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कंधे में दर्द के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

कंधे में दर्द के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

2022-11-23 00:00:00

आज के दौर में कंधे दर्द की समस्या बेहद आम हो गयी है। इतनी आम कि यह बुजुर्गों की अपेक्षा बच्चों और युवाओं में अधिक देखने को मिलती है। इस समस्या के मुख्य कारण हैं- गलत मुद्रा में उठना, बैठना या सोना, गलत तरीके से भारी वजन उठाना और शारीरिक गति विधियां कम करना आदि होता है। इन अनियमित दिनचर्या के कारण कंधों की मांसपेशियों में अकड़न आ जाती है। जिससे कंधों में दर्द होना शुरू हो जाता है।

कभी-कभी इसे छोटी समस्या मानकर नजर अंदाज कर देने से यह एक असहनीय दर्द का कारण बन जाता है। परिणामस्वरूप कंधे को हिला पाना भी मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा व्यक्ति के जीवन में और कई अन्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

क्या होता है शोल्डर पेन?

शोल्डर पेन एक हड्डियों से जुड़ी समस्या होती है। जिसके होने पर कंधों में गंभीर दर्द होता है। यह समस्या किसी को भी हो सकती है। आजकल लगभग सभी व्यक्तियों को कंधे के दर्द जैसी परेशानी से गुजरना पड़ता है। दरअसल कंधा एक बॉल और सॉकेट जॉइंट है जो हाथों को आगे-पीछे ले जाने का काम करता हैं। यह शरीर का सबसे गतिशील अंग है। जिसमें किसी कारणवश स्थिरता की कमी आती है। कंधे में स्थिरता की कमी के कारण यह चोट और दर्द का शिकार हो जाता है। कंधे का दर्द एक शारीरिक समस्या है जिसमें जोड़ या मांसपेशियां, टेंडन और जोड़ को सहारा देने वाले स्नायुबंधन प्रभावित होते हैं।

रोटेटर कफ क्या है और रोटेटर कफ की चोट को कैसे पहचानें?

रोटेटर कफ कंधे के जोड़ की रक्षा करता है और सिर के ऊपर बाजुओं की गति में मदद करता है। आमतौर पर यदि रोटेटर कफ में सूजन आ जाती है,तो इस स्थिति में दर्द सामने के हिस्से में या कंधे के बाहर होता है। यह दर्द आमतौर पर तब अधिक गंभीर होता है जब व्यक्ति अपने हाथ को सिर के ऊपर उठाता है। इसे दूर करने के लिए फिजियोथेरेपी या व्यायाम की आवश्यकता पड़ती है।

कंधे दर्द के कारण

 

खराब मुद्रा

जब कोई व्यक्ति अपने शोल्डर को खराब मुद्रा में हिलाता हैं। इस स्थिति में कंधे के जोड़ की मांसपेशियों में सूजन आ जाती है। इससे कंधे में दर्द होता है।

चोट या आघात

गर्दन या बाजुओं की हड्डी में पुरानी चोट की वजह से भविष्य में व्यक्ति शोल्डर पेन से ग्रसित हो सकता हैं।

बुढ़ापा या नेचुरल डिजनरेशन

गठिया, क्षतिग्रस्त कफ रोटेटर एवं कार्टिलेज एक सामान्य अपक्षयी रोग है। गठिया एक प्रकार की अपक्षयी बीमारी है, जो शरीर के जोड़ों में सूजन का कारण बनती है। यह अक्सर शरीर के भार को वहन करने वाले जोड़ों, जैसे कूल्हों और घुटनों में होता है। कभी-कभी यह कंधे के जोड़ की सूजन हो सकती है। जिससे कंधो में असहनीय दर्द होता है।

रेपेटिटिव ओवरहेड गतिविधि

कंधे की मांसपेशियों एवं हड्डियों को एक ही दिशा और गति में दोहराते रहने से भी कंधे में दर्द शुरू हो जाता है। क्योंकि ऐसा करने से शोल्डर टेंडन्स और शोल्डर ब्लेड्स के बीच की दूरी कम होती जाती है। इसके अलावा पिंचिंग, जिसे अक्सर इंपिंगमेंट सिंड्रोम कहा जाता है। यह भी कंधे के दर्द का कारण होता है।

किसी प्रकार की बीमारी

मधुमेह, हाइपोथायरायडिज्म, रूमेटाइड गठिया, परिधीय न्यूरोपैथी जैसे रोगों से भी कंधे में दर्द उत्पन्न होते हैं।

पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस

यह गठिया का सबसे आम रूप है। यह व्यक्ति के कंधों सहित किसी भी जोड़ को प्रभावित कर सकता है। इस स्थिति में हड्डियों के बीच का कार्टिलेज टूट जाता है और एक दूसरे से रगड़ने लगता है। इससे कंधे में दर्द और अकड़न होती है।

कंधे के दर्द के लक्षण-

कंधे के दर्द में मुख्य रूप से कंधे के आसपास के क्षेत्रों में दर्द होता है। इसके अलावा अन्य लक्षण भी देखने को मिलते हैं जो इस प्रकार हैं:

  • कंधों को हिलाने में असमर्थता महसूस करना।
  • जोड़ों के आस-पास की त्वचा को छूने पर गर्माहट या दर्द का आभास होना।
  • मांसपेशियों में ऐंठन होना।
  • कंधों में अकड़न या खिंचाव होना।
  • लम्बे समय तक चक्कर आना।

कंधे के दर्द की रोकथाम कैसे करें?

  • कंधे संबंधित कुछ व्यायाम रोटेटर कफ की मांसपेशियों और टेंडन को फैलाने में मदद करते हैं। इसलिए इसे किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें।
  • यदि पहले कभी कंधे की समस्या रही है, तो भविष्य में होने वाली चोटों से बचने के लिए व्यायाम करने के बाद उस जगह पर 15 मिनट तक बर्फ लगाएं।

कंधे के दर्द का इलाज

 

एंटी इंफ्लेमेंटरी मेडिसिन

कंधों के दर्द एवं सूजन को कम करने के लिए कुछ दवाएं जैसे एडविल (इबुप्रोफेन के लिए) और एलेव (नेप्रोक्सन के लिए) शामिल हैं। यह दोनों दवाएं डॉक्टर द्वारा निर्धारित हैं और लेबल के अनुसार उपयोग करने के लिए अपेक्षाकृत सुरक्षित हैं।

गर्म सिकाई करें

किसी भी तरह के दर्द से राहत पाने के लिए गर्म पानी से सिकाई करना एक अच्छा विकल्प है। इससे रक्त का संचरण भी ठीक हो जाता है। गर्म पानी से शावर लेना भी कंधे के दर्द में फायदा करता है। इसके अलावा कंधे दर्द से राहत पाने के लिए इलेक्ट्रिक हीटिंग पैड का उपयोग किया जा सकता है। ध्यान रखें कि यदि इलेक्ट्रिक हीटिंग पैड का उपयोग कर रहे हैं, तो इसे उच्च ताप के बजाय मध्यम आंच पर सेट करें।

आइस पैक

आइस पैक (ice pack) कई तरह के दर्द में मदद करता है। इसलिए आइस पैक को प्रभावित अंग पर लगाने से काफी आराम मिलता है। इसके अलावा आइस पैक कंधे या शरीर के अन्य किसी हिस्से में दर्द के साथ सूजन को भी खत्म करता है।

सेंधा नमक

एक कटोरी एप्सम साल्ट (सेंधा नमक) को हल्के गर्म पानी से भरे बाथटब में डालें। जबतक पानी की गर्माहट रहे तब तक बाथटब में बैठे रहें। ऐसा करने से शोल्डर पेन में आराम मिलता है।

मालिश करें

अपने कंधे की नियमित मालिश और कुछ शोल्डर संबंधी व्यायाम करने से दर्द कम होता है।

 

कंधे के दर्द का घरेलू इलाज

 

मेहंदी और लौंग का तेल

किसी पात्र में मेहंदी और लौंग के तेल को मिलाकर लगभग दो मिनट तक उबालें। फिर उसे आंच से हटाकर कुछ देर के लिए रख दें। हल्का गर्म होने पर एक रुई के टुकड़े को इस मिश्रण में डुबोएं। फिर इसे अपने कंधे पर हल्के हाथों से लगाकर उस जगह को अच्छी तरह से एक पट्टी से लपेट दें। ऐसा करने से कंधे के दर्द से राहत मिलती है।

नींबू और शहद

नींबू और शहद के मिश्रण को रोजाना खाली पेट लें। ऐसा करने से भी दर्द में सुधार होता है।

मेन्थॉल क्रीम

मेन्थॉल क्रीम या मलहम से कंधे की मालिश करने से निश्चित रूप से दर्द और इससे जुड़ी परेशानी से राहत मिलती है।

कंधे दर्द के लिए कुछ शारीरिक व्यायाम

नियमित व्यायाम और स्ट्रेचिंग आपके कंधों को मजबूत और लचीला बनाते हैं।

पेंडुलम स्ट्रेच

  • सर्वप्रथम खड़े होकर कमर के बल झुकें।
  • इसके बाद अपने कंधे के दर्द वाले हाथ को सीधे नीचे की ओर लटकाएं।
  • अपनी गर्दन को आराम दें।
  • अपनी बाहों को एक सर्कल में 20 बार तक घुमाएं।
  • ऐसा दिन में लगभग 5 से 10 बार करें।

ओवरहेड शोल्डर स्ट्रेच

  • इस स्ट्रेच को करने के लिए सर्वप्रथम सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं।
  • अब अपनी कोहनी मोड़ें और अपनी बाहों को अपने सिर के ऊपर उठाएं। इसके अलावा अपने हाथों को अपने सिर के ऊपर या पीछे भी रख सकते हैं।
  • इसके बाद अपनी कोहनी को पीछे ले जाने के लिए अपने कंधे के ब्लेड को धीरे से मोड़ें।
  • अब 20 बार घुमाएं। इसका अभ्यास दिन में 5 से 10 बार करें।

अपर बॉडी स्ट्रेंथनिंग

  • इस स्ट्रेच को करने के लिए सर्वप्रथम पैरों के बीच दूरी बनाकर खड़े हो जाएं। इस दौरान अपने शरीर को सीधा रखें।
  • अब अपने दोनों हाथों में भार या डंबल पकड़ें।
  • फिर अपनी हथेलियों को नीचे की ओर रखते हुए उन्हें अपने कंधे के स्तर पर ले आने के लिए अपने हाथों को उठाएं।
  • इस स्थिति में 3-4 सेकंड तक रहे।
  • फिर अपनी मूल अवस्था में आ जाएं।
  • ऐसा कम से कम 5 से 10 बार करें।
  • ध्यान रखें इस स्ट्रेच को तब करें जब आपके कंधे का दर्द कम हो जाएं।

कब जाएं डॉक्टर के पास?

आमतौर पर हल्का कंधे दर्द को कुछ घरेलू उपाय करके या कुछ सावधानियां बरतकर ठीक किया जा सकता है। लेकिन यदि यह दर्द लगातार बना रहे या घरेलू उपाय करने पर इसमें कुछ सुधार न हो। इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।

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