गाजर के फायदे और उपयोग
2022-05-24 16:31:58
तमाम सब्जियों की अपेक्षा गाजर सेहत के लिए सर्वोत्तम आहार है। क्योंकि इसमें पैंटोथैनिक एसिड, विटामिन-ए, विटामिन-सी, विटामिन-के, आयरन, पोटेशियम, फोलेट, तांबा और मैंगनीज जैसे कई जरूरी खनिज और विटामिन्स पाए जाते हैं। इसलिए गाजर का सेवन करने से शरीर को तमाम पोषक तत्वों की प्राप्ति होती है। जो बॉडी को कई रोगों से बचाने में मददगार साबित होते हैं। वहीं, इसके जूस का सेवन करने से चेहरे की चमक बढ़ती है। क्योंकि गाजर शरीर में रक्त की विषाक्तता और कील-मुहांसों को कम करने का काम करती है।
गाजर सेहत के लिए इस प्रकार अच्छी है?
शरीर के लिए गाजर कई तरह से फायदेमंद है। गाजर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाने का काम करते हैं। गाजर का सेवन मधुमेह और कैंसर के खतरों को कम करने में सहायता करता है। गाजर का इस्तेमाल हृदय रोग में मददगार साबित होता है। गाजर और इसके जूस के सेवन से पाचन तंत्र में भी सुधार होता है। इसके अलावा गाजर डाइटरी फाइबर और कैरोटीनॉयड जैसे बायोएक्टिव कंपाउंड से भी भरपूर होती है। जो शरीर के लिए बेहद लाभकारी होते हैं।
गाजर के फायदे;
आंखों के लिए-
गाजर में मौजूद बीटा-कैरोटीन एक ऑर्गेनिक पिगमेंट होने के नाते, बढ़ती उम्र के कारण होने वाली आंखों की परेशानियों से छुटकारा दिलवाने में मदद करता है। वहीं, गाजर में मौजूद विटामिन-सी और अन्य खनिज पदार्थ बढ़ती उम्र के कारण होने वाले मैक्यूलर डीजेनरेशन (नेत्र रोग, जो अंधापन का कारण बन सकता है) को रोकने का काम करते हैं। इसके अलावा गाजर में कैरोटीन नाम का तत्व भी पाया जाता है। जो रात में कम दिखने वाली परेशानी को कम करने में सहायता करता है।
पाचन शक्ति के लिए-
गाजर को फाइबर का अच्छा स्रोत माना जाता है। जो पाचन क्रिया को बेहतर कर, मल त्याग को आसान बनाने में मदद करता है। इसके अलावा गाजर कब्ज की समस्या को दूर कर भोजन को जल्दी पचाने में भी मदद करती है। इसलिए भोजन के वक्त गाजर को सलाद के रूप में खाना अच्छा होता है।
इम्यून सिस्टम के लिए-
गाजर के जूस में बीटा-कैरोटीन नामक स्रोत होता है। जिसे इम्यून सिस्टम के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। इसलिए प्रतिदिन गाजर के एक गिलास जूस का सेवन इम्यून सिस्टम को अच्छा कर सकता है। चूंकि गाजर को स्वास्थ्यवर्धक सब्जियों में गिना जाता है। इसमें फाइटोकेमिकल जैसे कैरोटीनॉयड और पॉलीसैटेलेन की प्रचुर मात्रा मौजूद होती है। जो गाजर की इम्यूनोमॉड्यूलेटरी एक्टिविटी की मुख्य वजह बनते हैं। इसलिए अच्छी इम्यूनिटी के लिए गाजर और इसके जूस का सेवन करना एक बढ़िया विकल्प है।
उच्च रक्तचाप के लिए-
गाजर को नाइट्रेट (एक तरह का केमिकल कंपाउंड) का एक बढ़िया स्रोत माना जाता है। जो रक्त वाहिकाओं को चौड़ा कर, उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायता करता है। इसके अलावा गाजर पोटेशियम का भी अच्छा स्रोत है। जो उच्च रक्तचाप को कम करने के लिए प्रभावी रूप से कार्य करता है। इसलिए गाजर का नियमित सेवन उच्च रक्तचाप के लिए बेहतर होता है।
मुंह के स्वास्थ्य के लिए-
गाजर का इस्तेमाल करके मुंह को स्वस्थ रखा जा सकता है। क्योंकि गाजर में विटामिन-ए मौजूद होता है। जो मुंह के अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन) द्वारा पब्लिश रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, गाजर में विटामिन-ए पाया जाता है। जो पेरियोडोंटल हेल्थ (मसूड़ों से जुड़ा स्वास्थ) को बनाए रखने में सहायता करता है।
वजन कम करने के लिए-
गाजर फाइबर का अच्छा स्रोत होती है। जो वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है। क्योंकि शरीर में पर्याप्त मात्रा में फाइबर होने पर पेट भरा हुआ लगता है। कारणवश खाने की तीव्र इच्छा नहीं होती। जिससे वजन को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
शरीर की अंदरूनी सफाई के लिए-
क्रोमियम एक ऑर्गेनिक कंपाउंड है। जो प्रदूषण के साथ शरीर में जाता है और विषाक्तता का कारण बनता है। चूंकि गाजर में ग्लूटेथिओन नाम का एक एंटीऑक्सीडेंट कंपाउंड होता है। जो शरीर को प्रभावी रूप से डिटॉक्स करने में सहायता करता है। इसलिए गाजर का सेवन शरीर की अंदरूनी सफाई के लिए भी अच्छा होता है।
हृदय के लिए-
गाजर खाने से खून में कोलेस्ट्रॉल का लेवल नियंत्रित रहता है। जिससे हृदय रोग का खतरा भी कम हो जाता है। दरअसल, गाजर का सेवन शरीर में एंटीऑक्सीडेंट के प्रभाव बढ़ाने और लिपिड पेरोक्सिडेशन को कम करने का काम करता है। जिससे हृदय संबंधी बीमारियों से बचा जा सकता है। इसलिए गाजर का सेवन करना हृदय के लिए अच्छा रहता है।
कैंसर के लिए-
गाजर फालकेरिनोल और पॉली-एसिटिलीन जैसे तत्वों से समृद्ध होती है। जो एंटीकैंसर गुणों को प्रदर्शित करते हैं। इसलिए गाजर का उपयोग कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने के लिए अच्छा माना जाता है। इसके अलावा गाजर खाने से गैस्ट्रिक कैंसर के खतरों को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है।
गर्भावस्था में फायदेमंद-
गर्भावस्था में गाजर का सेवन करना लाभकारी होता है। क्योंकि यह फोलेट का अच्छा स्रोत है। जिसे गर्भावस्था के समय जरूरी विटामिन माना जाता है। दरअसल फोलेट भ्रूण के विकास, उसकी रीढ़ व मस्तिष्क के विकास में मदद करता है। वहीं शिशु में जन्म के दौरान होने वाली विकृतियों की संभावना को भी कम करता है। इसलिए गर्भावस्था में गाजर का सेवन करना सेहत के लिए अच्छा होता है।
बालों के लिए-
गाजर में प्रोटीन, आयरन और विटामिन-सी जैसे तमाम खनिज पदार्थ पाए जाते हैं। जो बालों को लंबे समय तक स्वस्थ रखने और उनके विकास के लिए बेहद जरूरी होते हैं। इसलिए प्रतिदिन सलाद के रूप में या जूस के रूप में गाजर का सेवन करना बालों की सेहत के लिए अच्छा होता है।
त्वचा के लिए-
गाजर में विटामिन सी पाया जाता है। जोकि एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट होता है और त्वचा को यूवी किरणों से होने वाली क्षति से बचाने का काम करता है। इसके अतिरिक्त विटामिन सी मुंहासों जैसी त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। यह एक्जिमा के कारण होने वाली खुजली को ठीक करता है और त्वचा को मुलायम बनाने का काम भी करता है।
गाजर का उपयोग-
- गाजर को सलाद के रूप में खाया जाता है।
- गाजर की सब्जी बनाकर सेवन किया जाता है।
- गाजर का जूस निकालकर पिया जाता है।
- गाजर का सूप बनाकर सेवन किया जाता है।
- गाजर का अचार के रूप में सेवन किया जाता है।
- गाजर का इस्तेमाल फ्रेंच फ्राई के रूप में किया जाता है।
- गाजर के मुरब्बे को भी बहुत पसंद किया जाता है।
- कुछ बेकरी पर गाजर का उपयोग केक बनाने के लिए भी किया जाता है।
- गाजर के हलवे को भी लोग बहुत पसंद करते हैं।
- गाजर की स्मूदी बनाकर सेवन किया जाता है।
- गाजर का इस्तेमाल पराठे, रायता, चीला आदि बनाने के लिए भी किया जाता है।
गाजर के नुकसान-
- चूंकि गाजर को बीटा-कैरोटीन का अच्छा स्रोत माना जाता है। जो शरीर में विटामिन ए की कमी को पूरा करती है। लेकिन इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से शरीर का रंग फीका भी पड़ सकता है।
- चूंकि गाजर में चीनी का स्तर उच्च होता है। इसलिए मधुमेह से ग्रसित लोगों को इसका सेवन कच्चे रूप में न करके उबालकर करना चाहिए।
- चूंकि गाजर में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है। इसलिए इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से गैस, दस्त, पेट-दर्द जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
- गाजर और इसके जूस का सेवन अधिक मात्रा में करने से स्तन के दूध का स्वाद बदल सकता है। इसलिए स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।