अधिक ठंड लगने के कारण और उससे बचने के घरेलू नुस्खे
2022-05-24 19:05:29
अधिक ठंड-सर्दी की शुरुआत हो चुकी है। जो अपने साथ कई तरह की परेशानी लेकर आती है। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती है वैसे ही इससे होने वाले साइड-इफेक्ट्स (Side-effect) भी बढ़ने लगते हैं। जिसका असर सबसे ज्यादा बच्चे और बड़े-बुजुर्गों पर देखने को मिलता है। इसलिए इस सर्द भरे मौसम से खुदको बचाने के लिए कुछ लोग अलाव (आग) का सहारा लेते हैं तो कुछ लोग रजाई-कंबल में रहना पसंद करते हैं। क्योंकि अलाव और रजाई से हमारे शरीर को शीघ्र ही गर्मी मिलती है। लेकिन कुछ लोगों को इतनी ठंड लगती है कि घंटों रजाई में रहने के बाद भी उनके हाथ-पैर ठंडे रहते हैं। जिसको वे या तो अनदेखा कर देते हैं या फिर ठीक से समझ नहीं पाते लेकिन यदि हाथ-पैर लगातार ठंडे ही रहते हैं, तो यह कुछ शारीरिक समस्या का संकेत भी हो सकता है। जिनको जानना और समझना बेहद जरूरी है।
क्या है हाथ- पैरों के लगातार ठंडे रहने की वजह?
हाथ-पैरों का ठंडा होने का सबसे बड़ा कारण उन्हें पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और रक्त का न मिलना इहै। यह शरीर के खराब ब्लड सर्कुलेशन (रक्त प्रवाह) के कारण होता है। इसके अतिरिक्त नसों की क्षति, मधुमेह, हाइपोथायराइडिज्म (Hypothyroidism), क्रॉनिक फैटिग सिंड्रोम, तंत्रिका क्षति (Nerve Damage), हाइपोथर्मिया (Hypothermia), पैरों में लगातार दर्द का रहना, अधिक थकान और एनीमिया आदि समस्याओं के कारण भी अधिक ठंड लगती है। इसके अलावा यदि आप अधिक शराब का सेवन करते हैं या स्मोकिंग करते हैं या फिर आपके शरीर में किसी पोषण की कमी है तो भी आपके हाथ-पैर हर वक्त ठंडे रह सकते हैं।
अधिक ठंड लगने की समस्या से बचने के घरेलू नुस्खे-
गर्म पानी से नहाए-
सर्दियों के दिनों में नहाने के लिए हल्के गर्म पानी का प्रयोग करें। इसके अतिरिक्त गर्म पानी में नमक डालकर उससे हाथ-पैरो की सिकाई करें। इस प्रक्रिया में पानी की गर्माहट हाथ-पैरों को गर्म प्रभाव देती है और नमक शरीर को मैग्नीशियम देता है, जिससे आपके हाथ-पैर जल्दी गर्म होते हैं।
तेल की मालिश करें-
हाथ-पैरों की गर्म तेल से मालिश करें। इससे आपके हाथ-पैर जल्दी गर्म होते हैं। इसके अतिरिक्त गर्म तेल से मसाज करने से रक्त का प्रवाह अच्छा रहता है और ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है।
मैग्नीशियम सल्फेट (Magnesium Sulfate) का इस्तेमाल करें-
एक टब गर्म पानी में आधा कप मैग्नीशियम सल्फेट को मिलाकर, इसमें पैरों को 15-20 मिनटों तक डुबोकर रखें। इस प्रक्रिया को सप्ताह में तीन से चार बार करने से पैरों के दर्द और सूजन आदि में लाभ मिलता है।
हाइड्रो थैरेपी (Hydro Therapy) का इस्तेमाल करें-
हाइड्रो थैरेपी का मतलब जलचिकित्सा से हैं । इस थैरेपी में गर्म और ठंडे, दोनों तरह के पानी का प्रयोग किया जाता है। इसमे आपको पहले ठंडे पानी में पैरों को दो मिनट तक डुबो कर रखना होता है और फिर एक मिनट के लिए गरम पानी में। इस प्रक्रिया को 15-20 मिनट तक करने के बाद पैरों को तौलिये ये पोछ कर मोजे पहन लें। ऐसा करने से पैरों के दर्द में आराम मिलता है और सर्दी-गर्मी का संतुलन बना रहता है। इस थैरेपी को सप्ताह में तीन से चार बार करें।
अदरक का सेवन करें-
दो कप पानी में छोटे अदरक के टुकड़े को डालकर दस मिनट के लिए उबालकर छान लें। अब इस पानी में शहद मिलाकर दिन में दो से तीन बार पिएं। ऐसा करने से शरीर की गर्माहट बनी रहती है।
ग्रीन-टी (Green Tea) का सेवन करें-
दिन में दो से तीन कप ग्रीन-टी (हरी चाय) का सेवन करें। ध्यान रहें ग्रीन-टी में चीनी की जगह पर शहद का प्रयोग करें। इसके अतिरिक्त एक बाल्टी गर्म पानी में दो से तीन चम्मच हरी चाय पत्ती को डालकर इसमें पैरों को दस मिनट के लिए रखें। इस प्रक्रिया को दिन में दो बार करें। ऐसा करने से पैर जल्दी गर्म होते हैं।
आयरन युक्त पदार्थों का सेवन करें-
सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए आयरन बेहद जरूरी होता है। शरीर में आयरन की कमी होने से अधिक ठंड लगती है। इसलिए जरूरी है शरीर को गर्म रखने के लिए आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। इसके लिए हरी पत्तेदार सब्ज़ी, सोयाबीन, सेब, जैतून, चुकंदर, खजूर आदि का अधिक सेवन करें। यह पदार्थ सर्दियों में शरीर को होने वाली आयरन की कमी को पूरा करते हैं और शरीर को तंदुरुस्त रखते हैं। इसके अलावा आयरन थाइराइड ग्रन्थि (Thyroid Gland) के स्त्राव (Discharge) को भी संतुलित करता है।
मैग्नीशियम युक्त पदार्थों का सेवन करें-
सर्दियों में मैग्नीशियम युक्त आहार भी शरीर के लिए बेहद जरूरी है। क्योंकि मैग्नीशियम ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रखता है और शरीर को गर्म रखने में मदद करता है। इसलिए सर्दियों में
मैग्नीशियम युक्त पदार्थ जैसे- पालक, चुकंदर, ब्रॉक्ली, सीवीड (समुद्री खरपतवार), रूचिरा (Avocado), खीरा, बींस (सेम), आलू, साबुत अनाज, कद्दू के बीज, तिल के बीज और बादाम आदि जरूर खाएं।
शरीर में पानी की कमी न होने दें-
अक्सर लोग सर्दियों में कम पानी पीते हैं, जिससे शरीर के रक्त प्रवाह का स्तर गड़बड़ा जाता है। इसलिए शरीर में पानी की कमी न होने दें। क्योंकि शरीर में पानी की कमी डी-हाइड्रेड का कारण बनती है। जिसकी वजह से हमें अधिक ठंड लगती है, इसलिए खुद को स्वस्थ रखने के लिए दिन में कम से कम दो लीटर पानी जरूर पिएं। यदि आप गुनगुने पानी का सेवन करते हैं तो यह और भी बेहतर होगा।
घास पर चलें-
सुबह के वक्त घास पर नंगे पैर चलना भी शरीर के लिए अच्छा होता है। इसी दौरान पैरों की एक्सरसाइज करने से शरीर को पर्याप्त गर्मी मिलती है। इसलिए सर्दियों के दिनों में घास पर नंगे पैर चलना और एक्सरसाइज करना अधिक महत्वपूर्ण है।
अधिक टाइट कपड़े न पहने-
सर्दियों के दिनों में टाइट और अधिक कपड़े न पहने। क्योंकि ज्यादा और टाइट कपड़े ऊपर से तो हमें सर्द हवाओं से बचा लेते हैं लेकिन अंदर से हमारे शरीर के ब्लड सर्कुलेशन को रोक लेते हैं, जोकि हमारे लिए घातक (Deadly) हो सकता है। इसलिए इस तरह की स्थिति से बचें और टाइट कपड़ों की जगह पर ऊनी कपड़ों का इस्तेमाल करें।
कब जाएं डॉक्टर के पास?
- यदि आपको अधिक ठंड लगने के साथ हाथ-पैरों का रंग पीला पड़ रहा है।
- यदि आपको हाथ-पैरों में ठंड लगने के साथ झुनझुनी या सुन्नपन महसूस हो रहा है।
- यदि ठंड के कारण आपके हाथ-पैरों में छाले पड़ रहे हैं।
- यदि ठंड से आपकी त्वचा टाइट हो रही है तो तुंरत डॉक्टर को दिखाएं।