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जानें, गुड़हल के फायदे के बारे में

जानें, गुड़हल के फायदे के बारे में

2022-05-24 16:30:34

गुड़हल पूरे भारत में पाया जाने वाला एक फूल है। जो घरों के आस-पास और बगीचे में पाया जाता है। यह कई रंगों जैसे लाल, गुलाबी, पीले और सफेद में देखने को मिलता है। इसकी आकृति घंटाकार और दिखने में सुंदर होता है। इसकी केसर बाहर निकली हुई होती है। कई जगहों पर गुड़हल को अड़हुल का फूल भी कहा जाता है। वहीं, बहुत से लोग इसे हिबिस्‍कस (Hibiscus) के नाम से भी जानते हैं। ज्यादातर गुड़हल के फूल का इस्तेमाल पूजा-पाठ आदि कामों के लिए किया जाता है। इसके अलावा गुड़हल हेल्‍थ के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है।

आयुर्वेद में सफेद एवं लाल रंग वाला गुड़हल फूल विशेष गुणकारी होता है। वहीं, आयुर्वेद के अनुसार गुड़हल का फूल तमाम पौष्टिक तत्वों से भी भरपूर होता है। क्योंकि इसमें विटामिन सी, मिनरल, फाइबर, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट आदि प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए यह पौष्टिक तत्व सांस और गला संबंधी तकलीफों को दूर करने, हाई ब्लड प्रेशर और बढे हुए कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं। इसके अलावा यह फूल महिलाओं के बालों और त्वचा से जुड़ी समस्‍याओं को भी दूर करता है।

 
गुड़हल के फायदे:
रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक-

नवंबर 2008 में प्रकाशित अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि गुड़हल के पत्तों से बनी चाय उच्च रक्तचाप और दिल के मरीजों के लिए औषधि का काम करती है। इसका सेवन करने से दिल की गति सामान्य हो जाती है और शरीर रिलैक्स फील करती है। इसके लिए दिन में 2 बार गुड़हल की चाय का सेवन जरूर करना चाहिए। इसके अलावा जर्नल ऑफ एथनोफर्माकोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि गुड़हल में एंटीहाइपरटेन्सिव और कार्डियोप्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं। जो उच्च रक्तचाप और दिल के मरीजों से पीड़ित लोगों के लिए अच्छा उपाय हैं।

 
एनीमिया के लिए-

अधिकतर महिलाओं में ब्लड लॉस और आयरन की कमी के कारण एनीमिया (शरीर में खून की कमी) होने लगती हैं। जिससे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण नहीं हो पाता। ऐसे समय में रोगी को आयरन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में गुड़हल के फूल एनीमिया के लिए बेहतर विकल्प हैं। क्योंकि गुड़हल में आयरन की भरपूर मात्रा पायी जाती है। साथ ही यह शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को बनाकर शरीर के विभिन्न अंगों में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है। इसके लिए प्रतिदिन दूध के साथ एक चम्मच गुड़हल का पाउडर लेना फायदेमंद रहता है।

 
सर्दी और जुकाम में असरदार-

हिबिस्कस की पत्तियों से बनी चाय सर्दी, जुकाम और खांसी जैसी समस्याओं में असरदायक होती है। दरअसल, इसमें प्रचूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। जोकि सर्दी और जुकाम से शरीर को बचाता है। इसके अलावा गुड़हल मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी- बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण सर्दी और जुकाम से बचाने में सहायता करते हैं।

 
मधुमेह (डायबिटीज) के लिए-

एक अध्ययन में पाया गया कि गुड़हल मधुमेह (डायबिटीज) के मरीजों के लिए दवा के रूप में काम करता है। क्योंकि गुड़हल की चाय में शामिल हाइपोलिपिडेमिक एवं हाइपोग्लिसेमिक गुण पाए जाते हैं। जो शरीर में ग्लूकोज के स्तर को कम करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा यह शरीर में पहुंच कर कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करता है। जोकि डायबिटीज या मधुमेह जैसी बीमारी को रोकने में मदद करता है।

 
कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक-

गुड़हल की चाय शरीर में कोलेस्ट्रॉल स्तर बनाए रखने में काफी मददगार साबित होती है। इसमें मौजूद पोषक तत्व धमनी में पट्टिका (plaque) को जमने से रोकती हैं। इसके अलावा गुड़हल LDL के स्तर को कम करने और HDL को बनाने में सहायक होती है। इस प्रकार से गुड़हल दिल संबंधी सभी बिमारियों में फायदेमंद होती हैं।

 
मासिक धर्म के लिए-

महिलाओं में होने वाले मासिक धर्म के अनियमितता को बनाए रखने के लिए गुड़हल का उपयोग बेहद कारगर सिद्ध होता हैं। क्योंकि इस दौरान महिलाओं के शरीर का एस्ट्रोजन का स्तर कम होने से हार्मोनल बैलेंस बिगड़ जाता है। जिससे महिलाओं के पीरियड्स सही समय पर नहीं आ पाते। ऐसे में उनके लिए गुड़हल की पत्तियों से बनी चाय का सेवन, एक अच्छा उपाय माना जाता है।

 
एंटीऑक्सीडेंट एजेंट के रूप में-

कई तरह के शारीरिक और मानसिक परेशानियों को दूर करने में एंटीऑक्सीडेंट के रूप में गुड़हल की पत्तियों से बनी चाय फायदेमंद होती है। ड्रग एंड केमिकल टॉक्सिकोलॉजी में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, गुड़हल  में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गतिविधि को बढ़ावा देने और उत्तेजित करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा गुड़हल की चाय ऑक्सीडेटिव डैमेज और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने का काम भी करती है। जिससे डायबिटीज, मेटाबॉलिक डिसऑर्डर, उच्च रक्तचाप, एथेरोस्क्लेरोसिस, कार्डियोमायोपैथी, कैंसर और कंजेस्टिव हार्ट फेलियर जैसी कई अन्य समस्याओं का खतरा कम हो जाता है।

 
अवसादरोधी के रूप में-

हिबिस्कस चाय में विटामिन और खनिज पाए जाते हैं। जो अवसादरोधी के रूप में काम करते हैं। इंडियन जर्नल ऑफ फार्माकोलॉजी में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार हिबिस्कस चाय का सेवन तंत्रिका तंत्र को शांत करने में सहायक होता है। साथ ही यह मन और शरीर में आराम की अनुमति पैदा करके चिंता और अवसाद को कम करता है।

 
बेहतर पाचन के लिए कारगर-

कई लोग पाचन क्रिया में सुधार के लिए गुड़हल की चाय पीते हैं। क्योंकि यह पेशाब और मल त्याग दोनों को नियमित करती है। आईओएस जर्नल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी एंड बायोकेमिस्ट्री में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक इसमें मूत्रवर्धक गुण पाए जाते हैं। इसलिए हिबिस्कस टी का सेवन कब्ज के इलाज और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम के स्वास्थ्य में सुधार के लिए भी किया जा सकता है।

 
किडनी स्टोन में मददगार-

यदि किसी व्यक्ति को किडनी स्टोन की समस्या है तो उसे गुड़हल की पाउडर या चाय का सेवन करना चाहिए। इससे किडनी स्टोन की समस्या में लाभ मिलता है। इसके लिए रोजाना रात में भोजन करने से 1 घंटा पहले चाय का सेवन करें।

 
मुंह के छालों के लिए-

मुंह में छाले होने पर कुछ भी खाने पर बहुत परेशानी होती हैं। इसके लिए रोज गुड़हल के 4-5 पत्तियों को चबाएं। ऐसा करने से मुंह के छालों में शीघ्र ही आराम मिलता है। इसके अलावा इससे मुंह में अधिक मात्रा में लार बनती है। जिससे पाचन शक्ति बेहतर होती है।

 
त्वचा के लिए फायदेमंद-

गुड़हल का इस्‍तेमाल चेहरे को ग्‍लोइंग और त्वचा की झुर्रियों से निजात पाने के लिए किया जाता है। क्‍योंकि गुड़हल एंटी-ऑक्‍सीडेंट और मॉइश्चराजिंग गुणों से भरपूर होता है। इसके अलावा गुड़हल में मौजूद विटामिन सी, शरीर में प्राकृतिक रूप से कोलेजन बनाने में सहायक होता है। इसलिए गुड़हल का इस्तेमाल कॉस्मेटिक स्किन केयर प्रोडक्‍ट में भी किया जाता है।

 
मुंहासे और धब्बे दूर करने में सहायक-

गुड़हल का इस्तेमाल चेहरे से मुंहासे एवं धब्बे दूर करने के लिए भी किया जाता है। इसके लिए गुड़हल फूल की पत्तियों को पानी में पीसकर उसमें शहद मिलाकर चेहरे पर लगाएं। ऐसा करने से चेहरे के मुहांसे और धब्‍बे दूर हो जाते हैं। साथ ही चेहरा खिलने लगता है।

 
खुजली और जलन दूर करने में कारगर-

गुड़हल का फूल शरीर की सूजन, खुजली और जलन में आराम पहुंचाने का काम करता है। इसके लिए गुड़हल के ताजी पत्तियों को अच्छी तरह पीस कर सूजन एवं जलन वाली जगह पर लगाएं। ऐसा करने पर कुछ ही देर में आराम मिलता है। इस तरह से गुड़हल महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद साबित होता है। इसलिए अपने डेली रुटीन में गुड़हल की फूल या पत्तियों को शामिल कर सकते हैं।

 
बालों को पोषण देने में सहायक-

गुड़हल के फूल में एमीनो एसिड मौजूद होते हैं। जो बालों को पोषण प्रदान करने और उनकी ग्रोथ को बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके अलावा यह एमीनो एसिड एक प्रकार का केरोटीन नामक प्रोटीन का उत्‍पादन करते हैं। जो कि बालों को मजबूत बनाते हैं। इसके लिए समान मात्रा में गुड़हल पाउडर और आंवला पाउडर लेकर पानी में मिक्‍स करके पेस्‍ट बनाकर बालों में लगाएं।

 
रूसी (डैंड्रफ) से आजादी-

गुड़हल एक शक्तिशाली घटक है। जो रूसी (डैंड्रफ) से छुटकारा दिलाने में मदद करता हैं। इसके लिए गुड़हल के फूलों और पत्तों को पीसकर पाउडर बनाकर उसमें आधा नींबू डालकर पेस्ट बनाएं। अब इस पेस्ट को बालों पर लगाएं और एक घंटे बाद बालों को धो लें। ऐसा करने से डैंड्रफ की समस्या से निजात मिलती है।

 
चमकदार बालों के लिए-

बालों की चमक बढ़ाकर उन्‍हें नरम और मुलायम बनाने के लिए गुड़हल एक अच्छा उपाय है। इसके लिए गुड़हल फूलों के पाउडर और एलोवेरा जैल को मिलाकर पेस्‍ट बनाएं। अब इस पेस्‍ट को हफ्ते में दो बार बालों पर लगाएं। ऐसा करने से आपके बाल मुलायम, मजबूत और घने होते हैं।

 
गुड़हल के नुकसान-
  • गुड़हल के चाय का इस्तेमाल उच्च रक्तचाप के लिए किया जाता है। इसलिए निम्न रक्तचाप अर्थात लो ब्लड प्रेशर के लोगों को इससे बचना चाहिए।
  • इसके उपयोग से नींद आती है। इसलिए वाहन ड्राइव एवं मशीन चलाते समय गुड़हल की चाय पीने से बचें।
  • गर्भवती महिलाओं को गुड़हल के सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि इससे शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम होता है। जिससे रक्त संबंधी समस्याएं (पीरियड्स) उत्पन्न हो सकती हैं।
  • स्तनपान कराने वाली माताओं को गुड़हल का सेवन किसी भी नहीं करना चाहिए।
  • जो महिलाएं हार्मोन उपचार या उसकी दवाई ले रही हैं। उन्हें भी गुड़हल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इसके अलावा गर्भनिरोधक गोलियां ले रही महिलाओं को भी गुड़हल के सेवन से बचें।

Disclaimer

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