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जानें, चौलाई के बेहतरीन फायदों के बारे में

जानें, चौलाई के बेहतरीन फायदों के बारे में

2022-05-24 16:23:29

चौलाई को राजगिरा के नाम से भी पहचाना जाता है। इसका अधिकांश उपयोग व्रत के समय में किया जाता है। लेकिन बीते कुछ समय से इसके स्वास्थ्य लाभों को देखते हुए इसका प्रयोग दैनिक आहार के लिए भी होने लगा है। चौलाई में चाशनी मिलाकर लड्डू और चिक्की बनाकर खाया जाता है।

 
क्या है चौलाई?

चौलाई को रामदाना और राजगिरा भी कहा जाता है। यह छोटे-छोटे बीज होते हैं। जो चौलाई के पौधे पर फलते-फूलते हैं। इन बीजों के पक जाने पर पौधों को काटकर इन बीजों को बाहर निकाला जाता है। चौलाई का वैज्ञानिक नाम अमरंथुस (Amaranthus) और अंग्रेजी में इसे अमरंथ के नाम से जाना जाता है। आज चौलाई को किराने की दुकान या सुपर मार्केट कहीं से भी खरीदा जा सकता है। चौलाई को चौलाई के लड्डू, चौलाई की चिक्की, चौलाई का हलवा आदि कई रूप में खाया जाता है।

 
चौलाई के फायदे:
पाचन तंत्र के लिए-

चौलाई शरीर के पाचन तंत्र को मजबूत करने और उसकी सक्रियता बढ़ाने में मदद करती है। क्योंकि चौलाई के बीजों में पाए जाने वाला फाइबर शरीर के पाचन एंजाइमों को सक्रीय बनाता है। इसके अतिरिक्त चौलाई शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम भी करती है।

 
प्रोटीन के स्रोत के रूप में-

चौलाई में सभी आवश्यक 9 अमीनो एसिड और बेहद दुर्लभ माने जाने वाला लाइसिन नाम का एमिनो एसिड प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है। शरीर में लाइसिन का मुख्य काम कैल्शियम का अवशोषण, चोटों की रिकवरी, स्नायु प्रोटीन का निर्माण और एंटीबॉडीज, एंजाइमों एवं हार्मोन का उत्पादन करना होता है। वहीं चौलाई में मौजूद प्रोटीन्स की सहायता से शरीर में महत्व और कोशिकाओं का निर्माण भी होता है।

 
वजन कम करने के लिए-

चौलाई शरीर में इंसुलिन के स्तर को प्रभावशाली तरीके से कम करने का काम करती है। इसके अलावा यह हार्मोन को रिहा करके व्यक्ति को भरे पेट का एहसास भी कराती है। इसलिए चौलाई को वजन कम करने के लिए एक अच्छा विकल्प माना जाता है।

 
प्रतिरोधक क्षमता के लिए-

चौलाई में जिंक की अच्छी मात्रा मौजूद होती है। जो इम्यून सिस्टम को और बेहतर करने का काम करती है। इसके अलावा चौलाई में विटामिन-ए भी पाया जाता है। जो शरीर में इम्यूनिटी को बूस्ट करने का काम करता है।

 
हड्डियों के लिए-

चौलाई कैल्शियम से समृद्ध खाद्य पदार्थ है। और चूंकि कैल्शियम हड्डियों के लिए एक जरूरी खनिज होता है। इसलिए चौलाई का सेवन हड्डियों से संबंधित समस्याओं जैसे ऑस्टियोपोरोसिस आदि से बचाने में मदद करता है। इसके अलावा चौलाई हड्डियों को रिपेयर करने और मजबूती प्रदान करने का काम भी करती है।

 
सूजन के लिए-

चौलाई में एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी इंफ्लेमेटरी जैसे सूजन को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं। जो सूजन से संबंधित परेशानियों को कम करने का काम करते हैं। इसके अलावा चौलाई सेलुलर झिल्ली को भी ऑक्सीडेटिव के नुकसान से बचाने का काम करती है।

 
शुगर के उपचार के लिए-

चौलाई का इस्तेमाल शुगर के उपचार के लिए भी किया जाता है। चूंकि चौलाई में इंसुलिन के स्तर को कम करने की क्षमता होती है। इसके अलावा यह शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में भी मदद करती है। इस प्रकार चौलाई को मधुमेह के मरीजों के लिए एक महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ माना जाता है।

 
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित के लिए-

चौलाई में फाइबर भरपूर मात्रा में मौजूद होता है। जो शरीर में हाई कोलेस्ट्राल को नियंत्रण कर, धमनियों को सख्त होने से बचाता है। इसलिए कोलेस्ट्रॉल की समस्या से ग्रस्त लोगों के लिए चौलाई का सेवन एक अच्छा विकल्प माना जाता है।

 
आंखों के लिए-

चौलाई में विटामिन्स की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। इसलिए चौलाई आंखों के संक्रमण, धब्बे-दाग, अधः पतन और मोतियाबिंद के खतरों को कम करने में मदद करती है।

 
बालों के लिए-

चौलाई में एक लाइसिन नाम का अमीनो एसिड मौजूद होता है। जो आमतौर पर व्यक्ति के शरीर में नहीं बन पाता। इस अमीनो एसिड की खास बात है कि यह कैल्शियम की दक्षता में सुधार करके बालों को मजबूती देने का काम करता है। परिणामस्वरूप बालों का झड़ना कम होता है। इसलिए बालों के लिए चौलाई को अच्छा माना जाता है।

 
सीलिएक से बचाने में मददगार-

सीलिएक रक्ताल्पता से संबंधित बीमारी है। जो आंतों में विकार पैदा करके पोषक तत्वों के पाचन को मुश्किल बनाती है। लेकिन चौलाई में कुछ ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो इस समस्या को दूर करने का काम करते हैं। इसलिए चौलाई को सीलिएक का एक सफल उपचार माना जाता है।

 
चौलाई का उपयोग-
  • चौलाई का हलवा बनाकर खाया जाता है।
  • चौलाई को घी में भूनकर दूध के साथ उबालकर पिया जाता है।
  • चौलाई को लड्डू बनाकर खाया जाता है।
  • जो लोग मीठा कम खाते हैं। वह लोग इसका सेवन खिचडी के रूप में करते हैं।
  • चौलाई को खीर बनाकर भी खाया जाता है।
  • भूनी हुई चौलाई में चाशनी मिलाकर, उसकी पट्टी बनाकर खाया जाता है।
  • चौलाई का इस्तेमाल सूजी के रूप में गुझिया के लिए भी किया जाता है।
चौलाई के नुकसान-
  • चौलाई का अधिक सेवन ब्लड प्रेशर और किडनी स्टोन के खतरे को बढ़ा सकता है। इसलिए इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए।
  • चौलाई में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है। इसलिए इसके अधिक सेवन से पेट फूलने और पेट में ऐंठन जैसी समस्या हो सकती है। इसलिए इसके अधिक सेवन से बचना चाहिए।
  • चौलाई में लाइसिन नाम का अमीनो एसिड मौजूद होता है। लेकिन कुछ बच्चे और लोग लियोसिन को सहन नहीं कर पाते। जिससे उन्हें पेट दर्द की शिकायत हो सकती है। इसलिए इसके अधिक सेवन से परहेज करें।

Disclaimer

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