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झाऊ के फायदे और नुकसान

झाऊ के फायदे और नुकसान

2022-07-11 00:00:00

झाऊ एक सदाबहार पौधा होता है जो यूरोप, एशिया और अफ्रीका के कुछ देशो में पाया जाता है। यह टैमरीकेसी परिवार से संबंध रखता हैं। झाऊ के पत्तियों, फूलों, और जड़ों में विभिन्न प्रकार के घटक, जैसे सैपोनिन, ग्लाइकोसाइड्स, फ्लेवोनोइड्स, फिनोल, टैनिन, एल्कलॉइड, स्टेरॉयड आदि पाए जाते हैं। इन्हीं औषधीय गुणों के कारण झाऊ को आयुर्वेदिक उपचार में प्रयोग किया जाता हैं। झाऊ को झाबुक, तामारिक्सडियोका, टैंरिक्स गैलिका, इंडियन टैंरिक्स, झाओ, पिचुल, पक्के, अपलाह सिरुसावुक्कू, बहुग्रंथिह, झावुका, सिरु-कावुक्कू और कोटई-सी-कावुक्कू के नाम से भी जाना जाता है।

आयुर्वेद में झाऊ का महत्व

आयुर्वेद में झाऊ की महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि यह विभिन्न समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है। झाऊ में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण लिवर की रक्षा करने एवं लिवर की कोशिकाओं को होने वाले नुकसान को रोकने में मदद करते हैं। झाऊ में वातहर गुणों की मौजूदगी के कारण यह पेट को आराम और पाचन तंत्र को मजबूती प्रदान करता है। झाऊ फ्लेवोनोइड्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है, जो तिल्ली (स्प्लीन) और लिवर की सूजन को कम करने में मदद करता है। झाऊ की जड़ों के लेप से घाव ठीक हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त झाऊ के रोपण, कषाय और कसैले गुण सूजन वाले ऊतकों को ठीक करते हैं। साथ ही यह मांसपेशियों को मजबूत करते हैं। इसके एंटीफंगल और रोगाणुरोधी गुणों के कारण त्वचा की क्षति को संक्रमण से बचाया जाता है।

झाऊ के फायदे

  • घाव भरने के लिएझाऊ की पत्तियों या फूलों के पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाने से घाव ठीक हो जाते हैं क्योंकि इसमें पाए जाने वाले एंटी ऑक्सीडेंट या टेरपेनोइड्स, ऊतकों की मरम्मत करके त्वचा को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। यह शीघ्रता से घाव भरने के लिए प्रभावित अंगों में रक्त की आपूर्ति को भी बढ़ाता है।
  • बुखार के लिएझाऊ की जड़ में मौजूद ज्वरनाशक गुण बुखार के इलाज में सहायक होते हैं। इसके लिए झाऊ की जड़ के चूर्ण का सेवन किया जाता है। ऐसा करने से शरीर का तापमान कम होता है और बुखार के लक्षण कम होने लगते हैं।
  • लिवर की समस्याओं को दूर करने में सहायकझाऊ लिवर या यकृत की समस्याओं का इलाज करने में सहायता करता है क्योंकि यह हेपेटोप्रोटेक्टिव गुणों से समृद्ध होता है। झाऊ में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट और फ्लेवोनोइड, मुक्त कणों (free radicals) के विरुद्ध एक ढाल के रूप में कार्य करता है, जिससे यकृत की क्षति को रोकने में मदद मिलती है। इसके लिए 1-2 ग्राम झाऊ चूर्ण (या अपने चिकित्सक के निर्देशानुसार) को पानी में मिलाकर दिन में एक या दो बार सेवन करें।
  • मसूड़ों से रक्त आने की समस्या को दूर करने में सहायकझाऊ में कषाय या कसैले गुण पाए जाते हैं जो मसूड़ों से रक्त आने की समस्या को दूर करते हैं। इसके अलावा यह सभी गुण सूजन और फंगस को कम करने में भी मदद करते हैं।
  • गुर्दे की पथरी का इलाज करने में कारगरझाऊ, गुर्दे की पथरी बनने की संभावना को कम करने के लिए बहुत ही उपयोगी है। झाऊ के म्यूरल या मूत्रवर्धक गुण गुर्दे की पथरी से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं और मूत्र उत्पादन को बढ़ाते हैं। इसके अलावा झाऊ में मौजूद औषधीय गुण संक्रमण को रोकने में सहायक होते हैं।
  • गैस्ट्रिक समस्याओं में उपयोगीपेट की समस्याओं के लिए झाऊ बेहद फायदेमंद होता है। इसके पाचन गुण गैस और पेट फूलने के इलाज में मदद करते हैं। साथ ही पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली में सुधार करते हैं। इस प्रकार यह पाचन तंत्र से गैस को बाहर निकालने में सहायक होता है।
  • त्वचा संक्रमण से छुटकारा दिलाने में मददगारझाऊ अपने एंटी फंगल गुणों के कारण फंगल संक्रमण का इलाज करने में मददगार होता है। इसके एंटी माइक्रोबियल गुण प्रभावित अंगों में कवक के विकास और रोगाणुओं की गतिविधि को रोकता है। इस प्रकार यह त्वचा में संक्रमण से छुटकारा दिलाने में बेहद फायदेमंद होता है।

झाऊ का सेवन करते समय बरतें यह सावधानियां

  • स्तनपान कराने वाली महिलाऐं झाऊ का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
  • गर्भावस्था के दौरान झाऊ का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

झाऊ के दुष्प्रभाव

वैसे तो इसके सेवन से किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं होते हैं, लेकिन इसे आवश्यकता से अधिक मात्रा में लेने से कुछ हानिकारक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। यदि नीचे दिए गए निम्न में से कोई भी दुष्प्रभाव दिखाई देता है, तो तुरंत अपने चिकित्सक से सलाह लें। आइए बात करते हैं इन लक्षणों के बारे में

  • तेजी से वजन कम होना।
  • जलन होना।
  • पेट में हल्का दर्द या मरोड़ होना।
  • चक्कर आना।

क्या झाऊ को अन्य सप्लीमेंट्स के साथ लिया जा सकता है?

यदि पहले से आप अन्य दवाएं या पूरक आहार ले रहे हैं तो डॉक्टर से परामर्श लेने के बाद ही झाऊ का सेवन करें।

यह कहां पाया जाता है?

आमतौर पर झाऊ पश्चिमी एशिया के खारे इलाकों में पाया जाता है। इसके अलावा झाऊ सामान्य रूप से दक्षिण और पूर्वी भारत के तटीय क्षेत्रों में देखने को भी मिलता हैं।

Disclaimer

The informative content furnished in the blog section is not intended and should never be considered a substitution for medical advice, diagnosis, or treatment of any health concern. This blog does not guarantee that the remedies listed will treat the medical condition or act as an alternative to professional health care advice. We do not recommend using the remedies listed in these blogs as second opinions or specific treatments. If a person has any concerns related to their health, they should consult with their health care provider or seek other professional medical treatment immediately. Do not disregard professional medical advice or delay in seeking it based on the content of this blog.


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