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अदरक के औषधीय गुण, फायदे और उपयोग

अदरक के औषधीय गुण, फायदे और उपयोग

2022-05-24 16:35:09

हर घर की रसोई में अदरक का उपयोग होता है। क्योंकि अदरक में कई औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। अदरक से शरीर को ऊर्जा मिलती है। इसलिए अदरक का इस्तेमाल व्यंजनों के साथ और भी कई चीजों में किया जाता है। हजारों वर्षों से आयुर्वेद की यूनानी और सिद्ध औषधि में चिकित्सकीय तत्व के रूप में अदरक का इस्तेमाल किया जाता रहा है। जी मिचलाना, उल्टी, गैस और पेट फूलने की समस्या से राहत दिलाने में अदरक का नाम प्रमुख जड़ी-बूटियों के तौर पर आता है। भारत में अदरक की चाय को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। क्योंकि इससे शरीर को गर्मी और जोश मिलता है। कई लोकप्रिय व्यंजनों में स्वाद बढ़ाने के लिए प्रमुख सामग्री के रूप में अदरक का इस्तेमाल किया जाता है।

 
क्या है अदरक?

अदरक जमीन के अन्दर उगने वाले पौधे का तना है। यह सुगन्धित होता है। अदरक का पौधा कई वर्षों तक जीवित रहता है। यह लगभग 90-120 सेमी ऊंचा और कोमल होता है। हर साल इसके प्रकन्द (Rhizome) से नई शाखाएं निकलती हैं। इसका प्रकन्द सफेद या पीले रंग का होता है। जो बाहर से भूरे रंग का होता है। अदरक में धारियां होती हैं और यह गोलाकार होने के साथ-साथ एक या अनेक भागों में विभाजित होता है। बहुत सालों से औषधि चूर्ण, काढ़ा, गुटिका (गोली) तथा अवलेह आदि में अदरक का प्रयोग किया जाता रहा है।

 
अदरक का आयुर्वेदिक महत्त्व-

आयुर्वेद में अदरक के कई औषधीय गुण बताए गए हैं। भूख की कमी, बदहजमी, वात-पित्त दोष आदि में अदरक के औषधीय गुण बेहद लाभदायक होते हैं। घाव, पथरी, बुखार, एनीमिया और मूत्र रोग में भी अदरक फायदेमंद है। पाचन-तंत्र, सूजन, शरीर के दर्द, सर्दी- खांसी जैसी बीमारियों में अदरक के इस्तेमाल से फायदा मिलता है। इतना ही नहीं ह्रदय रोग, रक्त विकार, बवासीर आदि रोगों में भी अदरक के औषधीय गुण से लाभ होता है।

 
अदरक के फायदे;
खांसी को दूर करने में सहायक-

अदरक एक प्राकृतिक एनाल्जेसिक और दर्द निवारक है। इसलिए इसे गले के दर्द और जलन को शांत करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह खांसी को कम करने में भी मदद करता है। खासकर तब, जब इसका कारक आम सर्दी हो। अदरक की तीव्र ऊष्म कार्यशीलता फेफड़ों से बलगम को खत्म करने में मदद करती है। जो खांसी से राहत दिलाने में अत्यंत सहायक है। खांसी से राहत पाने के लिए सीधे कटे हुए अदरक का सेवन या इससे बनी हुई चाय का आनंद उठा सकते हैं। उपचार प्रक्रिया तथा खांसी को कम करने के लिए आप अदरक के तेल से छाती व पीठ की मालिश कर सकते हैं।

 
मतली व उल्टी में लाभदायक-

मतली व उल्टी की समस्या में अदरक के इस्तेमाल द्वारा लाभ पाया जा सकता हैं। यह बात इंटीग्रेटिव मेडिसिन इनसाइट्स द्वारा किए गए एक शोध से प्रमाणित होती है। शोध में पाया गया कि अदरक में एंटीएमेटिक्स (मतली और उल्टी के आभास को कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। इस प्रभाव के कारण अदरक मुख्य रूप से गर्भावस्था और कीमोथेरेपी के बाद होने वाली मतली की समस्या में राहत दिला सकता है।

 
माइग्रेन में असरदार-

अदरक में दर्दनिवारक गुण मौजूद होते हैं। यही दर्दनिवारक गुण माइग्रेन की समस्या में सहायक साबित होते हैं। अदरक का रस माइग्रेन के तीव्र दर्द को नियंत्रित कर आराम पहुंचाने का काम करता है। इसलिए माइग्रेन पीड़ित के लिए अदरक का सेवन लाभदायक होता है।

 
दर्द को कम करता है-

यूनाइटेड स्टेट के नेब्रास्का विश्वविद्यालय द्वारा एक शोध में पाया गया कि अदरक में एनाल्जेसिक (दर्दनिवारक) गुण पाया जाता है। जो खिलाड़ियों में अधिक तनाव के कारण होने वाले मांसपेशियों के दर्द पर व्यापक प्रभाव डालता है। वहीं, दूसरी ओर तेहरान के शाहेद विश्विद्यालय द्वारा किए गए शोध में यह माना गया कि अदरक मासिक धर्म के दर्द को नियंत्रित कर सकता है। इन दोनों तथ्यों के आधार पर कहा जाता है कि अदरक के औषधीय गुण मांसपेशियों में खिंचाव, तनाव व सूजन के कारण होने वाले दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

 
पाचन तंत्र को मजबूत करता है-

अदरक कब्ज, पेट दर्द, पेट की ऐंठन, मरोड़ व गैस जैसी कई समस्याओं से राहत दिलाने में सहायक साबित होता है। वहीं, यह अपच की समस्या को ठीक करने में भी मददगार है। इसलिए अदरक पेट से संबंधी परेशानियों को दूर करने और पाचन तंत्र को मजबूत बनाने का भी काम करता है।

 
मधुमेह को नियंत्रित करता है-

अदरक शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है और इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली इंसुलिन और अन्य दवाओं के प्रभाव को बढ़ा सकता है। इसलिए रक्त शर्करा को नियंत्रित करने के लिए विशेषज्ञों का सुझाव है कि सुबह-सुबह एक गिलास गर्म पानी में अदरक के रस का एक चम्मच मिलाकर पीना चाहिए। इससे मधुमेह से जुड़ी विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं को अदरक की मदद से काफी हद तक सीमित किया जा सकता है। अदरक का नियमित सेवन मूत्र के प्रोटीन का स्तर कम कर सकता है। इसके अतिरिक्त यह अधिक पानी के सेवन और मूत्र उत्पादन को भी कम करता है। इस प्रकार अदरक अनियंत्रित रक्त शर्करा के कारण विभिन्न प्रकार के खतरों कम करता है।

 
गठिया दर्द को कम करता है-

अदरक में प्रभावशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। जो वात-रोग (गाउट), संधिशोथ (रहेयूमेटॉइड आर्थराइटिस) और ऑस्टियोआर्थराइटिस से संबंधित दर्द का इलाज करने में मदद करते हैं। 2001 के एक अध्ययन के मुताबिक, घुटने के पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षणों को कम करने में अदरक का अर्क अति प्रभावी होता है। इसके लिए गर्म अदरक के पेस्ट को हल्दी के साथ मिलाकर दिन में दो बार प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। साथ ही अपने आहार में भी कच्चे या पके हुए अदरक को शामिल करें। इसके अतिरिक्त दर्द कर रही मांसपेशियों और जोड़ों को शांत करने के लिए स्नान वाले पानी में अदरक एसेंशियल ऑयल (ginger essential oil) की कुछ बूंदों को मिलाएं।

 
हृदय के लिए स्वास्थ्यवर्धक-

अदरक का सेवन हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए लंबे समय से उपयोग किया जाता रहा है। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है, रक्तचाप को नियंत्रित करता है और ब्लड- क्लॉटिंग को रोकने में मदद करता है। जिससे विभिन्न हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में सहायता मिलती है। पोटेशियम में उच्च, अदरक दिल के स्वास्थ्य के लिए उत्कृष्ट होता है। अदरक में मौजूद मैंगनीज की अच्छी मात्रा, हृदय, रक्त वाहिकाओं और मूत्र मार्गों का संरक्षण करने में मदद करती है। इसलिए हृदय के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए अपने नियमित आहार में इस जड़ी-बूटी को अवश्य शामिल करें।

 
अदरक का उपयोग-
  • अदरक का सबसे अधिक सेवन चाय के रूप में किया जाता है।
  • कुछ घरों में अदरक का उपयोग सब्जी में तड़का लगाने के लिए भी किया जाता है।
  • कुछ लोगों को अदरक के अचार का सेवन करना भी बेहद पसंद होता है।
  • वहीं, अदरक के अभाव में इसके पाउडर (सोंठ) का इस्तेमाल भी कई कामों में बड़े स्तर पर किया जाता है।
 
अदरक के नुकसान-
  • अदरक का अधिक मात्रा में सेवन करने से दस्त, पेट की विभिन्न समस्याओं, मुंह में जलन और गंभीर डकार या उबकाई आदि समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
  • अदरक का अधिक सेवन ब्लड-क्लॉटिंग को धीमा कर सकता है और खून के पतलेपन को बढ़ा सकता है।
  • कुछ लोगों में अदरक गंभीर एलर्जी प्रतिक्रियाओं जैसे कि श्वास में कठिनाई, गले का बंद होना, होंठ व जीभ में सूजन, खुजली व रैशेज आदि का कारण भी बन सकता है। इसलिए जिन लोगों को अदरक से किसी भी प्रकार की एलर्जी, उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए।

Disclaimer

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