Cart
My Cart

Use Code VEDOFFER20 & Get 20% OFF 5% OFF ON PREPAID ORDERS

Use Code VEDOFFER20 & Get 20% OFF.
5% OFF ON PREPAID ORDERS

No Extra Charges on Shipping & COD

ब्रोंकाइटिस के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

ब्रोंकाइटिस के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

2022-05-24 12:00:39

सर्दी-जुकाम, खांसी आना, सिरदर्द होना आमतौर पर कोई बड़ी समस्या नहीं है। लेकिन इन छोटी-मोटी समस्याओं को नजरअंदाज कर देना गंभीर बीमारी का संकेत हो सकती है। इसमें से एक ब्रोंकाइटिस भी है,जो एक गंभीर समस्या की श्रेणी में आता है। ब्रोंकाइटिस की समस्या कई कारणों से होती है जैसे- श्वासनली (ब्रोन्कियल ब्रोन्कियल) में संक्रमण, प्रदूषण, एलर्जी, सर्दी लगना और बैक्टीरिया संक्रमण आदि।

 

ब्रोंकाइटिस या श्वसनीशोथ क्या है?

ब्रोंकाइटिस श्वसन संबंधी बीमारी है। इस स्थिति में श्वासनली (ब्रोन्कियल ब्रोन्कियल) में सूजन हो जाती है। दरअसल ब्रोन्कियल ट्यूब फेफड़ों तक हवा पहुंचाने का काम करती है। जब किसी व्यक्ति को सर्दी-जुकाम या एलर्जी होता है तो श्वासनली (ब्रोन्कियल ट्यूब) में सूजन आ जाती हैं। साथ ही बलगम की समस्या भी बढ़ जाती है। इस स्थिति को ब्रोंकाइटिस कहा जाता है। यह सूजन किसी संक्रमण के कारण होती है। जो आम सर्दी-जुकाम के रूप में शुरू होता है। उसके बाद एक बैक्टीरियल, वायरल एवं फंगल इंफेक्शन के रूप में पूरी तरह से विकसित हो जाता है। जिससे व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी, घरघराहट, सीने में दर्द, बेचैनी, हल्का बुखार जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

 

ब्रोंकाइटिस के प्रकार-

श्वसनीशोथ यानी ब्रोंकाइटिस को संक्रमण के आधार पर वर्गीकृत किया गया है, जो निम्नलिखित हैं:

तीव्र या एलर्जिक ब्रोंकाइटिस (Acute Bronchitis)-

ब्रोंकाइटिस का यह सबसे आम प्रकार है। आमतौर पर  यह संक्रमण वायरस या बैक्टीरिया की वजह से होता और एलर्जी का कारण बनता है। जो कुछ दिनों में ठीक हो जाता है। लेकिन इस समस्या से ग्रसित व्यक्ति को संक्रमण दूर होने के बाद भी कुछ दिनों तक खांसी की समस्या रह सकती है।

 

दीर्घकालीन या क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस (Chronic Bronchitis)-

ब्रोंकाइटिस का यह प्रकार लंबे समय तक रहता है। आमतौर पर यह क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव डिजीज (COPD) यानी फेफड़ों से संबंधित समस्या है। जिसके कारण व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है। जिससे श्वास नली में अधिक मात्रा में बलगम इकठ्ठा हो जाता है। यह समस्या अधिकांश रूप से धूम्रपान करने वाले लोगों में देखने को मिलता है।

 

ब्रोंकाइटिस के लक्षण-

ब्रोंकाइटिस होने के खांसी एवं बलगम के अलावा और अन्य लक्षण भी होते हैं। प्रकार के आधार पर इसके लक्षण में भिन्नता पाई जाती हैं। जो निम्नलिखित हैं:

 

तीव्र या एलर्जिक ब्रोंकाइटिस के लक्षण-
  • बार-बार खांसी आना।
  • सीने में दर्द या बेचैनी होना।
  • सांस लेने में कठिनाई महसूस करना।
  • थकान या कमजोरी महसूस करना।
  • हल्का बुखार होना।
  • गले में खराश होना।
  • नाक में जमावट या नाक बहना।
  • सामन्यतः इससे पीड़ित व्यक्ति को खांसी एक महीने तक रहती है।

 

दीर्घकालीन या क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस के लक्षण-
  • तेज खांसी और खांसी के साथ बलगम आना।
  • सांस लेते समय घरघराहट (सीटी जैसी ध्वनि) की आवाज आना।
  • सांस लेने में अधिक कठिनाई महसूस करना।
  • सिर दर्द होना।
  • सीने में अधिक दर्द और बेचैनी होना।
  • छाती में जकड़न महसूस करना।
  • कभी-कभी खासते वक्त बलगम में खून आना।
  • अधिक कमजोरी या थकान महसूस करना।
  • बार-बार श्वसन संक्रमण होना या लक्षणों का बिगड़ना।

 

ब्रोंकाइटिस के कारण-
तीव्र या एलर्जिक ब्रोंकाइटिस के कारण-
  • ब्रोंकाइटिस का यह प्रकार उस बैक्टीरिया या वायरस की वजह से होता है। जो सर्दी-जुकाम एवं फ्लू का कारण बनते हैं।
  • यह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर इसकी फैलने की संभावना अधिक होती है।
  • तंबाकू या धूम्रपान का सेवन भी इसका मुख्य वजह है।

 

दीर्घकालीन या क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस के कारण-

दीर्घकालीन या क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस होने के पीछे कई कारण होते हैं। लेकिन इसका मुख्य कारण सिगरेट का धुंआ है। दरअसल अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम (सीडीसी) के द्वारा जारी किए गए आकड़ों के मुताबिक,लगभग 49%धूम्रपान करने वाले लोगों को क्रॉनिक ब्रोन्काइटिस होता है और 24%  लोगों को सीओपीडी (COPD) होता है। इसके अलावा क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस के अन्य कारण भी होते हैं ,जो निम्न हैं :

  • फैक्ट्री एवं चिमनियों के धुएं के संपर्क में आने पर।
  • रासायनिक पदार्थों एवं धूल-मिट्टी के संपर्क में आने पर।
  • अल्फा-1एंटीट्रीप्सिन (AAT-एक प्रकार का प्रोटीन) की कमी होने पर।
  • माइकोप्लाज्मा निमोने, क्लैमाइडिया निमोनिया एवं बोर्डेटेला पेरटसिस (जो काली खांसी का कारण बनता है) जैसे बैक्टीरिया के संक्रमण होने पर।

 

ब्रोंकाइटिस से बचने के उपाय-
  • तंबाकू एवं धूम्रपान का सेवन न करें।
  • अच्छे से आराम करें।
  • उबले पानी का सेवन करें।
  • तरल पदार्थों का अधिक सेवन करें।
  • धूल-मिट्टी एवं प्रदूषित जगहों पर जाने से बचें।
  • भोजन करने से पूर्व हाथों को अच्छी तरह से धोएं।
  • छींकने, खांसने के बाद या शौचालय से आने के बाद हाथों को अच्छी तरह से धोएं।
  • संक्रमित लोगों से दूर रहें।
  • अपने भोजन में कच्चे प्याज को शामिल करें। क्योंकि इसमें सूजनरोधी गुण पाया जाता है।
  • अपने आहार में मौसमी फल, हरी पत्तेदार साग-सब्जियों एवं सलाद का सेवन करें।

 

ब्रोंकाइटिस के घरेलू उपचार-
हल्दी है फायदेमंद-

हल्दी में एंटी इंफ्लेमेंटरी यानी सूजनरोधी गुण पाए जाते हैं। जो ब्रोंकाइटिस एवं बलगम की समस्या से छुटकारा दिलाने का काम करता है। इसके लिए एक गिलास दूध में एक चौथाई चम्मच हल्दी डालकर उबालें। अब इस मिश्रण को सुबह और रात को सोने से पहले पिएं। ऐसा करने से बलगम और ब्रोंकाइटिस में आराम मिलता है।

 

नमकयुक्त पानी से गरारे-

ब्रोंकाइटिस के लक्षणों को कम करने के लिए लिए दिन में 3 से 4 बार नमक के पानी से गरारे करें। इसके लिए 1 कप गर्म पानी में ½ चम्मच नमक मिलाकर पानी को गर्म करें। उसके बाद इस मिश्रण  गरारे करें। इसके अलावा एक कप गर्म पानी में थोड़ा अदरक, दालचीनी और दो से तीन लौंग पीसकर मिला लें। अब इस मिश्रण को दिन में एक बार पिएं। इससे भी ब्रोंकाइटिस के लक्षणों से आराम मिलता है।

 

अदरक-

अदरक में एंटीबैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेंटरी गुण पाया जाता है। जो सूजन और दर्द को दूर करता है। इसलिए किसी भी रूप में अदरक का इस्तेमाल करना ब्रोंकाइटिस के लिए फायदेमंद होता है।

शहद युक्त हर्बल चाय-

ब्रोंकाइटिस होने पर शहद युक्त मिश्रित चाय घरेलू उपचारों में से एक है। क्योंकि यह कफ की परेशानी को कम करने में मदद करती है। इसलिए बलगम और खांसी होने पर यह चाय (शहद युक्त मिश्रित चाय) कारगर साबित होती है।

 

नीलगिरी तेल है फायदेमंद-

ब्रोंकाइटिस के लक्षणों को कम करने के लिए नीलगिरी का तेल अच्छा उपाय माना जाता है। इसके लिए गर्म पानी में नीलगिरी तेल की कुछ बूंदो को मिलाकर इससे भाप लें। साथ ही भाप लेते समय अपने सिर को तौलिये से ढक लें। ऐसा करने से बलगम निकलने में आसानी होती है। इसके अतिरिक्त नीलगिरी तेल से छाती पर मालिश करने से बलगम निकलता है और श्वसन प्रणाली में किसी भी तरह की रूकावट नहीं आती।

 

तिल बीज का मिश्रण-

ब्रोंकाइटिस से राहत पाने के लिए एक चम्मच तिल के बीज,अलसी के बीज और एक चम्मच शहद और एक चुटकी नमक को मिलाकर गर्म पानी के साथ सेवन करें। ऐसा रात को सोने से पहले करें। इससे बलगम निकलने में आसानी होती है। साथ ही ब्रोंकाइटिस से छुटकारा मिलता है।

You Should Check This Out

Tulsi Drops (pack of 2)

4.9
|
360 Reviews
₹998 ₹499 50% OFF
Upcoming Upcoming Cough Tablet 500mg

Disclaimer

The informative content furnished in the blog section is not intended and should never be considered a substitution for medical advice, diagnosis, or treatment of any health concern. This blog does not guarantee that the remedies listed will treat the medical condition or act as an alternative to professional health care advice. We do not recommend using the remedies listed in these blogs as second opinions or specific treatments. If a person has any concerns related to their health, they should consult with their health care provider or seek other professional medical treatment immediately. Do not disregard professional medical advice or delay in seeking it based on the content of this blog.


Share: