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मूली के फायदे, उपयोग और नुकसान

मूली के फायदे, उपयोग और नुकसान

2023-02-03 18:44:15

मूली को अंग्रेजी में रैडिश (Radish) कहा जाता है। यह एक जड़ वाली सब्जी है, जो जमीन के अंदर उगाई जाती है। यह ब्रैसिसेकी परिवार से संबंधित है। ज्यादातर लोग इसे सलाद के रूप में उपयोग करते हैं। यह स्वाद में थोड़ी तीखी या मीठी होती है। हालांकि यह मूली के प्रकारों पर निर्भर करता है। आमतौर पर मूली की कई अलग-अलग किस्में होती हैं जिसे रंग, आकार और वजन के आधार पर विभाजित किया गया है। यह मुख्य रूप से सफेद, लाल, काले या बैंगनी रंग के बेलनाकार या गोल होते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम रैफनस सैटिवस (Raphanus sativus) है। आयुर्वेद में इसके बीज से बने तेल का उपयोग कई उत्पादों और स्वास्थ्य प्रयोग के लिए किया जाता है।

 

मूली के पौष्टिक तत्व-

मूली पोषक तत्वों और विटामिन का एक समृद्ध स्रोत है और आहार में शामिल करने पर कई लाभ प्रदान करती है। मूली में कैलोरी बहुत कम होती है। साथ ही इसमें कोलेस्ट्रॉल नहीं के बराबर होता है। इसमें बड़ी मात्रा में प्रोटीन और फाइबर पाया जाता है।

मूली विटामिन सी में उच्च है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन और मैंगनीज जैसे खनिजों के साथ-साथ फोलेट प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है। यह सभी तत्व शरीर को कई तरह के स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से बचाते हैं।

 

मूली के फायदे-

प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में कारगर-

मूली शरीर की इम्यूनिटी में सुधार करती है। क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी मौजूद होता है। इसलिए अपने आहार में मूली को शामिल करना एक बेहतर विकल्प है। विटामिन सी शरीर के चयापचय को विनियमित करने में मदद करता है और कोलेजन गठन को बढ़ाता है। दरअसल कोलेजन रक्त वाहिकाओं की दीवारों को मजबूत करने में सहायक है और विभिन्न हृदय रोगों को रोकता है।

रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने में सहायक-

मूली में पोटेशियम होता है। यह एक वासोडिलेटर की तरह कार्य करता है। यह रक्त वाहिकाओं को आराम पहुंचाने और रक्त के प्रवाह को बढ़ाने में सहायता करता है। इस प्रकार यह रक्त प्रवाह को नियंत्रित करके रक्तचाप को कम करने में मददगार है।

मधुमेह के लिए लाभप्रद-

मूली रक्त में शर्करा के अवशोषण को नियंत्रित करती है। साथ ही इसे खाने से रक्त शर्करा के स्तर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है क्योंकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। जिससे मधुमेह में इसका सेवन करना सुरक्षित है।

वजन कम करने में मददगार-

यदि कोई व्यक्ति अधिक वजन से परेशान है तो उसे अपने आहार में मूली को शामिल करना बेहद फायदेमंद हैं। क्योंकि इसमें पचने योग्य कार्बोहाइड्रेट, कम फाइबर और पानी की मात्रा अधिक होती है। दरअसल मूली में फाइबर की मात्रा उच्च होती है, जो मल को ढीला करके आसानी से निष्कासित करने में सहायक है। एक शोध के मुताबिक, उच्च फाइबर युक्त आहार वजन को नियंत्रित करने और मोटापे से जुड़े जोखिमों को कम करने में सहायक होते हैं।

पीलिया के इलाज में सहायक-

पीलिया के इलाज में मूली का सेवन बहुत उपयोगी है क्योंकि यह शरीर से बिलीरुबिन को हटाने में मदद करती है। साथ ही इसमें मौजूद विटामिन सी और आयरन इसके उत्पादन को भी नियंत्रित करते हैं। इसके अलावा मूली शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाकर लाल रक्त कोशिकाओं को नष्ट होने से रोकती है। इसलिए नियमित रूप से रोजाना सुबह मूली का सेवन करने से पीलिया रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

कैंसर को रोकने में सहायक-

मूली को अपने आहार में शामिल करने से विभिन्न प्रकार के कैंसर से लड़ने में मदद मिलती है। जिसमें मुख्य रूप से कोलन, पेट, मुंह और किडनी के कैंसर शामिल हैं। इसमें उपस्थिति फोलिक एसिड, विटामिन सी और एंथोसायनिन कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करते हैं। इसके अतिरिक्त मूली में आइसोथियोसाइनेट्स होते हैं, जो कैंसर के जोखिम में सहायक होते हैं।

रूमेटाइड अर्थराइटिस के लिए फायदेमंद-

मूली में मौजूद विटामिन सी शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ने का काम करता है। साथ ही यह कोलेजन के निर्माण को प्रोत्साहित करता है। इसके अलावा मूली में विटामिन-के पाया जाता है जो कार्टिलेज (मुलायम टिश्यू जो टखनों, कोहनी व घुटनों) मेटाबॉलिज्म के लिए लाभदायक होता है। यह कोशिकाओं के विकास को बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए मूली का सेवन गठिया जैसी बीमारियों में लाभप्रद होती है।

त्वचा के लिए लाभप्रद-

मूली त्वचा के लिए लाभदायक है क्योंकि इसमें विटामिन सी, विटामिन बी, जिंक और फास्फोरस होता है। साथ ही मूली में पानी की अच्छी मात्रा पाई जाती है जो त्वचा को हाइड्रेट रखने में मदद करती है। इसके अतिरिक्त मूली में मौजूद रोगाणुरोधी गुण रूखी त्वचा, रैशेज और दरारों जैसे त्वचा रोगों से बचाते हैं।

कील-मुहांसों को दूर करे में कारगर-

मूली में भरपूर मात्रा में विटामिन सी, बी कॉम्प्लेक्स, जिंक और फॉस्फोरस होता है जो कील-मुहांसों को दूर करने में मददगार होता है। इसके लिए मूली के रस को चेहरे पर लगाकर 20 मिनट के लिए छोड़ दें। उसके बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें। ऐसा हफ्ते में कम दो बार करें। इससे चेहरे से कील-मुहांसे दूर हो जाते हैं।

 

मूली के नुकसान-

मूली एक उपयोगी सब्जी है जो विभिन्न समस्याओं से निजात दिलाने में मदद करती है। लेकिन इसका अधिक सेवन शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है। चूंकि मूली विटामिन सी से भरपूर होती है और शरीर में विटामिन सी की अधिकता से निम्नलिखित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं:

  • पेट दर्द या सीने में जलन होना।
  • दस्त आना।

Disclaimer

The informative content furnished in the blog section is not intended and should never be considered a substitution for medical advice, diagnosis, or treatment of any health concern. This blog does not guarantee that the remedies listed will treat the medical condition or act as an alternative to professional health care advice. We do not recommend using the remedies listed in these blogs as second opinions or specific treatments. If a person has any concerns related to their health, they should consult with their health care provider or seek other professional medical treatment immediately. Do not disregard professional medical advice or delay in seeking it based on the content of this blog.


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