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करी पत्ता के फायदे और नुकसान

करी पत्ता के फायदे और नुकसान

2022-05-24 16:42:44

करी पत्ता को की जगह पर कड़ी पत्ता और मीठी नीम भी कहा जाता हैं। ज्यादातर भारतीय पकवानों में इसका प्रयोग किया जाता है। व्यजंनों में स्वाद बढ़ाने के अलावा यह एक लाभकारी जड़ी-बूटी भी है। डायबिटीज, मूत्र विकार, लिवर संबंधी, और डायरिया आदि रोगों में करी पत्ता के औषधीय गुणों बेहद लाभ मिलता है। करी पत्ता का वृक्ष लगभग 4-5 मीटर ऊंचा, सुगन्धित और आकार में छोटा होता है। इसके तने की छाल चिकनी और गहरे भूरे रंग की होती है। इसके फूल सफेद रंग के और सुगन्धित होते हैं। इसके फल पकने पर बैंगनी रंग के दिखाई देते हैं। इसके बीजों और पत्तों से एक सुगन्धित तेल निकाला जाता है। करी पत्ता का वानस्पतिक नाम मुराया कोईनीगी (Murraya koenigii) है।

 
आयुर्वेद में करी पत्ता का महत्त्व-

आयुर्वेद में करी पत्ता अर्थात मीठी नीम के कई औषधीय गुण बताए गए हैं। जिसके अनुसार करी पत्ता डायरिया, डायबिटीज, वजन घटाने, बालों के विकास, लिवर संबंधी रोगों को दूर करने और हृदय को स्वस्थ रखने में मददगार साबित होते हैं। इसके अलावा मूत्र रोग, दाद-खाज-खुजली आदि त्वचा संबंधी रोग, बुखार, कीड़े-मकोड़े के काटने पर भी करी पत्ता का प्रयोग लाभ पहुंचाता है।

करी पत्ता के फायदे:
वजन घटाने में फायदेमंद-

करी पत्ता में डाइक्लोरो मीथेन, एथिल एसीटेट और महानिम्ब इन जैसे खास तत्व पाए जाते हैं। इन तत्वों में वजन घटाने, कोलेस्ट्रॉल को कम करने और ट्राइग्लिसराइड (फैट का एक प्रकार) के स्तर को नियंत्रित करने की क्षमता पाई जाती है। इसलिए करी पत्ते का उपयोग वजन घटाने में मददगार साबित होता है।

 
एनीमिया रोग में लाभदायक-

विशेषज्ञों के मुताबिक करी पत्ता में एंटी एनीमिया गुण पाया जाता है। जो एनीमिया पर प्रभावी रूप से काम करता है। इसके अलावा करी पत्ता कैल्शियम, आयरन, जिंक और वैनेडियम जैसे खनिज पदार्थों का अच्छा स्रोत है। इस कारण कहा जा सकता है कि एनीमिया से निजात दिलाने में करी पत्ते का उपयोग सहायक साबित हो सकता है।

 
डायबिटीज में मददगार-

करी पत्ता में हाइपोग्लाइसेमिक (शुगर लेवल को कम करना) गुण पाए जाते हैं। यह गुण शरीर में शुगर की मात्रा को कम करने में सहायक साबित होते हैं। इस कारण ऐसा कहा जाता है कि नियमित आहार में करी पत्ता के लाभ डायबिटीज जैसे जोखिमों को कम करने में मददगार साबित होते हैं ।

 
लिवर के लिए उपयोगी-

करी पत्ता में टैनिन और कारबाजोले एल्कलॉइड जैसे तत्व मौजूद होते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक इन तत्वों में हेप्टोप्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं, जो लिवर की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं। साथ ही लिवर से संबंधित हेपेटाइटिस और सिरोसिस जैसी समस्याओं को कम करने में भी सहायक होते हैं।

 
डायरिया से बचाव-

विशेषज्ञों के मुताबिक करी पत्ता में पाए जाने वाले कारबाजोले एल्कलॉइड्स में डायरिया से बचाव करने की अद्भुत क्षमता पाई जाती है। इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि इसका नियमित सेवन डायरिया जैसी समस्या से निजात पाने में कारगर साबित हो सकता है।

 
दिल के लिए फायदेमंद-

करी पत्ता एक हर्बल औषधि है। जो विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है। हृदय संबंधी बीमारियों के इलाज लिए करी पत्ते का उपयोग एक कारगर आयुर्वेदिक औषधि के रूप में लंबे समय से होता आया है। इसके अलावा करी पत्ता कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने का भी काम करता है। जो हृदय को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरूरी है।

 
कोलेस्ट्रॉल को करता है नियंत्रित-

करी पत्ता में विटामिन सी के साथ एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लामेट्री गुण मौजूद होते हैं। विशेषज्ञों द्वारा किये गए एक शोध के मुताबिक करी पत्ता का उपयोग शरीर से बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को घटाने में सहायक सिद्ध होता है।

 
त्वचा के लिए लाभदायक-

करी पत्ता का प्रयोग त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होता है। माना जाता है कि इसके तेल में मौजूद तत्वों में कुछ ऐसे गुण पाए जाते हैं। जिनके प्रभाव से जले-कटे और बैक्टीरियल इन्फेक्शन को दूर करने में मदद मिलती है। इसके लिए इसकी पत्तियों का पेस्ट बनाकर इसे उपयोग में लाया जा सकता है।

 
बालों के लिए स्वास्थ्यवर्धक-

विशेषज्ञों के मुताबिक करी पत्ता के तेल में पाए जाने वाले पोषक तत्व बालों के लिए भी अहम भूमिका निभा सकते हैं। करी पत्ता का तेल बालों पर लगाने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं। इसका नियमित इस्तेमाल बालों के विकास में मदद करता है। वहीं, करी पत्ता के फायदे में भूरे बालों की समस्या से छुटकारा भी शामिल है।

 
मूत्र रोग का कारगर उपाय-

करी पत्ता के औषधीय गुण से मूत्र रोग का इलाज भी शामिल है। पेशाब से जुड़ी बीमारी होने पर करी पत्ता का सेवन करने से फायदा होता है। इसके लिए करी पत्ता का रस पीना चाहिए।

 
करी पत्ता के उपयोग-
  • भोजन पकाते वक्त करी पत्ता का इस्तेमाल मसाले के रूप में किया जाता है। इसे सब्जी, दाल, सांभर, चावल और तरह-तरह के व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जा सकता है।
  • इसकी चटनी बनाकर भी आप इसे प्रयोग में ला सकते हैं।
  • करी पत्ता को फ्राई करके फूड गार्निशिंग के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • इसका तेल निकालकर बालों पर लगाया जा सकता है।
  • करी पत्ता का तेल त्वचा पर लगाया जा सकता है।
  • कुछ विशेष परिस्थितियों जैसे किसी खास बीमारी से बचाव के लिए इसके जूस का सेवन भी किया जा सकता है। लेकिन इसका जूस उपयोग करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
 
करी पत्ता के नुकसान-
  • करी पत्ते के वैसे तो कोई नुकसान नहीं देखे गए हैं, लेकिन कुछ स्थितियों में या अधिक मात्रा में इसका उपयोग नुकसानदायक साबित हो सकता है।
  • कुछ लोगों में इसके एलर्जिक इफेक्ट भी देखे जा सकते हैं। ऐसी स्थिति में इसके उपयोग को बंद कर देना चाहिए।
  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका उपयोग करने से पहले चिकित्सक से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
 
कहां पाया जाता है करी पत्ता?

करी पत्ता पूरे भारत में 900 मीटर की ऊंचाई तक पाया जाता है और सिक्किम में 1500 मीटर की ऊंचाई पर इसकी खेती होती है।

Disclaimer

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