ग्रेपफ्रूट (चकोतरा) एसेंशियल ऑयल का महत्व और फायदे
2022-05-24 16:58:59
चकोतरा एक ऐसा फल है जिसके गुणों के बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। यह साइट्रस (नींबू और संतरे) प्रजाति का फल है। जो पीले, गुलाबी और लाल रंगों में पाया जाता हैं। यह अपने बेहतरीन स्वाद और खुशबू के चलते अधिक लोकप्रिय है। एक तरफ चकोतरा का जूस शरीर को स्वास्थ्यवर्धक बनाता है तो दूसरी ओर इससे बना तेल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। आम बोलचाल की भाषा में चकोतरा तेल को ग्रेपफ्रूट ऑयल के नाम से जाना जाता है।
ग्रेपफ्रूट एसेंशियल ऑयल को चकोतरा पौधे के छिलके से निकाला जाता है। जिसे कोल्ड-प्रेसिंग प्रॉसेस से तैयार किया जाता है। इसका वानस्पतिक नाम साइट्रस परेडिसी (Citrus Paradisi) है। इस तेल में शक्तिशाली एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं। जो प्रभावी रूप से कीटाणुरहित त्वचा के लिए फायदेमंद और हानिकारक बैक्टीरिया जैसे स्टैफिलोकोकस ऑरियस, एंटरोकोकस फेसेलिस, और एस्किचिया कोली आदि का खात्मा करते हैं।
आयुर्वेद में ग्रेपफ्रूट (चकोतरा) एसेंशियल ऑयल का महत्व-
औषधीय गुणों से भरपूर होने की वजह से आयुर्वेद में चकोतरा एसेंशियल ऑयल को उत्तम दर्जे का तेल माना गया है। आयुर्वेद के अनुसार इसकी तासीर ठंडी होती है। इस तेल में विटामिन ए, सी, बी 6, फोलेट के अलावा कई प्रकार के मिनरल्स जैसे पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, मैग्नीशियम और सेलेनियम पाए जाते हैं। जो हमारे स्वास्थ्य और सौंदर्य के लिए फायदेमंद होते हैं। स्वास्थ्य लाभ के लिए ग्रेपफ्रूट एसेंशियल ऑयल कई प्रकार से इस्तेमाल किया जाता है। इसे तेल को खाद्य के रूप में, बॉडी ऑयल के रूप में, हेयर ऑयल के रूप में और सौंदर्य समस्याओं को दूर करने के लिए त्वचा पर इस्तेमाल किया जाता है।
ग्रेपफ्रूट (चकोतरा) एसेंशियल तेल के फायदे-
इस तेल का इस्तेमाल त्वचा पर अकेले (सीरम के रूप में) या अन्य उत्पादों के साथ मिलाकर किया जाता है। इसलिए यह स्किन और हेयर केयर प्रोडक्ट्स में भी उपयोग किया जाता है। आइए बात करते हैं ग्रेपफ्रूट एसेंशियल ऑयल के इन्हीं फायदों के बारे में;
प्रतिरक्षा स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में कारगर-
ग्रेपफ्रूट तेल का सेवन शरीर की इम्यूनिटी में सुधार करता है। क्योंकि इस तेल में पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी और ई पाए जाते हैं। जो एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि के रूप में काम करते हैं। इसके अतिरिक्त इसमें मौजूद पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड बॉडी को ऑक्सीकरण से भी बचाता है।
मधुमेह के लिए-
इस तेल को डायबिटीज से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने के लिए भी जाना जाता है। चकोतरा एसेंशियल ऑयल शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है। चकोतरा में मौजूद मैग्नीशियम कार्बोहाइड्रेट चयापचय को नियंत्रित करता है। इसके अलावा चकोतरा में नारिंगगेनिन नाम का एंटीऑक्सीडेंट भी पाया जाता है। जो डायबिटीज टाइप-2 के उपचार में सहायक होता है। इसलिए डायबिटीज के लक्षणों को कम करने के लिए नियमित रूप से ग्रेपफ्रूट एसेंशियल ऑयल का सेवन करना चाहिए है।
ब्लड प्रेशर के लिए-
ग्रेपफ्रूट एसेंशियल ऑयल ब्लड प्रेशर को सामान्य करने में अहम भूमिका निभाता है। इसमें मौजूद गामा-लिनोलेइक एसिड एक प्रकार का एंटी-इंफ्लामेटरी फैटी एसिड होता है। जिसका मुख्य काम नसों को आराम पहुंचाना होता है। इसके अलावा इसमें मौजूद पोटैशियम शरीर के रक्त प्रवाह को सामान्य रखने में सहायता करता है। जिससे शरीर का रक्तचाप सामान्य बना रहता है।
शरीर में पानी की कमी होने पर-
गर्मियों के मौसम में अक्सर शरीर में पानी की कमी हो जाती है। फलस्वरूप कमजोरी, चक्कर और निम्न रक्तचाप जैसी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। ऐसे में ग्रेपफ्रूट ऑयल का सेवन करना एक अच्छा विकल्प है। क्योंकि इस फल में पानी की मात्रा 92% तक होती है। जो शरीर में पानी की मात्रा को कम नहीं होने देता।
कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक-
आजकल गलत खान-पान और लाइफ स्टाइल के कारण खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा घटती चली जाती है। परिणामस्वरूप ह्रदय संबंधित रोगों को बढ़ावा मिलता है। ऐसे में ग्रेपफ्रूट ऑयल का सेवन करना अच्छा होता है। क्योंकि इसमें मैग्नीशियम, पोटेशियम और विटामिन बी आदि तत्व मौजूद होते हैं। अत: चकोतरा का सेवन शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स (एक तरह का खराब कोलेस्ट्रॉल) के स्तर को कम करता है।
तनाव और थकान हेतु-
ग्रेपफ्रूट ऑयल चिंता, थकान, तनाव आदि की वजह से होने वाले सिरदर्द को कम करने में मदद करता है। चकोतरा का तेल सेंट्रल नर्वस सिस्टम (Central Nervous System) पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। इसके अतिरिक्त चकोतरा में एक ताजी मनमोहक सुगंध होती है। जो मानसिक संतुष्टि और खुशी की भावना को बढ़ाती है। जिससे व्यक्ति अच्छा फील करता है। परिणामस्वरूप चिंता, तनाव, थकान, सिरदर्द आदि में आराम मिलता है।
फ्री रेडिकल्स से बचाव-
चकोतरा तेल को नमक बॉडी स्क्रब के साथ मिलाकर शरीर पर लगाने से लाभ मिलता है। दरअसल चकोतरा एसेंशियल ऑयल शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स से सुरक्षा प्रदान करता है। क्योंकि यह फ्री रेडिकल्स कई बीमारियों का कारण बनते हैं। लेकिन चकोतरा तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स से लड़ने का काम करता है। परिणामस्वरूप शरीर कई तरह की गंभीर बीमारियों का शिकार होने से बच जाता है।
त्वचा के लिए फायदेमंद-
ग्रेपफ्रूट एसेंशियल ऑयल त्वचा की सेहत के लिए अच्छा होता है। क्योंकि इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन-सी और विटामिन-ई फाइन लाइन, मुंहासे, झुर्रियों, एजिंग की समस्या आदि परेशानियों को दूर करते हैं। इसके अतिरिक्त यह तेल त्वचा की लोच में सुधार करके नमी के स्तर को बनाए रखता है।
विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में मददगार-
ग्रेपफ्रूट ऑयल शरीर के विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में सहायता करता है। प्रदूषण के विषाक्त पदार्थ और गंदगी को हटाने के लिए ग्रेपफ्रूट तेल से त्वचा की मालिश करना एक अच्छा उपाय है। क्योंकि यह तेल डिटॉक्सिफायर और त्वचा क्लींजर के रूप में काम करता है। इसलिए ग्रेपफ्रूट एसेंशियल ऑयल का प्रयोग अरोमा थेरेपी में भी किया जाता है।
बालों के विकास के लिए-
नारियल, जोजोबा और जैतून तेल में से किसी एक तेल में ग्रेपफ्रूट एसेंशियल ऑयल को मिलाकर, सिर की मालिश करना अच्छा रहता है। क्योंकि चकोतरा तेल में मैग्नीशियम,आयरन, जिंक, और विटामिन-सी आदि तत्व मौजूद होते हैं। जो बालों को पोषण देकर उन्हें प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बचाने और गिरने से रोकते हैं। इसके अलावा ग्रेपफ्रूट एसेंशियल ऑयल स्कैल्प (खोपड़ी) में आसानी से अवशोषित होकर रक्त संचार में सुधार और बालों के विकास में भी मदद करता है।
रूसी से छुटकारा दिलाने में सहायक-
चकोतरा एसेंशियल तेल स्किन की नमी को बनाए रखने का काम करता है। इसी गुण के चलते इसका इस्तेमाल कई मॉइस्चराइजिंग उत्पादों में किया जाता है। चकोतरा एसेंशियल तेल में सिलेनियम और जिंक मौजूद होते हैं। जो स्कैल्प पर एंटीफ्लैक गुणों (खोपड़ी की पपड़ी को कम करना) के रूप में काम करते हैं। ग्रेपफ्रूट ऑयल सिर पर ठंडक का अहसास कराता है और रूसी से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।
ग्रेपफ्रूट एसेंशियल ऑयल के नुकसान-
- जिन लोगों की त्वचा संवेदनशील है। उन लोगों को ग्रेपफ्रूट एसेंशियल ऑयल का प्रयोग पैच टेस्ट करने के बाद ही करना चाहिए। क्योंकि अधिक संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को इस तेल से एलर्जी की समस्या हो सकती है।
- इस तेल का अधिक सेवन करने से दस्त, पेट में ऐंठन और मतली जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है।
- गर्भवती महिला और गर्भवती होने के बारे में सोच रहीं महिलाओं को ग्रेपफ्रूट एसेंशियल ऑयल का प्रयोग विशेषज्ञ की सलाह पर ही करना चाहिए।
- चकोतरा तेल का उपयोग करते पर यदि खुजली, लालिमा, जलन या अन्य प्रतिकूल प्रभाव का अनुभव हो तो इस तेल का इस्तेमाल तुरंत बंद कर दें।