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लिसोड़ा के फायदे और नुकसान

लिसोड़ा के फायदे और नुकसान

2023-01-16 12:48:30

दुनिया में तमाम ऐसे फल हैं, जिससे ज्यादातर लोग अपरिचित हैं। उन्हीं फलों में से एक लिसोड़ा भी है। यह कई औषधीय गुणों से समृद्ध होता है। जिसके कारण यह शरीर के लिए बेहद लाभदायक माना जाता हैं। लिसोड़ा एक पहाड़ी फल है जिसे गोंदी या निसोरी के नाम से भी जाना जाता है। आमतौर पर लिसोड़ा का अचार और चूरन के रूप में सेवन किया जाता है। कई जगहों पर लोग इसके पत्तों का उपयोग साग के रूप में करते हैं। इसकी पत्तियों से लेकर फूल कई औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं और यह कई आयुर्वेदिक उपचार में काम आते हैं। इसी कारण आयुर्वेद में लिसोड़े का प्रयोग दवा के रूप में होता है। लिसोड़ा खांसी, बुखार, अस्थमा और त्वचा संबंधित कई समस्याओं में फायदा करता है। लिसोड़ा मध्यम ऊंचाई का पेड़ होता है। जिसमें वसंत ऋतु में फूल लगते हैं और ग्रीष्म ऋतु के अंत तक इसके फल पक जाते हैं। इसके फल दिखने में सुपारी के आकार के होते हैं। कच्चे लिसोड़े का साग या आचार बनाया जाता है। वहीं पके हुए लिसोड़े का फल मीठा और इसके अंदर गोंद की तरह चिकना और मीठा रस होता है। आमतौर पर लिसोड़ा मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है। पहला बड़ा लिसोड़ा और दूसरा छोटा लिसोड़ा। इसका वानस्पतिक नाम कॉर्डिया मायक्सा (cordia myxa) है।

 

आयुर्वेद में लिसोड़ा का महत्व -

आयुर्वेद में लिसोड़ा के विभिन्न भाग जैसे बीज, फल, छाल, फूल, पत्ता आदि को सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। लेकिन इसके पौष्टिक और उपचारात्मक गुणों के कारण बहुत-सी बीमारियों के लिए इसे आयुर्वेद में औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। लिसोड़ा की छाल कड़वी खांसी, गले में खराश, बुखार निवारक और कृमि नाशक को दूर करने वाली होती है। लिसोड़ा के बीज और फल कई तरह के स्वास्थ्य लाभ पहुंचाते हैं। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, वसा, आयरन, फॉस्फोरस एवं कैल्शियम जैसे पोषक तत्व शामिल होते हैं। साथ ही लिसोड़ा एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भी भरपूर है। यह सभी गुण सूजन, वीर्यवर्धक, बलकारक, त्वचा के विकारों और महिलाओं संबंधित रोगों में काफी फायदेमंद होता है।

 

लिसोड़ा के फायदे-

खांसी के इलाज के लिए-

लिसोड़ा खांसी को ठीक करने के लिए अच्छा विकल्प है। इसमें पाए जाने वाले औषधीय गुण खांसी को ठीक करते हैं। इसके लिए लिसोड़े के कुछ फल को पानी में उबालें। लगभग एक चौथाई भाग पानी बचने पर इसे छान लें। अब इस काढ़े का सेवन करने से खांसी से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा लिसोड़ा की छाल का काढ़ा बनाकर 10-20 मि.ली. मात्रा में सेवन करने से खांसी से छुटकारा मिलता है।

बुखार के इलाज के लिए-

लिसोड़ा चूर्ण में एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल प्रभाव होते हैं। जो बुखार उतारने में फायदा करते हैं। इसके लिए लिसोड़ा की छाल का काढ़ा बनाकर 20-40 मि.ली. मात्रा में सुबह और शाम सेवन करने से लाभ होता है। इसलिए हल्के और टाइफाइड जैसे बुखार में लिसोड़ा का प्रयोग किया जा सकता है।

दांत दर्द के लिए फायदेमंद-

दांत दर्द से छुटकारा पाने के लिए लिसोड़ा अच्छा उपाय है। क्योंकि इसमें पाए जाने वाला एंटी बैक्टीरियल गुण मुंह में मौजूद बैक्टीरिया को खत्म करने और उन्हें पनपने से रोकता है। । लिसोड़ा मुंह में मौजूद प्लाक को दूर करने और मसूड़ों की सूजन को कम करने के लिए भी जाना जाता है। इसके लिए लिसोड़े की छाल को उबालकर, उस पानी से कुल्ला करने से दांत और मसूड़ों के विकार ठीक हो जाते हैं।

गले में खराश के लिए-

लिसोड़ा गले संबंधी समस्याओं को ठीक करने के लिए प्रभावी होता है। इसमें मौजूद औषधीय गुण सर्दी और गले की खराश को ठीक करते हैं। इसके लिए लिसोड़े की छाल से बने काढ़े से गरारे करें। ऐसा करने से गले के रोग में आराम मिलता है।

सूजन कम करने में सहायक-

सूजन कम करने में लिसोड़ा औषधि की तरह काम करता है। क्योंकि यह एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है, जो सूजन के प्रभाव को कम करने में मदद करता है। इसके लिए इसके छाल से बने काढ़े में कपूर मिलाकर प्रभावित अंगों पर लगाने से लाभ मिलता है।

त्वचा संबंधी विकारों के लिए-

लिसोड़े की पत्तियों और बीजों का उपयोग त्वचा संबंधित समस्याओं से निजात दिलाने का काम करते हैं। इसके लिए लिसोड़े की पत्तियों से बने पेस्ट को अल्सर एवं फोड़े-फुंसी जैसी जगहों पर लगाने से आराम मिलता है। इसके अलावा इसकी पत्तियों का पोटली बनाकर फोड़े-फुंसियों पर बांधने से फुंसियां जल्दी ठीक हो जाती हैं।

शरीर में शक्ति-स्फूर्ति बढ़ाने के लिए-

शरीर में कम ताकत होने पर लिसोड़े के फल के सेवन से शरीर की ताकत बढ़ जाती है। इसके अलावा का के फलों को सुखाकर चूर्ण बना लें। अब इस चूर्ण में चीनी की चाशनी को मिलाकर लड्डू बनाकर सेवन करने से शरीर में शक्ति का विकास होता है।

लिकोरिया से निजात दिलाने में सहायक-

यदि किसी महिला को सफ़ेद पानी आने या लिकोरिया (Leucorrhoea) की समस्या है। ऐसे में लिसोड़े की पत्तियों को पीसकर रस निकल लें। अब इस रस का सेवन करें। ऐसा करने से इन समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

 

लिसोड़ा के नुकसान-

लिसोड़े का अधिक सेवन आमाशय (मेदा) और यकृत पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।

Disclaimer

The informative content furnished in the blog section is not intended and should never be considered a substitution for medical advice, diagnosis, or treatment of any health concern. This blog does not guarantee that the remedies listed will treat the medical condition or act as an alternative to professional health care advice. We do not recommend using the remedies listed in these blogs as second opinions or specific treatments. If a person has any concerns related to their health, they should consult with their health care provider or seek other professional medical treatment immediately. Do not disregard professional medical advice or delay in seeking it based on the content of this blog.


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