सिरदर्द क्या है? जानें, इसके प्रकार, कारण और उपचार
2023-07-28 00:00:00
सिरदर्द एक सामान्य स्थिति है। इसकी अनुभूति ज्यादातर लोगों को अपनी भागदौड़ भरे जीवन के कारण होती है। साधारण भाषा में कहें तो, सिरदर्द सिर के किसी भी हिस्से में होने वाला दर्द है, जो सिर के एक या दोनों ओर हो सकता है। यह दर्द प्रायः सिर के एक बिंदु से शुरू होकर पूरे सिर में फैल जाता है। साथ ही इस समस्या की अनुभूति सिर के एक निश्चित स्थान पर भी होने लगती है। आमतौर पर सिरदर्द की समस्या भावनात्मक, शारीरिक या पर्यावरणीय कारणों या अंतर्निहित गंभीर स्थिति के कारण हो सकती है। इसका उपचार सिरदर्द के कारण पर निर्भर करता है। जिसे उचित दवा और तनाव प्रबंधन से ठीक किया जा सकता है।
सिरदर्द की समस्या कभी अचानक और कभी धीरे-धीरे विकसित होती है। साथ ही एक घंटे से लेकर कई दिनों तक रह सकती है। इसे मेडिकल भाषा में सेफालजिया के नाम से भी जाना जाता है।
सिरदर्द के प्रकार-
दर्द के आधार पर सिरदर्द की समस्या को तीन मुख्य श्रेणियों में बांटा गया है-
- प्राथमिक सिरदर्द
- माध्यमिक सिरदर्द
- क्रैनियल न्यूरॉलेजिया या अन्य सिरदर्द।
प्राथमिक सिरदर्द-
प्राथमिक सिरदर्द स्वतः होने वाली बीमारी होती है। यह सिर के अंदर दर्द-संवेदी संरचनाओं की अतिक्रियाशीलता या उनमें उत्पन्न समस्याओं के कारण होते हैं। सामान्यतः यह किसी बीमारी के लक्षण के रूप में सामने नहीं आया है। प्राथमिक सिरदर्द में शामिल समस्याएं निम्नलिखित हैं-
टेंशन टाइप सिरदर्द-
टेंशन टाइप सिरदर्द यानी तनाव के कारण होने वाली सिरदर्द की समस्या । यह परेशानी वयस्कों और किशोरों में होना सबसे आम बात है। यह हल्के से मध्यम दर्द का कारण बनता है, जो समय के साथ आता और जाता है। इस प्रकार के सिरदर्द में आमतौर पर कोई अन्य लक्षण नहीं होते हैं।
माइग्रेन-
आमतौर पर माइग्रेन प्राथमिक सिरदर्द का दूसरा सामान्य रूप है। इससे पीड़ित लोगों में सिर के एक तरफ तेज छुरा घोंपने वाला दर्द या सनसनी का आभास होता है। अक्सर इसमें मतली, उल्टी, और प्रकाश और ध्वनि के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता शामिल होती है। माइग्रेन कादर्द घंटों या दिनों तक रह सकता है । साथ ही यह दर्द इतना गंभीर भी हो सकता है, जिससे व्यक्ति की दैनिक गतिविधियां प्रभावित होती है। ऐसे में कुछ दवाएं माइग्रेन को रोकने में मदद कर सकती हैं।
क्लस्टर सिरदर्द-
यह सिरदर्द का सबसे गंभीर प्रकार है। इस स्थिति में रोगी आंख के पीछे या आसपास लगातार, गंभीर जलन या छुरा घोंपने वाले दर्द का अनुभव करता है। ज्यादातर मामलों में यह दर्द इतना गंभीर होता है कि इससे पीड़ित व्यक्ति एक स्थान पर स्थिर होकर नहीं बैठ सकता । यह समस्या दिन में 1-3 बार और 2 से 3 सप्ताह तक रह सकती है। क्लस्टर सिरदर्द में सिरदर्द का दौरा 15 मिनट से लेकर 3 घंटे तक रहता है। साथ ही यह पुरुषों में महिलाओं की तुलना में 3-4 गुना अधिक होता है।
पुराना सिरदर्द-
पुराना सिरदर्द लगभग किसी भी प्रकार के सिरदर्द को संदर्भित करता है, जो बहुत बार हो सकता है। आमतौर पर यह समस्या महीने में करीब 15 दिन रोजाना होता है। यह दर्द निवारक दवाओं के अति प्रयोग के कारण हो सकता है।
न्यू डेली पर्सिस्टेंट सिरदर्द (एनडीपीएच) -
सिरदर्द जो अचानक शुरू होता है और लंबे समय तक हर दिन होता है। उसे न्यू डेली पर्सिस्टेंट सिरदर्द (एनडीपीएच) कहा जाता है। यह पुराने सिरदर्द का एक उपप्रकार है क्योंकि यह दिन में कम से कम चार घंटे तक रहता है। इसके अलावा यह दर्द 15 दिन से लेकर 3 महीने या उससे अधिक समय तक हो सकता है।
माध्यमिक सिरदर्द-
माध्यमिक सिरदर्द एक महत्वपूर्ण चिकित्सा स्थिति है। यह दुर्लभ है लेकिन प्राथमिक सिरदर्द से कहीं अधिक गंभीर हो सकता है। माध्यमिक सिरदर्द अधिक गंभीर अंतर्निहित स्थिति का कारण हो सकता है,
जैसे-
ब्रेन ट्यूमर-
ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क में कोशिकाओं का एक असामान्य समूह या वृद्धि है। चूंकि मस्तिष्क को घेरने वाली स्कैल्प बहुत कठोर होती है। इतनी सीमित जगह में कोई भी वृद्धि समस्या पैदा कर सकती है।
मेनिनजाइटिस-
मेनिनजाइटिस द्रव और झिल्लियों की सूजन है जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को कवर करती है। मेनिनजाइटिस तब हो सकता है जब मेनिन्जेस के आसपास का द्रव संक्रमित हो जाता है। वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण मेनिनजाइटिस के सामान्य कारण हैं।
एन्यूरिज्म-
एन्यूरिज्म धमनी की दीवार में कमजोरी के कारण धमनी का चौड़ा होना है। अक्सर, इसके कोई लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन एक ब्लोआउट एन्यूरिज्म घातक जटिलताओं का कारण बन सकता है।
क्रैनियल न्यूरॉलेजिया-
क्रैनियल न्यूरॉलेजिया मस्तिष्क में पाए जाने वाली 12 क्रेनियल नसों में से एक की सूजन है, जो मांसपेशियों को नियंत्रित करती है और सिर और गर्दन से संवेदी संकेतों को ले जाती है।
सबसे आम उदाहरण ट्राइजेमिनल न्यूरॉलेजिया है, जो ट्राइजेमिनल नर्व (चेहरे को जोड़ने वाली संवेदी तंत्रिका) को प्रभावित करता है और सूजन होने पर चेहरे में गंभीर दर्द पैदा कर सकता है।
सिरदर्द के कारण-
सिरदर्द के सामान्य कारणों में शामिल निम्नलिखित हैं-
- तनाव और घबराहट।
- ख़राब मुद्रा।
- थकान।
- निर्जलीकरण।
- भोजन का उपवास ।
- शारीरिक गतिविधि का अभाव।
- हार्मोनल परिवर्तन।
- तेज आवाजें।
- नींद का पैटर्न में बदलाव।
- धूम्रपान।
- शराब का अधिक सेवन।
- आनुवंशिकी।
- शारीरिक आघात।
सिरदर्द का इलाज-
दर्द निवारक दवाएं सिरदर्द का मुख्य उपचार हैं। उसमें समाविष्ट हैं-
- ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक, जैसे कि नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स।
- प्रिस्क्रिप्शन दर्द निवारक।
- कुछ चिकित्सीय स्थितियों जैसे कि माइग्रेन निवारक दवाएं।
सिरदर्द के उपचार से संबंधित दवाओं के प्रयोग से उपचार को कम करना या रोकना शामिल है। लेकिन कभी-कभी गंभीर मामलों में, व्यक्ति के दौरे को सुरक्षित और प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए अस्पताल में भर्ती करवाने की आवश्यकता पड़ सकती है।
सिरदर्द के घरेलू उपचार-
स्वयं को हाइड्रेट रखें-
सिरदर्द के सबसे आम कारणों में से एक शरीर में पानी की कमी का होना होता है। इसलिए उचित पानी पीना महत्वपूर्ण है। इसलिए खुद को अच्छी तरह से हाइड्रेट रखें। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में ताजे जूस, नारियल पानी आदि तरल पदार्थों का सेवन करें। साथ ही कैफीन युक्त पेय पदार्थों जैसे चाय और कॉफी के अधिक सेवन से बचें। क्योंकि यह शरीर की निर्जलीकरण में योगदान करते हैं।
स्वस्थ आहार का सेवन करें-
स्वस्थ शरीर के लिए तंदरुस्त संतुलित आहार खाना जरूरी है। इसलिए उचित समय पर भोजन करना चाहिए क्योंकि भोजन में देरी से स्वास्थ्य खराब हो सकता है। चूंकि मस्तिष्क के समुचित कार्य के लिए ग्लूकोज की आवश्यकता होती है। साथ ही ग्लूकोज की कमी से हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है, जो बदले में सिरदर्द का कारण बनता है।
आराम करें-
यदि कोई व्यक्ति तनाव ग्रस्त या कम ऊर्जा महसूस करता है, तो इस स्थिति में उसे थोड़ा आंखें बंद करके आराम करना चाहिए। ऐसा करने से शरीर से तनाव और दबाव को मुक्त करने में मदद मिलती है। जिससे सिरदर्द में आराम पहुंचता है।
ठंडी सिकाई करें-
सिर दर्द से राहत पाने के लिए अपने माथे पर बर्फ से ठंडी सिकाई करें। इसके लिए बर्फ के टुकड़े को एक तौलिए में लपेट कर सिर पर रखें। ऐसा कम से कम 15 मिनट तक करने से सिरदर्द से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा माथे पर जमी हुई सब्जियों का थैला रखने या फिर ठंडे स्नान से भी सिरदर्द से राहत मिल सकती है।
गर्म स्नान करें-
यह सिरदर्द का इलाज करने का प्रभावी तरीका है। अपने सिर को गर्म पानी से धो लें। यह मांसपेशियों के तनाव को कम करके रक्त परिसंचरण में सुधार करता है।
सिर की मालिश-
सिर की मालिश तनावपूर्ण मांसपेशियों के लिए बहुत उपयोगी होती है। लेकिन ध्यान दें मालिश हमेशा हल्के हाथों से ही करनी चाहिए। इसके लिए अपनी तर्जनी या अंगूठे से दर्द वाली जगह पर हल्का दबाव डालें। यह प्रक्रिया तनावपूर्ण मांसपेशियों को आराम प्रदान करती है। साथ ही रक्त परिसंचरण में सुधार भी करती है।
मुस्कुराना-
आमतौर पर सिरदर्द की समस्या तनाव के कारण होता है। ऐसे में मुस्कुराने और हंसने से यह ठीक हो सकता है।
सांस अंदर लें और छोड़े-
यह तकनीक चिंता और तनाव को दूर करने के लिए बहुत अच्छी है। इसे हमेशा खुले और स्वच्छ वातावरण में करने से लाभप्रद होता है। यह स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखने के सर्वोत्तम अभ्यासों में से एक है।
डॉक्टर के पास कब जाएं?
- किसी को अधिक सिरदर्द की समस्या।
- दृष्टि या चेतना का नुकसान।
- अनियंत्रित उल्टी।
- यदि सिरदर्द 72 घंटे से अधिक समय तक रहें।
- उपरोक्त परिस्थितियों में तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
Written By - jyoti ojha
Approved By- Dr. Ipsa singh