Cart
My Cart

Use Code VEDOFFER20 & Get 20% OFF 5% OFF ON PREPAID ORDERS

Use Code VEDOFFER20 & Get 20% OFF.
5% OFF ON PREPAID ORDERS

No Extra Charges on Shipping & COD

क्या है दंती? जानें, इसके फायदे एवं उपयोग

क्या है दंती? जानें, इसके फायदे एवं उपयोग

2022-05-24 16:29:11

आयुर्वेद में दंती को एक प्रकार की औषधि माना गया है। सुश्रुत संहिता और चरक संहिता में भी दंती और इसके फायदों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है। आयुर्वेद के अनुसार दंती पौधे के फूल, तना, फल और जड़ सब चीज सेहत के लिए अच्छी होती हैं। पेट की समस्या से लेकर दांतों से संबंधित रोगों तक दंती के फायदे देखे जाते हैं। आजकल बाजारों में दंती की जड़े (दंतीमूल) लकड़ी के टुकड़ों के रूप में मिलती हैं। 

 
क्या है दंती?

दंती एक तरह का पौधा है। जिसकी शाखाएं हरे और सफेद रंग की होती हैं। पत्तियां गोल आकार और 5-8 सेमी लम्बी होती हैं। दंती पौधे की औसतन ऊंचाई 90-180 सेमी तक होती है। वहीं इसके फूल हरे-पीले रंग और गुच्छों में उगते हैं। इसके फल रोयेंदार (Hairy) और अंडाकार होते हैं। दंती को अंग्रेजी में वाइल्ड क्रोटोन (Wild croton) और हिंदी में दन्ती, छोटीदन्ती, ताम्बा आदि नामों से जाना जाता है। वहीं, दंती का वानस्पतिक नाम बैलिओस्पर्मम सोलेनिफोलियम (Baliospermum solanifolium) है।

 
दंती के फायदे एवं उपयोग:
पेट की गैस के लिए-

गैस के कारण पेट फूलने या पेट में गैस का गोला जैसा महसूस होने वाली परेशानी को आयुर्वेद में गुल्म नाम दिया गया है। 5-10 ग्राम दंती की जड़ के पेस्ट को दही, छाछ, मण्ड, मद्य (मदिरा) आदि के साथ सेवन करने से गुल्म और पेट के अन्य रोगों में आराम मिलता है। इसके अलावा अजमोदा (सेलेरी) और सेंधानमक के साथ दंती तेल का सेवन करने से भी पेट संबंधी समस्याओं में लाभ मिलता है।

 
आंखों के लिए-

आंखों में दर्द होने पर दंती की जड़ का रस निकालकर उसमें शहद मिलाकर काजल के रूप में आंखों में लगाने से आंखों के दर्द में आराम मिलता है।

 
सांस से जुड़ी समस्या के लिए-

सांस की तकलीफ और फेफड़ों की सूजन को दूर करने के लिए दंती एक कारगर औषधि है। इसके लिए कुछ दिनों तक10-15 मिली दंती की पत्तियों से बने काढ़े का सेवन करें। ऐसा करने से सांस से जुड़ी समस्याओं में आराम मिलता है।

 
पेचिश के लिए-

पिप्पली, दन्ती और चित्रक (Chitrak) को बराबर मात्रा में लेकर पानी के साथ पीस लें। अब इसे गुनगुने पानी के साथ लेने से पेचिश की दिक्कत कम होती है।

 
पेट साफ करने के लिए-

पेट का ठीक से साफ न होना कई बीमारियों को जन्म देता है। इसलिए दंती का इस्तेमाल लैक्सेटिव (विरेचक या पेट साफ़ करने की दवा) के रूप में किया जाता है। इसके लिए गन्ने के टुकड़ों को द्रवंती और दंती के पेस्ट में लपेटकर पुटपाक-विधि से पका लें। अब इनका रस निकालकर 10-15 मिली मात्रा में सेवन करें। ऐसा करने से पेट आसानी से साफ हो जाता है।

 
दांतों के लिए-

दंती की जड़, इन्द्रयव (Holarrhena pubescens), कासीस, सत्यानाशी मूल और वायविडंग को बराबर मात्रा में लेकर इसका चूर्ण बनाकर दांतों की मालिश करें। ऐसा करने से दांतों के कीड़े और दांतों की सड़न से छुटकारा मिलता है।

 
बवासीर के लिए-

दंती (Wild croton), पलाश (Tesu flower), निशोथ (Turpethum or Nishoth), चित्रक (Chitrak) और चांगेरी (Changeri) आदि की पत्तियों को घी या तेल में पकाकर सब्जी बना लें। अब इस सब्जी को दही के साथ खाने से बवासीर में आराम मिलता है। अच्छे परिणाम की प्राप्ति हेतु आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लें।

 
कहां पाया जाता है दंती का पौधा?

भारत में दंती का पौधा हिमालय में कश्मीर से अरुणाचल प्रदेश में 600-1000 मी. की ऊंचाई तक पाया जाता है। इसके अलावा कर्नाटक, बंगाल, असम, कोंकण, बिहार, दक्कन प्रायद्वीप, पश्चिमी घाटों एवं केरल के पहाड़ी क्षेत्रों में 1800 मी. की ऊंचाई तक दंती का पौधा पाया जाता है। वहीं, विश्व चीन, म्यांमार, बांग्लादेश, जावा, थाईलैंड, मलय प्रायद्वीप और इंडो-मलेशिया के क्षेत्रों में दंती के पौधों को देखा जा सकता है।

Disclaimer

The informative content furnished in the blog section is not intended and should never be considered a substitution for medical advice, diagnosis, or treatment of any health concern. This blog does not guarantee that the remedies listed will treat the medical condition or act as an alternative to professional health care advice. We do not recommend using the remedies listed in these blogs as second opinions or specific treatments. If a person has any concerns related to their health, they should consult with their health care provider or seek other professional medical treatment immediately. Do not disregard professional medical advice or delay in seeking it based on the content of this blog.


Share: