंधलापन दिखाई देना।
  • शरीर को स्थिर न कर पाना।
  • चक्कर आना।
  • नींद आना।
  • लगातार उल्टी होने जैसा महसूस करना।
  • अधिक पसीना होना।
  • ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई महसूस करना।
  • गंभीर मामलों में चलने में असमर्थता होना।

मोशन सिकनेस क्यों होती है?

जब संवेदी तंत्र (आंतरिक कान, आंखें, मांसपेशियों व संयुक्त संवेदी रिसेप्टर्स )से मस्तिष्क को परस्पर विरोधी संदेश प्राप्त होते हैं। इस स्थिति में मोशन सिकनेस की समस्या उत्पन्न होती है और इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। आमतौर पर यह समस्या सफर के दौरान होता है। लेकिन यह सफर के बिना भी उत्पन्न हो जाती है। यदि कोई व्यक्ति यात्रा में न होने पर भी यात्रा में होने का अहसास कर रहें हो या किसी चीज को चलते हुए देख रहें हो। इसके बाद भी उसको महसूस नहीं कर पा रहें हो। ऐसे में मस्तिष्क कई मिले जुले संकेतों का निर्माण कर लेता है। जिससे मोशन सिकनेस के संकेत और लक्षण उत्पन्न होने लगते हैं।

 

मोशन सिकनेस होने के कारण-

वैसे तो मोशन सिकनेस होने का कोई एक ज्ञात कारण नहीं होता है। इसके पीछे कई कारण होते हैं, जिसमें शामिल कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित है:

  • ऊंचाई वाले झूला झूलना।
  • पहाड़ी रास्तों पर यात्रा करना।
  • यात्रा के दौरान अधिक समय तक एक ही मुद्रा में बैठे रहना।
  • यात्रा के दौरान अधिक भोजन करना।
  • बसों या हवाई जहाज में सफर करना।
  • यात्रा के दौरान खाली पेट रहना।
  • सफर करते समय अधिक पानी पीना।
  • यात्रा करने से पहले या दौरान मसालेदार और वसा युक्त भोजन का सेवन करना।

मोशन सिकनेस के जोखिम कारक-

  • वर्टिगो (चक्कर आना) मोशन सिकनेस का एक जोखिम कारक है।
  • वेस्टिबुलर संबंधी समस्या होने पर।
  • अंदरूनी कान को प्रभावित करने वाली बीमारी।
  • माइग्रेन की समस्या।
  • गर्भावस्था के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाव।
  • मासिक धर्म को भी मोशन सिकनेस का जोखिम कारक माना जाता है।

मोशन सिकनेस होने पर करें बचाव-

  • यात्रा करते समय उल्टी करने वाले लोगों से बात करने या उनको देखने से बचें।
  • सफर के दौरान वसा युक्त और मसालेदार भोजन का सेवन न करें।
  • धूम्रपान और अन्य निकोटिन पदार्थों के सेवन से बचें।
  • यात्रा के दौरान किताब पढ़ने से बचें।
  • बसों में पीछे की ओर मुंह करके न बैठें।
  • यात्रा करते समय धीमी और गहरी सांस लें।
  • हवाई जहाज में सफर के दौरान खिड़की के पास वाले सीट पर बैठकर बाहर की ओर न देखें।

मोशन सिकनेस से बचने के कुछ घरेलू उपाय-

कच्चा अदरक-

मोशन सिकनेस से आराम दिलाने में अदरक का सेवन अच्छा उपाय हैं। एनसीबीआई के वेबसाइट पर प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, अदरक मोशन सिकनेस से बचाने के लिए एक प्राकृतिक उपचारक है। क्योंकि इसके सेवन करने से गैस्ट्रिक डिसरिथमिया यानी पेट में होने वाले अजीब से अहसास और प्लाज्मा वैसोप्रेसिन (हार्मोन) की वृद्धि को रोकने में मदद मिलती है। इस प्रकार यह मोशन सिकनेस को कम करता है। इसके लिए यात्रा के दौरान अदरक के छोटे टुकड़ों को चबाना फायदेमंद होता है।

 

पुदीना-

पुदीना से बने कैंडिड या चाय के उपयोग से मोशन सिकनेस के लक्षणों को कम किया जा सकता है। इस संबंध में किए गए एक शोध के अनुसार पुदीने में एंटी एमेटिक प्रभाव मौजूद है, जो उल्टी और मतली के अहसास को कम करता है। इसके अलावा पेपरमिंट ऑयल की कुछ बूंदों को रुई में डालकर सूंघने से लाभ मिलता है।

 

नींबू है फायदेमंद-

मोशन सिकनेस से बचने या इसके लक्षणों को दूर करने के लिए नींबू का सेवन बेहद फायदेमंद होता है। यात्रा के दौरान इसका इस्तेमाल करने से उल्टी या मतली की समस्या कुछ हद तक कम होती है। इसके लिए एक गिलास पानी में नींबू रस मिलाकर सेवन करें। ऐसा करने से मोशन सिकनेस की समस्या दूर होती है। इसके अतिरिक्त नींबू को सूंघने से भी लाभ मिलता है।

 

अचार का करें सेवन-

अचार या इसका रस मोशन सिकनेस के लक्षणों से बचाता है। दरअसल, मोशन सिकनेस के कारण जी मिचलना, उल्टी होना, बेचैनी आदि लक्षण दिखते हैं। जिसकी वजह से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन बिगड़ सकता है। परिणामस्वरूप समस्याएं और जटिल होती जाती है। ऐसे में अचार का सेवन फायदेमंद होता है। क्योंकि यह शरीर के इलेक्ट्रोलाइट लेवल को नियंत्रित करता है।

 

कैमोमाइल टी-

कैमोमाइल टी का उपयोग भी मोशन सिकनेस के लिए अच्छा माना गया है। दरअसल यह डाइजेस्टिव रिलैक्सेंट के रूप में कार्य करता है। जिसके कारण पेट में होने वाले अजीब से अहसास एवं मोशन सिकनेस की अन्य समस्या को दूर करने में मदद मिलती है।

 

मुलेठी की जड़-

मुलेठी की जड़ मोशन सिकनेस के उपचार के लिए प्रभावी होती है। इससे जुड़ी शोध के अनुसार, मुलेठी की जड़ पेट की कई समस्याओं जैसे मतली और उल्टी को कम करती है। यह सभी समस्याएं मोशन सिकनेस के लक्षणों में शामिल हैं। ऐसे में मुलेठी की जड़ से बने काढ़े का सेवन मोशन सिकनेस के लिए अच्छा उपाय माना जाता है।

 

Written By- Jyoti Ojha

Approved By - Dr. Meghna Swami (BAMS)

Disclaimer

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