भूख न लगने (एनोरेक्सिया) के कारण, लक्षण और उपचार
2023-07-27 00:00:00
भूख न लगना एक तरह की गंभीर समस्या है, जिसमें व्यक्ति कीखाने की इच्छा कम हो जाती है। इस स्थिति को ‘भूख न लगना’ या ‘भूख में कमी’ कहा जाता है। वहीं, इसे मेडिकल भाषा में ‘एनोरेक्सिया’ के नाम से जाना जाता है। एनोरेक्सिया एक आहार संबंधित विकार है, जो व्यक्ति केवजन बढ़ने केअसामान्य डर की विशेषता है। यहां लोग भूख से प्रभावित होते हैं और वजन बढ़ने से रोकने के लिए खाने की मात्रा को गंभीर रूप से सीमित कर देते हैं।
सामान्यतः भूख की कमीका कोई सटीक कारण नहीं है। लेकिन इसका मुख्य कारण पाचन तंत्र को प्रभावित करने वाली स्थितियों जैसे संक्रमण, निर्जलीकरण, या पुरानी बीमारियां आदि माना जाता है। इसके अलावा कई लोगो में कब्ज की समस्या भी भूख न लगने का कारण बनती है। क्योंकि इस परिस्थिति में व्यक्ति को भोजन करने का मन नहीं होता है। जिससे शरीर का वजन अचानक कम होने लगता है ।
भूख न लगने के कारण-
डिप्रेशन-
भूख न लगने के कारण अवसाद होता है। साथ ही अन्य लक्षण जैसे कि मूड स्विंग्स, खराब एकाग्रता और अनिद्रा आदि भी शामिल हो सकती हैं।
संक्रमण-
इसमें अल्पकालिक संक्रमण (जैसे फ्लू, सर्दी, मूत्र पथ के संक्रमण, छाती में संक्रमण, श्रोणि संक्रमण, आदि) और दीर्घकालिक संक्रमण जैसे तपेदिक (टीबी) या एचआईवी शामिल है। इन सभी स्थितियों की वजह से भूख कम लगती है।
तनाव और चिंता-
चिंता और तनाव के कारण मतली और पेट खराब होने जैसी पाचन समस्याएं हो सकती हैं। यह समस्याएं इतनी असहज होतीहैं कि भोजन करने की इच्छा कम हो जाती है।
दवाई-
कई दवाएं दुष्प्रभाव के रूप में भूख में कमी का कारण बन सकती हैं। जिसमें कुछ एंटीडिप्रेसेंट जैसे एडीएचडी के लिए मिथाइलफेनिडेट, फ्लुओक्सेटीन, कीमोथेरेपी, टाइप 2 मधुमेह के लिए कुछ दवाएं और मजबूत दर्द निवारक (ओपिओइड्स) आदि शामिल हैं।
आयु-
उम्र बढ़ने के साथ भूख कम हो जाती है। यह पेट के खाली होने के (इस प्रक्रिया में पेट की सामग्री को ग्रहणी में ले जाया जाता है) कारण हो सकता है। जिससे वृद्धावस्था भूख लगने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इसलिए वृद्ध लोग अधिक समय तक पेट भरा हुआ महसूस करते हैं।
दीर्घकालिक (पुरानी) स्वास्थ्य समस्याएं-
कुछ प्रकार के रोग जैसे क्रॉनिक किडनी रोग, पुराना दर्द, पुरानी यकृत की बीमारी और मनोभ्रंश आदि भूख न लगने के कारण बनते हैं।
कैंसर-
कई तरह के कैंसर उपचार भूख की कमी का कारण बन सकते हैं। यह आमतौर पर अन्य लक्षणों के साथ नजर आते हैं, जो विशेष रूप से कैंसर के लिए विशिष्ट होते हैं। लेकिन कभी-कभी भूख न लगना कैंसर का प्रारंभिक लक्षण हो सकता है।
पित्त पथरी-
यह पेट में गंभीर दर्द का कारण बनता है। खासकर वसायुक्त भोजन करने के बाद, जिसके कारण मरीज भोजन करने की इच्छा खो देता है।
मुंह और दांतों की समस्या-
ऐसी कोई भी समस्या भोजन को चबाना, निगलना या स्वाद लेना मुश्किल बना देती है। यह सभी भूख को प्रभावित कर सकती है। उदाहरण के लिए, दांत दर्द, खराब फिटिंग वाले डेन्चर, कैविटी, शुष्क मुंह, जबड़े की शिथिलता आदि।
हाइपोथायरायडिज्म-
हाइपोथायरायडिज्म एक अंडरएक्टिव थायराइड है, जिसका मतलब है कि यह पर्याप्त थायराइड हार्मोन का उत्पादन नहीं करता है। यह शरीर के कई कार्यों को धीमा करता है। जिससे भूख कम हो सकती है।
भूख में कमी के लक्षण-
- पेट में दर्द।
- कब्ज।
- पेट में जलन।
- खट्टी डकार।
- पीलिया।
- जी मिचलाना।
- स्वाद या गंध में परिवर्तन।
- खांसी।
- मूड स्विंग्स।
- अधिक थकान।
- सांस लेने में तकलीफ।
- अचानक वजन कम होना।
- शराब या अन्य ड्रग्स का अधिक उपयोग।
कम भूख के लिए उपचार-
- भूख में कमी का उपचार उसके कारण पर निर्भर करता है। जो निम्नलिखित हैं-
- यदि इसका मुख्य कारण जीवाणु या वायरल संक्रमण है, तो डॉक्टर आपको एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल दवाएं देता हैं। जिससे संक्रमण ठीक होने के बाद भूख लगने लगती हैं।
- किसी भी वक्त विशिष्ट व्यंजन खाने का मन करें, तो उसे तुरंत खा लें।
- अपने आहार में खिचड़ी, सूप, हलवा, दही आदि हल्के पदार्थों का सेवन करें।
- मध्यम व्यायाम भी भूख बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए अपने दिनचर्या में कुछ सामान्य व्यायाम को शामिल करें।
- अपने आहार में पौष्टिक सब्जियों और फलों को शामिल करें। जिसमें पर्याप्त मात्रा में कैलोरी और प्रोटीन की मौजूदगी हो। इसके लिए लिक्विड प्रोटीन ड्रिंक भी ट्राई किया जा सकता है।
- अपने खाने-पीने का एक शेडूल तैयार करें। यह डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ को आपके आहार का आकलन करने में मदद करता है।
- चिंता और तनाव से बचने की कोशिश करें।
- कब्ज पेट में ऐंठन या मरोड़ एवं थकान हो रही है, तो चिकित्सक द्वारा बताए गए सप्लीमेंट इलेक्ट्रोलाइट का सेवन करें।
भूख न लगने के घरेलू उपाय-
काली मिर्च-
काली मिर्च का उपयोग सदियों से भूख न लगने की समस्या में किया जाता रहा है। क्योंकि यह पाचन में सुधार करने और भूख बढ़ाने में मदद करता है। यह की गैस से राहत दिलाने के लिए भी एक बेहतरीन उपाय है। काली मिर्च भूख को उत्तेजित करती है, जो बदले में पेट में एसिड के स्राव को बढ़ाती है। जिससे पाचन में सुधार होता है। इसके लिए एक चम्मच गुड़ का पाउडर और आधा चम्मच पिसी हुई काली मिर्च मिलाएं। अब इस मिश्रण का कुछ दिनों तक नियमित रूप से सेवन करें। ऐसा करने से लाभ मिलता हैं। यदि इसके सेवन के दौरान सीने में जलन या अन्य कोई परेशानी का अनुभव हो, तो इसका उपयोग बंद कर दें।
अदरक-
अदरक अपच से राहत दिलाने और भूख बढ़ाने के लिए अच्छा उपाय होता है। यह पेट दर्द को दूर करने में भी मदद करता है। इसके लिए आधा चम्मच अदरक का रस लें और उसमें एक चुटकी सेंधा नमक मिलाएं। अब इस मिश्रण का नियमित रूप से, भोजन से एक घंटे पहले, 10 दिनों तक सेवन करें। इसके अलावा भूख बढ़ाने के लिए अदरक की चाय का सेवन भी फायदेमंद होता हैं।
आंवला-
आंवला पाचन समस्याओं के कारण होने वाली भूख की कमी को दूर करने में मदद करता है। यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और लीवर को डिटॉक्सीफाई करता है। आंवला विटामिन सी से समृद्ध हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में सहायक होता है। इसके लिए एक गिलास पानी में दो चम्मच आंवले का रस, नींबू का रस और शहद मिलाएं। अब इस मिश्रण को रोजाना सुबह खाली पेट पिएं।
इलायची-
इलायची पाचक रस के स्राव को बढ़ाने में मदद करती है। जिससे भूख बढ़ती है। इसके लिए भोजन करने से पहले दो से तीन इलायची को चबाएं। इसके अतिरिक्त नियमित रूप से चाय में इलायची पाउडर भी मिलाकर पीना फायदेमंद होता है।
अजवाइन-
अजवाइन पेट से संबंधित सभी तरह की समस्याओं को दूर कर सकता है। इसके बीज भोजन को पचाने के लिए आवश्यक एंजाइम और अन्य एसिड को मुक्त करने में मदद करते हैं। इसके लिए दो से तीन चम्मच अजवाइन में थोड़ा सा नींबू का रस मिलाएं। अब इस मिश्रण को पूरी तरह सूखने के लिए सूखी जगह पर स्टोर करें। इसके बाद इस मिश्रण में थोड़ा सा काला नमक मिलाकर रोजाना गर्म पानी के साथ सेवन करें।
चिकित्सा सहायता कब लेनी चाहिए?
यदि किसी को सीने में दर्द, धुंधली दृष्टि, कमजोरी, शरीर में संवेदना की कमी या भ्रम के साथ भूख में कमी एवं मतली का अनुभव होता है। इस स्थिति में अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
Written By- Jyoti Ojha
Approved By- Dr. Ipsa Singh