कपूर के फायदे और नुकसान
2022-05-24 16:29:42
कपूर एक प्रकार का जमा हुआ उड़नशील सफेद तैलीय पदार्थ है। कपूर में काफी तेज गंध होती है और यह एक अत्यंत ज्वलनशील पदार्थ है। निर्माण की प्रक्रिया के आधार पर और अलग-अलग देशों में कपूर के विभिन्न प्रकार देखने को मिलते हैं। कपूर रंगहीन, सफेद या पारदर्शी स्वरुप में चूर्ण या चौकोर आकृति का होता है। पूजा-पाठ आदि में कपूर का आम तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा, कपूर का प्रयोग कई दवाइयां बनाने में भी किया जाता है। आयुर्वेद के कई ग्रंथों में पक्व, अपक्व और भीमसेनी तीन तरह के कपूर का जिक्र है। मुख्य रूप से दो तरह के कपूर प्रयोग में लाए जाते हैं। एक पेड़ों से प्राप्त होता है और दूसरा कृत्रिम रूप से रासायनिक प्रक्रिया द्वारा बनाया जाता है। कपूर के पेड़ की छाल से प्राप्त होने वाला कपूर प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एक रासायनिक यौगिक है। अपनी महक के लिए लोकप्रिय टरपीन (पौधों में विस्तृत रूप से पाए जाने वाला तत्व) से कपूर की गोलियां तैयार की जाती हैं। प्रकृति में, यह टरपीन पौधों की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली का महत्वपूर्ण अंग होते हैं। टरपीन को खाया नहीं जा सकता है लेकिन इसके इस्तेमाल से कई तरह के फायदे मिलते हैं।
कपूर एक सदाबहार पेड़ है। जो 60 फीट की ऊंचाई तक और बहुत तेजी से बढ़ता है। भारत में पाए जाने वाले कपूर के वृक्ष छोटे होते हैं और इनकी पत्तियां ढाई से 4 इंच लंबी होती हैं। इसके छोटे सफेद फूल होते हैं और इसका गोल आकार का फल जामुनी से काले रंग का होता है। पारंपरिक और पश्चिमी औषधि प्रणाली में कपूर को औषधीय और स्वास्थ्यप्रद गुणों के लिए जाना जाता है। कफ जमने, दर्द और सूजन जैसी कई समस्याओं से राहत पाने में कपूर मदद करता है। कुछ अध्ययनों के अनुसार त्वचा के जलने और फंगल इंफेक्शन को ठीक करने में भी कपूर असरदार है।
कपूर के फायदे:
मुहांसों से छुटकारा दिलाता है कपूर का तेल-
कपूर त्वचा को टाइट करने का एक असरदार उपाय है। कपूर बैक्टीरिया के संक्रमण को रोक कर एक एंटी इंफेक्टिव एजेंट के रूप में कार्य करता है। एक अध्ययन के अनुसार कपूर तैलीय त्वचा वाले लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है। जिससे यह मुहांसों के उपचार में बहुत उपयोगी है। इसके लिए टी ट्री ऑयल और कपूर आवश्यक तेल को मिक्स करें। अब एक कॉटन बड लें और इस घोल में डुबोएं। इसे प्रभावित त्वचा पर लगाएं।
खुजली व जलन में राहत दिलाता है कपूर-
खुजली व जलन जैसी समस्याओ के लिए भी कपूर एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है। कपूर खुजली वाली त्वचा में राहत प्रदान करने के लिए जाना जाता है। यह रोम छिद्रों द्वारा अवशोषित हो जाता है और त्वचा को ठंडक पहुंचाता है।
जली हुई त्वचा को ठीक करने में उपयोगी है कपूर-
कपूर जली हुई त्वचा को ठीक करने में मदद करता है। यह न केवल दर्द या जलन को ठीक करता है बल्कि घावों से भी शरीर को मुक्त करता है। क्योंकि कपूर तेल तंत्रिका को उत्तेजित करता है, जिससे त्वचा को ठंडक मिलती है। इसके लिए एक कप नारियल के तेल में दो क्यूब्स कपूर मिलाएं। अब प्रभावित क्षेत्र पर मिश्रण को नियमित रूप से लगाएं।
जोड़ों के दर्द से राहत दिलाता है कपूर-
जोड़ों और मांसपेशियों के आसपास दर्द में कपूर फायदेमंद होता है। एक अध्ययन के अनुसार कपूर तेल शरीर में एक वार्मिंग सेंसेशन पैदा करता है। जिसके परिणामस्वरूप नसों में विचलन (desensitization) होता है और दर्द से राहत मिलती है। शरीर में ऐंठन होने पर भी कपूर के तेल का इस्तेमाल करना, इसमें आराम पहुंचाता है।
मच्छरों को भगाने के लिए करें कपूर का उपयोग-
कई अध्ययन से पता चला है कि कपूर एक प्राकृतिक मच्छर रोधक पदार्थ है। इसके अलावा, कपूर का पारंपरिक रूप से पतंगों (moths) से छुटकारा पाने के लिए इस्तेमाल किया गया है। इसलिए मच्छरों से बचने के लिए अपने घर के कोने में एक कपूर टैबलेट जलाएं।
कपूर के अन्य फायदे-
- तुलसी के पत्तों के रस में कपूर को मिला कर दो-दो बूंद कान में डालने से कान का दर्द दूर होता है।
- नींबू के रस में कपूर को मिलाकर सिर पर लगाने से सिर का दर्द और भारीपन दूर होता है।
- कपूर, जायफल और हल्दी को बराबर मात्रा में मिला कर उसमें थोड़ा पानी डालें। इस मिश्रण को पेट पर लगाने से दर्द में आराम मिलता है।
- पानी से भरी हुई बाल्टी में 10-12 कपूर की टिक्कियों को डाल लें। इसके बाद एड़ियों को पानी में 10-15 मिनट तक रखें। इससे एड़ियों की दरार भर जाएगी और पैर मुलायम हो जाएंगे।
- कपूर के तेल को दिमाग पर लगाने और सूंघने से दिमागी तनाव दूर हो जाता है।
कपूर के नुकसान-
- कई बार कपूर के तेल का सीधा इस्तेमाल त्वचा पर करने से जलन हो सकती है।
- 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों पर कपूर का उपयोग नहीं करना चाहिए। यह उनके लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकता है।
- गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कपूर के इस्तेमाल से बचना चाहिए।
- कपूर को मौखिक रूप से न लें यह बहुत जहरीला होता है।