Posted 24 May, 2022
क्या होता है गुड़मार? जानें, इसके फायदे और नुकसान
गुड़मार एक प्रकार का आयुर्वेदिक पेड़ है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में हज़ारों साल से इसके पत्तों का उपयोग किया जाता रहा है। यह डायबिटीज, मलेरिया और सर्पदंश के इलाज में उपयोगी है। यह जड़ी-बूटी शर्करा (Sugar) के अवशोषण को रोकने में मदद करती है। गुड़मार का उपयोग डायबिटीज के अलावा अन्य बीमारियों के उपचार के लिए भी किया जाता है जैसे- वजन कम करने और लिपिड कम करने में मदद करना आदि। इसके अलावा इसमें एंटीएलर्जेनिक और एंटीवायरल गुण भी होते हैं। गुड़मार त्वचा में जलन और सूजन को कम करता है। इस तरह यह मुक्त कणों (Free Radicals) के हानिकारक प्रभावों से शरीर की रक्षा करने में मदद करता है। इसका उपयोग अस्थमा, आंखो की समस्याओं, ऑस्टियोपोरोसिस, हाइपरकोलेस्टेरोलिया, कार्डियोपैथी, कब्ज, माइक्रोबियल संक्रमण, अपच आदि के इलाज में किया जाता है। गुड़मार का वैज्ञानिक नाम है- जिमनामा सिल्वेस्टर (Gymnema sylvestre)।
गुड़मार के पेड़ आकार में बहुत बड़े होते हैं और इनकी शाखाएं पतली और रूएदार होती हैं। इसके पत्ते छोटे और समतल होते हैं। इसके डंठल 0.6 से 1.2 सेमी. होते हैं। इनके पत्तों का आकार अंडाकार होता हैं। इसके फूल पीले रंग के होते हैं। इसके बीज पीले और भूरे रंग के होते हैं।
गुड़मार के फायदे-
गुड़मार है डायबिटीज में लाभदायक-
गुड़मार में कुछ एंटी-एथेरोस्लेरोटिक गुण होते हैं। जिससे यह धमनियों में वसा के जमाव को रोकता है। इसके अलावा गुड़मार रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है। गुड़मार का सेवन लिपिड की मात्रा को कम करने में मदद करता है। यह टाइप 2 डायबिटीज में बहुत लाभकारी है। गुड़मार की पत्तियों में ऐसे गुण होते हैं। जिससे मीठा खाने की तलब कम होती है। साथ ही इससे टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित व्यक्तियों में हाइपरग्लायसेमिया नियंत्रित होता है। इस तरह यह टाइप 2 डायबिटीज को कम करने का कारगर उपचार है।
गुड़मार रखे कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित-
रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत अधिक बढ़ने से हृदय रोग का जोखिम बढ़ सकता है। इसे कम करने के लिए दुनिया भर में गुड़मार का उपयोग किया जाता है। गुड़मार हानिकारक एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड को कम करने में मदद करता है। गुड़मार में कुछ एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। जो हानिकारक कोलेस्ट्रॉल और आंतों में ट्राइग्लिसराइड के अवशोषण से बचाते हैं। इसके अलावा यह ब्लड शुगर के स्तर को कम करने और मीठा खाने की तलब रोकने में भी लाभकारी है। जिससे वसा का अवशोषण और लिपिड स्तर प्रभावित हो सकता है।
गुड़मार करे ब्लड प्रेशर को कम-
हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) से भारत में 20 लाख से भी अधिक वयस्क प्रभावित हैं। यह एक महत्वपूर्ण समस्या है जिससे स्ट्रोक, दिल का दौरा, हृदय रोग, हृदय गति रुकना, किडनी का काम करना बंद करना और अन्य गंभीर स्थितियां पैदा होती हैं। हाई ब्लड प्रेशर के सामान्य लक्षणों में गंभीर सिरदर्द, मतली, उल्टी, नाक से खून बहना आदि शामिल हैं। चूंकि गुड़मार में जिम्नेमिक नाम का एसिड होता है। जो शरीर में मौजूद प्रोटीन एंजियोटेंसिन (रक्तचाप को बढ़ाने के लिए जाना जाता है) की गतिविधि रोकने में मदद करता है। जिससे ब्लड प्रेशर कम करने में मदद मिलती है।
गुड़मार है पीसीओडी में उपयोगी-
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओडी) महिलाओं की ओवरी (अंडाशय) से जुड़ी समस्या है। इसमें महिलाओं में यौन हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं। यह समस्या आम तौर पर मोटापे की शिकार महिलाओं में पाई जाती है। उनमें से 30-40 प्रतिशत महिलाएं ग्लूकोज सहिष्णुता के स्तर से प्रभावित पाई जाती हैं। गुड़मार में एंटी ऑक्सीडेंट गुण होते हैं। जो कार्बोहाइड्रेट और शर्करा खाने की तलब को कम करते हैं। जिससे मोटापा कम करने में मदद मिलती है।
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम या पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में बांझपन की समस्या भी हो सकती है। इसलिए पीसीओएस को नियंत्रित करने के लिए उपयुक्त आहार और पूरक पदार्थों का सेवन करना फायदेमंद होता है।
गुड़मार रखे लिवर को सुरक्षित-
गुड़मार से बने पूरक पदार्थ लिवर की सुरक्षा के लिए टॉनिक का काम करते हैं। तमिलनाडु के मदुरै स्थित सिरुमलै पहाड़ियों में रहने वाली पलीयार जनजातियां पीलिया के इलाज के लिए गुड़मार की पत्तियों का उपयोग करती हैं। क्योंकि इसमें लिवर को ठीक करने वाले गुण होते हैं।
गुड़मार रखे त्वचा को स्वस्थ-
गुड़मार में बैक्टीरिया-रोधी गुण होते हैं। जिनका उपयोग त्वचा विकारों और संक्रमणों के इलाज के लिए किया जाता है। डायबिटीज में ऐसी परेशानियां होना आम है। गुड़मार का उपयोग त्वचा पर सफेद दाग (ल्यूकोर्डमा) के प्राकृतिक उपचार तौर पर किया जाता है। इसका उपयोग सौन्दर्य प्रसाधनों में किया जाता है।
गुड़मार है वजन घटाने में लाभकारी-
मोटापा शरीर में चर्बी और कार्बोहाइड्रेट जमा होने के कारण होता है। डायबिटीज से पीड़ित लोगों में मोटापा अनुवांशिक और आम होता है। एक परिकल्पना के अनुसार डायबिटीज, जिम्नेमिक एसिड और मोटापे के बीच संबंध है। कुछ शोधों में पाया गया कि गुड़मार के अर्क से पशुओं और मनुष्यों में वजन कम करने में मदद मिलती है।
गुड़मार है गठिया में सहायक-
गुड़मार गठिया जैसी बीमारियों का लोकप्रिय पारंपरिक उपचार है। इसके सेवन से गठिया उभरने से रोकने में मदद मिलती है। इसमें जलन और सूजन को कम करने वाले गुण होते हैं। जिससे गठिया के इलाज में मदद मिलती है। गुड़मार अच्छे किस्म का मूत्रवर्धक (diuretic) भी है। इससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
गुड़मार के नुकसान-
- गुड़मार ब्लड शुगर को कम करने में बेहद प्रभावी है। इसलिए ब्लड शुगर कम करने वाली दवाओं के साथ इसका सेवन करना असुरक्षित हो सकता है।
- इसके अधिक सेवन से सिरदर्द, मतली और चक्कर आना जैसे दुष्प्रभाव दिख सकते हैं।
- जिन्हें मिल्कवीड (जिन पौधों से दूधिया रस निकलता है) से एलर्जी हो उन्हें इससे बचना चाहिए।
- गर्भवती या स्तनपान (pregnant or lactating) कराने वाली महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए इसे सुरक्षित नहीं माना जाता। इसलिए इन्हें गुडमार का सेवन करने से बचना चाहिए।
कहां पाया जाता है गुड़मार?
गुड़मार के वृक्ष भारतवर्ष के विभिन्न भागों जैसे- मध्यभारत, पश्चिमी घाट, कोकण, त्रावणकोर क्षेत्र के वनों में पाए जाते हैं।