अनार के फायदे और नुकसान
2023-01-16 12:30:51
मोती जैसे छोटे और रसदार अनार के दानों को देखकर अक्सर लोगों के मुंह में उसके मीठे स्वाद का अहसास होने लगता है। यह फल स्वादिष्ट होने के साथ-साथ इसके कई स्वास्थ्यवर्धक लाभ भी हैं। यह एंटीऑक्सिडेंटों एलीजिक एसिड और पोनिक एसिड का एक समृद्ध स्रोत है। इसके पीछे एक कहावत भारत में अधिक प्रचलित है "एक अनार सौ बीमार" अर्थात रोजाना एक अनार का सेवन व्यक्ति को अनेकों बीमारियों से बचाता हैं। शायद इसलिए अनार का सेवन पूरे विश्व में किया जाता है। इस फल के बीज खाने योग्य होते हैं। जिसे कच्चा या इसका जूस बनाकर सेवन किया जाता है। इसके आलावा औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण आयुर्वेदिक चिकित्सा में अनार का उपयोग दवा बनाने के लिए किया जाता है। इसका वानस्पतिक नाम पुनिका ग्रेनटम होता है।
आयुर्वेद में अनार का महत्व-
आयुर्वेदिक चिकित्सा में अनार एक बड़ी भूमिका निभाता है, क्योंकि इसमें मुख्य रूप से एंटी ऑक्सीडेंट, एंटीएथीरियोजेनिक, एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटी वायरल, एंटी हाइपरटेंसिव, एंटी माइक्रोबियल, एंटी डायबिटिक, एंटी फंगल, एंटीप्लाक, एंटी कैंसर, एंटीप्रोलीफरेटिव और एंटी ट्यूमर गुण शामिल हैं। यह सभी गुण कई तरह के बीमारियों से बचाने का काम करते हैं। इसके अलावा अनार में कई तरह के विटामिन और खनिज भी पाए जाते हैं। यह शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल निकालता है। यह मधुमेह को भी नियंत्रित रखता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कैंसर जैसी बीमारियों को शरीर से बचाते हैं। इसके सेवन से लीवर की समस्या, खून में आम, त्वचा संबंधित समस्या, कम होती हैं।
अनार के फायदे-
धमनियों को सख्त होने (एथेरोस्क्लेरोसिस) से रोकने में कारगर-
अनार में पॉलीफेनोल्स नामक एंटी ऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं, जो धमनियों को सख्त होने के उपचार और उससे बचाव करने में मदद करते हैं। इसके अलावा पॉलीफेनोल्स धमनियों को वसा मुक्त रखते हैं। साथ ही यह धमनियों के फैलाव और संकुचन में भी सहायक होते हैं। इस प्रकार अनार का जूस सेवन रक्त प्रवाह को सामान्य रखने में कारगर होता है। इस पर किए गए अध्ययन से पता चलता है कि अनार का रस पीने से गर्दन की धमनियों (कैरोटीड धमनियों) को वसा के निर्माण से मुक्त रखने में भी मदद मिलती है।
शारीरिक क्षमता बढ़ाने में लाभप्रद-
अनार का जूस या अर्क शारीरिक क्षमता के लिए लाभप्रद होता है। इसके नियमित सेवन से शारीरिक क्षमता का विकास होता है। एक शोध के अनुसार अनार का रस पीने से रक्त वाहिका का व्यास बढ़ जाता है। जिससे रक्त का प्रवाह बेहतर होता है और मांसपेशियों में ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है। परिणामस्वरूप व्यक्ति की कार्य करने की क्षमता बढ़ जाती है।
ह्रदय के लिए फायदेमंद-
अनार का रस हृदय को स्वस्थ रखने में बेहद लाभदायक होता है। इसमें कई प्रकार के विटामिन और खनिज पाए जाते हैं। जिसमें मुख्य रूप से पॉलीफेनोल्स और विटामिन-सी ह्रदय प्रणाली की रक्षा करने में सक्षम होते हैं। यह हृदय पर ऑक्सीडेशन से होने वाली क्षति पर रोक लगा कर हृदय रोगों को बढ़ने से रोकते हैं।
मधुमेह के लिए उपयोगी-
अनार एंटी ऑक्सीडेंट का एक समृद्ध स्रोत है, जो शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायता करता है। इसके अलावा अनार में एलीजिक, गैलिक एवं ओलियानोलिक एसिड पाया जाता है। यह सभी एंटी डायबिटिक (ब्लड शुगर कम करने वाला) गुणों को प्रदर्शित करता है। इसलिए रोजाना अनार के ताजे रस का सेवन करने से रक्त शर्करा में सुधार होता है। जिससे मधुमेह को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।
दांतों की मैल दूर करने में मददगार-
अनार में एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जो मुंह में प्लाक बनने को रोकने में मदद करते हैं। इसलिए दिन में दो बार अनार के अर्क से माउथवॉश या गरारे करें। ऐसा करने से दांतों की मैल कम होती है।
कैंसर को रोकने में सहायक-
अनार एंटीऑक्सीडेंट एवं विटामिन सी से भरपूर है। जिसके कारण यह कैंसर की कोशिकाओं (cancer cells) को नष्ट करता है। इस प्रकार यह कैंसर और ट्यूमर के विकास को रोकता है। इसके अलावा अनार का रस एस्ट्रोजन के स्तर को रोककर स्तन कैंसर की कोशिकाओं से लड़ने में मदद करता है।
रक्तचाप को नियंत्रित करता है-
उच्च रक्तचाप अक्सर दिल के दौरे और स्ट्रोक का कारण बनता है। इसलिए अनार के रस का सेवन ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए लाभप्रद होता है। दरअसल इसमें विटामिन, फाइबर और खनिजों की उपस्थिति के कारण यह रक्तचाप को कम करता है।
गठिया और जोड़ों के दर्द में मददगार-
अनार में ज्यादा मात्रा में एंटी इंफ्लेमेंटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण उपस्थित है। जिसके कारण यह गठिया के इलाज के लिए कारगर साबित होता है। इसके अलावा अनार के बीज के तेल को लगाने से पैरों और हाथों के जोड़ों में सूजन के कारण होने वाले दर्द को कम किया जा सकता है।
याददाश्त को सुधारने में असरदार-
याददाश्त बढ़ाने या मानसिक तनाव को दूर करने में अनार का जूस फायदेमंद होता है। प्रतिदिन एक गिलास अनार के जूस का सेवन, तन और मन को शीतलता प्रदान करता है। यह सेंट्रल नर्वस सिस्टम (Central Nervous System) पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। इसके अलावा अनार वृद्ध वयस्कों और सर्जरी किए हुए लोगों की याददाश्त में सुधार करता है। यह अल्जाइमर रोग से भी बचाव करता है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए-
रोजाना अनार का रस पीने से शरीर में रक्त का संचार सुचारु रूप से होता है। जिससे इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लक्षण कम होते हैं।
अनार के नुकसान-
अनार का रस ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित होता है जब इसका सेवन सीमित मात्रा में किया जाता है। लेकिन कुछ लोगों को इसके सेवन से बचने की जरूरत होती है।
इसमें निम्नलिखित शामिल हैं;
- कुछ लोग अनार के अर्क के प्रति संवेदनशील होते हैं। संवेदनशीलता के लक्षणों में सूजन, खुजली, नाक बहना और सांस लेने में कठिनाई शामिल है।
- निम्न रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति को अनार का सेवन से बचना चाहिए क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है। इसलिए इसके इस्तेमाल से रक्त परिसंचरण की गति और धीमी हो सकती है।
कहां पाया जाता हैं अनार?
भारत में अनार के पेड़ हर जगह पाए जाते हैं। लेकिन ज्यादातर अनार की खेती पश्चिमी हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की पहाड़ियों पर होती है। इसके अतिरिक्त अनार की खेती विदेशों जैसे ईरान और अफगानिस्तान में भी की जाती है।