Cart
My Cart

Use Code VEDOFFER20 & Get 20% OFF. 5% OFF ON PREPAID ORDERS

Use Code VEDOFFER20 & Get 20% OFF.
5% OFF ON PREPAID ORDERS

No Extra Charges on Shipping & COD

एथलीट फुट क्या है? जानें, इसके कारण, लक्षण और घरेलू निदान

एथलीट फुट क्या है? जानें, इसके कारण, लक्षण और घरेलू निदान

2022-03-17 12:33:13

एथलीट फुट पैरों में होने वाला संक्रमण है। जो पैरों की उंगलियों के बीच में होता है।चूंकि इसकी शुरुआत खिलाड़ियों से हुई थी।इसलिए इसे एथलीट फुट कहा जाता है। लेकिन वर्तमान समय में यह एक आम समस्या बन गई है। इसका मुख्य कारण पैरों के उंगलियोंमें अधिक पसीने होना, बरसात के मौसम में संक्रमणहोना,किसी संक्रमित वस्तु या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना होता है। कई बार यह समस्या उन लोगों में भी देखने को मिलती है, जो पूरे दिन जूते पहनकर आउटडोर ड्यूटी करते हैं।इसप्रकार से यह समस्या हर उम्र के लोगों में देखने को मिलती है। अत: समय पर इसका इलाज न कराने पर यह दिन-प्रतिदिन बढ़ता जाता है। परिणामस्वरूपयह एक गंभीर समस्या साबित हो सकती है।

 

एथलीट फुट कैसे फैलता हैं?

चूंकि यह टीनिया नामक कवक से होता है। इसलिए मेडिकल भाषा में इसे टीनिया पेडिस (Tinea Pedis) भी कहा जाता है।यह कवक गरम एवं नम वातावरण में पनपते हैं। यहमुख्य रूप से जूते, स्विमिंग पूल और सार्वजनिक नमी वाले वातावरण में तेजी से बढ़ते हैं। इसी कारण यह आमतौर पर गर्मियों में और नम जलवायु वाली जगहों पर पाए जाते हैं। इसके अलावा जूते पहनने वाले व्यक्तियों के पैरों में भी एथलीट्स फंगल को देखा जा सकता है।जब फंगस (कवक) शरीर के इस क्षेत्र में आक्रमण करते हैं तो कुछ समय में ही वहां की त्वचा पर लाल धब्बे, दाद, घाव और खुजली जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

 

एथलीट फुट होने के लक्षण-

एथलीट फुट की सबसे अहम पहचान है-त्वचा पर लाल धब्बे, दाद, रैशेज, त्वचा में पपड़ी का जमना, खाल का झड़ना या सफेद रंग के चूर्ण जैसे पदार्थ निकलने लगते हैं। इसके अलावा भी कुछ अन्य लक्षण होते हैं। आइए बात करते हैं इन्हीं अन्य लक्षणों के बारे में;

 
  • त्वचा का लाल होना या छिल जाना।
  • त्वचा पर खुजली और जलन का होना।
  • पैरों के तलवों पर अल्सर होना।
  • घाव का ठीक न होना और लगातार खून का रिसाव होना।
  • प्रभावित अंग से मवाद जैसे द्रव का बहना।

एथलीट फुट होने के कारण-

  • संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर।
  • लगातार नमी वाले स्थानों में रहने पर।
  • पैरों को गिला छोड़ देने पर।
  • कई दिनों तक एक ही मोजे पहनने पर।
  • टाइट जूते पहनने पर।
  • स्विमिंग पुल में अधिक स्नान करने पर।
  • सार्वजानिक स्थानों पर नंगे पैर चलने पर।
  • गंदी तौलियों का उपयोग करने पर।

एथलीट फुट से बचने के उपाय-

  • किसी भी तरह के संक्रमण से बचने के लिए स्वयं को साफ-सुथरा रखें।
  • नमीयुक्त जगहों परनंगे पैर जाने से बचें।
  • कवक संक्रमण से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें।
  • एथलीट फुट से बचने के लिए पैरो की त्वचा को सूखा और स्वच्छ रखें।
  • संक्रमित व्यक्ति के तौलिए का उपयोग न करें।
  • हल्के और हवादार जूते पहनें।
  • सिंथेटिक चीजों से बने जूते का उपयोग न करें।
  • केवल सूती मोजे का प्रयोग करें।
  • प्रतिदिन मोजे को धोकर पहनें।
  • प्रतिदिन जूते को बदलकर पहनें।
  • सार्वजनिक जगहों पर अपने पैरों का बचाव करें।

एथलीट फुट के घरेलू निदान-

नीम की पत्तियां हैं फायदेमंद-

नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर पैरों को धोने और गाय के दूध में नीम की पत्तियों को पीसकर संक्रमित हिस्से पर लगाने से एथलीट फुट ठीक हो जाते हैं। इसकेअलावा एथलीट फुट से पीड़ित व्यक्ति कोनीम कातेल प्रभावित जगहों पर लगाना बेहद फायदेमंद होता है।

 

चालमोगरा का तेल-

चालमोगरा का तेल भी चर्म रोग या फंगल इंफेक्शन से पीड़ित व्यक्तियों के लिए लाभकारी होता हैं। इसके लिए चालमोगरा का तेल और नीम के तेल को समान मात्रा में मिलाकर प्रभावित अंग पर लगाएं। ऐसा कुछ दिनों तककरने से एथलीट फुट और कई तरह केफंगल इंफेक्शन ठीक हो जाते हैं।

 

लहसुन हैं लाभप्रद-

लहसुन एंटी बायोटिक गुण से समृद्धल होता है। जोएथलीट फुट एवं फंगल इंफेक्शन को ठीक करने में मदद करता है। इसके लिए कुछ कच्चे लहसुन की कलियों को लेकर पेस्ट बनाकर प्रभावित स्थानों पर लगाएं।ऐसा करने सेघाव जल्दी भरते हैं। इसके अलावा कच्चे लहसुन के रस को भी पैरों के तलवों पर लगाने से आराम मिलता है।

 

हल्दी-

हल्दी एथलीट फुट से राहत दिलाने का एक प्रभावी प्राकृतिक उपाय है। क्योंकि यह एंटीसेप्टिक, एंटी इंफ्लेमेंटरी और एंटी फंगल गुणों से समृद्ध होती है। इसके लिए हल्दी पाउडर कोपानी मिलाकर पेस्ट बनाकर घावों पर लगाएं।

 

टी ट्री ऑयल-

टी ट्री ऑयल के लाभकारी गुण एथलीट फुट के लिए बेहद कारगर होते हैं। यह सुखी त्वचा, खुजली, लालिमा, छाले और चकत्ते जैसे एक्जिमा के लक्षणों को भी कम करते हैं। इस तेल में मौजूद एंटीबैक्टीरियल यौगिक त्वचा संबंधित संक्रमण को फैलने से रोकते हैं और एंटीऑक्सीडेंट खुजली और रूखी त्वचा को ठीक करने में कारगर साबित होते हैं।इसके लिए टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदो को कैरियर ऑयल में मिलाकर पैरों के तलवों पर लगाएं।

 

मेहंदी पाउडर-

पैरों में संक्रमण के लिए मेहंदी एक तरह का प्राकृतिक उपचारक का काम करती है। क्योंकि यह एंटीसेप्टिक से समृद्ध होती है। इसके लिए मेहंदी पाउडर को गुलाब जल में अच्छी तरह से मिक्स करें। अब इस पेस्ट को प्रभावित जगहों पर लगाएं। ऐसा करने से एथलीट फुट में आराम मिलता है। 

 

नींबू-

एथलीट फुट में नींबू भी औषधि का काम करता है। क्योंकि इसमें एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी बैक्टीरियल दोनों गुण पाए जाते हैं। जो त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं। इसके लिए नींबू का रस, सिरका और ग्लिसरीन मिलाकर पैरों के तलवों पर लगाएं।

 

बेकिंग सोडा-

एथलीट फुट होने पर गुनगुने पानी में बेकिंग सोडा या फिटकरी डाल कर प्रभावित हिस्से की सिकाई करें। ऐसा करने से एथलीट की समस्या से राहत मिलतीहै।

 

एप्पल साइडर विनेगर-

एथलीट फुट होने पर एप्पल साइडर विनेगर एक अन्य प्रभावशाली उपचार है। इसके लिए गुनगुने पानी में एक टेबल स्पून एप्पल साइडर विनेगर मिलाएं। अब इस पानी में पैरों को डूबा रहने दें। कुछ समय बाद पैरों को तौलिए से अच्छी तरह से साफ करें। अब पैरों को सूखने के लिए हवा लगने दें।

You Should Check This Out

Tea Tree Essential Oil 10ml

4.8
|
149 Reviews
₹699 ₹499 29% OFF

Disclaimer

The informative content furnished in the blog section is not intended and should never be considered a substitution for medical advice, diagnosis, or treatment of any health concern. This blog does not guarantee that the remedies listed will treat the medical condition or act as an alternative to professional health care advice. We do not recommend using the remedies listed in these blogs as second opinions or specific treatments. If a person has any concerns related to their health, they should consult with their health care provider or seek other professional medical treatment immediately. Do not disregard professional medical advice or delay in seeking it based on the content of this blog.


Share: