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मुंह में जलन होने के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

मुंह में जलन होने के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

2022-05-24 13:52:38

बिना किसी वजह के बार-बार मुंह में होने वाली जलन को चिकित्सकीय भाषा में मुंह में जलन की समस्या कहा जाता है। मुंह में जलन का दूसरा नाम “बर्निंग माउथ सिंड्रोम” है। मुंह में जलन की समस्या पैदा होने पर जीभ, मसूड़ो, होंठों, गालों के अंदर, मुंह के ऊपरी हिस्से और पूरे मुंह में परेशानी होती है। मुंह में जलन होने की समस्या अचानक उभरती है। जो कुछ समय के बाद गंभीर भी हो सकती है। अमूमन, मुंह कीजलन का पता नहीं लगाया जा सकता है। जिसके कारण इस समस्या का इलाज करना भी थोड़ा मुश्किल हो जाता है। लेकिन इससे बचाव संभव है।

 

मुंह की जलन (बर्निंग माउथ सिंड्रोम) के कारण?

मुंह में जलन होने के निम्नलिखित कारण होते हैं। जिन्हें दो हिस्सों में बांटकर समझा जा सकता है।

 

प्राथमिक-

मुंह में जलन के प्राथमिक कारण में जब चिकित्सकीय या लैब जांच में किसी वजह का पता नहीं चलता तो उसे प्राइमरी या "ईडीओपैथिक" (अज्ञात कारण से एकदम से होने वाली बीमारी) मुंह में जलन की समस्या कहा जाता है। कुछ अध्ययनों के मुताबिक मुंह में जलन होने की समस्या स्वाद और दिमाग या रीढ़ की हड्डी (Peripheral or Central Nervous System) की संवेदी नसों की समस्या से भी संबंधित होती है।

 

द्वितीयक-

मुंह में जलन के द्वितीयक कारण- मुंह में जलन अन्य समस्याओं की वजह से होती है। ऐसे में इसे "सेकेंडरी" मुंह में जलन कहा जाता है। उदाहरणके तौर पर, यह पोषण की कमी की वजह से हो सकती है। जिसमें शरीर में आयरन, जिंक, विटामिन बी-9, विटामिन बी1, विटामिन बी2, विटामिन बी6 या विटामिन बी12 की कमी जैसे कारण शामिल हैं।

 

मुंह कीजलन (बर्निंग माउथ सिंड्रोम) के अन्य कारण-

  • हार्मोन में परिवर्तन।
  • तनाव, चिंता या अवसाद।
  • प्रतिरक्षा-तंत्र की समस्याएं।
  • स्वाद या दर्द को नियंत्रित करने वाली तंत्रिकाओं का क्षतिग्रस्त होना।
  • कुछ प्रकार के दंतमंजनों या माउथवॉशों के प्रति अभिक्रिया।
  • खराब ढंग से फिट किए गए नकली दांत या दांतों के निर्माण में प्रयुक्त सामग्रियों से एलर्जी होना।

मुंह कीजलन के (बर्निंग माउथ सिंड्रोम) लक्षण -

  • मुंह में जलन की समस्या होने पर सामान्य रूप से जीभ में जलन महसूस होती है। जोकई बार होठों, मसूड़ो, तालु, गले या पूरे मुंह में भी महसूस होती है।
  • मुंह का सूखना।
  • मुंह का लाल होना।
  • होठों में छाले दिखना।
  • मुंह में छाले होना।
  • मुंह पर साइड में सफेदी दिखना।
  • कुछ भी मुंह में डालने पर जलन होना।
  • खाना खाते समय चुभन होना।
  • खाने का स्वाद न आना।

मुंह में जलन (बर्निंग माउथ सिंड्रोम) की समस्या किनके लिए है जोखिम-

मुंह में जलन आम समस्या नहीं है लेकिन निम्नलिखित लोगों को इससे जोखिम का खतरा हो सकता है।

 
  • ऐसी महिलाएं जिनका मेनोपॉज आ चुका है।
  • दांतों का पहले कोई इलाज हुआ हो।
  • किसी खाद्य पदार्थ से एलर्जी हो।
  • श्वास नली के उपरी हिस्से में संक्रमण हो।
  • जीवन में ऐसी कोई घटना हुई हो जिससे व्यक्ति को सदमा लगा हो।

मुंह में छालों (बर्निंग माउथ सिंड्रोम) का इलाज एवं जांच-

एलर्जी टेस्ट -

एलर्जी टेस्ट इसलिए किया जाता है ताकि यह पता चल सके कि कहीं रोगी को यह समस्या किसी खाद्य पदार्थ या नकली दांतों से हुई एलर्जी तो नहीं है।

 

खून की जांच -

खून की जांच से रक्त के विभिन्न अवयवों के स्तर, ग्लूकोज के स्तर, थाइरॉयड, पोषण सम्बन्धी कारकों और रोग-प्रतिरक्षा प्रणाली की स्थिति के बारे में पता चलता है। इन सबसे मुंह की समस्या के कारणों का अंदाजा लगाया जाता है।

 

लार की जांच-

मुंह जलने की परेशानी होने पर मुंह सूखता है। इसलिए लार की जांच से पता चलता है कि मुंह में लार बनना तो कम नहीं हुआ है।

 

बायोप्सी -

इसमें मुंह की त्वचा निकालकर जांच करने से पता चल सकता है कि रोगी को फंगल, बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण तो नहीं है।

 

"गैस्ट्रिक रिफ्लक्स" की जांच -

इस जांच से यह पता चलता है कि रोगी के पेट का एसिड ग्रासनली में तो नहीं आ रहा अर्थात उसे गर्ड (GERD) तो नहीं है।

 

मनोदशा की जांच -

कुछ प्रश्नावलियां दी जाती हैं ताकि रोगी के जवाब से पता लगाया जा सके कि कहीं उसको अवसाद (डिप्रेशन), चिंता या कोई अन्य मानसिक परेशानी तो नहीं है।

 

मुंह में जलन (बर्निंग माउथ सिंड्रोम) से बचाव के उपाय-

पोषक तत्त्वों की कमी को पूरा करें-

चिकित्सकोंके अनुसार यह सिंड्रोम ज्यादातर लोगों को शरीर में पोषक तत्त्वों की कमी जैसे विटामिन बी6, बी12, बी1 आदि की कमी की वजह से होता है। साथ ही जिन लोगों में आयरन की कमी होती है, उनमें भी मुंह में जलन होने की समस्या होती है। ऐसे में उनखाद्य पदार्थ खाएं जिनसे यह कमी पूरी हो सके।इन खाद्य पदार्थों में दही, दूध, सोया, चीज़, पिस्ता, बीन्स आदि शामिल हैं। इसके अलावा कुछ मल्टीविटामिन सप्लीमेंट खाना भी इस परेशानी में फायदेमंद होता है।

 

तंबाकू को न कहें-

तंबाकू के उत्पादों का सेवन करने से मुंह अंदर से छिल जाता है। जिस वजह से कुछ भी खाने पर मुंह में जलन होती है। जो लोग लंबे समय से तंबाकू औरपान मसाला आदि का सेवन कर रहे हैं। उनमें यह परेशानी और गंभीर हो जाती है। क्योंकि लंबे समय तक तंबाकू खाने से मुंह में घाव हो जाते हैं। जिस वजह से मुंह में जलन ज़्यादा होती है। इसलिए तंबाकू की लत छोड़कर इस परेशानी से बचा जा सकता है।

 

संतुलित डाइट लें-

डाइट में विटामिन बी कॉम्लेक्स और आयरन को शामिल करके डाइट को संतुलित बनाएं। इससेमुंह में जलनहोने वाली परेशानी से निजात मिलती है। क्योंकि हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने से तनाव जैसीदिक्कतेनहीं होती। जो मुंह में जलन का एक अहम कारण होता है। इस प्रकार हेल्दी लाइफस्टाइल अपनानेतनाव दूर होता हैऔर मुंह कीजलन से निजात मिलती है।

 

अधिक पानी पिएं-

जितना ज़्यादा हो पानी पिएं।इससे संक्रमण होने का खतरा दूर होता है। इसके अलावा पानी पीने सेपेट की गर्मी दूर होती है और लार भी अधिक बनती है। लार अधिक बनने पर मुंह नहीं सूखता और मुंह में जलन की समस्या काम होती है। अतः मुंह में जलन होने की समस्या सेराहत मिलती है।

 

एल्कोहल के सेवन से बचें-

शराब का सेवन करने से शरीर में गर्मी उत्पन्न होती है।  जिस कारण मुंह में जलन की समस्या और अधिक बढ़ सकती है। इसलिए मुंह में जलन होने पर एल्कोहल का सेवन न करना फायदेमंद होता है।

 

तनाव में न रहें-

चिंता, तनाव और अवसाद भी मुंह में जलन की समस्या का एक मुख्य कारण है। इसलिए इससे बचने के लिए तनाव और चिंता को खुद से दूर रखें।

 

मिर्च मसालों से बचें-

ऐसा खाना जिसमें ज्यादा मसाला हो उससे बचें। क्योंकिऐसा खाना भी मुंह में जलन का कारण बनता है। चूंकि बर्निंग माउथ सिंड्रोम एक दर्द भरा डिसऑर्डर है। इसमें कुछ भी खाने पर मुंह में तेज जलन होती है। इसलिएइसके लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करना चाहिए।

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