विजयसार के फायदे और उपयोग
2022-03-17 10:40:09
आयुर्वेद में कई ऐसे जड़ी-बूटियां हैं। जिसका उपयोग पुरातनकाल से रोगों से छुटकारा दिलाने एवं शरीर को स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए किया जाता रहा है। ऐसी ही एक औषधि विजयसार है। इसके कई शारीरिक स्वास्थ्य लाभ हैं। आयुर्वेद में विजयसार के लकड़ी,फल, फूल,छाल एवं पत्तियों का इस्तेमाल औषधि के तौर पर किया जाता है। आमतौर पर विजयसार डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, चर्मरोग,गठिया एवं जोड़ों के दर्द के इलाज में कारगर औषधी है। लेकिन विशेष रूप से यह डायबिटीज के मरीजों के लिए प्रभावी माना जाता है। इन्हीं गुणों के कारण विजयसार का उपयोग परंपरागत तौर पर आयुर्वेदिक, यूनानी,आधुनिक चिकित्सा में किया जाता हैं। इसलिए इसे आयुर्वेद में उत्तम दर्जे की औषधि माना गया है।
क्या है विजयसार
विजयसार एक औषधीय पेड़ है। जिसको अंग्रेजी में मालाबार ट्री या इंडियन किनो ट्री के नाम से जाना जाता है। वहीं, विजयसार का वानस्पतिक नाम पेट्रोक्रॉप्स मारसूपियम (Pterocarpus marsupium) है। इसकी ऊंचाई लगभग 30 मीटर एवं मोटाई 2.5 मीटर तक होता है। इसके छाल गहरे भूरे या भूरे रंग के होते हैं जिसमें कई दरारें होते हैं। इस पेड़ में फल और फूल मार्च के महीने में खिलते हैं। विजयसार के पेड़ के विभिन्न भागों का उपयोग कई प्रकार के रोगों से छुटकारा दिलाने के लिए किया जाता है।
विजयसार के औषधीय गुण-
विजयसार औषधीय गुणों से समृद्ध है। आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथिक जैसे कई पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में इसका उल्लेख मिलता है। इस पर किए गए शोध के मुताबिक,विजयसार में एंटीडायबिटिक (मधुमेह को बढ़ने से रोकने वाला), एंटी-हाइपरलिपिडेमिक (कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाला), कार्डियोटोनिक (हृदय को स्वस्थ रखने वाला), हेप्टोप्रोटेक्टिव (लिवर को स्वस्थ रखने वाला), एंटीऑक्सीडेंट (मुक्त कणों से लड़ने वाला), एंटी-इंफ्लेमेटरी ( सूजन को कम करने वाला), एंटी-एनाल्जेसिक (दर्द को कम करने वाला), एंटी-बैक्टीरियल (बैक्टीरिया को रोकने वाला), एंटी-फंगल (फंगस से लड़ने वाला), एंटी-कैंसर (कैंसर को बढ़ने से रोकने वाला)औरएंटी-कैटरेक्ट (मोतियाबिंद के लक्षणों को कम करने वाला) गुण मौजूद हैं।
विजयसार के फायदे-
डायबिटीज (मधुमेह) के इलाज के लिए-
मधुमेह के इलाज के लिए विजयसार का पेड़ काफी प्रभावी साबित होता है। शोध के अनुसार विजयसार में एंटी डायबिटीज गुण पाए जाते हैं, जो रक्त में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। साथ ही यह शरीर के कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है। इसके लिए विजयसार के पत्तियों का काढ़ा नियमित रूप से सेवन करने से मधुमेह के रोगियों को लाभ मिलता है। इसके अलावा विजयसार के लकड़ियों से बने पात्र (गिलास) में पानी भरकर रात भर के लिए ढककर रख दीजिए। पुनःअगले दिन उस पानी का सेवन करें। ऐसा कम से कम एक महीने तक करने से मधुमेह के रोगियों को लाभ मिलता है।
डायरिया एवं दस्त के लिए-
विजयसार के पेड़ का उपयोग डायरिया एवं दस्त के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। पुरातनकाल से ही दस्त के लिए इसे औषधी के रूप में उपयोग किया जाता रहा है। साथ ही यह दस्त के कारण होने वाली डिहाइड्रेशन की परेशानी में असरदायक साबित होता है। इसके लिए विजयसार के छाल का पेस्ट बनाकर सेवन करें । ऐसा करने से डायरिया एवं दस्त में राहत मिलती है।
श्वसन संबंधी समस्या के लिए-
एक शोध के अनुसार विजयसार के छाल एवं पत्तों में एंटी बैक्टीरियल, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। जो धूल,एलर्जी और वायुमार्ग के सूजन को दूर करके वायुमार्ग को साफ करती है। इस प्रकार से यह सांस से संबंधित बीमारियों के लिए प्रभावी औषधी माना जाता है। इसके अलावा विजयसार का एंटी-एलर्जिक गुण अस्थमा की समस्या के लिए भी कारगर है। अस्थमा के रोगियों के लिए विजयसार के काढ़े को दिन में दो बार सेवन करना फायदेमंद होता है।
एनीमिया से बचाव-
एनीमिया की शिकायत को दूर करने में विजयसार कारगर औषधी है। यह तमाम पोषक तत्वों से समृद्ध है। साथ ही विजयसार में आयरन प्रचुर मात्रा में पाई जाती है, जो शरीर में ब्लड की कमी को दूर करने में सहायक और शरीर में रक्त के उत्पादन को बढ़ाता है। इसलिए शरीर में आयरन की कमी को दूर करने के लिए विजयसार का इस्तेमाल करना अच्छा माना जाता है।
पेट के कीड़े नष्ट करें-
विशेषकर विजयसार बच्चों के लिए प्रभावी जड़ी-बूटी है। क्योंकि अक्सर बच्चों के पेट में कीड़े हो जाते हैं। जिसकी वजह से बच्चों को भरपूर पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। परिणामस्वरूप पेट में दर्द या पेट संबंधी कई परेशानियां होने लगती हैं। यह समस्या बच्चों के अलावा वयस्कों में भी देखने को मिलता है। इसके लिए विजयसार पेड़ की छाल का पाउडर बनाकर नियिमत रूप से इसका सेवन करें। ऐसा करने से पेट व आंतों में होने वाले कीड़ों को नष्ट करने में मदद मिलती है। इसप्रकार से विजयसार पेट के कीड़ों के लिए अच्छी औषधि है।
लिवर को दुरुश्त रखने में सहायक-
लिवर स्वास्थ्य के लिए विजयसार की छाल कारगर उपाय है। दरअसल, इसके तने की छाल में मेथेनॉलिक अर्क पाया जाता है। यह हेप्टोप्रोटेक्टिव गतिविधि को प्रदर्शित करता है, जो लिवर को क्षति पहुंचने से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा विजयसार का गोंद लिवर के लिए टॉनिक के रूप में काम करता इस आधार पर कहा जा सकता है कि लिवर के लिए विजयसार चूर्ण का सेवन लाभदायक होता है।
फ्रैक्चर में लाभप्रद-
वर्तमान समय में भी भारत की कुछ जनजातियां पारंपरिक उपचारों पर अधिक विश्वास करती हैं। फ्रैक्चर एवं अन्य हड्डियों संबंधित घावों के उपचार के लिए विजयसार का उपयोग करती हैं। इसके लिए विजयसार की छाल एवं हाईवुड की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है। यह फ्रैक्चर एवं चोटों को प्रभावी रूप से ठीक करने में सहायक होती है।
दांतों और मसूड़ों के स्वास्थ्य हेतु-
मसूढ़ों और दांतों को स्वस्थ्य रखने के लिए विजयसार का उपयोग मददगार साबित होता है। दरअसल इसके छाल में एनाल्जेसिक गुण पाए जाते हैं, जो दांत दर्द की समस्या से राहत दिलाने का काम करता है। साथ ही यह मसूढ़ों से बहने वाले खून को रोकने में मदद करता है। इसके अलावा विजयसार की छाल में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंटगुण मुंह के संक्रमण को दूर करने में सहायक होते हैं। इसप्रकार से विजयसार दांत दर्द का प्रभावी उपचारक है। आज भी कुछ जनजातियां विजयसार की लकड़ी का उपयोग दांतों को साफ करने के लिए दांतुन के रूप में करती हैं।
त्वचा के लिए फायदेमंद-
विजयसार में एंटीबैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेंटरी गुण पाए जाते हैं। जो त्वचा संबंधी कई समस्याओं को दूर करने में कारगर होते हैं। यह त्वचा की स्थिति जैसे मुंहासे, एक्जिमा, सामान्य शुष्क त्वचा के इलाज में मदद करते हैं। इसके लिए विजयसार की पत्तियों और छाल का पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को प्रभावित अंगो पर लगाएं। ऐसा करने से यह यह मुंहासे और मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ता है। साथ ही स्वाभाविक रूप से स्वच्छ, स्पष्ट, चिकनी और चमकदार त्वचा प्रदान करता है। इसके अलावा इसके पत्तियों के पेस्ट फोड़े-फुंसियों और घावों को दूर करने में असरदार होता है।
बालों के लिए फायदेमंद-
स्वास्थ्य और त्वचा के अलावा बालों की देखभाल के लिए भी विजयसार कारगर माना गया है। एक शोध के मुताबिक, विजयसार बालों को मजबूत बनाने का काम करता है। साथ ही यह बालों के विकास को भी बढ़ावा देता है। वही, एक अन्य शोध के मुताबिक विजयसार के छाल का सेवन बालों के सफेद होने की समस्या से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित होता है।
विजयसार के उपयोग-
- विजयसार के फल को सीधे तौर पर सेवन किया जाता है।
- इसके पत्तों का इस्तेमाल काढ़े के रूप में किया जाता है।
- विजयसार के लकड़ी या पत्तों को सुखाकर चूर्ण के रूप में सेवन किया जाता है।
- इसके गोंद का भी सेवन किया जाता है।
- विजयसार पत्तियों को पीसकर घाव पर लेप किया जाता है।
विजयसार के नुकसान-
- विजयसार में टैनिन की उच्च मात्रा पाई जाती हैं। इसलिए इसके अधिक सेवन से मतली, उलटी, पेट में जलन आदि समस्याएं हो सकती हैं।
- कब्ज की समस्या में इसके सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि इसमें कसैले गुण मौजूद है,जो शरीर को नुकसान पहुंचा सकते है।
- इसमें गर्भपात कराने की भी क्षमता होती है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान इसके सेवन से बचें।