खर्राटों के कारण लक्षण और घरेलू उपाय
2022-05-24 16:23:14
सोते समय खर्राटे आना एक आम समस्या है। सोते वक्त सांसों के साथ तेज आवाज और वाइब्रेशन आना खर्राटा (snoring) कहलाता है। यह नींद से संबंधित समस्या है। खर्राटों की आवाज नाक या मुंह किसी से भी आ सकती है। यह आवाज सोने के बाद किसी भी समय शुरू और बंद होती है। दरअसल खर्राटे एक तरह की ध्वनि होती है। यह ध्वनि तब पैदा होती है, जब व्यक्ति नींद के दौरान अपनी नाक और गले के माध्यम से स्वतंत्र रूप से सांस नहीं ले पाता है। जब हवा का बहाव गले की त्वचा में स्थित ऊतकों में कंपन पैदा कर देता है तो जो खर्राटे आने लगते हैं। इसलिए माना जाता है कि जो लोग अक्सर बहुत ज्यादा खर्राटे लेते हैं, उनके गले और नाक के ऊतक में बहुत ज्यादा कंपन होता है। खर्राटों से कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं। जिनमें नींद के दौरान सांस रुकना, दिन में बहुत नींद आना, ध्यान लगाने में मुश्किल, सुबह का सिरदर्द, जागने पर गले में खराश होना, नींद में बेचैनी होना, रात को हांफना और ब्लड प्रेशर का बढ़ना शामिल हैं।
खर्राटे आने के लक्षण-
- तेज आवाज के साथ सांस लेना और छोड़ना।
- थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ सेकेंड के लिए सांस का रुकना।
- धीरे-धीरे सांस रुकने की रफ्तार और समय बढ़ना।
- सोते-सोते सांस न आने पर हड़बड़ा कर जागना।
- दिन भर सुस्ती और आलस्य से भरे रहना।
- नींद पूरी होने पर भी दिनभर नींद आना।
- थकान महसूस होना।
खर्राटे आने के कारण-
खर्राटे आने के अनेक कारण होते हैं, जिनमें मुख्य कारण निम्नलिखित हैंः-
मोटापा-
वजन बढ़ने के कारण भी खर्राटे आते हैं। जब किसी व्यक्ति का वजन बढ़ता है तो उसकी गर्दन पर ज्यादा मांस लटकने लगता है। लेटते समय इस मांस के कारण सांस की नली दब जाती है, और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।
अधिक शराब पीना-
कई दर्द निवारक दवाओं की तरह ही शराब भी शरीर की मांसपेशियों के खिंचाव को कम करती है। कई बार बहुत अधिक अल्कोहल के सेवन से गले की मांसपेशियां फैल जाती हैं। जिससे खर्राटे उत्पन्न हो सकते हैं।
साइनस-
खर्राटे आने की एक वजह साइनस है। साइनस के बढ़ने से नाक के छिद्र जाम हो जाते हैं। इतना ही नहीं, खर्राटे की ध्वनि बढ़ने पर भी नाक के रास्ते पर प्रभाव पड़ता है। ऐसे में साइनस के मरीज को खास सावधानियां रखने की जरूरत होती है।
सोने का गलत तरीका-
सोते समय गले का पिछला हिस्सा थोड़ा संकरा हो जाता है। ऐसे में ऑक्सीजन संकरी जगह से अंदर जाती है तो आस-पास के टिशू वायब्रेट होते हैं। जिससे खर्राटे आने लगते हैं।
सर्दी-
अधिक दिनों तक नाक बंद रहने पर डॉक्टर से जांच करवाएं। क्योंकि नींद की गोलियां, एलर्जी रोधक दवाइयां भी श्वसन मार्ग की मांसपेशियों को सुस्त बना देती हैं। जिनसे खर्राटे आने लगते हैं।
खर्राटे आने के अन्य कारण-
- नीचे वाले जबड़े का छोटा होना भी खर्राटे आने का कारण है। जब व्यक्ति का जबड़ा सामान्य से छोटा होता है तो लेटने पर उसकी जीभ पीछे की तरफ हो जाती है। इससे सांस की नली ब्लॉक हो जाती है। ऐसे में सांस लेने और छोड़ने के लिए प्रेशर लगाना पड़ता है। जिससे वाइब्रेशन होता है और खर्राटे आते हैं।
- वात एवं कफ दोष होने पर भी खर्राटे आते हैं।
- यह बीमारी आनुवंशिक भी है। जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को होती है।
- नाक के वायुमार्ग में रूकावट- नाक में विकृति होना जैसे सैप्टम (नाक के रास्ते को दो भागों में बांटने वाली दीवार) का टेढ़ापन या नाक के अंदर निकले छोटे-छोटे कणों के कारण भी वायुमार्ग में रुकावटें आ सकती हैं। इसके इसके अलावा कुछ लोगों को सर्दी के दिनों में खर्राटे आने लगते हैं।
- व्यक्ति की गर्दन अगर ज्यादा छोटी हो तो भी सोते समय सांस के साथ आवाज आती है।
खर्राटों से होने वाली समस्याएं-
- दिन में नींद आना।
- किसी भी चीज में एकाग्रता न हो पाना अर्थात ध्यान न लगा पाना।
- कभी भी नींद आ जाना।
- उच्च रक्तचाप का शिकार हो जाना।
- दिल की बीमारी होना।
- हर्ट स्ट्रोक की संभावना का बढ़ना।
खर्राटे रोकने के घरेलू उपाय-
पेपरमिंट ऑयल-
खर्राटों को रोकने के लिए पेपरमिंट ऑयल फायदेमंद उपाय है। प्रतिदिन इस तेल को हथेली में लेकर दो से तीन बूंदें सूंघें। इसके अलावा गर्म पानी में इस ऑयल की कुछ बूंदे डालकर भाप लेने से भी बंद नाक खुल जाती है। जिससे खर्राटों की समस्या कम होती है।
विटामिन सी युक्त भोजन-
कम इम्यूनिटी के कारण भी खर्राटे संभव है। ऐसे में विटामिन सी युक्त फल और सब्जियां खाएं।
मेथी पाउडर-
मेथी में ऐंटीऑक्सीडेंट और ऐंटीवायरल गुण पाए जाते हैं। जो खर्राटों को ठीक करने में मददगार होते हैं। ऐसा माना जाता है कि पाचन तंत्र मजबूत नहीं होने के कारण भी खर्राटे आते हैं। ऐसे में रात में सोने से पूर्व आधा चम्मच मेथी पाउडर हल्के गुनगुने पानी के साथ पीने से खर्राटों से राहत मिलती है।
इलायची पाउडर-
आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर इलायची को भी खर्राटों के उपचार में सही माना गया है। आयुर्वेद विशेषज्ञों की मानें तो हल्के गुनगुने पानी के साथ इलायची पाउडर का सेवन सोने से पहले करना चाहिए। इससे खर्राटे की आवाज बंद हो जाती है।
हल्दी-
हल्दी में एंटी-सेप्टिक और एंटी-बायोटिक गुण होते हैं। जिसके इस्तेमाल से नासा-द्वार साफ हो जाता है और सांस लेने में आसानी होती है। इसके लिए रोज रात को सोने से पहले दूध में हल्दी पकाकर पिएं।
भाप-
रोज रात में एक कटोरी में पानी को गर्म करके उसमें टी ट्री ऑयल मिला दें। इसके बाद 10 मिनट तक गहरी सांस लेकर भाप लेने की कोशिश करें। इससे नाक का जमाव दूर होता है और सांस लेने में आसानी होती है। इस प्रकार खर्राटों की समस्या को दूर करने के लिए रोज रात को भांप लें।
- खर्राटों को कैसे रोका जा सकता है?
- हर रात एक ही समय पर सोने जाएं।
- बिस्तर पर जाने से पहले नाक अच्छी तरह साफ कर लें।
- बहती नाक को रोकने का सही उपाय करें।
- सोने से पहले शराब से परहेज करें।
- सोने से पहले खाना न खाएं, इससे एक दो घंटे पूर्व ही भोजन कर लें।
- तकिया पर करीब 4 इंच तक अपने सिर को ऊंचा करके सोएं।
कब जाएं डॉक्टर के पास?
जब आप खर्राटे के कारण निम्न परेशानी से पीड़ित हों तो डॉक्टर से सम्पर्क कर सकते हैं-
- जब उदास मन हो।
- जब चिड़चिड़ा व्यवहार हो।
- जब एकाग्रता कम हो रही हो।
- जब दिन के समय भी सुस्ती लगे।
- जब नींद के दौरान सांस रोकने लगे।
- यदि खर्राटों की समस्या अधिक हो।
- जब सुबह उठने के बाद आराम न मिले।
- जब सुबह उठने के साथ ही सिर में दर्द महसूस हो।
- जब सोते समय आपकी सांस फूलती हो या जागने के बाद आप पसीने से भीगे हुए होते हों।