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क्रोन (क्रोहन) रोग क्या है? जानें, इसके लक्षण, कारण और उपचार

क्रोन (क्रोहन) रोग क्या है? जानें, इसके लक्षण, कारण और उपचार

2022-03-17 12:43:34

जीवन में भागदौड़ और गलत लाइफ स्टाइल की वजह से हम और आप अपनी सेहत और खासकर खाने पीने की चीजों पर ध्यान नहीं दे पाते। जिससे शरीर में कई प्रकार के पेट संबंधी बीमारियां उत्पन्न  होती हैं। इन्हीं बीमारियों में से एक क्रोहन भी है। क्रोहन रोग पेट में दर्द, सूजन, जलन, दस्त या इस ब्लॉग में बताए गए अन्य लक्षणों के साथ शरीर में दाखिल हो सकता है। इसलिए यह अति आवश्यक है कि इस बीमारी के बारे में सही जानकारी रखी जाए। आइए, इस ब्लॉग के माध्यम से जानते है क्रोहन रोग के कारण, लक्षण और इससे बचने के लिए अपने जीवन शैली में क्या-क्या बदलाव किया जा सकता है। 

 

क्रोहन रोग क्या है?

क्रोहन रोग (Crohn’s disease) एक दीर्घकालिक (लंबे समय तक) चलने वाली आंत से जुड़ा इंफ्लामेटरी रोग (Inflammatory Bowel Disease) है। जिसकी गिनती क्रोनिक रोग की श्रेणी में होती है। इस रोग के कारण पाचन तंत्र की परत में सूजन और लालिमा हो जाती है। यह रोग सूजन और जलन के साथ व्यक्ति के डाइजेस्टिव ट्रैक्ट (Digestive Tract) को प्रभावित करता है। इसके अलावा यह सूजन पाचन तंत्र के किसी भी हिस्से (मुंह से लेकर मलद्वार तक) को प्रभावित कर सकती है। आमतौर पर यह छोटी आंत (इलियम) या बड़ी आंत (कोलन) को प्रभावित करती है।

 

पाचन तंत्र शरीर का वह भाग है, जो भोजन को पचाने का काम करता है। इसमें मुंह, पेट, और आंतें शामिल होती हैं। यदि पाचन तंत्र सामान्य रूप से काम कर रहा होता है। तो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कीटाणुओं और खराब कोशिकाओं को मार देती है। लेकिन कोशिकाओं को मारने के बजाय यदि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करना शुरू कर देती है। तो इसे स्वप्रतिरक्षी प्रतिक्रिया (autoimmune response) कहा जाता है। क्रोहन रोग इसी कारण होता है। इसमें खराब कोशिकाएं पाचन तंत्र की पतली परत पर हमला करती हैं। जिससे आंतरिक सूजन हो जाती है। साथ ही घाव यानी अल्सर (ulcers) और रक्तस्राव भी हो सकता है।

 

यह बीमारी कितनी सामान्य है?

क्रोहन रोग पुरुषों और महिलाओं या किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है। यह बीमारी ज्यादातर 15 से 35 की उम्र के लोगों में देखने को मिलती है। लेकिन इसके कारणों को नियंत्रित करके इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है।

 

क्रोहन रोग के लक्षण-

क्रोहन रोग के बहुत से लक्षण होते हैं। लेकिन सभी लक्षण केवल एक ही व्यक्ति में देखने को नहीं मिलते हैं। यह लोगों में अलग-अलग नजर आते हैं जोकि निम्न हैं;

 
  • आंत में दर्द एवं सूजन होना।
  • आंतो में अल्सर होना।
  • भूख कम लगना।
  • सीने में जलन होना।
  • कब्ज होना।
  • मल में रक्त आना।
  • अधिक थकावट महसूस करना।
  • एनीमिया ( शरीर में खून की कमी) रोग होना।
  • वजन कम होना।
  • शौच के बाद भी पेट का साफ न होना।
  • पेट में भारीपन महसूस करना।
  • पेट में मरोड़ या दर्द होना।
  • मुंह में छाले पड़ना।
  • सिर में दर्द होना।
  • बदहजमी होना।
  • त्वचा में मुंहासे और फुंसियों का होना।
  • पेट फूलना या दस्त होना।
  • बच्चे का विकास न हो पाना।
  • पित्तनलिकाओं में सूजन आना।
  • गठिया, जोड़ों में दर्द होना।

क्रोहन रोग होने के कारण-

क्रोहन रोग होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। जिसका सटीक कारण अब तक ज्ञात नहीं हुआ हैं। लेकिन इम्यून सिस्टम, वायरस और बैक्टेरिया इसके मुख्य कारण माने जाते हैं। यह एक प्रकार का प्रतिरक्षित रोग होता है। जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली खुद की आंत पर हमला करती है। जिससे सूजन, दर्द आदि उत्पन्न होती है। इसके अलावा क्रोहन रोग होने की समस्या मुख्य रूप से हमारी जीवनशैली और खानपान से जुड़ी होती है। आइए चर्चा करते हैं इन्हीं कमियों के बारे में-

 
  • अधिक शराब एवं धूम्रपान का सेवन करना।
  • फाइबर युक्त भोजन का सेवन न करना।
  • तरल पदार्थों का कम सेवन करना।
  • ज्यादा मीठा और फैटी फ़ूड खाना।
  • सही समय पर भोजन न करना।
  • ज्यादा तेल एवं मिर्च मसाले का सेवन करना।
  • एस्पिरिन और एंटी इंफ्लेमेटरी दवाओं का अधिक उपयोग करना।
  • शारीरिक श्रम की कमी होना।
  • हेल्थ सप्लीमेंट्स दवाओं का अधिक सेवन करना।
  • आनुवंशिकता (पारिवारिक रोग संबंधी) कारक-  यदि माता-पिता, भाई-बहन या अन्य पारिवारिक सदस्य पहले से क्रोहन रोग से पीड़ित है। तो अन्य सदस्यों में भी यह रोग विकसित होने की संभावना काफी बढ़ जाती हैं।
 

क्रोहन रोग होने पर जीवन शैली में बदलाव और घरेलू उपाय-

  • ताजे फल एवं सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें।
  • अधिक फाइबर युक्त आहार जैसे फलियां और साबुत अनाज का सेवन करें।
  • दो या तीन बार अधिक मात्रा में भोजन करने की बजाय पांच या छः बार कम मात्रा में भोजन करें।
  • लक्षणों को बदतर करने वाले आहार के सेवन से बचें।
  • प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
  • चाय, कॉफी, धूम्रपान आदि का सेवन कम करें।
  • शराब के सेवन से बचें।
  • तले-भुने एवं जंक फूड के सेवन से बचें।
  • भोजन को चबाकर एवं धीरे-धीरे करें।
  • भोजन करते समय पानी न पिएं।
  • भोजन के उपरांत तुरंत न लेटें।
  • नियमित रूप से सुबह टहलें और व्यायाम करें।

क्रोहन रोग के परिक्षण-

  • ब्लड टेस्ट।
  • अल्ट्रासाउंड।
  • स्टूल टेस्ट।
  • एक्स-रे।
  • सिटी स्कैन एवं एमआरआई स्कैन।

कब जाएं डॉक्टर के पास?

यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण नजर आए, तो अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें;

  • पेट में लगातार दर्द बना रहने पर।
  • पॉटी से खून आने पर।
  • एक-दो दिन से अधिक समय तक बुखार बने रहने पर।
  • तेजी से वजन घटने पर आदि।

Disclaimer

The informative content furnished in the blog section is not intended and should never be considered a substitution for medical advice, diagnosis, or treatment of any health concern. This blog does not guarantee that the remedies listed will treat the medical condition or act as an alternative to professional health care advice. We do not recommend using the remedies listed in these blogs as second opinions or specific treatments. If a person has any concerns related to their health, they should consult with their health care provider or seek other professional medical treatment immediately. Do not disregard professional medical advice or delay in seeking it based on the content of this blog.


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