Cart
My Cart

Use Code VEDOFFER20 & Get 20% OFF. 5% OFF ON PREPAID ORDERS

Use Code VEDOFFER20 & Get 20% OFF.
5% OFF ON PREPAID ORDERS

No Extra Charges on Shipping & COD

हिना (मेहंदी) के फायदे और नुकसान

हिना (मेहंदी) के फायदे और नुकसान

2022-05-24 15:03:08

हिना (मेहंदी) दुनिया भर के लोगों द्वारा कई अलग-अलग तरीकों से उपयोग की जाती है। हिना के फायदे बालों के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत ज्‍यादा हैं। यह बालों को नरम और चमकदार (soft and shiny) बनाने में मदद करती है। हिना सबसे अच्‍छी बाल सौंदर्य सामग्रियों में से एक है। जिसे भारत ने अन्‍य देशों के साथ साझा किया है। सदियों से महिलाएं हिना के प्राकृतिक गुणों का उपयोग अपने बालों को मजबूत करने, उन्हें पोषण देने और सुंदर बनाने के लिए कर रही हैं। वह बालों के उपचार के लिए हिना के पत्‍तों का उपयोग करती हैं। आधुनिक महिलाएं बालों के उपचार (hair therapy) के लिए हिना पाउडर का उपयोग भी करती हैं। बालों के लिए हिना सबसे अच्‍छे विकल्‍पों में से एक इसलिए है। क्‍योंकि यह एक प्राकृतिक बालों को रंगने वाले एजेंट और कंडीशनर की तरह काम करती है। यह मेंहदी सिर दर्द से छुटकारा पाने, शरीर को साफ (detoxify) करने, नाखूनों में सुधार करने, त्‍वचा की रक्षा करने, बालों के स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने, शरीर को ठंड़ा करने, सूजन को कम करने और उपचार की गति बढ़ाने (speed healing) में मदद करती है।

हिना का यह नाम उस फूल के पौधे से लिया गया। जिससे यह डाई बनती है। औषधि के फायदे के लिए हिना तेल, छाल और बीज सबसे अधिक उपयोग किए जाते हैं। इसके पौधों में रसायन और पोषक तत्वों की उच्च सामग्री होने के कारण यह कई एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल, कसैले और एंटीवायरल प्रभाव देती है। एक हर्बल उपचार के रूप में हिना का पश्चिम में व्यापक रूप से प्रयोग होने लगा है। जबकि पूर्वी संस्कृतियों में हजारों सालों से इसका उपयोग किया जाता रहा है। हिना का वैज्ञानिक नाम 'लॉसोनिया इनर्मिस' (lawsonia inermis) है और यह लिथेसिई (lythraceae) कुल का एक पौधा है। यह उत्तरी अफ्रीका, अरब देश, भारत तथा पूर्वी द्वीप समूह में पाया जाता है।

 
बालों के लिए हिना के फायदे-
बालों को डाइ करने के लिए-

हिना का सबसे आम इस्तेमाल है, बालों को डाइ करना। बाज़ार में मौजूद हेयर डाइंग प्रॉडक्ट्स की तुलना में यह काफ़ी सुरक्षित और केमिकल फ्री हैं। यह नैसर्गिक इन्ग्रीडिएंट हेयर डाइ के मुक़ाबले बेहद किफ़ायती भी है।

 
बालों का झड़ना कम होता है-

हिना स्कैल्प पर काफ़ी प्रभावी होती है। स्कैल्प पर हिना लगाने से बालों की सेहत दुरुस्त होती है। हिना के साथ मेथी भिगोकर लगाने से बालों का झड़ना बहुत कम हो जाता है।

 
बालों की गहराई से कंडीशन करती है-

हिना में अंडे, दही जैसे हाइड्रेटिंग इन्ग्रीडिएंट्स मिलाने पर यह बालों को नमी प्रदान करती है। यदि आप हिना का प्रयोग केवल बालों को कंडीशन करने के लिए कर रही हैं तो हिना पैक को कम से कम समय के लिए लगाएं।

 
डैंड्रफ़ से निजात दिलाती है-

हिना स्कैल्प से गंदगी और डैंड्रफ़ को हटाने में मदद करती है। नियमति रूप से हिना के इस्तेमाल से न केवल डैंड्रफ़ ग़ायब होता है। बल्कि वह वापस भी नहीं आता।

 
स्कैल्प की खुजली को नियंत्रित करती है-

हिना में नैसर्गिक ऐंटीफ़ंगल और ऐंटीमाइक्रोबिअल गुण होते हैं। जो स्कैल्प को ठंडक पहुंचाकर खुजली को कम करने में मदद करते हैं।

 
बालों को सेहतमंद और चमकीला बनाती है-

हिना में मौजूद टैनिन असल में बालों के कॉर्टेक्स में प्रवेश कर बालों को मज़बूत बनाते हैं। जिससे बालों को कम-से-कम क्षति पहुंचती है। नतीजतन बाल सेहतमंद रहते हैं और मुलायम व चमकीले नज़र आते हैं।

 
बालों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है हिना-

हिना बालों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करती है। यह बालों की त्वचा की बाहरी परत को सील कर, बालों को टूटने से रोकती है। यह बालों की चमक और उपस्थिति को बढ़ाती है। हिना बालों की रूसी को रोकती है। 50 ग्राम लीकोरिस और 50 ग्राम हिना को 2 लीटर ठंडे पानी में भिगोएं। अगली सुबह, जब यह मिश्रण अच्छी तरह से मिक्स हो जाए, तो इसको छान लें। यह मिश्रण बालों को धोने के लिए प्रयोग किया जाता है। फोड़े या सिर के फफोले, सिर की खुजली और दो मुंहे बालों के मामले में यह उपाय बहुत प्रभावी होता है।

 
हिना के अन्य फायदे:-
नाखूनों को स्वस्थ रखती है हिना-

नाखूनों के नीचे के कटऑल्स और स्थान संक्रमण और बैक्टीरिया की उपस्थिति के लिए प्रमुख स्थान होते हैं। हिना द्वारा नाखूनों को स्वस्थ रखना बहुत ही अच्छा उपाय है। हिना की पत्तियों को पानी में उबाले और उस पानी को ठंडा करके पिएं। इससे नाखूनों को टूटने से रोकने और सूजन को कम करने में मदद मिलती है। नाखूनों पर हिना का पेस्ट लगाने से जलन, दर्द और संक्रमण दूर होता है।

 
त्वचा के लिए फायदेमंद है हिना-

हिना का रस और तेल उम्र बढ़ने और झुर्रियों के संकेतों को कम करने के लिए प्रयोग किया जाता है। साथ ही यह त्वचा के भद्दे निशान और कालेपन को दूर करने के लिए भी उपयोगी है। क्योंकि यह एंटीवायरल और जीवाणुरोधी प्रभाव से परिपूर्णल होता है। जो शरीर के सबसे बड़े अंग ‘त्वचा’ की रक्षा करते हैं।

 
बुखार को कम करती है हिना-

आयुर्वेदिक परंपराओं के अनुसार, हिना बुखार को कम करने में सक्षम है। जब लोग बहुत अधिक बुखार से पीड़ित होते हैं। तो शरीर के समग्र तापमान को कम करना आवश्यक होता है। इसके लिए हिना कारगर उपाय है। यह पसीना लाकर बुखार को प्रभावी ढंग से कम करती है।

 
सिर दर्द में उपयोगी है हिना पौधे का रस-

हिना पौधे का रस सिर दर्द से राहत के लिए सीधे त्वचा पर लगाया जाता है। हिना में पाए जाने वाले यौगिकों के एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव, कोशिकाओं में तनाव को कम करने और स्वस्थ रक्त प्रवाह को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। जो सिरदर्द और माइग्रेन का एक सामान्य कारण है।

 
गठिया का इलाज करता है हिना तेल-

हिना तेल को गठिया और रूमेटिक दर्द के लिए उपयोग किया जाता है। बढ़ती उम्र के साथ शरीर के जोड़ अधिक दर्दनाक हो जाते हैं। इससे शरीर के कई अलग-अलग हिस्सों में दर्दनाक सूजन पैदा हो जाती है। ऐसे में सूजन या प्रभावित क्षेत्रों में हिना तेल लगाने से जोड़ों के दर्द और गठिया जैसे रोगों में ख़ास लाभ मिलता है।

 
मूत्र संक्रमण के उपचार में लाभकारी है हिना-

हिना पत्तियों के ताजा रस को 3-5 ग्राम चीनी और 10-15 मिलीलीटर दूर्वा के ताजा रस के साथ मिक्स करें। इस मिश्रण की 15 मिलीलीटर की खुराक दिन में 2 बार लें। यह मूत्र मार्ग के संक्रमण को ठीक कर, जलन से मुक्ति प्रदान करता है।

 
हिना के नुकसान-
  • हिना बालों की नमी को कम कर सकती है। कई बार इसका ज्यादा प्रयोग करने से बाल रुखे और बेजान से नजर आने लगते हैं। यदि आप रोजाना इसका इस्तेमाल करेंगे तो आपको समय-समय पर बालों को डीप कंडिशनिंग कराने की जरूरत पड़ सकती है।
  • हिना को बालों पर लगाना काफी मेहनत वाला काम है। इसमें काफी समय लगता है। अच्छी रंगत पाने के लिए इसे बालों पर कम से कम दो घंटे तक लगाए रखना आवश्यक होता है।
  • बाजार में मिलनेवाली सस्ती और मिलावटी हिना से संभलकर रहें। यह बालों को नुकसान पहुंचा सकती है। बहुत चटक हरे रंग वाले हिना पाउडर को खरीदने से बचें।
  • डाई के रूप में इसका ज्‍यादा उपयोग करने से कुछ लोगों को एलर्जी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ सकता है। जोकि मेंहदी के साथ मिलाए गए अन्‍य उत्‍पादों के कारण होती है।
  • हिना का उपयोग करने पर कुछ लोगों को खुजली या फफोले (Itching Or Blistering) जैसी एलर्जी हो सकती है। ऐसे में व्यक्ति को डॉक्‍टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए।

Disclaimer

The informative content furnished in the blog section is not intended and should never be considered a substitution for medical advice, diagnosis, or treatment of any health concern. This blog does not guarantee that the remedies listed will treat the medical condition or act as an alternative to professional health care advice. We do not recommend using the remedies listed in these blogs as second opinions or specific treatments. If a person has any concerns related to their health, they should consult with their health care provider or seek other professional medical treatment immediately. Do not disregard professional medical advice or delay in seeking it based on the content of this blog.


Share: