शहद के अद्भुत फायदे
2022-05-24 16:22:04
शहद एक मीठा और चिपचिपाहट से भरा अर्ध तरल पदार्थ होता है। जो मधुमक्खियों द्वारा पौधों के पुष्पों में स्थित मकरन्द कोशों से स्रावित मधुरस से तैयार किया जाता है। इसे मधुमक्खियों द्वारा कई चरणों में काफी लम्बी प्रक्रिया के बाद तैयार किया जाता है। शहद में पाए जाने वाला मीठापन मुख्यतः ग्लूकोज़ और फ्रक्टोज के कारण होता है। शहद ज़रूरी पोषक तत्वों, खनिजों और विटामिन का भंडार है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, राइबोफ्लेविन, नायसिन, विटामिन बी-6, विटामिन सी और एमिनो एसिड भी पाए जाते हैं।
आयुर्वेद में शहद को एक औषधि का दर्जा हासिल है। शहद के मौजूद औषधीय गुणों के कारण यह अनगिनत बीमारियों के इलाज में उपयोगी माना जाता है। आज के समय में मुख्य रूप से लोग त्वचा में निखार लाने, पाचन ठीक रखने, इम्यूनिटी पावर बढ़ाने, वजन कम करने आदि के लिए शहद का उपयोग करते हैं। इसके अलावा शहद में एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। छोटे बच्चों से लेकर वयस्कों तक शहद सभी के लिए फायदेमंद है। नियमित रूप से शहद खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। जिससे कई तरह की संक्रामक बीमारियों से बचाव होता है। शहद का इस्तेमाल प्राचीन काल से ही होता आया है और शहद के फायदों के बारे में आयुर्वेद में भी प्रमुखता से उल्लेख मिलता है। शहद में मौजूद ग्लूकोज व अन्य शर्कराएं तथा विटामिन, खनिज और अमीनो अम्ल जैसे कई तत्व मिलते हैं। जो घाव को ठीक करने और उतकों के बढ़ने के उपचार में मदद करते हैं।
प्राचीन काल से ही शहद को एक जीवाणु-रोधी के रूप में जाना जाता रहा है। शहद में फ्रूट ग्लूकोज, आयरन, कैल्शियम, फॉस्फेट, सोडियम, क्लोरीन, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे गुण होते हैं। जो शरीर को बैक्टीरिया से बचाने में मदद करते हैं। साथ ही इसमें एंटीसेप्टिक, एंटीबायोटिक, विटामिन बी1 और बी6 भी भरपूर मात्रा में होते हैं। जो सेहत और खूबसूरती दोनों के लिए फायदेमंद है।
शहद एक हाइपरस्मॉटिक एजेंट होता है। जो घाव से तरल पदार्थ निकाल कर शीघ्र उसकी भरपाई करता है और इससे हानिकारक जीवाणु भी मर जाते हैं। जब इसको सीधे घाव में लगाया जाता है तो यह सीलैंट की तरह कार्य करता है। ऐसे में घाव संक्रमण से बचा रहता है। शहद का उपयोग किसी भी रूप में करें यह सेहत के लिए हमेशा फायदेमंद रहता है। शहद से सेरोटोनिन कैमिकल निकलता है। जो मूड को अच्छा बनाता है। शरीर इस सेरोटोनिन कैमिकल को मेलाटोनिन केमिकल में बदल देता है। जो खराब नींद के लिए जिम्मेदार होता है। इसलिए जिन व्यक्तियों को अनिद्रा की समस्या हो। उन्हें रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में शहद मिलाकर पीना चाहिए। इससे नींद अच्छी आती है।
शहद के फायदे-
खांसी से दिलाता है आराम-
नेचुरल शहद खांसी से आराम दिलाने की असरदार घरेलू दवा है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण संक्रमण को बढ़ने से रोकते हैं। साथ ही यह कफ को पतला करता है। जिससे कफ आसानी से बाहर निकल जाता है। इसलिए जो लोग सूखी खांसी से परेशान रहते हैं उन्हें शहद का सेवन करना चाहिए।
कटने या जलने पर लाभदायक-
त्वचा के कटने-छिलने या जल जाने पर नेचुरल शहद का उपयोग करना बहुत लाभकारी होता है। शहद में मौजूद एंटीसेप्टिक गुण जले हुए हिस्से को जल्दी ठीक करते हैं और त्वचा को संक्रमण से भी बचाते हैं।
वजन कम करने में सहायक-
जो लोग बढ़ते वजन या मोटापे से परेशान हैं। उन्हें शहद का सेवन करना चाहिए। क्योंकि यह वजन कम करने में मदद करता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शहद में वसा बिल्कुल भी नहीं होता है। इसलिए यह वजन को नियंत्रित रखने के साथ-साथ शरीर के कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी कम करता है। इसलिए नियमित रूप से शहद का सेवन किया जा सकता है।
प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है-
नेचुरल शहद में ज़रुरी एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा काफी ज्यादा होती है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। जिसके बाद इम्यूनिटी पावर मजबूत होने से कई तरह की संक्रामक बीमारियों से बचाव होता है।
घाव भरने में मदद करता है-
शहद में मौजूद तत्वों फ्लेवोनॉयड, फेनोलिक एसिड और लैसोजाइम में एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। जो सूजन को रोकते हैं और क्षतिग्रस्त ऊतकों और कोशिकाओं की मरम्मत करते हैं। इन्हीं गुणों की वजह से यह घाव को जल्दी ठीक करने में मदद करता है।
गले की खराश को दूर करता है-
इस शहद के फायदों में गले की खराश को दूर करना भी शामिल है। यह खांसी और सर्दी-जुकाम से आराम दिलाने के साथ ही गला बैठने और गले की खराश में भी आराम दिलाता है।
कब्ज़ से राहत-
शहद शरीर में फ्रक्टोज के अवशोषण को कम करता है। इस वजह से इसका उपयोग कब्ज़ को दूर करने में भी किया जाता है। शहद कब्ज़ से आराम दिलाने के अलावा पेट फूलने और गैस की समस्या से भी आराम दिलाता है।
त्वचा के लिए फायदेमंद-
शहद त्वचा में निखार लाने में भी मदद करता है। क्योंकि शहद में ऐसे गुण मौजूद होते हैं जो त्वचा की नमी को बरकरार रखने में मदद करते हैं। जिन लोगों की त्वचा बहुत रूखी होती है, उन्हें त्वचा की नमी बनाए रखने के लिए इस शहद का इस्तेमाल करना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि त्वचा में निखार लाने के लिए इसे खाने की बजाय त्वचा पर लगाया जाता है।
बालों के लिए फायदेमंद-
शहद के उपयोग से बालों की सुन्दरता बढ़ती है और उनके रूखेपन में कमी आती है। शहद में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण बालों के लिए फायदेमंद होते हैं। यह फ्री रेडिकल को हटाते हैं और ज्यादा देर तक धूप में रहने से या किसी हानिकारक केमिकल से बालों को होने वाले नुकसान से भी बचाते हैं। इस रूप में शहद से बालों को सही पोषण मिलता है। इसलिए बालों के लिए शहद को हेयर मास्क के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है।
शहद के नुकसान-
अगर ज़रुरत से अधिक मात्रा में या गलत चीजों के साथ शहद मिलाकर खाया जाए। तो शहद के निम्नलिखित नुकसान झेलने पड़ सकते हैं:-
अधिक मात्रा में सेवन करने से बचें-
औषधि के रूप में या त्वचा के लिए चिकित्सक द्वारा बताए खुराक के अनुसार ही शहद का सेवन और उपयोग करें। अधिक मात्रा में सेवन करने से शहद के साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं और इससे उल्टी-मितली आना और कुछ मामलों में डायरिया की शिकायत भी हो सकती है।
एक साल से कम उम्र के बच्चे को न खिलाएं शहद-
आधुनिक चिकित्सा पद्धति में ऐसा माना गया है कि एक साल से कम उम्र के बच्चों को शहद नहीं खिलाना चाहिए। इससे बच्चों में बोटुलिज़्म (Botulism) का खतरा हो सकता है। इसलिए एक साल से कम उम्र के बच्चे को शहद खिलाने के लिए डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें। इसी तरह छोटे बच्चों की त्वचा पर भी शहद लगाने से परहेज करना चाहिए।
पराग कणों से एलर्जी वाले लोग करें परहेज-
यदि किसी को पराग कणों से एलर्जी (pollen allergy) है। तो उसे शहद के सेवन या उपयोग से परहेज करना चाहिए। शोध के अनुसार जिन लोगों को पराग कणों से एलर्जी होती है। अगर वह शहद का उपयोग करते हैं, तो उनकी एलर्जी और बढ़ सकती है।
संवेदनशील त्वचा वाले लोग करें परहेज-
बहुत संवेदनशील त्वचा वाले लोग सीधे तौर पर शहद न लगाएं। बल्कि शहद में गुलाब जल या दूध मिलाकर उसे पतला कर लें और फिर उसे त्वचा पर लगाएं। क्योंकि दूध और शहद का मिश्रण त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है।