नारियल तेल के फायदे, प्रकार और नुकसान
2022-05-24 13:50:00
नारियल का तेल हर घर में आम रूप से पाया जाने वाला तेल है। यह नारियल के पेड़ में लगे पके हुए नारियल के गूदे से निकाला जाता है। नारयल का तेल ठंडी तासीर का और स्वाद में मीठा होता है। भोजन, औषधि एवं उद्योग में इसकी विभिन्न उपयोगिताएं हैं। नारियल तेल पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक है। इसमें फैटी एसिड होते हैं। इस तेल में मौजूद दो प्रमुख फैटी एसिड- मैरिस्टिक (myristic) और लॉरिक (Lauric) हमारे लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। यह वजन घटाने, संक्रमण का इलाज करने, पाचन में सुधार करने के लिए अत्यंत लाभदायक है। यह हमें कई संक्रमणों और बीमारियों से भी बचाता है। इसी कारण इसका इस्तेमाल शरीर से जुड़ी कई परेशानियों को दूर करने के लिए किया जाता है। आमतौर पर नारियल तेल का इस्तेमाल बालों के लिए और शरीर की मालिश के लिए होता है, लेकिन दक्षिण भारत में इस तेल का उपयोग भोजन बनाने के लिए भी किया जाता है। नारियल का वानास्पतिक नाम कोकस् न्यूसीफेरा (Cocos nucifera) है।
नारियल तेल के फायदे
बालों के लिए अत्यंत लाभदायक है नारियल का तेल-
नारियल का तेल हेयर मास्क की तरह बालों की सुरक्षा करता है। बालों में नारियल का तेल लगाने से डैमेज और नॉर्मल बालों का प्रोटीन लॉस कम होता है। इसका उपयोग नहाने से पहले और नहाने के बाद दोनों समय किया जा सकता है। यह बालों की परत (हेयर शेफ्ट) के अंदर तक जाकर उसे पोषण प्रदान करता है। इसी वजह से बालों के लिए नारियल तेल बेहद फायदेमंद माना जाता है। बालों की नारियल तेल से मालिश करने के फायदे भी होते हैं। इसलिए, इसे गुनगुना करके बालों की अच्छे से मालिश की जा सकती है।
सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाव करता है नारियल का तेल-
नारियल का तेल लगाने से त्वचा को सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से शरीर का बचाव होता है। इस तेल में 20 प्रतिशत तक सूर्य की हानिकारक किरणों को ब्लॉक करने की क्षमता होती है। एक अध्ययन के अनुसार नारियल के तेल में बेस्ट सन प्रोटेक्शन फेक्टर होता है और इसलिए इसका इस्तेमाल कई सन स्क्रीन में भी किया जाता है।
फंगल इंफेक्शन से बचाता है नारियल का तेल-
नारियल तेल में एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं, जो विभिन्न प्रकार के फंगल संक्रमण से त्वचा की रक्षा करते हैं। इसी कारण नारियल तेल का उपयोग फंगल संक्रमण से बचने में मदद कर सकता है।
वजन घटाने में लाभदायक है नारियल का तेल-
वजन घटाने के लिए भी नारियल तेल का उपयोग किया जा सकता है। दरअसल, इस तेल में मीडियम चेन फैटी एसिड (एमसीएफए) जैसे लॉरिक एसिड, कैप्रेटेलिक एसिड और कैपरिक एसिड मौजूद होते हैं। यह एमसीटी (Medium-chain triglycerides) वजन कम करने वाली डाइट का एक मुख्य हिस्सा माना जाता है। इसी वजह से नारियल तेल वजन घटाने में मदद कर सकता है।
होठों के लिए नारियल तेल के फायदे-
नारियल तेल में पाया जाने वाला वसा होठों की त्वचा को नमी प्रदान करने में मदद करता है। मार्केट में मौजूद प्राकृतिक लिप बाम में नारियल तेल का ख़ास तौर से इस्तेमाल किया जाता है। यह तेल गंध रहित होता है जिस कारण लिप बाम के रूप में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
डायबिटीज में कारगर है नारियल का तेल-
नारियल तेल का सेवन मधुमेह में भी फायदेमंद होता है। एक अध्यन के अनुसार वर्जिन कोकोनट ऑयल में डायबिटीज कंट्रोल करने की क्षमता होती है। क्योंकि वर्जिन नारियल तेल में मौजूद बायोएक्टिव कंपाउंड रक्त में मौजूद ग्लूकोज की मात्रा को कम कर रक्त शर्करा को नियंत्रित रखते हैं। साथ ही नारियल तेल के उपयोग से खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में भी मदद मिल सकती है।
इम्यूनिटी वर्धक है नारियल का तेल-
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में भी नारियल तेल सहायक होता है। नारियल तेल में पाए जाने वाले कैप्रिक एसिड, कैप्रेलिक एसिड और लॉरिक एसिड में एंटीमाइक्रोबियल गतिविधि होती हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाकर शरीर को रोगों से लड़ने में मदद कर सकती हैं।
डेंटल हेल्थ-
नारियल तेल का प्रयोग ऑयल पुलिंग के लिए भी किया जा सकता है। इसमें मौजूद लॉरिक एसिड एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुणों से भरपूर होता है। इस कारण नारियल तेल को डेंटल हेल्थ के लिए भी अच्छा माना जा सकता है। जिसकी मदद से प्लाक को बनने से रोका जाता है। यह प्लाक के कारण होने वाली मसूड़ों की सूजन (Gingivitis) को कम करने में भी प्रभावी होता है।
नारियल तेल के अन्य लाभ-
- कैंसर को रोकने में और उसका इलाज करने में नारियल का तेल मदद कर सकता है।
- इस तेल में मौजूद खनिज होंठो के रूखेपन को ठीक कर सकता है।
- नारियल का तेल लगाने से होंठ कोमल बनते हैं।
- यह तेल शरीर में फैट, कैल्शियम, मैग्नीशियम और विटामिन को अवशोषित करने में मदद करके पाचन क्रिया को सुधरता है।
- नारियल के तेल में लगभग आधे फैटी एसिड लॉरिक एसिड (lauric acid) होते हैं, जो बैक्टीरिया, वायरस और कवक को मारने में विशेष रूप से अच्छे माने जाते हैं इसलिए इस तेल को बाहरी रूप से उपयोग करने पर संक्रमण की समस्या दूर होती है।
- नारियल के तेल को एक एंटीड्रिप्रेसेंट के रूप में भी उपयोग किया जाता है।
नारियल तेल के प्रकार
ऑर्गेनिक नारियल का तेल: यह तेल सीधा पेड़ से तोड़े गए नारियल से प्राप्त किया जाता है। और इसके उत्पादन में किसी भी प्रकार के रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं होता है। यह प्राकृतिक खाद द्वारा उगाया जाता है। इस नारियल तेल में पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
नॉन आर्गेनिक नारियल का तेल:
रासायनिक खाद का इस्तेमाल करके पेड़ों से प्राप्त नारियल के तेल को नॉन आर्गेनिक नारियल का तेल कहा जाता है।
रिफाइंड नारियल का तेल:
इस तेल को सूखे नारियल से बनाया जाता है। इसे ब्लीच कर, ऐसी प्रक्रिया से गुजारा जाता है। जिससे इसमें बैक्टीरिया न के बराबर रह जाते हैं । इसमें थोड़ा सफेद रंग का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। रिफाइंड नारियल का तेल में प्राकृतिक सुगंध व स्वाद बना रहता है।
वर्जिन / अनरिफाइंड / कोल्ड प्रेस्ड कोकोनट ऑयल:
अनरिफाइंड नारियल तेल सबसे ज्यादा उपयोगी नारियल का तेल होता है, क्योंकि यह पूरी तरह से शुद्ध व ताजे नारियल के फल से बनाया जाता है। इसमें बिना किसी प्रकार की कोई मिलावट नहीं होती। इसमें नारियल तेल का प्राकृतिक रंग,सुगंध और स्वाद दिखाई पड़ता है। इसे वर्जिन कोकोनट ऑयल भी कहा जाता है।
नारियल तेल के नुकसान
- नारियल के प्रति अतिसंवेदनशील लोगों में नारियल तेल का अधिक उपयोग संभवतः एक एलर्जी की प्रतिक्रिया और गंभीर तीव्रग्राहिता (anaphylaxis) का कारण बन सकता है। हालांकि ऐसा बहुत कम होता है।
- नारियल तेल का अधिक सेवन दस्त (डायरिया) की समस्या उत्पन्न कर सकता है।
- फंगल संक्रमण के इलाज के लिए जब नारियल तेल का प्रयोग करने पर रक्त प्रवाह विषाक्त पदार्थों से युक्त हो जाता है। जिनसे फ्लू जैसे लक्षण हो सकते हैं।