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हैजा के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय

हैजा के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय

2022-05-24 12:25:50

हैजा एक प्रकार का मौसमी विकार है। इसका ज्यादातर प्रकोप बरसात के मौसम में देखने को मिलता है। जिसका अहम कारण गंदगी है। हैजा बैक्टीरिया से होने वाला एक रोग है, जो दूषित भोजन खाने  से होता है। यह समस्या छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक देखने को मिलती है। हैजा होने पर लोगों को दस्त एवं उल्टी की शिकायत होने लगती है। जिसकी वजह से शरीर में पानी की कमी (निर्जलीकरण) और शारीरिक कमजोरी होने लगती है। इसलिए समय रहते इसका इलाज न कराने पर यह जानलेवा साबित हो सकती है। 

हैजा पाचन तंत्र संबंधित रोग है। जिसमे मरीज को पतला दस्त के साथ उल्टियां शुरु हो जाती हैं। आमतौर पर यह दस्त 2 से 3 दिन तक रहते हैं। कुछ मामलो में मरीज जल्दी भी ठीक हो जाते हैं।ते। हैजा मुख्य रूप से जीवाणु के संक्रमण के कारण होता है। यह बैक्टीरिया वायरस एवं पेरसाइट्स की वजह से भी हो सकता है।

हैजा के लक्षण-

हैजा होने के कई लक्षण होते हैं। लेकिन इनके कारणों के आधार पर इसमें एक या इससे अधिक लक्षण देखने को मिल सकते हैं।

  • दस्त यानी लूज मोशन होना।
  • बार-बार उल्टी होना।
  • शरीर में पानी की कमी (निर्जलीकरण) होना।
  • पेट में मरोड़ बनना ।
  • ह्रदय की गति तेज होना।
  • बार-बार मुंह सूख जाना।
  • अधिक प्यास लगना।
  • ब्लड प्रेशर लो होना।
  • बेचैनी या चिड़चिड़ापन होना।
  • मांसपेशियों में ऐंठन होना। 
  • सुस्ती महसूस करना। 
  • अधिक नींद आना।
  • धंसी हुई आंखें आदि।

हैजा रोग होने के कारण-

हैजा रोग का मुख्य कारण गंदगी यानी दूषित भोजन और पानी का अंतर्ग्रहण होता है। जिसके माध्यम से शरीर में विब्रियो कोलेरा नामक हानिकारक बैक्टेरिया प्रवेश कर जाते हैं। यह हानिकारक जीवाणु  दस्त, उल्टी और कई पेट संबंधी समस्याओं का कारण बनते हैं। इसके अलावा हैजा होने के अन्य कारण भी हो सकते हैं। जोकि निम्नलिखित हैं:

  • पेट में संक्रमण फैलने पर।
  • शरीर में पानी की कमी (निर्जलीकरण) होने पर।
  • अशुद्ध पानी पीने पर।
  • अशुद्ध पानी से बने बर्फ का सेवन करने पर।
  • बांसी या खुले खोजन का सेवन करने पर।
  • अपशिष्ट  युक्त पानी से उगाई गई सब्जियां खाने पर।
  • प्रदूषित जल या खारे जल में पाई जाने वाली मछलियां का सेवन करने पर।
  • व्यक्ति की पाचन शक्ति कमजोर होने पर।
  • स्विमिंग करते वक्त दूषित पानी पेट में चले जाने पर।
  • ज्यादा गर्म या नमी वाले मौसम में रहने पर।
  • अधपका और कच्चा  मीट खाने पर।

हैजा से बचाव के उपाय-

  • साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
  • हैजा से ग्रस्त जगहों पर जाने से पहले इसका वैक्सीनेशन करवाएं।
  • जल भराव या एक जगह ठहरे हुए पानी वाले स्थानों पर न जाएं। 
  • शौचालय से आने के बाद हाथों को अच्छी तरह से धोएं।
  •  उबले हुए पानी का इस्तेमाल करें।
  • खाना खाने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोएं।
  • प्रचुर मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें।
  • प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
  • अपने खान-पान के प्रति विशेष ध्यान दें।
  • पूरी तरह से पका हुआ और गर्म भोजन करें।
  • बिना उबलें हुए दूध और इससे बने उत्पादों से बचें।
  • तले-भुने और जंक फूड के सेवन से बचें।
  • भोजन को सही तरीके से ढ़ककर रखें।
  • फलों या सब्जियों को अच्छी तरह से साफ करके उपयोग में लाएं।

हैजा के घरेलू उपचार-

  •  शुरूआती स्तर के हैजा को खानपान के बदलाव से ही ठीक किया जा सकता है।
  • हैजा यानी कॉलरा जैसी समस्या में चावल और मूंग दाल का पानी पीने की सलाह दी जाती है।
  • शरीर में पानी की कमी (निर्जलीकरण) से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी एवं तरल पदार्थों जैसे नारियल पानी, नींबू पानी और ओआरएस  घोल आदि का सेवन करें।
  • हैजा से राहत पाने के लिए पुदीना कारगर साबित होता है। क्योंकि इसमें पाए जाने वाले एंटीबैक्टीरियल गुण हैजा के घरेलू इलाज में मददगार साबित होते हैं। इसके लिए पुदीने के रस या इसकी चाय बेहतर विकल्प है।
  • शहद को गुनगुने पानी के साथ लेने पर लूज मोशन एवं हैजा की समस्या में आराम मिलता है। इसके अतिरिक्त शहद के साथ ओट्स, कॉर्न फ्लैक्स, हर्बल टी आदि का सेवन कर सकते हैं।
  • हैजा के लिए दही या छाछ एक प्रभावी इलाज है। क्योंकि दही हेल्दी बैक्टीरिया से भरपूर होती है। इसलिए यह पाचन क्रिया में सुधार करने के अलावा विब्रियो कोलेरा नामक हानिकारक बैक्टीरिया का खात्मा करती है। जिससे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
  • लहसुन में मौजूद गुण हैजा जैसी बीमारी को रोकने में कारगर साबित होते हैं। इसके लिए लहसुन का उबला पानी पीने से लाभ मिलता है।
  • सेब का सिरका हैजा या लूज मोशन को रोकने में सहायक होता है। क्योकि इसमें प्राकृतिक एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं।
  • मेथी और जीरा को सामान मात्रा में मिलाकर तवे पर भून लें। अब इस मिश्रण को चूर्ण बनाकर प्रतिदिन आधा चम्मच गुनगुने पानी के साथ लें। ऐसा करने से दस्त या हैजा सम्बंधित समस्या में आराम मिलता है  
  • तुलसी के पत्ते स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। साथ ही इसकी पत्तियां हैजा के इलाज में भी औषधि का काम करती है। इसके लिए तुलसी, नीम का पत्ता, कपूर एवं हींग को पीसकर इसी गोली बनाकर सूखा लें। इस गोली को सुबह-शाम सेवन करने से हैजा में लाभ मिलता है।

Disclaimer

The informative content furnished in the blog section is not intended and should never be considered a substitution for medical advice, diagnosis, or treatment of any health concern. This blog does not guarantee that the remedies listed will treat the medical condition or act as an alternative to professional health care advice. We do not recommend using the remedies listed in these blogs as second opinions or specific treatments. If a person has any concerns related to their health, they should consult with their health care provider or seek other professional medical treatment immediately. Do not disregard professional medical advice or delay in seeking it based on the content of this blog.


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