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कॉफी के पोषक तत्व और फायदे

कॉफी के पोषक तत्व और फायदे

2022-03-17 11:23:09

कॉफी एक प्रचलित पेय पदार्थ है। जिसे उसके अनूठे स्वाद और खुशबू के लिए जाना जाता है। इसलिए कई लोग अपने दिन की शुरुआत कॉफी के साथ करना पसंद करते हैं तो कई लोगों को शाम के वक्त कॉफी पीना अच्छा लगता है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि कॉफी से शरीर में ताजगी और स्फूर्ति का संचार होता है। इसके अलावा कॉफी पीने से शारीरिक थकान और मानसिक तनाव को भी दूर किया जा सकता है। क्योंकि कॉफी शरीर के लिए बेहद लाभकारी होती है। इसके सेवन से सिर दर्द, मोटापा, उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसे रोगों को कम किया जा सकता है।

 

क्‍या होती है कॉफी?

यह एक पॉपुलर पेय पदार्थ है। जो कॉफिया अरेबिका (Coffea Arabica) नामक पेड़ पर लगे फल से तैयार की जाती है। इस पेड़ पर लगने वाली कॉफी बीन्स (फलियों) को भून एवं पीसकर पाउडर तैयार किया जाता है। इस पाउडर को ही सरल भाषा में कॉफी कहा जाता है। इस कॉफी पाउडर से कई प्रकार की कॉफी बनाई जा सकती हैं। जिसमें कैपेचीनो, एस्प्रेसो, कोल्ड कॉफी, ब्लैक कॉफी आदि बेहद लोकप्रिय हैं।

 

कॉफी के पोषक तत्व-

  • एंटीऑक्‍सीडेंट (Antioxidants)
  • फॉस्‍फोरस (Phosphorus)
  • मैग्‍नीशियम (Magnesium)
  • फोलेट (Folate)
  • पोटेशियम (Potassium)
  • मैंगनीज (Manganese)
  • विटामिन बी1 (thiamine)
  • विटामिन बी2 (riboflavin)
  • विटामिन बी3 (niacin)
  • विटामिन बी5 (pantothenic acid)

कॉफी पीने के फायदे-

वजन कम करने के लिए-

कॉफी में कैफीन मौजूद होता है। जो शरीर में भोजन से ऊर्जा बनने की क्रिया (मेटाबॉलिज्म) को बढ़ाता है। यह मेटाबॉलिज्म वजन को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा इन मेटाबॉलिज्म से पैदा होने वाली गर्मी भी मोटापे को नियंत्रित करने का काम करती है। इसलिए कॉफी को वजन कम करने के लिए एक अच्छा उपाय माना गया है।

 

तनाव के लिए-

विशेषज्ञों का मानना है कि कॉफी में मौजूद कैफीन तनाव को कम करने में सकारात्मक भूमिका निभाता है। क्योंकि इसके सेवन से शरीर में अल्फा-एमिलेज नामक एंजाइम्स में बढ़ोत्तरी होती है। जो तनाव को दूर करने में सहायता करता है। इसके अलावा महिलाओं के लिए भी अवसाद में जाने का डर कॉफी के गुण से कम हो जाता है।

 

त्वचा के लिए-

चूंकि कॉफी में मौजूद कैफीन स्किन में अच्छी तरह समाकर कोशिका स्तर पर काम करने में सक्षम होता है। जिससे इसका मुख्य घटक त्वचा को अल्ट्रावायलेट रेडिएशन के दुष्प्रभाव से बचाने का काम करता है। इसके अलावा कैफीन त्वचा कोशिकाओं में फैट जमने से रोकने में भी मदद करता है। इस आधार पर कॉफी त्वचा के लिए फायदेमंद साबित होती है। इसलिए कई कॉस्मेटिक प्रोडक्ट में भी इसका उपयोग किया जाता है।

 

डायबिटीज के लिए-

विशेषज्ञों के अनुसार कॉफी में क्विनिक एसिड, क्लोरोजेनिक एसिड, ट्राइगोनलाइन और लिग्नन सेकियोसोलेराइकिनसोल जैसे तत्व मौजूद होते हैं। जो शरीर में ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म में सुधार करके ब्लड शुगर को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा कॉफी का नियमित सेवन शरीर में इंसुलिन की सक्रियता को बढ़ाकर, टाइप 2 डायबिटीज के जोखिमों को कम करने में मदद करता है। इस तथ्य के आधार पर मधुमेह को कम करने के लिए कॉफी का सेवन एक अच्छा विकल्प है।

 

ऊर्जा का स्तर बढ़ाने के लिए-

एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की साइट पर पब्लिश रिपोर्ट के अनुसार, कॉफी पीने से सतर्कता (अलर्टनेस) और दैनिक गतिविधियों के प्रदर्शन में सुधार होता है। इसके अलावा कैफीन युक्त पेय पदार्थों का सेवन करने से मस्तिष्क संबंधी (कॉगनेटिव) गतिविधियों में भी सकारात्मक परिवर्तन होता है। इसलिए कॉफी को ऊर्जा बढ़ाने वाला पेय पदार्थ माना जाता है।

 

अल्जाइमर और डिमेंशिया के लिए-

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) की साइट पर प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार अल्जाइमर एक आम मानसिक बीमारी है। इसके अंतर्गत याद रखने और सोचने की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। जिसके कारण डिमेंशिया नामक मनोविकार भी पैदा होने लगता है। चूंकि कॉफी में मौजूद कैफीन, नर्वस सिस्टम को उत्तेजित कर, कॉगनेटिव (मानसिक) स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का काम करता है। यही वजह है कि अल्जाइमर और डिमेंशिया से सुरक्षा में कॉफी एक कारगर पदार्थ है।

 

पार्किंसंस के लिए-

पार्किंसंस एक प्रकार का दिमागी रोग है। जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। जिससे मस्तिष्क में मौजूद तंत्रिका कोशिकाएं डोपामाइन नामक तत्व का पर्याप्त मात्रा में निर्माण नहीं कर पातीं। परिणामस्वरूप व्यक्ति को चलने-फिरने और संतुलन बनाने में बेहद कठिनाई होती है। इस अवस्था को ही पार्किंसंस रोग कहा जाता है।

 

एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की साइट पर पब्लिश रिपोर्ट के मुताबिक, कॉफी में तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करने वाले न्यूरोस्टिमुलेंट और इसको सुरक्षा देने वाले न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण मौजूद होते हैं। वहीं कैफीन केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर सकारात्मक असर डालता है। इसी कारण कॉफी को पार्किंसंस रोग के उपचार के लिए अच्छा माना जाता है।

 

कॉफी के नुकसान-

अमेरिकन फूड और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन संस्था के मुताबिक, कभी-कभी कैफीन युक्त कॉफी की अधिकता कुछ स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां पैदा कर सकती हैं। जोकि निम्नलिखित हैं।

 
  • अनिद्रा (नींद न आना) की समस्या।
  • पेट का खराब होना।
  • धड़कन का तेज होना।
  • जी मिचलाना और मितली जैसा महसूस होना।
  • चिंता और घबराहट महसूस होना।
  • सिरदर्द होना।

Disclaimer

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