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क्या होता है ओट्स (जई)? जानें, इसके फायदों के बारे में

क्या होता है ओट्स (जई)? जानें, इसके फायदों के बारे में

2022-05-24 12:31:14

जई दलहन परिवार से संबंध रखने वाला एक प्रकार का खाद्य अनाज है। जिसका उत्पादन प्राचीन समय से होता आया है। एक समय जई की कच्ची फसलों का अधिकांश उपयोग जानवरों के चारे के लिए किया जाता था। लेकिन अपने औषधीय गुणों और स्‍वास्‍थ्‍य लाभों के चलते आजकल ज्यादातर लोग इसका इस्तेमाल खाद्य आहार (नाश्ते) के रूप में करते हैं। क्योंकि इसमें आयरन, कार्बोहाइड्रेट, मैग्नीशियम, कैल्शियम, प्रोटीन, थायमिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, विटामिन सी और फास्फोरस जैसे मिनरल्स होते हैं। इसकी खेती की शुरुआत स्कॉटलैंड में हुई और आज लगभग सभी देशों में इसका उपयोग किया जाता है। स्कॉटलैंड में जई को मुख्य आहार के तौर पर उपयोग किया जाता है। इसका सेवन व्यक्ति को स्वस्थ रखने के अलावा कई रोगों से छुटकारा दिलाने में भी मदद करता है। यही वजह है कि भारत, अमेरिका, जर्मनी और रूस जैसे देशों में इसकी खेती आज भी होती है। जई का वैज्ञानिक नाम ऐवना सटाइवा (Avena sativa) है और यह पोएसी (Poaceae) परिवार से संबंध रखता है। अंग्रेजी में इसे ओट्स (Oats) कहते हैं।

ओट्स(जई) के फायदे

हृदय स्वास्थ्य के लिए

ओट्स से संबंधित एक साइंटिफिक रिपोर्ट में बताया गया है, कि ओट्स में बीटा-ग्लूकेन नाम का एक खास तत्व मौजूद होता है। जो बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करके हाई बीपी को कम करने का काम करता है। साथ ही धमनियों से संबंधित समस्या के कारण हृदय रोग के जोखिमों को भी कम करता है। इसलिए ओट्स को हृदय स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना जाता है।

वजन कम करने के लिए

ओट्स का सेवन करना बढ़ते वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है। क्योंकि ओट्स में रेजिस्टेंट स्टार्च, बीटा-ग्लूकेन, टोकोल्स, पॉलीफिनोल्स, डायट्री फाइबर, फाइटोस्टेरोल्स और पॉलीसैकराइड जैसे तत्व पाए जाते हैं। इन तत्वों की मौजूदगी की वजह से ओट्स के गुण में एंटीओबेसिटी (वजन को कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। वहीं, ओट्स में मौजूद बीटा ग्लूकेन नामक तत्व (सोल्यूबल फाइबर का एक प्रकार) भूख को नियंत्रित करने का काम करता है। जिससे वजन को बढ़ने से रोका जा सकता है। इसलिए वजन को कम करने के लिए अपने डाइट में ओट्स का सेवन लाभकारी है।

इम्यूनिटी के लिए

ओट्स का सेवन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। ओट्स में बीटा-ग्लूकेन नामक तत्व मौजूद होता है, जो ग्लाइसेमिक प्रभाव को कम करने और इंसुलिन के प्रभाव को सक्रिय करने में मदद करते हैं। साथ ही इम्यून सिस्टम को मजबूत करने का भी काम करते हैं। इसके अलावा ओट्स के सेवन से मैक्रोफेज (macrophage) एवं न्यूट्रोफिल (neutrophil) ( यह दोनों श्वेत रक्त कोशिकाओं के प्रकार हैं) को बढ़ावा मिलता है, जो वायरस, बैक्टीरिया और फंगस को दूर रखने के लिए जाने जाते हैं। इस आधार पर ओट्स को शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए अच्छा माना जाता है।

पाचन शक्ति और कब्ज के लिए

एक शोध के मुताबिक, घुलनशील फाइबर पानी को आकर्षित करता है और पाचन के दौरान जेल में बदल जाता है। इससे पाचन की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। दरअसल, ओट्स में घुलनशील फाइबर की प्रचूर मात्रा पाई जाती है, जो आतों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। वहीं, ओट्स में लैक्सेटिव (कब्ज से राहत देने वाला) प्रभाव होता है। जो कब्ज की समस्या को दूर करने का काम करता है। इसके अलावा ओट्स में अघुलनशील फाइबर पाया जाता है, जो पचे हुए खाद्य पदार्थ को मल के रूप में बाहर निकालने में सहायता करता है। इसलिए पाचन शक्ति को बढ़ाने और कब्ज की परेशानी को दूर करने में ओट्स का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

हड्डियों के लिए

सिलिकॉन एक मिनरल्स है, जिसे हड्डियों के निर्माण और उसे मजबूत करने के लिए जाना जाता है। एक अध्ययन में पाया गया कि ओट्स में कैल्शियम, पोटैशियम,मैग्नीशियम, सिलिकॉन एवं प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो हड्डियों के विकास के लिए बेहद जरुरी होता है। इस आधार पर कहा जा सकता हैं कि ओट्स का सेवन हड्डियों कोपोषण और मजबूती प्रदान करने के लिए लाभप्रद है।

ऊर्जा बढ़ाने के लिए

ओट्स में विटामिन्स, मिनरल और फाइबर मौजूद होते हैं। यह सभी अवयव शरीर की ऊर्जा बढ़ाने में मदद करते हैं। इसलिए इसके सेवन से शरीर को लंबे समय तक थकान महसूस नहीं होता है।

डायबिटीज के लिए

ओट्स डायबिटीज की समस्या को दूर करने के लिए लाभकारी साबित होता है। दरअसल,ओट्स घुलनशील फाइबर का अच्छा स्रोत है। इस फाइबर में बीटा-ग्लूकॉन पाए जाते हैं, जो ग्लाइसेमिक प्रभाव को कम करते हैं और इंसुलिन के प्रभाव को सक्रिय करने का काम करते हैं। जिससे रक्त में शुगर की मात्रा को संतुलित रखने में मदद मिलती है। इस प्रकार ओट्स का सेवन डायबिटीज (मधुमेह) के रोगियों के लिए फायदेमंद हैं। 

बेहतर नींद लाने में मददगार

ओट्स खाने के फायदे में बेहतर नींद लेना भी शामिल है। इसमें भरपूर मात्रा में मैग्नेशियम और फाइबर पाया जाता है, जो सेरोटोनिन के स्तर को सुधार करता है। जिससे दिमाग शांत रहता है। परिणामस्वरूप हम और आप खुश महसूस करते हैं और इससे नींद अच्छी आती है। सेरोटोनिन एक तरह का रासायनिक अवयव होता है, जो मूड को अच्छा करने का काम करता है। इसके अलावा ओट्स में  विटामिन बी-6 और बी-12 एवं फोलेट की अच्छी मात्रा पाई जाती है। यह सभी तत्व चिंता, अवसाद और तनाव को दूर करके दिमाग को शांत रखने का काम करते हैं।

गर्भावस्था में लाभकारी

गर्भावस्था के समय शरीर में कैल्शियम, आयरन और फोलिक एसिड का होना बेहद जरूरी होता है। क्योंकि आयरन भ्रूण के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए अच्छा होता है। फोलिक एसिड बच्चे में जन्म दोष के जोखिमों को कम करता है। कैल्शियम गर्भिणी स्त्री में प्रीक्लेम्पसिया (उच्च रक्तचाप विकार) और डायबिटीज को नियंत्रित करने का काम करता है। इसलिए गर्भावस्था के समय ओट्स का सेवन करना महिला के लिए अच्छा होता है। क्योंकि ओट्स में कैल्शियम, आयरन और फोलिक एसिड पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं।

दमकती त्वचा के लिए

ओट्स का सेवन शारीरिक स्वास्थ्य के अलावा त्वचा के लिए भी फायदेमंद है। ओट्स का प्रयोग शहद एवं नींबू के साथ करने से त्वचा पर ग्लो बरकरार रहता है। साथ ही त्वचा में नमी आती है। इसलिए जिन लोगों की त्वचा में रुखापन या ज्यादा खुजली एवं जलन की समस्या हो तो उनके लिए ओट्स बहुत उपयोगी है। ऐसे में एक चम्मच ओट्स को कच्चे दूध में भिगोकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को मुंह, हाथ-पैरों या प्रभावित अंगों पर लगाएं। ऐसा करने से त्वचा में निखार आता है।

झड़ते बालों के लिए

अस्वस्थ जीवनशैली, हार्मोनल असंतुलन और बालों में अधिक केमिकलयुक्त शैंपू के उपयोग की वजह से बालों का झड़ना आम समस्या बन गई है। इसके अलावा कुपोषण यानी शरीर को जरुरी विटामिन और खनिज तत्वों की कमी का होना भी बाल झड़ने का एक प्रमुख कारण है। इस स्थिति में ओट्स का सेवन लाभकारी सिद्ध होता है। क्योंकि इसमें पर्याप्त मात्रा में आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम, और कई ऐसे आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो बालों के झड़ने या गिरने से रोकते हैं। साथ ही बालों को घने, मुलायम और मजबूत बनाते हैं।

ओट्स(जई) केउपयोग

  • ओट्स के दलिया(मीठी या नमकीन) को नाश्ते के रूप में खाया जाता है।
  • ओट्स का सूप के रूप में सेवन किया जाता है।
  • कई जगहों  पर ओट्स की खिचड़ी बनाकर खाया जाता है।
  • जई के बीजों को अंकुरित करके इसका सेवन किया जाता है।

ओट्स(जई) केनुकसान

  • ओट्स को सही तरीके से नहीं पकाने या अधपका खाने से आंतों में रूकावट पैदा हो जाती है। जिसके कारण व्यक्ति का पेट खराब या कब्ज जैसी समस्याउत्पन्न हो सकती है।
  • चूंकि ओट्स में फाइबर की अधिक मात्रा पाई जाती है। इसलिए इसका अधिक मात्रा में सेवन करना आंत और पाचन तंत्र के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
  • यदि ओट्स के पैकेट को तैयार करते समय प्रिजर्वेटिव्स केमिकल का इस्तेमाल किया गया हो, तो वह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

Disclaimer

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