Cart
My Cart

Use Code VEDOFFER20 & Get 20% OFF. 5% OFF ON PREPAID ORDERS

Use Code VEDOFFER20 & Get 20% OFF.
5% OFF ON PREPAID ORDERS

No Extra Charges on Shipping & COD

नाक बहने के कारण, लक्षण एवं घरेलू निदान

नाक बहने के कारण, लक्षण एवं घरेलू निदान

2022-03-17 12:19:49

अचानक मौसम में बदलाव होने से कई शारीरिक समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। जिसमें सर्दी-जुकाम, फ्लू, नाक बहना आदि शामिल हैं। नाक बहना एक आम समस्या है लेकिन इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता इस समस्या से ग्रसित लोगों को साइनस यानी वायुमार्गों में बलगम की मात्रा बढ़ जाती है। जिसका मुख्य कारण जुकाम या फ्लू के वायरस, बैक्टीरिया या एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थों का शरीर में प्रवेश करना होता है।

बहती नाक की समस्या को मेडिकल भाषा में राइनोरिया या राइनाइटिस के नाम से जाना जाता है। यह एक ऐसी समस्या है, जिसमें नाक से बलगम (तरल पदार्थ) निकलने लगता है। यह तरल पदार्थ पतला या गाढ़ा दोनों रूप में हो सकता है। कभी-कभी यह बलगम गले के अंदर चली जाती है तो यह गले में खराश, दर्द, जलन एवं खांसी का कारण बनती है। सामान्यतः नाक बहने की समस्या स्वतःदो से तीन दिन में ठीक हो जाते हैं। इसके अलावा इसको कुछ घरेलू नुस्खों की मदद से ठीक किया जा सकता है। लेकिन बार-बार नाक बहना शरीर की अंदरूनी समस्याओं का संकेत देता है। इसलिए इसे नजरअंदाज किए बिना डॉक्टर से तुरंत संपर्क करनी चाहिए।

 

नाक बहने के लक्षण-

नाक बहने के साथ-साथ कुछ अन्य लक्षण भी दिखाई देते हैं, जो निम्नलिखित है:

  • बुखार आना।
  • ठंड लगना।
  • नाक से निकलने वाले बलगम का रंग पीला या बदबूदार होना।
  • सांस लेने में तकलीफ महसूस करना।
  • सीने में जकड़न या दर्द होना
  • आखों के नीचे या गालों के आस-पास सूजन दिखाई देना।
  • टॉन्सिल की समस्या होना।
  • गले में खराश या दर्द होना।

 

नाक बहने के कारण-

नाक बहने के कुछ सामान्य कारण निम्नलिखित है :

सर्दी-जुकाम या फ्लू-

सर्दी-जुकाम या फ्लू द्वारा नाक बहना आम लक्षण है। जो आम रूप से में देखने को मिलता है। इसके जरिए शरीर में जमा बलगम बाहर आता है। जिससे पतला और स्पष्ट बहाव होने लगता है। लेकिन कुछ परिस्थितियों में बलगम नाक के माध्यम से बाहर आने के बजाय बलगम गले में जाने लगता है। यह बलगम गाढ़ा होता है।

एलर्जी-

एलर्जी की वजह से भी व्यक्ति को नाक बहने की समस्या होने लगती है।  ऐसा घरेलू पशुओं या जानवरों के संपर्क में आने से होता है। जिसके माध्यम से हानिकारक बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। जिससे व्यक्ति को एलर्जी महसूस होती है और नाक बहना शुरू हो जाती है।

साइनसाइटिस-

साइनस ऊतक यानी श्लेष्मा झिल्ली में सूजन होने लगती है। इस स्थिति को साइनसाइटिस कहा जाता है। यह सूजन किसी संक्रमण के कारण होती है। इससे नाक के वायुमार्ग संकुचित होने लगते हैं। जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है और बलगम बनने लगते हैं। आमतौर पर साइनसाइटिस की वजह से बनाने वाला बलगम गाढ़ा होता है। जिसमें पीले एवं हरे रंग के धब्बें भी दिखाई देते हैं।

 

नाक बहने के अन्य संभावित कारक-
  • वायरस, फंगस एवं बैक्टीरिया संक्रमण का होना।
  • प्रदूषित वातावरण का होना।
  • रासायनिक धुआं एवं धूल के संपर्क में आना।
  • नाक की हड्डी का नुकीले आकार  का बढ़ना।
  • सिर में दर्द होना।
  • दवाइयों के दुष्प्रभाव होना।
  • ठंड का मौसम या अचानक तापमान में बदलाव।
  • सूखी हवा।
  • शरीर में हार्मोनल बदलाव होना।
  • नाक में चोट लगना।
  • तंबाकू, धूम्रपान, शराब एवं नशीली दवाओं का सेवन करना।
  • अधिक मसालेदार भोजन का सेवन करना।
  • वायुमार्ग में ट्यूमर (कैंसर) होना।
  • अस्थमा, ब्रोंकाइटिस से ग्रसित होना।

 

नाक बहने से बचाव-
  • भोजन करने से पूर्व हाथों को अच्छी तरह से धोएं।
  • छींकने, खांसने या नाक साफ करने के बाद हाथों को अच्छी से सफाई करें।
  • नाक बहने के दौरान टिस्यू पेपर या रुमाल का इस्तेमाल करें।
  • संक्रमित एवं प्रदूषित वातावरण में जाने से बचें।
  • अपने आहार में विटामिन-सी युक्त आहार को शामिल करें।
  • गुनगुना पानी पिएं।
  • नमक युक्त गर्म पानी का सेवन या इससे गरारे करें।   

 

बहती नाक के घरेलू उपाय-
पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल-

नाक बहने पर पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल का उपयोग अरोमा थेरेपी के रूप में करना लाभदायक होता है। दरअसल इसमें मेंथाल पाया जाता है, जो सांस लेने की क्षमता में सुधार एवं बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद करता है। इसके लिए पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल की 2 से 3 बूंदों को डिफ्यूजर में डालकर इसकी खुशबू को सूंघें। ऐसा करने से बलगम पतला हो जाता है और उसे शरीर से निकालने में आसानी होती है। साथ ही यह साइनस के कारण होने वाले सूजन से राहत दिलाती है। इसके अलावा इसकी कुछ बूंदों को हाथों में लेकर नाक और सिर की हल्के हाथों से मसाज करने से भी लाभ मिलता है।

 

चेहरे की भाप लें-

बहती नाक में चेहरे की भाप लेना कारगर उपाय है। इसके लिए एक चम्मच नमक को गरम पानी में डालें। अब तौलिए से सिर को ढ़ककर भाप लें। ऐसा दिन में 3 से 4 बार करने से नाक बहने की समस्या से छुटकारा  मिलता है।

 

टी एवं हर्बल टी-

 शहद युक्त चाय या हर्बल टी नाक बहने की रोकथाम के लिए अच्छे घरेलू उपचारों में से एक है। क्योंकि यह एलर्जी एवं साइनस के लक्षणों को कम करने में मदद करती है। इसलिए नाक बहने पर यह चाय कारगर साबित होती है।

 

टी ट्री ऑयल-

टी ट्री ऑयल में एंटीसेप्टिक, एंटी माइक्रोबियल एवं एंटी इंफ्लेमेंटरी गुण पाए जाते हैं। जो एलर्जी की वजह से नाक बहने की समस्या एवं सिर दर्द को दूर करता है। इसके लिए टी ट्री ऑयल की 4 से 5 बूंदों को गरम पानी में डालकर भाप लें। ऐसा दिन में दो से तीन बार करने से राहत मिलती है।

 

लाल मिर्च-

लाल मिर्च एंटीहिस्टामाइन के गुण को प्रदर्शित करता है। जो शरीर से बलगम को निकालने एवं एलर्जी के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं। जिससे शरीर से विषाक्त पदार्थ आसानी से निकल जाता है। ऐसा करने से शरीर में रक्त परिसंचरण बढ़ता है। परिणामस्वरूप शरीर गर्म होता है और नाक बहने की समस्या दूर हो जाती है। इसलिए इससे निजात पाने के लिए अपने भोजन में लाल मिर्च का प्रयोग जरुर करें।

 

लहसुन-

 लहसुन में एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं। जो नाक बहने के लक्षणों को दूर करने में मदद करते हैं। इसके लिए लहसुन की 2 से 3 कलियों को अपने दातों के बीच रखकर इसका रस चूसने से फायदा होता है। इसके अलावा लहसुन की 4 से 5 कलियों को पीसकर गर्म पानी में डालकर सूप बना लें। हल्का गुनगुना होने पर इस सूप को पिएं। इससे नाक बहने की समस्या से आराम मिलता है।

 

नीलगिरी का तेल-

नीलगिरी तेल में मौजूद एंटीवायरल और एंटी माइक्रोबियल गुण सर्दी के लक्षणों को ठीक करता है। इससे छुटकारा पाने के लिए नीलगिरी तेल की कुछ बूंदों को रुमाल में लेकर सूंघें। ऐसा करने से सर्दी और नाक बहने की समस्या में काफी आराम मिलता है। 

 

शहद और नींबू है फायदेमंद-

शहद और नींबू का सेवन एलर्जी एवं नाक बहने की समस्या के लिए औषधि की तरह काम करता है। क्योंकि शहद में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल गुण और नींबू में मौजूद विटामिन सी कीटाणुओं को नष्ट करने में सहायक होते हैं। साथ ही शरीर से बलगम को आसानी से बाहर निकालते हैं। इसके अलावा शहद नाक के नलिका की सूजन को भी दूर करता है। इसके लिए शहद और नींबू के रस को गुनगुने पानी में मिलाकर पिएं।

 

हल्दी और अजवाइन-

नाक बहने की समस्या में हल्दी एवं अजवाइन प्रभावी होती है। इसके लिए दस ग्राम हल्दी एव अजवाइन को एक कप पानी में डालकर पकाएं। जब पानी जलकर आधा रह जाए तो उसमें थोड़ा गुड़ मिलाकर सेवन करें। ऐसा करने से नाक से पानी बहना कम हो जाता है।

 

मेथी दाना-

बहती नाक के इलाज में मेथी दाना भी कारगर होती है। इसके लिए मेथी के दानें को पानी में उबालें। उसके बाद उस मिश्रण को छानकर चाय की तरह दिन में दो से तीन बार पिएं। ऐसा नियमित रूप से करने पर इस समस्या से छुटकारा मिलती है।

 

काली मिर्च-

काली मिर्च के चूर्ण को शहद के साथ चाटने से सर्दी एवं जुकाम में आराम मिलता है। साथ ही नाक से पानी बहना कम होता है। इसके अलावा आधा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण और एक चम्मच मिश्री को एक गिलास गर्म दूध में मिलाकर पीने से लाभ होता है।

You Should Check This Out

Nasal Oil 10ml

4.8
|
151 Reviews
₹399 ₹229 43% OFF

Tulsi Drops (pack of 2)

4.9
|
292 Reviews
₹998 ₹499 50% OFF

Disclaimer

The informative content furnished in the blog section is not intended and should never be considered a substitution for medical advice, diagnosis, or treatment of any health concern. This blog does not guarantee that the remedies listed will treat the medical condition or act as an alternative to professional health care advice. We do not recommend using the remedies listed in these blogs as second opinions or specific treatments. If a person has any concerns related to their health, they should consult with their health care provider or seek other professional medical treatment immediately. Do not disregard professional medical advice or delay in seeking it based on the content of this blog.


Share: