जानें, सोआ और उसके फायदों के बारे में
2022-05-24 17:03:14
सोआ या डिल लिव्स (Dill leaves) हेल्दी हर्ब्स में एक फेमस नाम है। यह जड़ी-बूटी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का काम करती है। इसका इस्तेमाल प्राचीन समय से ही औषधि, मसाले और खाद्य पदार्थों के रूप में होता आया है। सोआ पौष्टिक तत्वों से भरपूर होती है। इसलिए इसके सेवन से सेहत को कई लाभ प्राप्त होते हैं। सोआ के स्वास्थ्य लाभों में जिगर (यकृत) की समस्याएं, आंतों की गैस, बवासीर, संक्रमण, पित्ताशय की थैली, मासिक धर्म की ऐंठन, अनिद्रा का उपचार और पाचन को ठीक करना आदि शामिल हैं।
क्या है सोआ?
सोआ वर्ष-भर रहने वाला पौधा है, जो जंगली घास की तरह होता है। इसके बीज और पूरे पौधे को खाद्य पदार्थ के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। व्यापारिक उद्देश्य से इसका प्रयोग क्रीम, लोशन, इत्र, डिटर्जेंट और साबुन आदि के उत्पादन में किया जाता है। लेकिन मूल रूप से सोआ औषधीय के रूप में काम आती है। इससे कई प्रकार की दवाओं का निर्माण होता है। इसमें विटामिन-ए, विटामिन-सी, फोलेट, आयरन, मैंगनीज और खनिज पदार्थ की अच्छी मात्रा होती है।
सोआ के फायदे;
पाचन तंत्र के लिए बेहतर-
सोआ में फाइबर और फ्लैवोनोइड्स गुण होते हैं, जो जीवाणुनाशक का काम करते हैं। इसके अतिरिक्त सोआ में खनिज और मैग्नीशियम पदार्थ भी होता है। जो पेट संबंधित बीमारी जैसे पेट दर्द, दस्त, कब्ज आदि में राहत देने का काम करता है। सोआ पाचन स्वास्थ्य में भी फायदा करता है।
इम्यूनिटी के लिए अच्छा-
सोआ शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति (इम्यूनिटी) को बढ़ाने का काम करता हैं। इसके पौधों में एंटीमिक्राबियल (रोगाणुरोधी) गुण होते हैं। जो शरीर के आंतरिक और बाहरी घाव को संक्रमण में बदलने से रोकते हैं। किसी व्यक्ति का बार-बार संक्रमित होने का कारण उसका कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र है। ऐसे में उसे सोआ का इस्तेमाल करके अपनी प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।
श्वसन विकार में उपयोगी-
सांस संबंधी समस्याओं के इलाज में सोआ का प्रयोग किया जाता है। इसमें केम्फेरोल, फ्लैवोइड्स और मोनोटेरपेन्स जैसे घटक होते हैं। जो श्वसन संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। सोआ में प्रकृति रूप से एंटीस्टामिनिक भी होते हैं, जो हिस्टामाइन (histamine), खांसी और एलर्जी के कारण होने वाली संवेदना को दूर करने में मदद करते हैं। इसलिए सोआ का इस्तेमाल श्वसन संबंधी संक्रमण से बचता है।
मधुमेह में कारगर-
सोआ डायबिटीज को नियंत्रित करने की क्षमता रखता है। अपने कोर्टेकोस्टेरॉइड्स गुण के कारण यह मधुमेह के मामलों में लिपिड्स और इंसुलिन के स्तर में होने वाले उतार-चढ़ाव को कम करने में मदद करता है।
अनिद्रा को दूर करने में सक्षम-
अनिद्रा की समस्या सेहत को कई तरह से खराब करती है। क्योंकि अच्छे स्वास्थ्य के लिए पूरी नींद लेना जरूरी होता है। सोआ में खनिज और विटामिन पर्याप्त मात्रा में होते हैं। जो मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के साथ अनिद्रा की समस्या को भी ठीक करते हैं। सोआ में मौजूद विटामिन्स और फ्लैवोनोइड्स शरीर के भीतर हार्मोन निर्माण में तेजी लाते हैं। जो मस्तिष्क को शांत करके अनिद्रा की रोकथाम का कार्य करते हैं।
हिचकी में लाभप्रद-
देर तक हिचकी आने से एक स्वस्थ्य व्यक्ति भी परेशान होने लगता है। लेकिन सोआ देर तक या बार-बार आने वाली हिचकी के उपचार के लिए लाभप्रद औषधि है। दरअसल हिचकी आने की असली वजह खाद्य नली में फंसी गैस या हवा होती है। जो बार-बार ऊपर की तरफ बढ़ने की कोशिश करती है। परिणामस्वरूप हमें हिचकी आने लगती है। सोआ के औषधीय गुण पेट फूलने और खाद्य नली में बनने वाली गैस को खत्म करने का काम करते हैं। जिससे हिचकी की आवृत्ति कम होती है।
मजबूत हड्डियों के लिए जरूरी-
हड्डियों के लिए कैल्शियम पहली जरूरत है। जोकि सोआ में भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए सोआ हड्डियों के विकास में सहायता करता है। इसका नियमित सेवन ही हड्डियों की चोट का बढ़िया इलाज है। इसके अतिरिक्त सोआ ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) जैसी बीमारियों को शरीर में लगने से रोकता है। साथ ही मसाले के रूप में सोआ का इस्तेमाल गठिया दर्द को भी कम करता है।
मासिक धर्म में फायदेमंद-
सोआ के फायदे महिलाओं के लिए विशेष माने जाते हैं। यह महिलाओं में रुके हुए पीरियड्स को पुन; चलित करने में मदद करता है। असल में यह आयुर्वेदिक घटक बॉडी को फ्लेवोनोइड्स देता है। जो मासिक धर्म को ट्रिगर करने के लिए हार्मोन निर्माण को बढ़ावा देता है। इस रूप में सोआ महिलाओं को बेहतर मासिक धर्म देने का काम करता है।
सोआ के नुकसान;
- सोआ का अधिक मात्रा में सेवन करना शरीर के रक्त शर्करा को काफी नीचे ला सकता है। इसलिए मधुमेह रोगियों को भी इसका सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।
- सोआ रुके हुए मासिक धर्म को शुरू करने का काम करता है। इसलिए स्तनपान और गर्भावस्था के समय सोआ का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इससे गर्भापात होने की संभावना बढ़ सकती है।
- जिन लोगों को गाजर परिवार के पौधों से एलर्जी है। उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि सोआ उस एलर्जी की प्रतिक्रिया को अधिक बढ़ा सकता है।