ब्लैक टी के प्रकार और फायदे
2022-03-17 11:17:44
लगभग सभी लोगों को दिन की शुरुआत चाय की चुस्कियों के साथ करना पसंद होता है। क्योंकि माना जाता है सुबह की चाय से शरीर में ताजगी और स्फूर्ति का संचार होता है। वहीं कुछ लोगों को ब्लैक टी यानी बिना दूध की चाय पीना ज्यादा पसंद होता है। क्योंकि काली चाय सामान्य चाय के मुकाबले कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभों से भरी होती है। दरअसल काली चाय में कार्बोहाइड्रेट और सोडियम कम होता है। लेकिन इसमें पॉलीफेनॉल्स (polyphenols) जैसे एंटीऑक्सीडेंट, फर्मेन्टेड और ऑक्सिडाइज्ड (ऑक्सीकृत) मौजूद होते हैं। इसलिए ब्लैक टी सामान्य और ग्रीन टी से ज्यादा लाभकारी होती है। बिना दूध की चाय दस्त, अस्थमा, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, रक्त परिसंचरण और पाचन जैसी कई परेशानियों से छुटकारा दिलाती है। इसके अलावा ब्लैक टी बालों और त्वचा के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित होती है।
उत्पादन क्षेत्र के आधार पर ब्लैक टी के प्रकार-
- नीलगिरी ब्लैक टी (Nilgiri Black Tea)
- लैपसैंग सुचोंग (Lapsang Souchong)
- असम ब्लैक टी (Assam Black Tea)
- युनान डियनहोंग (Yunnan Dianhong)
- दार्जलिंग ब्लैक टी (Darjeeling Black Tea)
- फुजियन मिनहोंग (Fujian Minhong)
- केनयान ब्लैक टी (Kenyan Black Tea)
- अन्हुई कीमुन (Anhui Keemun)
- सेयलोन ब्लैक टी (Ceylon Black Tea)
मिश्रित सामग्रियों के आधार पर ब्लैक टी के प्रकार-
- अर्ल ग्रे ब्लैक टी (Earl Grey Black Tea)
- रोज ब्लैक टी (Rose Black Tea)
- राशियन कैरावान (Russian Caravan)
- इंग्लिश ब्रेकफास्ट (English Breakfast)
- आफ्टरनून टी (Afternoon Tea)
- आयरिश ब्रेकफास्ट (Irish Breakfast)
- चाय टी (Chai Tea)
सेहत के लिए ब्लैक टी के फायदे;
वजन नियंत्रण के लिए-
चीन के एक रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा ब्लैक टी पर की गई रिसर्च के मुताबिक, काली चाय में मौजूद पॉलीफेनॉल्स बिना किसी दुष्परिणाम के एंटीओबेसिटी (मोटापा कम करने वाला) प्रभाव प्रदर्शित करते हैं। जो मोटापे के कारण पैदा होने वाले खतरों को कम करने में मदद करते हैं। इसलिए काली चाय को वजन नियंत्रित करने के लिए उपयोगी माना जाता है।
पाचन तंत्र के लिए-
ब्लैक टी पीने से पाचन तंत्र अच्छा रहता है। क्योंकि इसमें कैटेचिन नामक तत्व पाया जाता है। जो इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज यानी सूजन के कारण होने वाली पेट संबंधी परेशानियों को कम करने में सहायता करता है। इस बात की पुष्टि एनसीबीआई की साइट पर प्रकाशित ब्लैक टी से संबंधित एक रिसर्च पेपर भी करता है।
मुंह के स्वास्थ्य के लिए-
मुंह में मौजूद स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन (Streptococcus mutans) जैसे सूक्ष्म जीव मुंह के स्वास्थ्य पर नेगेटिव इफेक्ट डालते हैं। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, काली चाय में एंटीमाइक्रोबियल प्रभाव होता है। जो इस तरह के कई सूक्ष्म जीवों को कम करने में सहायता करते हैं। इसलिए काली चाय का प्रयोग मुंह के स्वास्थ्य के लिए किया जा सकता है।
हृदय स्वास्थ्य के लिए-
एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की साइट पर प्रकाशित बोस्टन यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन की रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, काली चाय के सेवन से हृदय संबंधी खतरों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। क्योंकि ब्लै टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण धमनी से जुड़े हृदय विकारों से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित होते हैं। इसलिए काली चाय का नियमित सेवन हृदय स्वास्थ्य को लंबे समय तक अच्छा रख सकता है।
डायबिटीज के लिए-
विशेषज्ञों के अनुसार काली चाय में थियाफ्लेविंस (theaflavins) नामक पॉलीफेनॉल मौजूद होता है। जो एंटीडायबिटिक प्रभाव से युक्त होता है। यह इंसुलिन की सक्रियता को बढ़ाकर, ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है। इस तथ्य के आधार पर मधुमेह को कम करने के लिए काली चाय का सेवन करना एक अच्छा विकल्प है।
स्किन के लिए ब्लैक टी के फायदे;
त्वचा को जवां रखने के लिए-
विशेषज्ञों के मुताबिक, काली चाय समय से पहले नजर आने वाले बुढ़ापे के लक्षणों को कम करती है। दरअसल काली चाय में पॉलीफेनॉल्स उच्च मात्रा में मौजूद होते हैं। जो एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव प्रदर्शित करते हैं। इस प्रभाव के चलते ब्लैक टी फ्री रेडिकल्स यानी मुक्त कणों के प्रभाव को कम कर, त्वचा को लंबे समय तक जवां रखने में मदद करती है। इसके अलावा काली चाय कोलेजन की मात्रा को नियंत्रित कर, झुर्रियों को दूर करने में भी सहायता करती है। इसलिए ब्लैक टी का इस्तेमाल बढ़ती उम्र के प्रभावों को कम करने के लिए किया जा सकता है।
दाग धब्बों को दूर करने के लिए-
कॉपर युक्त एंजाइम्स को टायरोसिनेस (tyrosinase) कहते हैं। जो त्वचा पर मेलेनिन के प्रभाव को बढ़ाकर दाग-धब्बों का कारण बनता है। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, ब्लैक टी में गेलिक एसिड मौजूद होता है। जो त्वचा हेतु टायरोसिनेस को कम करने वाला प्रभाव प्रदर्शित करता है। इसलिए काली चाय के विषय में यह कहना गलत नहीं होगा कि वह त्वचा पर मौजूद दाग-धब्बों को दूर करने में सहायता करती है।
त्वचा इंफेक्शन के लिए-
ज्यादतर त्वचा संक्रमण के कारण फंगस और बैक्टीरिया होते हैं। चूंकि ब्लैक टी में एक कैटेचिन नामक तत्व पाया जाता है। जिसकी वजह से काली चाय में एंटीफंगल (फंगस के खिलाफ लड़ने वाला) और एंटीबैक्टीरियल (जीवाणु को नष्ट करने वाला) गुण पाए जाते हैं। इसलिए स्किन इंफेक्शन से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए काली चाय का इस्तेमाल किया जा सकता है।
अल्ट्रावायलेट किरणों से बचने के लिए-
ब्लैक टी में एक कैटेचिन नाम का तत्व होता है। जिसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है। अपने इसी गुण के चलते काली चाय त्वचा को मुक्त कणों और अल्ट्रावायलेट किरणों के प्रभाव से बचाने में सहायता करती है। इसलिए काली चाय का उपयोग सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाव हेतु किया जा सकता है।
बालों के लिए ब्लैक टी के फायदे;
बालों के विकास के लिए-
ब्लैक टी में पॉलीफेनोल्स प्रभाव मौजूद होते हैं। जो एलोपेसिया (बाल झड़ने) की परेशानी को कम कर, बालों के विकास में मदद करते हैं। इसलिए कली चाय के अर्क को बालों पर लगाने से सकारात्मक परिवर्तन देखे जाते हैं।
ब्लैक टी के नुकसान-
- कैफीन किडनी के लिए ड्यूरेटिक (मूत्रवर्धक) की तरह काम करता है। चूंकि काली चाय में उच्च मात्रा में कैफीन पाई जाती है। इसलिए इसका अधिक सेवन करने से बार-बार पेशाब आने की परेशानी हो सकती है।
- चूंकि काली चाय में उच्च मात्रा में कैफीन पाई जाती है। इसलिए इसका अधिक सेवन करने से बच्चे और बड़े दोनों को अनिद्रा की समस्या हो सकती है।
- काली चाय का अधिक सेवन करने से दांतों की बाहरी परत (इनेमल) को हानि हो सकती है। जिससे दांतों में सेंसिटिविटी हो सकती है और दांत कमजोर भी हो सकते हैं।