कब होती है मांसपेशियों में कमजोरी? जानें, इसके कारण, लक्षण और उपचार
2022-02-15 00:00:00
मांसपेशियों में कमजोरी आना एक आम समस्या है जिसका मतलब मांसपेशियों की गतिविधियों का ठीक से काम न कर पाना है। यह समस्या ज्यादातर उन लोगों में देखने को मिलती है, जो लोग शरीर से अधिक कमजोर होते हैं अर्थात जिन लोगों में शारीरिक ताकत की कमी होती है। इसके अलावा यह समस्या अधिक काम करने वाले लोगों में भी हो सकती है। इस समस्या से ग्रसित व्यक्ति के शरीर में गिरावट, जलन, बेचैनी, मांसपेशियों में ऐंठन एवं दर्द, आदि लक्षण नजर आते हैं।
मांसपेशियों में कमजोरी के कारण
मांसपेशियों में कमजोरी या दर्द होने के पीछे कई कारण होते हैं। जिनमें प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
बढ़ती उम्र
मांसपेशियों में कमजोरी का सबसे बड़े कारणों में से एक है बढ़ती उम्र का होना। क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं। 40 से 50 साल तक हम और आप महसूस नहीं कर पाते हैं लेकिन इससे बाद की उम्र में कमजोरी महसूस होने लगती है। परिणामस्वरूप मांसपेशियां अधिक नाजुक हो जाती हैं। उपरोक्त आयु के दौरान यह समस्या सभी लोगों में ज्यादा होती है और कई बार यह इनएक्टिव होने के कारण भी होती है। इसलिए इस उम्र में व्यक्ति को अपने शरीर के पीछे ज्यादा से ज्यादा एक्टिव रहना चाहिए।
किसी दवाई का दुष्प्रभाव होना
बीमार होने पर डॉक्टर हमें कुछ दवाईयां देते हैं। जो हमें ठीक होने में सहायता करती हैं। लेकिन साथ में इन दवाईयों के कुछ दुष्प्रभाव भी होते हैं। जिसके कारण मसल्स वीकनेस जैसी कई गंभीर बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती हैं।
रोग-प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना
मांसपेशियों की कमजोरी होने का प्रमुख कारण कमजोर रोग-प्रतिरोधक क्षमता (Immune System) होता है। इसलिए लोगों को नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए ताकि उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहे।
शरीर में विटामिन और मिनरल्स की कमी होना
शरीर को सभी तरह के पौष्टिक पदार्थों की आवश्यकता होती है। क्योंकि यह पदार्थ शरीर को सेहतमंद बनाते हैं। इसमें विटामिन और मिनरल्स भी शामिल हैं। जिसका मुख्य काम मांसपेशियों को मजबूत करना होता है। लेकिन यदि कोई व्यक्ति विटामिन और मिनरल्स युक्त तत्वों का सेवन नहीं करता तो उसे मसल्स वीकनेस समेत अनेक बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।
स्ट्रोक के कारण
यदि किसी को कभी भी स्ट्रोक हुआ है तो उससे मांसपेशी कमजोर हो जाती है। कई बार स्ट्रोक (पक्षाघात) होने पर व्यक्ति के शरीर की एक तरफ की मांसपेशियां प्रभावित होती हैं। जिसके वजह से व्यक्ति को चक्कर आना, चलने-फिरने में परेशानी होना, धुंधला दिखाई देना, सिर दर्द रहना और कंफ्यूज रहना आदि समस्याएं उत्पन्न होते हैं।
मांसपेशियों में कमजोरी के अन्य जोखिम कारक
- शरीर में रक्त की कमी होने पर।
- खेल के दौरान मांसपेशियों में चोट लगने पर।
- अधिक परिश्रम करने पर।
- गलत या अस्वस्थ आहार लेने पर।
- पोलियो, रूमेटिक बुखार होने पर।
- डायबिटीज एवं थाइराइड होने पर।
- कैंसर ट्रीटमेंट थेरेपी और रूमेटाइड आर्थराइटिस।
- मस्तिष्क संबंधी बीमारी जैसे डिप्रेशन आदि होने पर।
मांसपेशियों के कमजोर होने के लक्षण
- मांसपेशियों में ऊर्जा की कमी का आभास होना।
- चलने-फिरने में कठिनाई महसूस करना।
- सांस लेने में तकलीफ होना।
- लेटने के बाद सिर को उठाने में परेशानी होना।
- किसी एक अंग को हिलाने में परेशानी होना।
- अपने दैनिक कार्य जैसे कंघी करना, सीढ़िया चढ़ना, बोलने में कठिनाई महसूस करना।
- थकावट महसूस करना।
- चक्कर आना।
- बेचैनी या घबराहट होना।
- शरीर में कंपकंपी आना।
- अधिक नींद आना।
- देखने में परेशानी होना।
- मांसपेशियों में ऐंठन होना।
- खाने-पीने या निगलने में कठिनाई महसूस करना।
कैसे करें मांसपेशियों में कमजोरी की रोकथाम?
मांसपेशियों की कमजोरी से पीड़ित मरीजों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन लोग कुछ सावधानियों को बरतें तो वह मांसपेशियों की कमजोरी की रोकथाम कर सकते हैं;
- जो लोग गतिविधियां अधिक करते हैं, वह अपने मांसपेशियों को आराम दें।
- आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन इत्यादि पौष्टिक युक्त भोजन का सेवन करें।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
- नियमित रूप से व्यायाम करें। ताकि वह लोग सेहतमंद रहें।
- अपने मांसपेशियों को अच्छे से स्ट्रेच करते रहें। जिससे रक्त का संचार ठीक रहता है।
- सभी लोगों को अपने वजन को नियंत्रित करना चाहिए। जिससे उन्हें किसी प्रकार की गंभीर बीमारी न हो सके।
- अपने स्वास्थ्य को नियमित रूप से चेक करवाएं। जिससे पता चलता है कि हम पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं।
- यदि शरीर के किसी अंग की मांसपेशियां कमजोर हैं तो फिजियोथैरेपी जरुर करवाएं।
मांसपेशियों में कमजोरी के घरेलू उपचार
तेल की मालिश
मांसपेशियों की कमजोरी को दूर करने के लिए तेल की मालिश को कारगर उपाय माना जाता है। इसके लिए नारियल एवं सरसों तेल की समान मात्रा को गर्म करके मिला लें। अब इस मिश्रण से प्रभावित जगहों पर हल्के हाथों से मालिश करें। ऐसा करने से मांशपेशियां मजबूत होती है। इससे प्रभावित जगह की दर्द एवं सूजन भी कम होती है।
विटामिन युक्त खाद्य पदार्थो का सेवन
मांसपेशियों में कमजोरी के इलाज और रोकथाम में विटामिन्स का महत्वपूर्ण योगदान होता हैं। एक शोध के अनुसार, विटामिन-डी आंतों में कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाता है। वहीं, विटामिन-सी मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है। इसलिए हमें अपने भोजन में विटामिन से समृद्ध खाद्य पदार्थों जैसे पनीर, खट्टे फल, हरी पत्तेदार सब्जियों आदि का सेवन जरुर करना चाहिए।
दूध का सेवन करें
दूध में कई तरह के विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं। जो मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरुरी है। इसलिए प्रतिदिन दूध पीने से मांसपेशियों को कमजोरी दूर करने में सहायक होती है। इसके अलावा दूध कैल्शियम से समृद्ध है, जो कमजोर मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है। साथ ही इसके निरंतर सेवन से शरीर हाइड्रेट भी रहता है।
आवंला है फायदेमंद
आवंला कैल्शियम,आयरन, प्रोटीन एवं विटामिन बी से भरपूर है। यह सभी तत्व कमजोर मांसपेशियों के लिए बेहद जरुरी होते । इसके अलावा आंवला में प्राकृतिक एनाल्जेसिक गुण पाया जाता है, जो कमजोर मांसपेशियों के कारण होने वाले दर्द को कम करता है।
कमजोर मांसपेशियों को दूर करने के लिए केला खाएं
केला शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में सहायक होता है। इसके अलावा मांसपेशियों की कमजोरी को दूर करने के लिए बेहतरीन उपाय है। दरअसल केले में सुक्रोज और ग्लूकोज जैसे कार्बोहाइड्रेट मौजूद है। साथ ही केले में पोटैशियम की प्रचूर मात्रा पाई हैं जाती है। जो कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा में परिवर्तित कर देती है। यह ऊर्जा कमजोर मांसपेशियों को दूर करने में बेहद जरुरी है।
कब जाएं डॉक्टर के पास?
- बेहोश होने पर।
- मांसपेशियों की कमजोरी गंभीर होने पर।
- चलने-फिरने या अंगों को हिलाने में अधिक कठिनाई होने पर।
- अधिक बेचैनी, उलझन एवं कुछ समझने में कठिनाई महसूस करने पर।
- सांस लेने में तकलीफ होने पर।