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साल्ट थेरेपी के फायदे और प्रकार

साल्ट थेरेपी के फायदे और प्रकार

2022-05-25 18:14:47

क्या है साल्ट थेरेपी?

 

साल्ट थेरेपी या हेलोथेरेपी (Halotherapy) एक प्राकृतिक चिकित्सा है। इसे मुख्य रूप से अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी सांस संबंधी समस्याओं के लिए एक वैकल्पिक उपचार के रूप में जाना जाता है। साल्ट थेरेपी चिंता, तनाव और डिप्रेशन जैसी मानसिक बीमारियों से भी छुटकारा दिला सकती है।

 

यह थेरेपी पूरी तरह से ड्रग फ्री होती है। साल्ट थेरेपी के लिए थेरेपी रूम को नमक की गुफा का रूप दिया जाता है। यहां की जलवायु और तापमान को नियंत्रित कर मरीजों को एक घंटे तक रूम में रखा जाता है। इस थेरेपी में सांस लेने के दौरान नमक के कण सांस की नली से होते हुए फेफड़े तक पहुंचकर रोगी का उपचार करते हैं। इस प्रकार त्वचा को ठीक करने और सांस की नली को साफ करने में यह थेरेपी काफी मददगार होती है। त्वचा से संबंधित कुछ समस्याएं जैसे मुंहासे, एक्जिमा और सोरायसिस के इलाज में भी हेलोथेरेपी को फायदेमंद माना जाता है।

 

साल्ट थेरेपी के फायदे

  • साल्ट थेरेपी की मदद से क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस, साइनोसाइटिस, सोरायसिस और एग्जाम आदि रोगों का इलाज संभव हैं
  • हेलोथेरेपी लेने के दौरान नमक के कण सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंचते हैं। जिससे संक्रमण की समस्या में राहत मिलती है।
  • त्वचा संबंधी रोग, टॉन्सिलाइटिस या फायब्रॉइड्स की समस्या में भी साल्ट थेरेपी लाभदायक है।
  • सॉल्ट थेरेपी चिंता, तनाव और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं को ठीक करती है।
  • इस थेरेपी से त्वचा पर होने वाले छोटे-मोटे निशान दूर हो जाते हैं और त्वचा चमकदार बनती है।
  • गर्भवती महिलाएं भी इस थेरेपी का लाभ उठा सकती हैं।
  • थेरेपी लेने के बाद रोगी शरीर में नई ऊर्जा महसूस करता है।
  • हेलोथेरेपी का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता।

प्रकार

 

साल्ट थेरेपी दो प्रकार की होती है-

 

सूखी साल्ट थेरेपी–

 

सूखी साल्ट थेरेपी के दौरान मरीजों को एक मानव निर्मित नमक की गुफा में रख कर तापमान नियंत्रित कर दिया जाता है। इस नमक के कमरे में हेलोजेनर नामक उपकरण नमक को पीसने का काम करता है। जिससे नमक के सूक्ष्म कण हवा में फैल जाते हैं। नमक बैक्टीरिया का नाश करता है। इसलिए सांस के द्वारा शरीर के अंदर पहुंचे नमक के कणों से मरीजों को हर तरह के इंफेक्शन से राहत मिलती है। ऐसा कहा जाता है कि वातावरण में मौजूद नमक के सूक्ष्म कण सांस द्वारा अंदर जाकर सूजन को कम करते हैं और सांस की नली को साफ करते हैं। इसके अलावा यह बलगम को पतला और शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को अवशोषित करने में मदद करते हैं। नमक के यह कण त्वचा के लिए भी फायदेमंद माने जाते हैं, क्योंकि इस थेरेपी में उपयोग किया जाने वाला नमक प्राकृतिक रूप से एंटी-बैक्टीरियल होता है।

 

गीली साल्ट थेरेपी-

 

इस थेरेपी में नमक और पानी दोनों का उपयोग किया जाता है। गीली सॉल्ट थेरेपी को 2 तरीकों से कर सकते हैं। पहला- नमक और पानी से गरारा करना। दूसरा- खारे पानी से स्नान करना।

 

हेलोथेरेपी की विधि-

 

साल्ट थेरेपी के दौरान रोगी को हल्की कमीज, स्लीवलेस टी-शर्ट और शॉर्ट्स जैसे आरामदायक कपड़े पहनने को कहा जाता है ताकि त्वचा के माध्यम से नमक थेरेपी का ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सकें। मरीज को नमक की गुफा में 45 मिनट तक बैठाया जाता है। इस कमरे में कम रोशनी होती है। हैलो जेनरेटर मशीन की मदद से मरीज की बीमारी के आधार पर रूम के तमाम सॉल्ट पार्टिकल्स को नियंत्रित किया जाता है। थेरेपी रूम में नमी और तापमान (18-22 डिग्री सेल्सियस) समुद्री स्थान जैसा होता है। थेरेपी देते वक्त इस बात का ध्यान रखा जाता है की एक घंटे के सेशन में मरीज सिर्फ 16 एमजी नमक ही इनहेल करें। हेलोथेरेपी को करने से किसी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है।

Disclaimer

The informative content furnished in the blog section is not intended and should never be considered a substitution for medical advice, diagnosis, or treatment of any health concern. This blog does not guarantee that the remedies listed will treat the medical condition or act as an alternative to professional health care advice. We do not recommend using the remedies listed in these blogs as second opinions or specific treatments. If a person has any concerns related to their health, they should consult with their health care provider or seek other professional medical treatment immediately. Do not disregard professional medical advice or delay in seeking it based on the content of this blog.


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