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रीठा के औषधीय लाभ, उपयोग और नुकसान

रीठा के औषधीय लाभ, उपयोग और नुकसान

2022-05-24 15:02:40

रीठा आयुर्वेद की सबसे लोकप्रिय जड़ी-बूटियों में से एक है। यह प्राकृतिक और पुन: उपयोग किया जा सकने योग्य उत्पाद है। अधिकांशतः महिलाएं रीठा का इस्तेमाल करती हैं। यह बालों को झड़ने से रोकने और बालों को बढ़ाने आदि में फायदेमंद होता है। बालों को धोने के लिए भी रीठा के फलों का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा रीठा के फलों को पानी में भिगोकर प्राप्त झाग को शरीर में लगाने से शरीर की जलन ठीक होती है। रीठा में प्राकृतिक कंडीशनिंग के गुण होते हैं। जो त्वचा को मॉइस्चराइज करने में मदद करते हैं। रीठा त्वचा के सूखेपन को रोकने में मदद करता है। संवेदनशील त्वचा वाले लोग भी रीठा से बने उत्पादों का उपयोग कर सकते हैं। रीठा एक बहुत ही अच्छे क्लीन्ज़र के रूप में काम करता है। यह त्वचा को शांत और साफ करता है। होममेड फेसवाश के रूप में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। चेहरे पर रीठा लगाने से स्किन टोन और हल्की हो जाती है। इसे कई तरह के उद्देश्यों के लिए प्रयोग किया जाता है, जैसे कपड़े धोने से लेकर गहने चमकाने के लिए। इसके फायदे सिर्फ बालों तक सीमित नहीं हैं। यह हमारे स्वास्थ्य और त्वचा के लिए भी बहुत लाभकारी होता है।

 
रीठा के प्रकार

रीठा की मुख्यतः दो प्रजाति पाई जाती है-

सैपिनडस मूकोरोस्सी (Sapindus mukorossi)-

यह वृक्ष लगभग 15 मीटर ऊंचा होता है। इसके फूल सफेद और बैंगनी रंग के होते हैं। इसके फल गुदेदार, झुर्रीदार व चमकीले होते हैं। जो सूखने पर श्यामले रंग के हो जाते हैं। इस फल के बीज गोलाकार, शयामले रंग के होते हैं। इसके एक फल में तीन बीज होते हैं।

 
सैपिनडस त्रिफोलिटस (Sapindus trifoliatus)-

इस रीठा (soapnut) के फलों की आकृति वृक्काकार होती है। इसे अलग करने पर जुड़े हुए स्थान पर हृदयाकार चिह्न पाया जाता है। यह पकने पर थोड़ा लाल और भूरे रंग का हो जाता है। इसके फल एक साथ जुड़े होते हैं। इसके वृक्ष विशेषतः दक्षिण भारत में मिलते हैं।

 
रीठा के फायदे:
बालों के लिए रीठा के लाभ-
  • रीठा बालों की खूबसूरती बढ़ाता है और उन्हें स्वस्थ बनाता है। इसके लिए कपूर कचरी, नागरमोथा, आंवला और शिकाकाई के साथ मिलाकर, इसे बालों में लगाकर कुछ देर तक रखें और फिर बालों को धो लें। इससे बाल घने और लंबे हो जाते हैं।
  • रीठा से रूसी की परेशानी भी खत्म होती है। यानी डैंड्रफ आसानी से चला जाता है।
  • जूं की समस्या को खत्म करने के लिए रीठा को शिकाकाई और आंवले के साथ मिलाकर लगाएं।
  • अगर आपको स्कैल्प में जलन हो रही है। तो इसके लिए रीठा लाभकारी साबित होता है। इसके अलावा यह स्कैल्प पर जमी पपड़ी को भी दूर करता है।
  • बालों में रीठा शैम्पू के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए पहले रीठा को पानी में भिगोएं और बाद में इसका पेस्ट बना लें। फिर उस पेस्ट को बालों में लगाकर बाल धोने से फायदा होता है।
  • रीठा के उपयोग से बालों का झड़ना और बालों का उलझना कम होता है।
  • रीठा बालों को ठंडक पहुंचाने का काम करता है।
  • बालों में खुजली की परेशानी दूर करने में रीठा लाभकारी होता है|
रीठा के अन्य औषधीय लाभ-
  • अगर किसी को माइग्रेन या अधकपारी जैसी परेशानी है। तो उसे रीठा का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके लिए रीठा के पानी में एक-दो काली मिर्च मिलाकर नाक में इसकी चार से पांच बूंदें डालें। इससे माइग्रेन में आराम मिलता है।
  • रीठा दांतों के इलाज के लिए अच्छा होता है। इसके लिए रीठा के बीजों को तवे पर जलाकर पीस लें। फिर इसमें बराबर मात्रा में पिसी हुई फिटकरी मिला लें। इस चूर्ण को दांतों पर मलने से दांतों के हर तरह के रोग दूर हो जाते हैं।
  • अगर खांसी की परेशानी है। तो रीठा के चूर्ण का सेवन ज़रूर करना चाहिए। इसके लिए रीठा चूर्ण को त्रिकटु चूर्ण के साथ मिलाकर पानी में डाल कर छोड़ दें। फिर अगली सुबह में इस पानी की चार-पांच बूंदें नाक में डालने से काफी आराम मिलता है। इससे अंदर जमा हुआ कफ बाहर आ जाता है और सिर दर्द में राहत मिलती है।
  • जो लोग दमे से परेशान हैं। उनके लिए रीठा का उपयोग दमे में काफी लाभदायक होता है। दमा को ठीक करने के लिए इसके फल को पीसकर सूंघ लें। इसके अलावा रीठा की गिरी को पानी में मिलाकर, मथकर, उससे झाग निकलने पर उस पानी को दमा के रोगी को पिलाने से रोगी को आराम लगता है।
  • रीठा आंखों के लिए भी बेहतरीन तरीके से काम करता है। इसलिए जो व्यक्ति आंखों के दर्द या आंखों से पानी बहने की समस्या से परेशान है। उसे रीठा फल को पानी में उबालकर, उसे ठंडा करके उससे आंखों को धोएं, तो उसे काफी फायेदा मिलेगा।
  • अगर किसी महिला को मासिक धर्म की परेशानी है तो रीठा फल की छाल को महीन पीसकर उसमें शहद मिलाकर। इसे अपनी योनि के ऊपर रख लें। इससे मासिक धर्म यानी पीरियड के दौरान होने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
  • रीठा एंटी इंफ्लेमेटरी होता है। इसलिए यह किसी भी प्रकार की सूजन को ठीक करने के लिए अच्छा होता है।
  • प्रसव से संबंधित परेशानी होने पर रीठा फल के झाग को योनि के पास रखने से राहत मिलती है।
  • जिन लोगों को मूत्र रोग की परेशानी होती है। उन्हें रीठा को रात भर पानी में भीगोकर एवं समय-समय पर साफ करके पीने से पेशाब में होने वाली जलन से राहत मिलती है।
  • बवासीर में रीठा का बीज बहुत कारगार साबित होता है। इसके लिए रीठा के बीज को निकालकर, उसे पानी डाल कर रात भर के लिए छोड़ दें। सुबह उस पानी को पीने से लाभ मिलता है। इसके अलावा फल के शेष भाग को तवे पर जलाकर, इसमें बराबर मात्रा में कत्था मिलाकर अच्छी तरह से पीस लें। अब इस चूर्ण को सुबह और शाम मक्खन या मलाई के साथ खाने से बहुत आराम मिलता है। इस प्रक्रिया को कम से कम सात दिनों तक दोहराएं।
  • मिर्गी से परेशान व्यक्ति के लिए रीठा के बीज बेहद लाभदायक होते हैं। इसके लिए मिर्गी के रोगी को रीठा को पीस कर इसे सुंघाना होता है।
  • किसी ज़हरीले कीड़े के काटने पर रीठा को पीसकर, काटे हुए स्थान पर लगाने से लाभ मिलता है। इसके अलावा रीठा को पानी में पकाकर पीडित व्यक्ति को पिलाने से ज़हर उल्टी के रूप में बाहर आ जाता है। वहीं, अगर ज़हर बिच्छू के काटने का हो तो इसके फल में तम्बाकू का चूर्ण मिलाकर खा लें। इससे बिच्छू के डंक का ज़हर उतर जाता है। इसके अलावा कई जगहों पर अफीम और बाकी तरह के नशे को उतारने के लिए भी रीठा का उपयोग होता है।
रीठा के नुकसान-
  • रीठा यूं तो बेहद फ़ायदेमंद है। लेकिन इसका ज़रूर से अधिक उपयोग करना नुकसानदायक हो सकता है।
  • रीठा उन लोगों के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं होता है, जो लोग गर्म प्रकृति में रहते हैं। ऐसे में उन्हें चिकित्सक से सलाह लेने के बाद ही इसका उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा रीठा के झाग को कभी भी आंखों में नहीं लगाना चाहिए।

Disclaimer

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