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टर्मरिक एसेंशियल ऑयल का महत्व, उपयोग और फायदे

टर्मरिक एसेंशियल ऑयल का महत्व, उपयोग और फायदे

2022-03-17 15:05:31

हल्दी एक जड़ी-बूटी है। इसका पौधा 5 से 6 फुट का होता है, जिसकी जड़ों की गांठों से हल्दी मिलती है। जो अपने बेहतरीन स्वाद के लिए जानी जाती है। एक तरफ हल्दी शरीर को स्वास्थ्यवर्धक बनाती है तो दूसरी ओर हल्दी का अर्क (तेल) सौंदर्य प्रसाधन के लिए अच्छा होता है। लेकिन हल्दी का इस्तेमाल सिर्फ खाद्य पदार्थों में ही नहीं बल्कि कई आयुर्वेदिक औषधियों में भी किया जाता है। खासकर “हल्दी के प्राकृतिक तेल" का उपयोग। जिसे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। आम बोलचाल की भाषा में हल्दी के प्राकृतिक तेल को टर्मरिक एसेंशियल ऑयल के नाम से भी जाना जाता है। हल्दी की जड़ों को भाप आसवन प्रक्रिया से टर्मरिक एसेंशियल ऑयल तैयार किया जाता है।

 
 

आयुर्वेद में टर्मरिक एसेंशियल ऑयल का महत्व?

हल्‍दी एसेंशियल ऑयल में हल्दी पाउडर की तरह ही एंटी-एलर्जिक, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-पैरासिटिक गुण होते हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट से भी भरपूर होता है। टर्मरिक एसेंशियल ऑयल में बहुत से औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसी कारण आयुर्वेद में हल्दी और इसके तेल को उत्तम दर्जे की औषधि माना गया है। त्वचा की रंगत निखारने से लेकर दर्द से राहत दिलाने तक, घरेलू दवाओं और बहुत सी बीमारियों में टर्मरिक एसेंशियल ऑयल मददगार साबित होता है। यही कारण है कि सर्दी-खांसी के लिए इसे रामबाण इलाज माना जाता है।

 
 

टर्मरिक एसेंशियल ऑयल के फायदे;

त्वचा के लिए फायदेमंद-

टर्मरिक एसेंशियल ऑयल त्वचा के लिए बेहद अच्छा होता है। यह त्वचा की सेहत का ध्यान रखने का काम करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा संबंधित परेशानियों को दूर करता है। इसके साथ ही इसमें मौजूद एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल भी त्वचा के लिए फायदेमंद होता है। इस ऑयल को त्वचा पर लगाने से फाइन लाइन, मुंहासे, झुर्रियों और एजिंग की समस्या दूर होती है। यह ऑयल त्वचा की लोच में सुधार करता है और उसकी नमी के स्तर को बनाए रखता है। 

 
 

फ्री रेडिकल्स से बचाव-

टर्मरिक एसेंशियल ऑयल शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स से सुरक्षा प्रदान करता है। शरीर में मौजूद यह फ्री रेडिकल्स कई गंभीर बिमारियों का कारण बनते हैं। इस तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स से लड़ने का काम करता है। जिससे शरीर गंभीर बिमारियों का शिकार होने से बच जाता है।

 
 

संक्रमण, एलर्जी और सूजन  में  लाभप्रद-

टर्मरिक एसेंशियल ऑयल में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। जो संक्रमण, एलर्जी और सूजन को रोकने में सहायक होते हैं। यह तेल परजीवी संक्रमण जैसे टेपवर्म (tapeworm) और रिंगवर्म (Ringworm) से छुटकारा पाने में सहायता करता है। 

 

बालों के लिए फायदेमंद-

बालों की हर तरह की समस्या में टर्मरिक एसेंशियल ऑयल लाभदायक है। इसमें मौजूद पोषक तत्व बालों को स्वस्थ्य बनाने और उन्हें मजबूती प्रदान करने का काम करते हैं। इसके अलावा टर्मरिक एसेंशियल ऑयल स्कैल्प (खोपड़ी) में आसानी से अवशोषित होकर रक्त संचार में सुधार और बालों के विकास में मदद करता है। जिससे बालों का झड़ना या गिरना कम होता है। इसके लिए नारियल, जोजोबा और जैतून तेल में से किसी एक तेल में कुछ बूंदें टर्मरिक एसेंशियल ऑयल मिलाकर सिर की मालिश करना अच्छा रहता है।

 

स्कैल्प (खोपड़ी) संबंधी बीमारी के लिए-

टर्मरिक एसेंशियल ऑयल स्किन में नमी बनाए रखने का काम करता है। इसके इसी गुण के चलते इसका इस्तेमाल मॉइस्चराइजिंग उत्पादों में किया जाता है। हल्दी का एंटी-फंगल और एंटी-माइक्रोबियल गुण स्कैल्प (खोपड़ी) को संक्रमण से छुटकारा दिलाता है। इसके अलावा हल्दी के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण खुजली वाली स्कैल्प की खुजली से राहत पाने के लिए लाभदायक साबित होता हैं।

 
 

 दर्द और सूजन से राहत दिलाने में मददगार-   

टर्मरिक एसेंशियल ऑयल में ज्यादातर कीटाणुनाशक गुण पाए जाते हैं। इसलिए यह तेल स्थाई रूप से दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होता है। क्योंकि यह त्वचा में जलन पैदा करने वाले जीवाणु को मारता है। साथ ही हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन एक प्राकृतिक सूजन-रोधी यौगिक है जो दर्द को कम करता है। जिससे त्वचा की सूजन भी दूर होती है। 

 

फटी एड़ियों का इलाज करने में कारगर-

एक उत्कृष्ट उपचार एजेंट होने के कारण टर्मरिक एसेंशियल ऑयल का उपयोग प्रभावी रूप से फटी एड़ी को नरम करने के लिए किया जा सकता है। इसके लिए नारियल, जोजोबा और जैतून के तेल में से किसी एक तेल में कुछ बूंदें टर्मरिक एसेंशियल ऑयल की मिलाकर इस्तेमाल करने से कुछ ही दिनों में फटी एड़ी से छुटकारा मिलता है।

 

सौंदर्य वर्धक प्रसाधन के रूप में - 

हल्दी के अर्क का इस्तेमाल कई फेस वॉश उत्पादों में भी किया जाता है। हल्दी सौंदर्य को बढ़ाने वाले ब्यूटी प्रोडक्ट्स के रूप में भी अत्यंत उपयोगी है। प्राचीन काल से ही भारतीय महिलाएं हल्दी का प्रयोग त्वचा की रंगत निखारने के लिए करती आई हैं। हल्दी में ऐसे तत्व होते हैं जो खून को साफ करते हैं, रंग-रूप को निखारते हैं और त्वचा को गोरा व कांतिमान बनाते हैं। भारतीय वैवाहिक समारोहों में भी वर-वधू के सौन्दर्य को निखारने के लिए हल्दी का पेस्ट लगाया जाता है।

 

इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में-

विशेषज्ञों के मुताबिक, हल्दी के प्राकृतिक तेल का नियमित सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाने में बहुत सहायक है। हल्दी के प्राकृतिक तेल में लिपो पॉलीसेकेराइड (एंडोटोक्सीन) नामक एक पदार्थ पाया जाता है। जिसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-फंगल एजेंट होते हैं, जो हमारी इम्यूनिटी को बूस्ट करते हैं। इसके अलावा हल्दी का महत्वपूर्ण घटक करक्यूमिन एंटी-इन्फ्लेमेटरी (जलन विरोधी) गुणों से भरपूर होने के साथ-साथ इम्यूनोमॉड्यूलेटरी एजेंट (रोग-प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करने वाले एजेंट) की तरह भी काम कर सकता है। इतना ही नहीं यह टी.वी. एवं बी-सेल्स (श्वेत रक्त कोशिकाएं) जैसे विभिन्न इम्यून सेल्स की कार्यप्रणाली को भी बेहतर बनाता है। जिससे शरीर कई तरह की बीमारियों जैसे- एलर्जी, सर्दी-खांसी, मधुमेह, अस्थमा और हृदय रोग से लड़ पाता है।

 
 

कैसे  प्रयोग करें टर्मरिक एसेंशियल ऑयल ?

चेहरे के लिए- 

3 बड़े चम्मच जैतून के तेल में 2 बूंद टर्मरिक एसेंशियल ऑयल मिलाकर उसे किसी बर्तन या जार में रख लें। अब प्रतिदिन रात को सोने से पहले इस मिश्रित ऑयल से अपने चेहरे पर हल्के हाथों से मालिश करें। ऐसा करने से त्वचा संबंधी बीमारियां जैसे मुहांसे, चकत्ते, झुर्रियां आदि ठीक हो जाते हैं। साथ ही त्वचा में रंगत और निखार आती है। 

 

बालों में लगाने हेतु- 

नारियल, जोजोबा और जैतून के तेल में से किसी एक तेल में कुछ बूंदें टर्मरिक एसेंशियल ऑयल को मिलाकर सिर की मालिश करनी चाहिए। ऐसा करने से स्कैल्प के फंगल संक्रमण से कुछ दिनों में छुटकारा मिलता हैं। जिससे बाल घने, मोटे और लंबे होते हैं। 

 

त्वचा के लिए-

टर्मरिक एसेंशियल ऑयल को किसी अन्य तेल में मिलाकर स्किन पर प्रयोग करने से त्वचा में निखार आता है। इसके अलावा घावों के निशान एवं यूवी किरणों का प्रभाव भी कम होता है। ध्यान रखें त्वचा पर हल्दी एसेंशियल ऑयल का सीधा इस्तेमाल न करें।

 

Disclaimer

The informative content furnished in the blog section is not intended and should never be considered a substitution for medical advice, diagnosis, or treatment of any health concern. This blog does not guarantee that the remedies listed will treat the medical condition or act as an alternative to professional health care advice. We do not recommend using the remedies listed in these blogs as second opinions or specific treatments. If a person has any concerns related to their health, they should consult with their health care provider or seek other professional medical treatment immediately. Do not disregard professional medical advice or delay in seeking it based on the content of this blog.


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