काली मिर्च के औषधीय गुण और उपयोग
2022-05-24 15:04:45
काली मिर्च एक औषधीय मसाला (Spice) है। इसे पेपरकॉर्न भी कहा जाता है। यह दिखने में थोड़ी छोटी, गोल और काले रंग की होती है। इसका स्वाद काफी तीखा होता है। काली मिर्च की लता लंबे समय तक जीवित रहने वाली होती है। यह पान के पत्तों जैसी, तेजी से फैलने वाली और कोमल लता होती है। जो मजबूत सहारे से लिपट कर ऊपर बढ़ती है। काली मिर्च का प्रयोग भोजन में करने से बहुत से लाभ प्राप्त होते हैं। ठंड के दिनों में बनाए जाने वाले सभी पकवानों में काली मिर्च का उपयोग किया जाता है। ताकि ठंड और गले की बीमारियों से शरीर की रक्षा हो सके। काली मिर्च नपुंसकता, रजोरोध यानि मासिक धर्म के न आना, चर्म रोग, बुखार तथा कुष्ठ रोग आदि में लाभकारी है। आंखों के लिए यह विशेष रूप से हितकारी होती है। जोड़ों का दर्द, गठिया, लकवा एवं खुजली आदि में काली मिर्च में पकाए गए तेल से मालिश करने से बहुत लाभ प्राप्त होता है। वैज्ञानिक रूप से इसे पाइपर नाइग्रम (Piper nigrum) कहा जाता है।
काली मिर्च में पेपराइन नामक रसायन होता है। जिसकी वजह से इसका स्वाद तीखा होता है। पेपराइन को जठरांत्र तंत्र (gastrointestinal tract या digestive tract) के लिए फायदेमंद माना जाता है। पाचन में सुधार के अलावा काली मिर्च शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट भी है। इसलिए इसे खाने से पाचन क्षमता बढ़ती है और खाना भी अच्छी तरह से अवशोषित होता है। काली मिर्च शरीर के मेटाबोलिज्म द्वारा पैदा हुए ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से निपटने में भी मदद करती है। स्वास्थ्यवर्द्धक एवं खाने का जायका बढ़ाने वाले गुणों के कारण काली मिर्च को “मसालों का राजा” कहा जाता है। बाजारों में दो प्रकार की मिर्च बिकती है। इसमें एक है सफेद मिर्च और दूसरी है काली मिर्च। सफेद मिर्च, काली मिर्च का ही एक अलग रूप है। आधे पके फलों की काली मिर्च बनती है और पूरे पके फलों को पानी में भिगोकर, हाथ से मसलकर ऊपर का छिल्का उतार देने से वह सफेद मिर्च बन जाती है। छिल्का हट जाने से इसकी गरम तासीर भी कुछ हद तक कम हो जाती है। वहीं, इसके गुणों में कुछ सौम्यता आ जाती है।
काली मिर्च के औषधीय गुण-
काली मिर्च में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं। जिसकी मदद से कई प्रकार के रोगों से शरीर को दूर रखने में सहायता मिलती है। साथ ही कई रोगों के इलाज में भी मदद मिलती है। इसमें मुख्य रूप से एंटी-फ्लैटुलेंस, ड्यूरेटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, डाइजेस्टिव, मैमोरी इनहेंसर (याददाश्त बढ़ाने वाला) और पेन रिविलर गुण पाए जाते हैं। यह सभी गुण विभिन्न समस्याओं के इलाज में मदद करते हैं।
काली मिर्च के फायदे:
पाचन के लिए फायदेमंद-
आहार में काली मिर्च का उपयोग करने से पाचन संबंधी समस्याओं से निजात मिलती है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, काली मिर्च में पाए जाने वाला पाइपरिन अग्न्याशय यानी पेट के पाचन एंजाइमों को उत्तेजित कर पाचन क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। वहीं, एक अन्य शोध से पता चलता है कि काली मिर्च से पैंक्रियाटिक लाइपेज, काइमोट्रिप्सिन और एमिलेज की गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है। इन सभी को डाइजेस्टिव एंजाइम के रूप में जाना जाता है। इनसे पूरी पाचन प्रक्रिया बेहतर तरीके से काम करती है।
सर्दी-खांसी से दिलाती है राहत-
काली मिर्च के औषधीय गुण का असर सर्दी-खांसी पर सकारात्मक रूप से पड़ता है। इस संबंध में किए गए एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, काली मिर्च को सर्दी-खांसी के लिए फोक मेडिसिन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें पाइपरिन (Piperine) नामक कंपाउंड होता है। जो सर्दी-खांसी की समस्या से छुटकारा दिलाता है। साथ ही यह गले में खराश की समस्या का भी समाधान करने का काम करता है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि काली मिर्च खाने से सर्दी-खांसी में राहत मिलती है।
कैंसर से करती है बचाव-
कैंसर जैसी घातक समस्या से बचने में काली मिर्च मदद करती है। काली मिर्च में एंटी-कैंसर गतिविधि पाई जाती हैं। इसके कारण काली मिर्च शरीर में कैंसर को पनपने से रोकती है। इसके अलावा काली मिर्च में मौजूद पाइपरिन की वजह से यह कीमोथेरेपी दवाई की तरह काम करती है। पाइपरिन कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकने का काम करता है। लेकिन अगर किसी को कैंसर है। तो उसे डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए। क्योंकि काली मिर्च सिर्फ कैंसर से बचाने में मदद कर सकती है। इसे कैंसर का इलाज न समझें।
वजन कम करने में सहायक-
काली मिर्च खाने से वजन कम करने में लाभ मिलता है। एक मेडिकल रिसर्च के दौरान कुछ हफ्तों तक काली मिर्च युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन किया गया। इससे भूख में किसी तरह का बदलाव हुए बिना शरीर में फैट और लिपिड का स्तर कम मापा गया। और शरीर का वजन कुछ कम हुआ। यह सब काली मिर्च में मौजूद पाइपरिन और एंटीओबेसिटी प्रभाव की वजह से होता है। इसलिए, काली मिर्च के औषधीय गुण के कारण वजन कम होता है।
डायबिटीज में लाभदायक-
काली मिर्च खाने के फायदे मधुमेह और ब्लड शुगर को सामान्य रखते हैं। काली मिर्च में एंटीहाइपरग्लाइसेमिक एजेंट होते हैं। जो रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को कम करते हैं। इससे डायबिटीज के इलाज में मदद मिलती है।
जोड़ों के दर्द और गठिया के लिए कारगर-
काली मिर्च के गुण जोड़ों के दर्द और गठिया की समस्या को कम करते हैं। कई बार जोड़ों में दर्द और गठिया का मुख्य कारण सूजन होती है। जिससे छुटकारा दिलाने में काली मिर्च मदद करती है। काली मिर्च में मौजूद पाइपरिन में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीअर्थराइटिस प्रभाव पाया जाता है। जो सूजन की समस्या को कम कर गठिया की स्थिति में राहत पहुंचाता है।
धूम्रपान छुड़वाने में मददगार-
जो लोग धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं। उनके लिए काली मिर्च का उपयोग मददगार है। एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि काली मिर्च पाउडर की भाप लेने से धूम्रपान की तलब को धीरे-धीरे नियंत्रित किया जाता है।
काली मिर्च के उपयोग-
- कई प्रकार के व्यंजन बनाते समय काली मिर्च का इस्तेमाल किया जाता है।
- काली मिर्च को सॉस बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।
- फास्ट फूड को तीखा बनाने के लिए ऊपर से काली मिर्च को छिड़का जाता है।
- काली मिर्च की चाय बनाकर पी जाती है।
- खांसी-जुखाम होने पर काली मिर्च पाउडर और शहद को मिलकर चाटा जाता है।
- काली मिर्च को हल्दी पाउडर के साथ मिलाकर भी लेते हैं। जो शरीर द्वारा इसके अवशोषण को बढ़ाने में मदद करता है।
काली मिर्च के नुकसान-
- काली मिर्च का अधिक सेवन करने से पेट में जलन हो सकती है।
- काली मिर्च को आंखों के संपर्क में न आने दें। इससे आंखों में जलन होती है।
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसके अधिक मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए।