Cart
My Cart

Use Code VEDOFFER20 & Get 20% OFF. 5% OFF ON PREPAID ORDERS

Use Code VEDOFFER20 & Get 20% OFF.
5% OFF ON PREPAID ORDERS

No Extra Charges on Shipping & COD

स्वाइन फ्लू के लक्षण, कारण और उपचार

स्वाइन फ्लू के लक्षण, कारण और उपचार

2022-11-24 00:00:00

स्वाइन फ्लू को एच1एन1 फ्लू के नाम से भी जाना जाता है। यह एक प्रकार का वायरल संक्रमण होता है, जो मूल रूप से सूअरों से मनुष्यों में फैलता । इसलिए इसे स्वाइन फ्लू कहा जाता है। हालांकि इन दिनों यह संक्रमण इतना खतरनाक हो गया है कि एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे असंक्रमित व्यक्ति में फैलने लगा है। आमतौर इसके लक्षण सामान्यतः फ्लू की तरह ही दिखाई देते हैं। यहीं कारण है कि स्वाइन फ्लू मौसमी फ्लू का कारण बनता है।

जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है। इस स्थिति में इसके विषाणु हवा में फैल जाते हैं। जिससे यह स्वस्थ व्यक्तियों को भी संक्रमित कर देते हैं। जिस कारण यह श्वास के जरिए फैलने वाली बीमारी होती है। इस संक्रमण को बदलते मौसम का संकेत मानकर नजर अंदाज न करें। ऐसा करना जानलेवा साबित हो सकता है।

स्वाइन फ्लू के लक्षण

आमतौर H1N1 वायरस के कारण होने वाले फ्लू के समान सर्दी-जुकाम की तरह ही होते हैं। इसके आम लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • अधिक बुखार।
  • खांसी आना।
  • गले में खराश।
  • मांसपेशियों और जोड़ों में अधिक दर्द होना।
  • अधिक थकान महसूस करना।
  • नाक बहना।
  • आंखों से पानी आना।
  • ठंड लगना।
  • आवाज बैठना।
  • सिर दर्द होना।
  • दस्त लगना।
  • मतली और उल्टी होना।
  • फ्लू के लक्षण वायरस के संपर्क में आने के लगभग एक से तीन दिन बाद दिखाई देते हैं।

स्वाइन फ्लू के कारण-

स्वाइन फ्लू आमतौर से संक्रमित सूअरों की बूंदों या स्राव के संपर्क में आने से फैलता है। वहीं, मनुष्य इन संवेदनशील जानवरों के निकट संपर्क में आने पर संक्रमित हो जाते हैं। इसके बाद संक्रमित व्यक्ति के माध्यम से यह असंक्रमित व्यक्ति में प्रसारित होता है। यह मुख्यतः जानवरों के मल, नाक के स्राव, मुंह के लार या आंखों से निकलने वाले पानी के संपर्क में आने से फैलता है। इसके अलावा संक्रमित जानवरों के कच्चे या अधपके मांस के सेवन से भी स्वाइन फ्लू हो जाता है। यह स्वाइन फ्लू का अत्यधिक संक्रामक कारण है। इसके अलावा अन्य कारण निम्न हैं।

  • छींक आना।
  • खांसना।
  • कीटाणुओं या संक्रमित व्यक्ति के द्वारा स्पर्श किए गए जगहों को छूने पर।

स्वाइन फ्लू होने के जोखिम कारक-

आमतौर पर बच्चों और युवा वयस्कों में स्वाइन फ्लू का होना सबसे आम है। ज्यादातर इसका खतरा उन लोगों को होता है, जो लोग संक्रमित बाहुल्य क्षेत्र में रहते हैं। इसके अलावा कुछ लोगों को स्वाइन फ्लू होने पर गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा अधिक होता है। जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  • 65 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्क।
  • 5 साल से कम उम्र के बच्चे।
  • युवा वयस्क और 19 वर्ष से कम उम्र के बच्चे लंबे समय से एस्पिरिन (बफर) थेरेपी करा रहे हो।
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली (एड्स जैसी बीमारियों से ग्रसित) वाले लोग।
  • गर्भवती महिलाएं।
  • अस्थमा, हृदय रोग, मधुमेह या न्यूरोमस्कुलर जैसी विकारों से पीड़ित व्यक्ति।

स्वाइन फ्लू की रोकथाम और उपचार

स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए सबसे महत्वपूर्ण फ्लू टीकाकरण है। इसके अलावा कुछ खान-पान में बदलाव एवं सावधानी बरतकर इससे बचा जा सकता हैं। आइए बात करते हैं इन सावधानियों के बारे में

  • अपने हाथों को नियमित रूप से गर्म पानी या साबुन से धोएं।
  • स्वाइन फ्लू के संक्रमण के दौरान मांसाहारी भोजन का सेवन न करें।
  • खांसते वक्त मुंह को रुमाल या टिश्यू से ढकें।
  • संक्रमण से बचने के लिए सर्दी-जुकाम से ग्रसित होने पर लोगों से दूर रहें।
  • स्वाइन फ्लू के मरीज पूरी तरह से आराम करें।
  • संक्रमित व्यक्ति या दूषित जगह से दूरी बनाएं।
  • डॉक्टर के दिशा निर्देशों का पालन करें।

स्वाइन फ्लू का इलाज कैसे किया जाता है?

सामान्यतः सर्दी-जुकाम को ठीक करने वाली कुछ एंटीवायरल दवाएं एच1एन1 स्वाइन फ्लू के इलाज में काम करती हैं। इसके लिए एंटीवायरल दवाएँ दवाओं जैसे ओसेल्टामिविर (टैमीफ्लू) और ज़ानामिविर (रिलेंज़ा) प्रभावी ढंग से काम करतीं हैं।

यह दवाएं व्यक्ति को स्वाइन फ्लू से तेजी से उबरने में मदद करती हैं। साथ ही इसे गंभीर होने से बचाती हैं। यह दवाएं शुरुआती लक्षण के 48 घंटों के अंदर सेवन करने पर अच्छा काम करते हैं।

स्वाइन फ्लू के घरेलू उपचार-

लहसुन-

लहसुन में मौजूद एलिसिन शरीर में एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि को उत्तेजित करता है। जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली की क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलती है। इसके लिए रोजाना सुबह खाली पेट लहसुन की दो कलियों का गर्म पानी के साथ सेवन करें।

तुलसी-

तुलसी संक्रमणों को दूर करके गले और फेफड़ों को स्वस्थ रखती है। साथ ही रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढाती है। इस प्रकार यह स्वाइन फ्लू के लक्षणों को कम करने में सहायक होती है।

जिनसेंग-

जिनसेंग एक रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली जड़ी बूटी के रूप में जनि जाती है। यह इंटरफेरॉन उत्पादन को बढ़ाकर अस्थि मज्जा का समर्थन करता है। इस प्रकार यह जड़ी-बूटी रोगजनकों से लड़ने में मदद करती है। जिससे स्वाइन फ्लू के लक्षणों को कम किया जा सकता है।

हल्दी-

हल्दी अपने एंटी इंफ्लेमेंटरी गुणों के लिए जानी जाती है। जो इम्यूनोप्रोटेक्टिव एजेंटों को उत्तेजित करने का भी काम करती है। जिससे स्वाइन फ्लू के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है। इसके लिए एक गिलास गर्म पानी में एक चुटकी हल्दी का चूर्ण मिलाकर इसका सेवन करें।

आंवला-

अपने शरीर को स्वाइन फ्लू और कई अन्य संक्रमणों से बचाने के लिए रोजाना आंवला खाएं। इसके अलावा आंवले के रस का सेवन भी फायदेमंद होता है।

जैतून का पौधा-

जैतून हर्ब में पॉलीफेनोल्स और फ्लेवोनोइड्स की उच्च मात्रा पाई जाती है। यह मतली, बुखार, ठंड लगना और सिरदर्द जैसे लक्षणों को प्रभावी ढंग से ठीक करने में मदद करते हैं।

विटामिन सी युक्त फल-

विटामिन सी युक्त फलों का सेवन स्वाइन फ्लू को ठीक करने में फायदेमंद होता है। यह रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए अपने दैनिक जीवन में विटामिन सी युक्त संतरे, नीबू, स्ट्रॉबेरी और अन्य खट्टे फलों को शामिल करना चाहिए।

खूब पानी पिएं-

स्वाइन फ्लू के दौरान उल्टी, बार-बार पेशाब आना, अधिक पसीना आना और डायरिया जैसे लक्षण होते हैं। ऐसे में पानी का सेवन फायदेमंद होता है। यह शरीर को हाइड्रेटेड रखता है। साथ ही पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है। इसलिए प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।

कब जाएं डॉक्टर के पास?

यदि आप स्वाइन फ्लू बाहुल्य क्षेत्र में रहते हैं। इस स्थिति में फ्लू के लक्षण जैसे बुखार, शरीर में दर्द, नाक बहना, गले में खराश, मतली, उल्टी या दस्त नजर आए तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

You Should Check This Out

Nasal Oil 10ml

4.8
|
151 Reviews
₹399 ₹229 43% OFF

Tulsi Drops (pack of 2)

4.9
|
292 Reviews
₹998 ₹499 50% OFF

Disclaimer

The informative content furnished in the blog section is not intended and should never be considered a substitution for medical advice, diagnosis, or treatment of any health concern. This blog does not guarantee that the remedies listed will treat the medical condition or act as an alternative to professional health care advice. We do not recommend using the remedies listed in these blogs as second opinions or specific treatments. If a person has any concerns related to their health, they should consult with their health care provider or seek other professional medical treatment immediately. Do not disregard professional medical advice or delay in seeking it based on the content of this blog.


Share: