जानें, अविपत्तिकर चूर्ण के लाभ और उपयोग
2022-05-24 16:57:28
अविपत्तिकर चूर्ण (AvipattikarChurna) एक आयुर्वेदिक औषधि है। जिसे मुख्य रूप से एसिडिटी, बदहजमी और कब्ज जैसी पेट संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है। इस चूर्ण में अदरक, कालीमिर्च, पिप्पली, आंवला, हरड़, बहेड़ा, नागरमोथा, विदंगा, इलायची, तेजपत्ता और लौंग आदि कई प्राकृतिक जड़ी-बूटियां एवं प्राकृतिक अर्क शामिल है। यह चूर्ण पाचन एंजाइमों की निर्माण प्रक्रिया को तेज करता है।जो पोषक तत्वों को सोखने और आंतों की मूवमेंट में मदद करती है। अविपत्तिकर चूर्ण के सेवन सेपाचन संबंधी कई बीमारियों मेंआराम पाया जा सकता है।
यह चूर्ण पेट के लिए एक एंटासिड के रूप में कार्य करता है। क्योंकि इसमें कार्मिनेटिव, ऐपेटाइज़र, पाचन उत्तेजक, एंटीथायलेटिक, एंटीऑक्सीडेंटऔर एंटी इंफ्लामेट्री जैसे गुण मौजूद होते हैं। यह सभी गुण कब्ज, चिड़चिड़ापन, सूजन, पेट कीजलन, मोटापाआदि के इलाज में सहायक होते हैं।
अविपत्तिकर चूर्ण के लाभ;
पाचन स्वास्थ्य में सुधार करता है-
अविपत्तिकर चूर्ण लेने से अपच को तुरंत ठीक किया जा सकता है। यह पेट की गड़बड़ी, मितली, खटास, सीने की जलन जैसे सभी लक्षणों को ठीक करता है। इसके अलावा नारियल पानी भी इन समस्याओं के लिए अच्छा होता है।
क्रॉनिक गैस्ट्राइटिस को कम करता है-
पेट की लाइनिंग की सूजन को गैस्ट्रिटिस कहा जाता है। अविपत्तिकर चूर्ण होने से पेट से एसिड को हटाने, सूजन को ठीक करने और पेट में म्यूकस लाइन्ड रुकावट को दोबारा खोलने में मदद मिलती है।
गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स बीमारी को रोकता है-
गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग एसिड रिफ्लक्स का एक पुराना रूप है।यहतब होता है जब पेट की चीजें भोजन नली में वापस आ जाती है और भोजन नली की लाइनिंग को परेशान करती है।जिससे सीने की जलन, गले में जलन, सीने में दर्द, खट्टा स्वाद आदि होता है। अविपत्तिकर चूर्ण इस प्रकार की बीमारियोंको रोकने में मदद करता है।
मूत्र त्याग की कठिनाई को दूर करता है-
यूरिन पास करने में कठिनाई कई वजहों से हो सकती है। यदि इसका कारण प्रोस्टेट न हो तो अविपत्तिकर चूर्ण अपने डियूरेटिक्स गुणों के कारण इस कठिनाई में मदद करता है। यह यूरिनकोउचित बहावके साथ पास होने देता है।
गुर्दे की पथरी को निकालता है-
हजरुल यहूद भस्मके साथ-साथ अविपत्तिकर चूर्ण का उपयोग करने से गुर्दे की पथरी को हटाने में मदद मिलती है।
नेफ्राइटिस और नेफ्रोटिक सिंड्रोम के इलाज के लिए प्रभावी है-
अविपत्तिकर चूर्ण नेफ्रैटिस और नेफ्रोटिक सिंड्रोम जैसे गुर्दे की बीमारी के इलाज में मदद करता है। यह किडनी, ग्लोमेरुली, ट्यूबल्सऔर इंटेस्टिनल टिश्यू की सूजन को कम करता है। यह खून में यूरिया के स्तर को भी कम करता है और उसेकंट्रोलमें रखता है।
अविपत्तिकर चूर्ण का उपयोग;
एंटासिड-
अविपत्तिकर चूर्ण एक बेहतरीन एंटासिड है। क्योंकि यह पेट की एसिडिटी के प्रभाव को बेअसर करता है। यह सीने की जलन, बदहजमी और पेट की परेशानी को आराम देने में भी उपयोग किया जा सकता है।
एंटी-लिथिएटिक-
अविपत्तिकर चूर्ण के सेवन से ऑक्सालेट का जमाव रुक जाता है।जिससे मूत्र के रास्ते को स्वस्थ रखने में मदद मिलतीहै।
भूख बढ़ाने वाला-
अविपत्तिकर चूर्ण एक बेहतरीन भूख बढ़ाने वाला एजेंट है। अविपत्तिकर चूर्ण को नियमित रूप से लेने पर भूख को बढ़ाने में मदद मिलती है।
एंटीऑक्सीडेंट-
यह शरीर में एक एंटीऑक्सीडेंटके रूप में काम करता है।जो शरीर से हानिकारक मुक्त कणों को बाहर निकालने में मदद करते हैं।
एंटी-इंफ्लेमेटरी-
अविपत्तिकर चूर्ण में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।जो दर्द और सूजन से आराम दिलाने में मदद करते हैं।
अविपत्तिकर चूर्ण के नुकसान-
- अविपत्तिकर चूर्ण का अधिकसेवन पेट दर्द को बढ़ा सकता है।
- इसकी अधिक खुराक लेने सेपेट दर्द, पेट में ऐंठन और दस्त जैसे दुष्प्रभाव पैदा कर सकते हैं।
- अविपत्तिकर चूर्ण का उपयोग गर्भावस्था में नहीं करना चाहिए। हालांकियह स्तनपान के लिए सुरक्षित है।