Cart
My Cart

Use Code VEDOFFER20 & Get 20% OFF. 5% OFF ON PREPAID ORDERS

Use Code VEDOFFER20 & Get 20% OFF.
5% OFF ON PREPAID ORDERS

No Extra Charges on Shipping & COD

पेट के छालों का कारण, लक्षण और घरेलू उपाय

पेट के छालों का कारण, लक्षण और घरेलू उपाय

2021-12-20 18:37:12

आजकल की लाइफस्‍टाइल और डाइट में बदलाव के कारण पेट में अल्‍सर होना एक आम समस्या है। पेट के घाव को पेट का अल्सर कहा जाता है। जब यह घाव आमाशय में हो जाता है, तो उसे पेप्टिक अल्सर (Peptic Ulcer) कहते हैं। पेट में अल्सर होना सिर्फ तकलीफदेह ही नहीं होता है बल्कि पेट के असहनीय दर्द का कारण भी होता है। पेप्टिक अल्सर पेट की अंदरूनी सतह पर बनने वाला छाला होता है। समय पर इलाज न मिलने पर यह छाला जख्म में बदल जाता है, जो कुछ समय बाद बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। यह समस्या आंतरिक रक्तस्राव और संक्रमण का कारण भी बन सकती है। इसलिए इस समस्या का पता चलते ही तुरंत इसका उपचार शुरू करना बेहद जरूरी होता है अन्यथा यह अन्‍य समस्‍याओं का कारण भी बन सकता है। 

 

क्या होते हैं पेट के अल्सर?

 

पेप्टिक अल्सर (छाले) ऐसे घाव होते हैं, जो आमाशय या छोटी आंत के ऊपरी हिस्से में होते हैं। जब भोजन पचाने वाला एसिड आंत की भीतरी श्लैष्मिक झिल्ली को नुकसान पहुंचाने लगता है तो यह समस्या उत्पन्न होने लगती है। दरअसल, पेट में म्यूकस (बलगम) की एक चिकनी परत होती है, जो पेट की भीतरी परत को पेप्सिन एसिड और हाइड्रोक्लोरिक एसिड से बचाती है। हालांकि यह दोनों एसिड पाचन क्रिया के लिए जरूरी होते हैं, लेकिन एक समय पर यह शरीर के ऊत्तकों को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। इस तरह एसिड और म्यूकस झिल्ली के बीच का संतुलन बिगड़ने पर पेट में अल्सर या पेट के घाव होते हैं। आमतौर पर यह आहार नली, पेट और छोटी आंत के ऊपरी झिल्ली में होता है। 

 

कितने तरह के होते हैं पेप्टिक अल्सर?

 

पेप्टिक अल्सर आमतौर पर तीन तरह के होते हैं।

 

गैस्ट्रिक अल्सर (Gastric ulcer)- यह अल्सर पेट के अन्दर होते हैं।

एसोफेजल अल्सर (Esophageal ulcer)- यह अल्सर आहार नली में होते हैं।

डूआडनल अल्सर (Duodenal ulcer)- यह अल्सर छोटी आंत के ऊपरी भाग में होते हैं। 

 

क्या होते हैं पेप्टिक अल्सर के लक्षण?

 

पेट में अल्सर होने का सबसे आम लक्षण पेट में दर्द और जलन होना है। यह जलन नाभि से छाती तक होती है और दर्द कम या ज्यादा हो सकता है। कभी-कभी यह दर्द रात के समय अनिद्रा का कारण भी बनता है।

 

पेट में अल्सर (छाले) के सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं-

 
  • उल्टी होना।
  • उल्टी में काला रंग निकलना।
  • अस्पष्ट रूप से वजन घटने लगना।
  • खट्टी डकारों का आना।
  • भूख में परिवर्तन होना।
  • छाती में दर्द होना।
  • पेट में सूजन महसूस होना।
  • सांस लेने में कठिनाई महसूस होना।
  • मल में खून आना या काले रंग का मल आना।
  • हार्ट बर्न (Heartburn) की समस्या उत्पन्न होना।
  • पेट में दर्द होना और खाली पेट रहने पर इस दर्द का और तेज होना।
  • पेट में जलन होना और रात के समय जलन का बढ़ जाना।
  • अधिक गम्भीर स्थितियों में खून की उल्टी होना।
  • मल का रंग गहरा होना।
  • जी मिचलाना और खाने की बिल्कुल इच्छा न करना। 

किन कारणों से होते हैं पेप्टिक अल्सर?

 

विभिन्न प्रकार के कारक पेट, ग्रासनली (एसोफैगस) और छोटी आंत में छाले (अल्सर) उत्पन्न करने का कारण बन सकते हैं। इसमें शामिल है-

 
  • हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (Helicobactor Pylori) नामक बैक्टेरिया का संक्रमण अल्सर होने का सबसे प्रमुख कारण है। यह दूषित भोजन एवं पानी के होता है।
  • अधिक मात्रा में शराब, कैफीन और तम्बाकू का सेवन करना।
  • पेट के अंदर अधिक मात्रा में एसिड का स्राव होना।
  • लम्बे समय तक दर्द निवारक दवाओं का सेवन करना।
  • तैलीय और मिर्च मसाले युक्त भोजन का अधिक सेवन करना।
  • ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) वाली दवाओं का अधिक सेवन करना।
  • अत्यधिक तनाव और अवसाद में रहना।
  • एस्पिरिन (Aspirin) या ज्वलनरोधक दवाओं का अधिक सेवन करना।
  • अनुवांशिक कारण।
  • डायबिटीज।
  • 50 से अधिक उम्र होना।
  • लिवर, फेफड़े और किडनी संबंधी बिमारियों से ग्रस्त होना। 

पेप्टिक अल्सर से बचने के लिए बरतें यह सावधानियां;

 
  • शराब से परहेज रखें।
  • धूम्रपान न करें।
  • पेट के संक्रमणों से बचने के लिए खाने से पहले अपने हाथों को अच्छे से धोएं।
  • दर्द निवारक दवाओं जैसे एस्पिरिन, इबुप्रोफेन (ibuprofen) और नेप्रोक्सेन (naproxen (Aleve)) का सीमित उपयोग करें।
  • पानी को हमेशा उबालकर पिएं।
  • सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर और भोजन को पूरी तरह से पकाकर खाएं।
  • फल और सलाद के रूप में सब्जियों का सेवन करने से पहले उन्हें अच्छे से धोएं।
  • फल, सब्जियां और पूरे अनाज में समृद्ध संतुलित भोजन खाने से और स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखने से पेट में अल्सर होने का खतरा कम हो जाता है। इसलिए इस तरह क खाद्य पदार्थों का सेवन करते रहना चाहिए।
  • पर्याप्त नींद लें।
  • अधिक देर तक भूखे न रहें।
  • नियमित समय पर भोजन करें।
  • एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग कम से कम करें। 

पेप्टिक अल्सर से बचने के घरलू उपाय;

 
  • पेट के छालों के इलाज के लिए प्रोबायोटिक्स (probiotics) युक्त खाद्य पदार्थ जैसे- गेहूं, शकरकंद, आचार, गोभी और पनीर का सेवन करें।
  • दही प्रोबायोटिक्स का बहुत अच्छा स्त्रोत है। इसलिए अल्सर होने पर दही खाना बहुत ही फायदेमंद होता है।
  • पेट में अल्सर होने पर आंवले के मुरब्बे का सेवन करें। आंवला का मुरब्बा पेट के अल्सर को जल्दी ठीक में मदद करता है।
  • कच्चे केले की सब्जी में एक चुटकी हींग मिलाकर खाएं। ऐसा करने से पेट के अल्सर रोग में फायेदा मिलता है।
  • घी में एक चौथाई चम्मच हींग को भूनकर, इसमें एक चम्मच जीरा और एक चुटकी सेंधा नमक मिलाकर सेवन करें। पेट में अल्सर होने पर यह एक लाभदायक उपाय है।
  • पेट में छाले होने पर पान के हरे पत्तों का आधा चम्मच रस रोजाना पिएं। यह पेट के अल्सर व दर्द में आराम करता है।
  • रातभर पानी में भिगे 4 से 5 मुनक्के को दो छोटी हरड़ के साथ पीस लें। रोज सुबह इसका सेवन से अल्सर में होने वाली जलन और उल्टी जैसे लक्षणों में राहत मिलती है।
  • सुबह चार से पांच चम्मच चूड़े और सौंफ के चूर्ण को दो लीटर पानी में घोलकर रख दें। शाम को इस घोल का सेवन करें। नियमित रूप से ऐसा करने से पेप्टिक अल्सर में आराम मिलता है।
  • 5 से 7 बादाम को पीसकर एक गिलास दूध में उबालें और ठण्डा होने पर इसका सेवन करें। बादाम वाला दूध पेप्टिक अल्सर की परेशानी में आराम दिलाता है।
  • एक चम्मच मेथी के दानों को दो कप पानी में उबालें। अब इस पानी को छानकर इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें। यह उपाय पेट में अल्सर होने पर उसके लक्षणों से आराम दिलाता है।
  • गाजर और पत्तागोभी को बराबर मात्रा में लेकर जूस निकालें। रोज सुबह-शाम एक कप इस जूस का सेवन करना पेप्टिक अल्सर में आराम करता है।
  • पेट के छाले होने पर आधे कप ठण्डे दूध में आधा नींबू निचोड़कर पीने से पेट दर्द में राहत मिलती है।
  • पेट में अल्सर के लक्षणों से राहत पाने के लिए सहजन के पत्तों को पीसकर दही के साथ मिलाकर खाएं। ऐसा दिन में एक से दो करें। सहजन का प्रयोग पेट के छालों में लाभकारी होता है। 

कब जाएं डॉक्टर के पास?

 
  • पेप्टिक अल्सर के कारण अचानक वजन कम होने पर।
  • पेट में असहनीय दर्द होने पर।
  • पेट में तेज जलन होने पर।
  • उल्टी में खून आने पर।
  • पेट में सूजन महसूस होने पर।
  • छालों की वजह से सांस लेने में कठिनाई होने पर।
  • दवा खाने के बाद भी पेट दर्द कम न होने पर।
  • पेट को छूने भर से दर्द महसूस होने पर।
  • अल्सर के कारण खाना पचाने में अधिक दिक्कत होने पर।
  • पेट के अल्सर का इलाज समय पर न कराने से यह पेट का कैंसर भी बन सकता है। इसलिए उपरोक्त में से कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें।

You Should Check This Out

Out of stock Out of stock Stomach Fresh Churan 100gms

Stomach Fresh Churan 100gms

4.8
|
128 Reviews
₹299 ₹299

Udar-Saffa-Powder 100gms x 2

4.8
|
203 Reviews
₹498 ₹399 20% OFF

Disclaimer

The informative content furnished in the blog section is not intended and should never be considered a substitution for medical advice, diagnosis, or treatment of any health concern. This blog does not guarantee that the remedies listed will treat the medical condition or act as an alternative to professional health care advice. We do not recommend using the remedies listed in these blogs as second opinions or specific treatments. If a person has any concerns related to their health, they should consult with their health care provider or seek other professional medical treatment immediately. Do not disregard professional medical advice or delay in seeking it based on the content of this blog.


Share: